भाई की कुंवारी साली की सील तोड़ी-7

जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर उन्होंने तब भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिया था. और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी, चाटने भी लगी. और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और कस कर अपनी बांहों में भर लिया.

अंकल बोले- तू रंडी है और एकदम से पागल हो गई है वन्द्या। तुझसे चुदासी लड़की मैंने देखी नहीं! करीब 5 से 7 मिनट मैं अंकल का लौड़ा चूसती रही।

तभी सुरेंद्र जीजा मेरे पीछे मेरे कूल्हों को फैला कर अपना बहुत सारा थूक मेरी गान्ड में लगा कर बोले- आज वन्द्या तेरी मस्त गांड मै चोदूंगा, और अंकल आप वन्द्या की चूत में अपना लन्ड घुसा दीजिए. अंकल बोले- सच सच बता वन्द्या, आज तक में तूने कितने मर्दों से चुदाई करवायी है? कितनी बार अपनी चूत में लन्ड खाया है? मैं बोली- अंकल, आपकी कसम, अपनी कसम… फर्स्ट टाइम है, पहली बार आज आप करोगे, अभी तक कभी नहीं करवाया।

फिर अंकल बोले- सुरेंद्र देखो, वन्द्या कितना झूठ बोल रही है। सुरेंद्र जीजा बोले- यह सच में रंडी है, बहुत बदनाम है अपने नगर में यह ना जाने कितनों के लन्ड ले चुकी है। मैं फिर बोली- जीजा आप गलत समझ रहे हैं, मैं जानती हूं, यह सच भी है कि मैं बहुत बदनाम हूं, और मेरे नगर में और आस पास के लोग यही समझते हैं कि मैं पैसे लेकर लोगों के साथ सेक्स करती हूं, उनके साथ सोती हूं, पर ऐसा सब मेरी मम्मी के कारण लोग मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं और बातें करते हैं। मैं अब सच बता देती हूं.

एक कमलेश सर हैं जो ट्यूशन पढ़ाते हैं, वही बस मुझे टच किए हैं, उनका लन्ड मुंह में लेकर चूसा है मैंने और उन्होंने नीचे मेरी चूत चाटी है। पर अपना लन्ड मेरी चूत में नहीं घुसाया, मतलब डाला नहीं। मैं झूठ नहीं बोल रही… फर्स्ट टाइम आज आप दोनों चोदने वाले हो।

मेरे मुंह से सब कुछ अपने आप साफ साफ निकलने लगा.

तभी अंकल बोले- चल रंडी, झूठ मत बोल, तेरी चूत और दूध ऐसे बता रहे हैं कि तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। और फिर बोले- बता लन्ड लेगी अपने चूत और गांड में? हम दोनों चोदें? मैं बोली- हां अंकल, मैं मर रही हूं! मुझे चोद दो जम के! अंकल बोले- तेरी चूत बहुत पतली है, छोटी है, दो लन्ड ले पाएगी? मैं बोली- हां अंकल, जैसा आप दोनों को ठीक लगे!

तभी सुरेंद्र जीजा बोले- मैं तो वन्द्या की आज गांड चोदूंगा… और अंकल आप चूत में डालो! तभी दोनों मेरे ऊपर आ गये, मुझे टेढ़ा करके लिटा दिया, अब मेरे पीछे तरफ सुरेंद्र जीजा ने मुझसे लिपटकर मेरे पीछे से दूध पकड़ कर मेरी गांड में अपना लन्ड फिट किया और सामने तरफ मकान मालिक अंकल ने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत के लिए मेरी टांगों को फैला कर जैसे ही अपना लन्ड मेरी चूत में टच कराया, मैंने अंकल को कसके पकड़ा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया ताकि उनका लन्ड मेरी चूत में घुस जाये!

