इंडियन सेक्सी भाभी की चुत चुदाई

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दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ और कई दिनों से अन्तर्वासना पर अपनी कहानी लिखने की सोच रहा था.. आखिरकार आज अपनी सेक्स कहानी आप सभी के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, इस कहानी का अनुभव अगर अच्छा रहा तो आगे की अन्य कहानियां भी प्रस्तुत करता रहूँगा.

मैं जयपुर राजस्थान के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ. अगर आप राजस्थान के हैं, तो आपने झुंझुनू का नाम तो सुना ही होगा, बस उसी के पास में मेरा गांव है.

मेरी उम्र इस समय लगभग 26 वर्ष की है और मेरी भाभी की उम्र भी लगभग 26 वर्ष की ही होगी.

यह बात लगभग 8 वर्ष पुरानी है यानि मेरी कहानी 8 साल पहले शुरू हुई थी उस समय मैं 18 वर्ष के लगभग था और मेरी उस समय 12 वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई थीं. परीक्षा की छुट्टियों में ही मेरे ताऊजी की लड़के की शादी हुई थी. भाभी अत्यंत खूबसूरत थीं.

उस समय लगभग जुलाई अगस्त का महीना था. मेरा मेरे ताऊजी के घर आना जाना कम ही रहता था. शादी के लगभग 2 या 3 महीने बाद मेरी मम्मी ने एक दिन मेरे को भाभी जी के घर से कुछ सामान लाने को कहा.

चूंकि मैं उनके घर बहुत कम जाता था इसलिए भाभी जी ने कहा- देवर जी, तुम बहुत दिनों बाद आए हो, कभी आते ही नहीं हो. मैंने कहा- कोई काम ही नहीं रहता है.. तो आकर क्या करूँ? भाभी जी ने कहा- कभी बिना काम के भी आ जाया करो, आपके साथ में हमारा भी टाइम पास हो जाएगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरे भैया दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं, जो लगभग 15 दिन में एक बार घर आते हैं. तो इन पन्द्रह दिनों में इंडियन सेक्सी वाइफ का क्या हाल होता होगा?

उस समय भाभी के कपड़े देखकर मुझे कुछ कुछ हॉट सा फील हुआ था कि भाभी ने बहुत ही ज्यादा एक्सपोज करने वाले कपड़े पहन रखे थे. उसने अपने ब्लाउज का ऊपर का एक बटन भी खुला रखा था, जिससे उसके स्तन काफी बाहर को झांकते हुए दिख रहे थे. भाभी की चूचियों की साइज लगभग 36 इंच रही होगी जोकि कुछ बड़ी थी.

उस समय भाभी ने सुनहरे कलर की साड़ी पहनी हुई थी, उस सुनहरे कलर की साड़ी में उसकी गोरी त्वचा और उसका कामुक फिगर देख कर मेरा मन थोड़ा सा उत्तेजित हो गया था.

उस समय तो मैं मम्मी जी के द्वारा मंगवाया गया सामान लेकर घर पहुंच गया, पर रात भर मैं सो नहीं पाया क्योंकि भाभी के बाहर को उबलते मम्मे बार बार मेरी आँखों के सामने आ रहे थे. मेरा मन बार-बार भाभी की चुत मारने के लिए उत्तेजित और बेताब हो रहा था.

मैं अपने मन में भाभी जी को चोदने का प्लान बनाने लगा.

मेरे शर्मीले स्वभाव के कारण मुझसे तो भाभी जी को साधारण बात बोलना ही बहुत बड़ी बात थी. चुदाई के लिए कैसे कहूँ, मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था. मैं उससे बोलने की हिम्मत नहीं कर पाता था और बोलने की हिम्मत तो तब करता, जब उसके पास जाकर बैठने हिम्मत करता.

दो चार रोज मैं फिर से भाभी के घर, यूं ही हिम्मत करके चला गया. उसने मेरा बड़ा गर्मजोशी से स्वागत किया. मुझे बैठने को कह कर भाभी मेरे लिए पानी का गिलास ले आई. मैं उससे बातचीत करने लगा. मुझे उससे बातचीत करके बहुत अच्छा लगा. कुछ देर बाद मैं आने लगा तो भाभी ने मुझसे फिर आने को कहा. मुझे भी उसका स्वाभाव अच्छा लगा.

इस प्रकार से हमारी बातों का सिलसिला लगभग 10-12 दिन तक चलता रहा.

फिर मैंने एक दिन भाभी जी से उसका फोन नंबर ले लिया क्योंकि मैं अपने दिल की बात उससे फेस टू फेस तो बोल नहीं सकता था, लेकिन फोन पर तो उससे कुछ न कुछ बोल ही सकता था.

