मौसी की चुदासी बेटी की चुदाई की कहानी-1

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दोस्तो, मेरा नाम विराट सिंह है. मेरी उम्र 24 साल है, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ. मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं और उनको एन्जॉय भी किया है. इतनी मदमस्त चुदाई की कहानी के संग्रह को पढ़ कर मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स स्टोरी बताऊं, जो कि मेरे साथ हुई.

इस घटना में मैं आपके साथ साझा करने वाला हूँ कि कैसे मैंने अपनी मौसेरी बहन सोनिया की चुत मारी.

यह स्टोरी मेरी और मेरी बहन सोनिया के बीच की है. सोनिया मेरी मौसी की लड़की है. उसके बारे में मैं आपको बता दूँ कि वो बहुत ही सेक्सी माल है. उसके मम्मे तो जैसे एकदम गोल गेंदें हैं. वो जब भी सामने आ जाती है, तो मन करता है कि इसको पकड़ कर इसकी उछलती और मचलती जवानी को कच्चा ही खा जाऊं. सच में उसका फिगर बहुत ही कमाल का है. वो मुझसे उम्र में 4 साल बड़ी है.

मेरी मौसी का परिवार गांव में रहता है, जबकि हमारी फैमिली यहां शहर में रहती है. हमारे घर में 4 लोग हैं, मैं, मेरे पापा, मेरा छोटा भाई और मेरी मम्मी. हमारे घर में दो कमरे हैं और बाहर बरामदा है.

यह बात तब की है, जब मैं इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर रहा था. मैंने अब तक बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स किया था क्योंकि मुझे सेक्स करने का बहुत शौक था.

मैं अक्सर महीने में एक दो बार सेक्स कर लेता था. लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही दिन हो गए थे. लंड के लिए कोई जुगाड़ ही नहीं लग रही थी. मेरे लंड का मेरी गर्लफ्रेंड्स की चुत चोद चोद कर मन भर गया था. अब मैं कोई नया माल ढूँढ रहा था. तभी हमारे घर पर मेरी मौसी की लड़की आई. मेरी मौसी की 3 लड़कियां हैं. ये वाली लड़की सोनिया सबसे बड़ी वाली थी. वो हमारे घर पर आई. जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.. क्या कमाल थी. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसने सूट और टाइट पजामी डाली हुई थी.

जब मैंने उसे देखा तो मुस्कुरा कर उसे विश किया. उसने मुझे हाथ के इशारे से अपने करीब बुलाया और हालचाल पूछा. कुछ देर बाद वो घर में अन्दर चली गई. मैं बहुत खुश था क्योंकि मैं अपनी मौसी की लड़की से सब तरह की बात कर लेता था, वो मुझसे बहुत खुली हुई थी, वो मेरी पहले से ही अच्छी फ्रेंड थी. मैं अक्सर गांव में उनके घर जाता रहता था. इसलिए वो मेरी अच्छी फ्रेंड बन गई थी. उसको मेरे बारे में और मुझे उसके बारे में सब पता था.

जब वो घर आई तो मैं भी घर में आ गया. मैंने उससे पूछा कि यहां अचानक कैसे आना हुआ? तो उसने कहा कि यार एक प्रॉब्लम हो गई है. मैंने पूछा- क्या हुआ? सोनिया बोली कि वो प्रेग्नेंट है और माँ बनने वाली है.

मैं ये सुन कर हैरान रह गया था. मैंने उससे पूछा- तेरी शादी कब हुई और ये सब क्या है?

उसने मुझे सब बताया कि वो किसी लड़के से प्यार करती थी और उसने उसी के कोर्ट में शादी कर ली, किसी को नहीं बताया है. अभी भी वो घर में जिद करके इधर आई है. मेरे बहुत कहने पर उसने ये सब मेरी मम्मी को भी बताया तो मम्मी भी थोड़ा गुस्सा हुईं लेकिन उसको अपने कमरे में ले गईं.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. वो इधर ही रहने लगी. उसकी मम्मी से मेरी मम्मी ने कह दिया कि इसको इधर ही रहने दो. दरअसल मेरी मम्मी ने मौसी को अपने तरीके से समझा दिया था और अब सोनिया मेरे घर पर ही रहने लगी थी.

दो महीने बाद उसने एक लड़की को जन्म दिया. उसका हजबेंड बाहर सऊदी में था, उसने अपने पति को कॉल किया और बताया. वो भी खुश था.

सब खुश थे लेकिन मैं यहां कुछ और ही सोच रहा था.. और हो कुछ और रहा था. मुझे भी सेक्स किए अब काफ़ी समय हो गया था.

दिन निकलते गए. एकाध बार पुरानी जुगाड़ के साथ लंड चुसाई करवा कर खुद को शांत भी कर लिया था. लेकिन चूत नहीं मारी थी.