पर यह मेरी नादानी थी, पीछे से मुझे कसकर सुरेंद्र जीजा ने पकड़ लिया और बोले- वन्द्या, आज तू मेरी साली नहीं मेरी घर वाली है, और तेरे साथ मैं सुहागरात मना रहा हूं। उधर अंकल मेरी टांगों को फैला कर अपना लन्ड मेरी चूत में टच करा ही चुके थे, मैं उन्हें कस के अपनी बाहों में जकड़ कर बिल्कुल अंकल से लिपट गई और अपनी कमर उठा दी तो फिर अंकल ने मेरे होठों को चूसने के लिए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, उनका नंगा सीना अब मेरे सीने से चिपका हुआ था, मेरे बूब्स पर उसका सीना भी चिपक गया था.

अब अंकल अपना लन्ड जोर से मेरी चूत में घुसाने लगे, मुझे बहुत दर्द होने लगा, मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी- छोड़ दो मुझे! और रोने भी लगी. ऐसा लगा कि जैसे मेरे प्राण निकल गये, पर अंकल नहीं रुके और जोर से एक धक्का मारा अपने लन्ड का… जिससे मैं और जोर से रोने लगी.

उधर सुरेंद्र जीजा ने भी मेरे कूल्हों को पकड़ कर मेरी गान्ड को फैलाया, फिर पीठ पर हाथ रखकर पीछे से कमर पकड़कर पीठ पर जोर लगाकर एक जोर से धक्का मारकर मेरी गान्ड में अपने लन्ड को घुसा दिया. मुझे बहुत ज्यादा दर्द गांड में होने लगा, लंड घुस नहीं रहा था तो उन्होंने बहुत सारा थूक लगाया और अंदर डाल दिया.

मुझे बहुत तेज दर्द हुआ जैसे कि मेरी गांड फट गई हो… और मैं चीखने लगी।

तभी अंकल ने मेरे होठों को अपने होठों से कस लिया और चूसने लगे, बोले- वन्द्या, बस थोड़ा रुक जा! और जोर से मेरी कमर पकड़कर अंकल ने बहुत जोर का धक्का मारा, अपना पूरा लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया. मैं बिल्कुल चिल्लाने लगी और बोलने लगी- छोड़ दो… निकालो! मैं मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है, निकालो, मुझे नहीं कराना, मुझे मत करो बहुत दर्द हो रहा है।

मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे, अंकल नहीं माने, इधर सुरेंद्र जीजा ने भी मेरी गान्ड फैला कर जोर से 2-3 धक्के मारे.

मैं बस रोए जा रही थी तो सुरेंद्र जीजा ने मेरा मुंह दबा लिया ताकि चिल्लाऊं या रोऊं तो आवाज बाहर ना जाये और बोले- वन्द्या, बस 2 मिनट और! उनका भी लन्ड पीछे पूरा गान्ड में घुस गया था.

तभी सुरेंद्र जीजा बोले- अंकल, आप वन्द्या की चूत में लन्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दो और मैं इसकी गांड में करता हूं. और फिर दोनों अंदर बाहर एक साथ गांड में और चूत में अपना लन्ड करने लगे, मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी।

इतने में अंकल ने मेरे नीचे चूत की तरफ देखा और बोले- अरे यार सुरेंद्र, मैं कितना लकी हूं, यह वन्द्या तो सच बोल रही थी, उसको आज तक किसी ने नहीं चोदा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आज मैंने वन्द्या की सील तोड़ दी. वन्द्या तो सील पैक माल थी, इतनी बदनाम होकर भी आज तक इसकी सील बची रही, गजब की बात है, इसे आज अपनी रंडी बना दिया, अब आज से यह फुल रंडी बनने लायक हो गई, इसकी चूत का उदघाटन मैंने कर दिया है। अब यह किसी से भी चुदाई करवा सकती है, आज मैंने वन्द्या की सील तोड़ दी।

और जोश में आकर जम कर अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे। कुछ मिनट तक मुझे लगा कि मैं मर गई… मैं बेहोश तक होने लगी. पर करीब 10 मिनट बाद जब सुरेंद्र जीजा और अंकल दोनों मेरे अंदर बाहर अपना लन्ड गांड में और चूत में करते रहे, तब जाकर पता नहीं कैसे एकदम से पूरा का पूरा दर्द दोनों तरफ चूत और गांड से गायब सा हो गया।

यह जादू कैसे हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, मुझमें एकदम से फुल जोश अंदर से आ गया और मैं आकाश में उड़ने से लगी और अंकल को पकड़कर उनके होठों को चूमने लगी और कमर अपने आप उछालने लगी, अपने आप ही पता नहीं यह कैसे हो गया.