अब भाभी उसका फोन नंबर लेकर मैं घर आ गया. मैंने भाभी से फोन नंबर लेते समय उसके फोन नंबर पर अपने फोन से एक मिस कॉल दे दी थी, जिससे मेरा नंबर भी उसके पास चला गया था.

दो-तीन दिन बाद भाभी की मिस कॉल आई, मैंने उसको कॉल बैक किया तो वह बोली- अगर कॉल नहीं करनी थी तो नंबर क्यों लिया था?

मैं हंस दिया और हम दोनों बातें करने लगे. मैं अपने घर की छत पर और भाभी अपने घर की छत पर खड़ी थी. हम दोनों एक दूसरे को देख भी रहे थे और फोन से बातें भी कर रहे थे. मैंने फोन पर उसकी सुंदरता की थोड़ी तारीफ की और स्वभाव के बारे में भी कहा- भाभी तुम बहुत स्वीट हो.

कहते हैं ना किसी भी औरत या लड़की को पटाने के लिए उसकी सुंदरता की तारीफ कर दो तो वह भी पागल हो जाती है.

हम दोनों ने उस दिन थोड़ी बात की लेकिन उसके बाद बातों का सिलसिला चलता रहा है. मैं रोज फ़ोन से भाभी से बातें करता रहा. करीब सात दिन बाद मैं उससे थोड़ी मजाकिया बातें करने लगा और साथ ही सेक्सी बातें भी करने लगा. इससे नतीजा ये हुआ कि अब मैं उससे खुल चुका था.

मैंने भाभी से अपने दिल की बात कह दी थी कि अब तेरे बिना मेरा जी नहीं लगता है. जिस पर भाभी ने भी कह दिया कि दिल की सुन लो न. मैं समझ गया कि भाभी मेरे लंड के नीचे आने को राजी है.

एक दिन मैं उनके घर दोपहर के समय आ गया. घर पर मेरी ताई जी तथा पड़ोस के दो बच्चे टीवी देख रहे थे. मैं भी जाकर भाभी जी के सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. मैं भाभी से बात करने का कुछ बहाना चाह रहा था, पर मौका नहीं मिल रहा था.

जैसे ही ताई जी अन्दर गईं, मैंने भाभी जी से कहा कि मेरी आंख में दर्द हो रहा है, तुम मेरी आंख में दवाई डाल दो. भाभी मेरी आंख में दवाई डालने लगी.

उसी समय मैंने मौका पाकर अपने हाथ से भाभी के चुचे दबा दिए और धीरे से भाभी के कान में बोल दिया कि मकान के बाहर चलो, मैं आ रहा हूँ. दवाई डालते ही भाभी तुरंत बाहर निकल गई. मैंने भी सोचा कि चलो आज देखते हैं, शायद लंड की लॉटरी लग गई.

मेरे घर के पास में एक खदान है जहां से पत्थर निकाले जाते हैं. गर्मी की दोपहर का समय था.. सुनसान पड़ा था, हर कोई अपने घर में सो रहा था.

बाहर निकला तो मैंने भाभी से कहा कि तुम खदान में चलो, मैं पीछे से आ रहा हूँ.

मैं भाभी के जाने के लगभग 3 मिनट बाद खदान में चला गया, तो वहां पर भाभी खड़ी थी. मैं जा कर भाभी के मम्मों को दबाने लगा.

भाभी सिसिया कर बोली कि कोई आ जाएगा.. जल्दी जल्दी बस किस कर लो. मैंने कहा- किस अकेले से क्या होगा. मुझे तो पूरा मजा लेना है. भाभी बोली- फिर कभी मौका मिलेगा तो पूरा मजा और सेक्स करेंगे.

भाभी के मुँह से सेक्स की बात सुनते ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मेरा मन सेक्स करने को उत्तेजित हो गया.

मैंने भाभी से कहा कि चलो किस करते हैं. उस समय भाभी ने जो किस किया वह शायद सेक्स से भी कम नहीं होगा. भाभी के द्वारा किए गए इश्क में मेरे को भरपूर आनन्द आया और फिर खड़े हुए सामान को शांत तो करना ही था. मैंने भाभी से कहा कि चलो एक फास्ट वाला सेक्स कर लेते हैं. भाभी बोली कि नहीं यार कोई आ जाएगा, बिना फालतू में पकड़े जाएंगे. बाद में सब कर लेना. मैं बोला- कुछ भी हो.. आज तो मैं पानी निकाल कर ही रहूँगा.

फिर मैंने जबरदस्ती भाभी की सलवार को बाहर निकाल दिया और अंडरवियर भी निकाल दी. देखा तो भाभी की चुत एकदम साफ थी, उस पर कोई बाल नहीं थे. जबकि मेरे लंड के ऊपर लगभग दो दो अंगुल के बाल थे.