इधर सोनिया की लड़की 3 महीने की हो गई, लेकिन मेरी मौसी की लड़की अब कुछ उदास सी रहने लगी.

एक दिन मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम आजकल खुश नहीं रहती? तो उसने मुझे बताया कि उसका हबी अब उसको फोन तक नहीं करता.. ना ही फोन उठाता है. मैंने कहा कि वो बिज़ी होगा.. समय नहीं मिलता होगा. तो उसने कहा कि वो मुझे छोड़ देना चाहता है. अब वो कहता है कि उसे मेरे साथ नहीं रहना है.

इतना बता कर वो रोने लगी. मुझे बहुत दुःख हुआ, उसका ये दर्द मुझसे देखा ना गया. मैं उसको चुप कराने लगा. उस वक्त माँ बाहर गई हुई थीं. मेरी माँ को ये पता नहीं था. मैंने सोनिया को थोड़ा दिलासा दिया, चुप होने को कहा.. उसके थोड़ा पास को गया, उसको अपने गले से लगाया और चुप कराया.

अब तक मेरे मन में अपनी बहन को लेकर ऐसी कोई बात नहीं थी. लेकिन जब मैंने उसे गले लगाया तो मुझे कुछ हुआ. उसको भी अच्छा महसूस हुआ.. वो और भी मुझे लिपट गई. मैंने उसको थोड़ा और ज़ोर से गले से लगाया. उसने भी मुझे अच्छे से गले लगाया.

ये एक अजीब सी फीलिंग थी, बता नहीं सकता कि मुझे क्या लग रहा था. उसके दूध मेरे सीने से चिपके हुए थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा मन कर रहा था कि अभी उनको पकड़ लूँ. इससे पहले मेरी नियत खराब नहीं थी, लेकिन इस हरकत के बाद मेरा ख्याल बदल गया था. उसके मम्मों का तो मैं पहले से ही दीवाना था. मुझे वैसे भी दूध के खेलना बहुत पसन्द है.

अब मेरा मन अपनी बहन के लिए बदल रहा था. वो दुखी थी लेकिन मैं यहां कुछ और ही सोच रहा था.

कुछ दिन निकले, हम अब दोनों आपस में बात करते रहते थे. मेरे मन में मेरी बहन को चोदने का ख्याल आ गया था. वो मेरी खोपड़ी में घुस गई थी.. और मुझे अपनी बहन को चोदने का नशा चढ़ गया था. अब मैं उसके आस पास ही रहने लगा था. उसको देखता, टच करता.. जानबूझ कर उसको खुश करता. वो भी खूब हंसने लगी थी.

इसी तरह दिन निकलते रहे.

अब सर्दी का मौसम आ गया था. चूंकि हमारे घर में दो ही कमरे थे. उसकी लड़की भी थी. हम भी चार लोग थे तो तो एड्जस्ट करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. एक कमरे में मेरी मम्मी और पापा सोते और दूसरे में और मेरा भाई सोते थे. हम अपनी बहन के बिस्तर के पास ही चारपाई पर बिस्तर लगाते थे, सर्दी बढ़ गई थी इसलिए ठंड होने के कारण रज़ाई ओढ़ लेते थे. हम दोनों भाई अलग अलग रज़ाई ओढ़ते थे. इसी तरह हम सब एड्जस्ट करते रहे.

अब मैं अक्सर अपनी बहन को देखता था. वो घर पर सूट पहन कर रहती थी. चूंकि वो बहुत ही सेक्सी थी, एक बच्ची हो जाने के कारण वो और भी ज्यादा निखर गई थी उसकी चूचियों में दूध भरा रहने के कारण और भी भराव आ गया था. मेरा भी उसके बारे में ख्याल बदल गया था. मैं कॉलेज से आता और उसके साथ बात करता, उसको खुश करता. वो भी मेरे साथ खुश रहने लगी थी.

आपस में खुलापन होने के कारण मैं अक्सर उसको अपनी जीएफ के किस्से सुनाता रहता था कि आज मैंने ऐसा किया, आज मैंने कैसे अपनी जीएफ को किस के लिए पटाया. ऐसे मैं अपने बारे में उसको बता कर उसको खुश करता और उकसाता रहता था. वो भी ये सब सुन कर खुश होती.

चूंकि मैं उसके साथ मज़ा करना चाहता था और ये भी समझ रहा था कि इसकी चुत को भी लंड की खुराख की जरूरत होगी. लेकिन मैं अच्छे मौके की तलाश में था.

हम दिन भर एक दूसरे से बातें करते रहते, एडल्ट जोक भी चलते रहते. वो मेरे साथ बहुत खुश रहने लगी. जब घर पर कोई नहीं होता तो मैं उसके साथ चिपक कर बैठता, उसको टच करता. वो भी मेरे बदन से चिपकने के मज़े लेती, लेकिन मैं कुछ इससे ज्यादा ही पाने की सोच में था. अब मेरे कंट्रोल से बाहर हो रहा था.