तभी जीजा बोले- वन्द्या बता साली, और डालूं तेरी गांड में? मैं बोली- हां जीजा, और घुसा दो, पूरा का पूरा लन्ड मेरी गांड में अपना डालो और जोर जोर से अंदर बाहर करो!

तभी मैंने अंकल को बिल्कुल कस के पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगी और अंकल को बोली- अंकल, आज मुझे जमके करो पूरा का पूरा लन्ड डालो अंदर तक, आप की रंडी बन गयी हूं, मैं आज बहुत चुदासी हूं, और ज्यादा जोर जोर से चोदो!

और अपने आप मेरे मुंह से बहुत गंदी गंदी बातें निकलने लगी, वो सब बातें जो मैंने सेक्स की किताब में पढ़ी थी, वही सब बोलने लगी।

अंकल और सुरेंद्र जीजा जोश में पूरा लन्ड अंदर करते और फिर बाहर निकालते. मेरी चूत और गांड में से फच फच फच फच की आवाज निकलने लगी, पूरा रूम में फच फच गूंजने लगा। तभी अंकल दोनों हाथों से दूध पकड़ कर पूरी ताकत से दबाते हुए बोले- साली वन्द्या रंडी, तू पागल है, तेरी चूत तो कयामत है और जन्नत भी है। बोल साली कुतिया कितना बड़ा लन्ड चाहिए तेरी चूत को? लगता है हम दोनों के लौड़े छोटे पड़ गये।

मेरे मुंह से अपने आप निकल गया- अंकल, जितने बड़े लन्ड डलवा सकते हो डलवा दो, सब घुसवा लूंगी. सच में तुम दोनों के लन्ड मुझे छोटे लग रहे हैं। फिर भी जोर से चोदो तुम दोनों कुत्ते पूरा का पूरा अपना अपना लन्ड मेरी गान्ड और चूत में घुसा दो, फाड़ दो मेरी चूत और गांड दोनों, अगर दम है तो!

मैंने जो भी सेक्सी कहानियों में पढ़ा था वो सब अपने आप मेरे मुंह से निकलने लगा.

अब मैंने जीजा को बोला- साले जीजा गांडू और डाल अपना पूरा लन्ड मेरी गांड में… बहुत मर्द बनता था कि तेरी चीख निकाल दूंगा मैं… यही बोलता था तू? कहां गया वो तेरा चीख निकालने वाला लन्ड? फाड़ अब मेरी गान्ड! कमीना कुत्ता जीजा, बहुत तड़पता था मुझे चोदने के लिए… अब तेरे साथ बिस्तर में लेटी हूं निकाल ले अपने सब अरमान… देख तेरी वन्द्या हूं।

इतना सुनते ही सुरेंद्र जीजा एक हाथ से मेरी गर्दन पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरे बाल पकड़ कर पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लन्ड अन्दर घुसाने लगे, अपनी कमर को मेरी गान्ड में जोर से पूरी ताकत से जीजा जोर देकर धक्का देने लगे, जिससे अब हर झटके में मेरे मुंह से उंहहह ऊंहहह आहहहह वोहहहह निकल जाता था, अब सुरेंद्र जीजा गजब की चुदाई मेरे गांड की करने लगे।

सुरेंद्र जीजा और मकान मालिक अंकल दोनों के द्वारा करीब 20 मिनट लगातार दोनों तरफ गांड और चूत में एक साथ चोदने के बाद अचानक जीजा बहुत तेजी से अपना लन्ड मेरी गांड में अंदर बाहर करने जमकर रगड़ने लगे और बोले- वन्द्या मेरी सेक्सी रंडी, तूने तो जन्नत से भी ज्यादा मजा दिया… क्या सेक्सी हाट माल है रे, बहुत ही गर्म लड़की है तू, मेरी वन्द्या रंडी, मेरी सेक्सी जान, अब झड़ने वाला हूं मेरे लन्ड का रस कहां लोगी? मुंह में लोगी या गांड में? मैं बोली- मुझे कुछ नहीं पता जीजा, यह मेरी लाइफ की पहली चुदाई है, मुझे कुछ भी नहीं पता कि कहां लन्ड रस लेना चाहिए, इसलिए आप बोलो.