मैंने फटाफट भाभी की घोसी में अपना लंड डाला और फटाफट सेक्स करके अपना पानी निकाल दिया. इस प्रक्रिया में मेरे को मुश्किल से 3 मिनट लगे होंगे और हम दोनों अपने कपड़े पहन कर अपने अपने घर चले आए.

लगभग 5 दिन बाद भाभी का फिर से फोन आया, उसने कहा कि एक बार घर पर आना. मैंने कहा- क्या काम है? वह बोली- घर पर आओ बताती हूँ.

मैं उसके घर गया तो देखा घर पर कोई नहीं था. मैंने पूछा- ताई जी कहां हैं?

वह बोली- वो कहीं गई हुई हैं, शाम को 5:00 बजे से पहले नहीं आने वाली हैं. ये बोल कर भाभी आँख मार कर रसोई में जाने लगी. मैंने पूछा- मेरे को बुला कर कहां जा रही हो? तो बोली- बैठो, आपके लिए नींबू पानी बनाती हूँ.

मेरे को पता था कि घर पर कोई है नहीं और 5:00 बजे तक कोई आने वाला भी नहीं है.

मैंने झटके से उसका हाथ पकड़कर खींचा और उसके बेडरूम की तरफ ले गया. उसके बेडरूम में उसको बेड पर लिटा दिया. अब मैं उसको किस करने लगा, धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा. आज मैं पूरे एंजॉयमेंट के साथ सेक्स करने की सोच रहा था.

कपड़े उतारते समय भाभी बोली कि रुको थोड़ी देर आप एक काम करो, किचन में जाओ और वहां से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर आओ.

मैं किचन में गया, कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर आया तो देखा कि भाभी ने टेबल के ऊपर दो गिलास और एक वाइन की बोतल रखी हुई है. हमारे राजस्थान में एक मैजिक मोमेंट के नाम से बोतल आती है, उसमें महक नहीं आती है.

हम दोनों ने छोटे छोटे दो दो पैग लगाए. दारू पीते समय ही मेरे को पता चल गया था कि भाभी वास्तव में बहुत बड़ी छिनाल है. वाइन पीकर हम दोनों फिर से किस करने लगे. मैं भाभी के मम्मों को दबा रहा था. चुचे दबाने से भाभी बहुत ही ज्यादा मदहोश हो गई और मुझे खींच खींच कर कामुक सिसकारियां लेने लगी. उसकी सिस्कारियों की बढ़ती आवाज के साथ ही मेरा लंड भी बढ़ने लगा. जितनी लंबी उसकी सिसकारियां थी उतना ही लंबा मेरा लंड होता जा रहा था.

कुछ ही समय में मेरे सामान की हालत इस प्रकार से हो गई थी कि जैसे किसी पाइप में प्रेशर से पानी डालें और दूसरे छोर पर उसको बंद कर दें तो वह फूलने लगता है, उसी प्रकार मेरी हालत हो रही थी.

उधर मेरे से भी बुरी हालत मेरी भाभी की थी. मैंने बिना समय गवाएं उसको चित लिटाया और चुदाई की पोजीशन में आकर गरम भाभी की चूत पर लंड रख दिया. मैंने लंड टिकाया ही था कि भाभी ने नीचे से चूतड़ उठा दिए. मेरा लंड सरसराता हुआ भाभी की चुत में घुस गया.

एक दो पल की आह.. के बाद चुदाई का मजा आने लगा. मैंने भाभी की चुत मारने लगा. इस बार के सेक्स में हमें लगभग 15 मिनट का समय लगा और उस चरम आनन्द की भी प्राप्ति हुई.. जिसके लिए मेरे लंड का तनाव बढ़ा हुआ था.

इस सेक्स के बाद भाभी और मेर बीच चुदाई की गाड़ी चल निकली. अब तो रात में छिप छिपा कर हम दोनों चुदाई का खुल कर मजा लेने लगे थे.

इन 8 से 9 साल के अंतराल में मैंने कम से कम हजार बार भाभी के साथ सेक्स किया होगा, उनमें से ही कुछ यादगार पल रहे, जिनके बारे में सेक्स स्टोरी के रूप में मैं आपको और आगे भी लिखता रहूँगा.

इसके अलावा मेरी भाभी ने मेरे को 7 और लड़कियों की चुत भी दिलवाई, उनके बारे में भी मैं आपके लिए हिंदी में मसालेदार चुदाई की कहानी लिखूंगा.

तब तक के लिए विदा आपका प्रेम [email protected]

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