जीजा बोले- वन्द्या, तुम इसे अपनी गांड में ही लो, बहुत मजा आएगा. मैं बोली- ठीक है जीजा, तुम इस लन्ड रस को मेरी गांड में ही डाल दो भर दो!

तभी जीजा बहुत जोर से अकड़ गए और मुझे कस के पकड़ लिया, मेरे बालों को खींच कर बोले- ले साली कुतिया, मेरे लन्ड का रस! और बहुत तेजी से उनके लन्ड का गर्म गर्म रस मेरी गांड में उन्होंने भर दिया।

करीब 4-5 मिनट मुझसे लिपटे रहे, बेहोश की तरह मेरी गांड में चिपके पड़े रहे और फिर बोले- बहुत सेक्सी है तू वन्द्या, आज मेरा जीवन धन्य हो गया। तेरी गांड मस्त है, बहुत ही सेक्सी और मेरी पीठ चूमते हुए वह उठकर बिस्तर से अलग खड़े हो गए।

अब सिर्फ मकान मालिक अंकल बचे और अब उन्होंने मेरी दोनों टांगों को फैला कर, ऊपर करके कंधे में चढ़ा कर रख लिया और बहुत जोर जोर से मेरी चूत में अपने लन्ड का धक्का मारने लगे. मुझे बहुत जोश चढ़ा हुआ था, अपने आप मेरे मुंह से निकल गया- अंकल तू बोला था कि बहुत बड़ा लड़कियों का चोदू है, तेरे लंड के बाद मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो चोद मुझे देख तेरी वन्द्या तेरे बिस्तर में नंगी तुझसे चुद रही है, पूरा लन्ड घुसा और फाड़ मेरी चूत और मुझे अब किसी लन्ड की जरूरत ना पड़े… ऐसा कर दे अंकल! कितना दम है अंकल तेरे लौड़े में, आज अपनी वन्द्या को दिखा, अगर सच में तेरी गांड में दम है तब?

अंकल फुल जोश में मेरे दोनों दूधों को कस के पकड़ कर पूरी ताकत से अपना लन्ड फचाफच मेरी चूत में धक्का देने लगे और बोले- साली रंडी वन्द्या, तू बहुत बड़ी छिनाल बनेगी एक दिन… तेरा बड़ा नाम होगा। आज ले… तेरी चूत फाड़ देता हूं! और बहुत जोर से धक्का मारने लगे.

पर थोड़ी देर बाद अंकल बोले- आज तेरी चूत का कचूमर बना दूंगा। मुझे जाने क्या हुआ कि मेरी चूत में अजीब सी सुरसुराहट हुई और मैं मचलने लगी और बोली- अंकल और जोर से चोदो, मुझे कुछ हो रहा है।

तभी मेरी चूत से गर्म गर्म पिचकारी की स्पीड से चूत रस मेरी चूत से निकलने लगा और उधर अंकल बोले- वन्द्या, तेरी चूत तो बह चली, तेरी प्यास बुझ गई आज की चुदाई की, गजब है तेरी चूत वन्द्या, कितनी गर्मी है तेरे में सेक्स की… अब मैं भी झड़ने वाला हूं, तेरी चूत में आज अपने लन्ड रस से तेरी चूत भरकर पूरी प्यास बुझा दूंगा। और अंकल जमकर जोर जोर से तेजी से मेरी चूत में अपने लन्ड से चोदने लगे, मेरे मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज अपने आप निकलने लगी।

मैं पूरी तरह से निढाल हो गई स्खलित होकर… बहुत ज्यादा गर्मी मेरे जिस्म की शांत सी हो गई आज सच में! उधर अंकल भी मुझसे लिपट के अकड़ गये और मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लगे- साली कुतिया, मादरचोदी, वन्द्या तेरी बहन चोदूं… ले और ले मेरा लन्ड छिनाल और चुदा ले आज तेरी चूत फाड़ता हूं वन्द्या। और मुझसे जोर से लिपट गये, कसकर मुझे अपने बांहों में लपेट लिया और बहुत गर्म गर्म लन्ड का रस मेरी चूत में भरने लगे.

करीब दो तीन मिनट में मेरी चूत में अंकल का लन्ड रस समा गया, मेरी चूत अंकल के गर्म गर्म वीर्य से लन्ड रस से भर गई, एक अजीब पर बहुत मस्त सा अहसास होने लगा, ऐसा लगा जैसे मुझे बहुत कुछ मिल गया हो। पांच मिनट तक अंकल मुझसे चिपक कर मेरे ऊपर लेटे रहे, उसके बाद उठे मेरी चूत को अपने रूमाल से पौंछने लगे और फिर अपने जीभ से भी चाट कर मेरी चूत साफ कर दिया.

मुझे ये अच्छा लगा। अब मैं अपने कपड़े पहनने लगी. अंकल और जीजा ने भी अपने अपने कपड़े पहन लिए और अंकल ने मुझे तीन हजार रुपए दिए कि अपनी पसंद की ड्रेस खरीद लेना वन्द्या! मैं जीजा को बोली- मुझे बस स्टाप तक जल्दी पहुंचा दो.

जब अंकल के रूम से निकलने लगी तो अंकल मुझसे लिपट गए और एक हजार रुपए और दिए बोले- जो मन हो खा लेना! और मेरे होठों को चूमने, चूसने लगे और फिर बोले- आज तक मेरी लाइफ में तुमसे हाट और सेक्सी लड़की नहीं देखी, ना मिली. थैंक्यू वन्द्या आज के लिए!

और फिर मैं तैयार होकर अंकल के घर से निकल गई, जीजा भी मेरे साथ आए और अपनी बाइक से मुझे बस स्टॉप तक पहुंचा दिया।

जैसे ही बाइक से उतरी, चलने में बहुत तकलीफ होने लगी, मेरी कमर, पीछे गांड और आगे चूत में बहुत दर्द होने लगा, मैंने सामने मेडिकल स्टोर से पेन किलर की टैबलेट ली और खा ली, मुझसे 7 दिन तक ठीक से चलते नहीं बन रहा था. जब भी कोई पूछे कि वन्द्या क्या हुआ तो मैं उसे बोलती कि बस से पांव फिसल गया और गिर गई तो थोड़ा चोट लग गई थी।

और फिर 10 दिन बाद मेरा फिर अपने आप फिर से बहुत मन करने लगा और वही अंकल और जीजा ने जिस तरह से किया था बार-बार वही सब दिमाग में और ख्यालों में चलने लगा. सोचते सोचते बहुत गर्म हो जाती, मेरी पैंटी भीग जाती गीली हो जाती थी।

यह कोई मेरी कहानी नहीं है, एक एक शब्द एक एक बात पूरी सच लिख रही हूं, यह मेरे जीवन की सच्चाई है, इसे झूठ कोई मत मानिएगा। मैं अपनी मम्मी की कसम खाती हूं और गॉड कसम… सब कुछ बिल्कुल एक-एक शब्द सच लिखा है।

यह बात सच है कि मुझे खुद भी बहुत ही ज्यादा मजा आया, यह कैसा सुख और इंज्वाय है मैं इसे नहीं जानती थी। पर बहुत ही बेस्ट अनुभव रहा है. आपको मेरे जीवन की पहली पूर्ण सत्य घटना, जो मेरे साथ हुआ, वह कैसी लगी? मेरी मेल आईडी में अपना अनुभव बता सकते हैं।

यह बिल्कुल सच है और मेरा दावा है कि मुझे देखने के बाद आप अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे, और मुझसे मिले बिना आपको चैन नहीं मिलेगा। पाठको, हर वक्त आप मुझे अपने ख्वाबों ख्यालों में सिर्फ मुझे पाओगे और मुझसे मिलने का अरमान लिए अपनी रातों को गुजारेंगे। [email protected]