वो भी मुझसे इतनी अधिक खुश रहने लगी थी कि वो हमेशा मेरा इन्तजार करती थी. हम दोनों खाना साथ में ही खाते थे. वो मेरी तरफ बढ़ रही थी. मैं भी अब उसकी तरफ़ बढ़ रहा था. बस हम एक दूसरे को अपनी फीलिंग नहीं बता पा रहे थे.

मैं अक्सर उसको टच करता, कभी पीठ पर, कभी गाल पर, कभी उसकी कमर पर हाथ फेर देता, वो कुछ नहीं कहती.

अब मैं इससे आगे बढ़ कर कुछ और भी करना चाहता था.

एक रात मैंने उससे कहा कि तुम बेड पर सोती हो, ये बेड बड़ा है. मैं यहां ऊपर तुम्हारे साथ बेड पर सोऊंगा, चारपाई पर 2 लोगों से सोया नहीं जाता.

ये सब मैंने सबके सामने कहा ताकि किसी को शक भी ना हो. इस पर मम्मी ने कहा कि ठीक है.. सो जाना, लेकिन उसकी लड़की छोटी है. उसको अपनी टांगों से नीचे मत गिरा देना, ध्यान से सोना.

तभी मेरी बहन सोनिया भी बोली- कोई बात नहीं मौसी.. कोई बात नहीं.. मैं लड़की को दीवार की तरफ सुला दूँगी, ये मेरे बगल में लेट जाएगा. कोई बात नहीं. मैंने भी कहा- हां आप चिंता मत करो माँ. माँ ने कहा- ठीक है.. तुम दोनों जानो.. तुम्हें ही सोना है. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ.

अब रात को मैं अपनी बहन के बगल में सोया. मैं अपनी रज़ाई में था, वो अपनी रजाई में थी. मेरे मम्मी पापा दूसरे कमरे में थे. उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया. मैंने भी अपने कमरे का दरवाजा थोड़ा सा बंद कर दिया. अब मैं अपने भाई के सोने का वेट कर रहा था कि कब वो सोए और मैं कुछ कर सकूँ. कुछ देर में वो भी सो गया लेकिन मुझे नींद कहां थी, मेरे दिमाग़ में कीड़ा रेंग रहा था.

थोड़ी देर बाद सब सो गए. मैंने देखा कि मेरी मौसी की लड़की जाग रही है. वो फोन पर कुछ कर रही थी.

मैं बैठ गया और उसकी तरफ़ देखा. उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा दी.

मैं थोड़ा और आगे को हुआ और उसको उसकी रज़ाई में जाकर पीछे से हग करते हुए धीरे से पूछा- अब तक सोई नहीं?

उसने भी मेरी तरफ़ मुँह कर लिया. उसने कहा- तू भी तो नहीं सोया. मैंने कहा- मुझे नींद नहीं आ रही. उसने कहा- मुझे भी नींद नहीं आ रही है.

मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा, वो फोन पर लगी हुई थी. मैंने ऐसे ही अपना हाथ रखा और धीरे धीरे फेरने लगा. वो भी कुछ नहीं बोली.

अब मैं उसकी रज़ाई में पूरा घुस गया था. तभी उसने फोन रख दिया और अपनी आँखें बंद कर लीं.

मैं धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ फेर रहा था. वो कुछ नहीं बोल रही थी.

मैंने उससे बात कि और पूछा- क्या हुआ बताओ? उसने कहा- कुछ नहीं.

उसने इस वक्त टीशर्ट डाली हुई थी, नीचे सलवार थी. मैंने हिम्मत की और एक हाथ उसके ऊपर वाले दूध पर रख दिया. उसने अपनी आँखें खोल लीं, मैं डर गया. लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस मुझे देखने लगी.

तभी मैंने उसके दूध को धीरे से सहला दिया. वो अब भी कुछ नहीं बोल रही थी, ना ही कोई हरकत कर रही थी. मैं डर भी रहा था और मजा भी आ रहा था. मैंने अपना काम जारी रखा. मैंने उसको धीरे से हिम्मत करके बोला- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. उसने कोई जवाब नहीं दिया. मैंने उसे दूध से अपना हाथ नहीं हटाया. मैं धीरे धीरे उसके मम्मे को सहला रहा था. मैं यूं ही लगा रहा, वो कुछ नहीं बोली.

अब मैं थोड़ा उससे पास होकर चिपक गया और उसकी आँखों में देखने लगा. वो भी मुझे देख रही थी. मैंने फिर से उससे कहा- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. उसने मुझे धीरे से सीने से लगा लिया और बोला कि विराट तुम भी बहुत अच्छे हो.

मैंने उसको गले से लगा लिया हमने एक दूसरे को जफ्फी डाली.

कैसे मैंने अपनी बहन को चोदा, उसको अपनी रानी बनाया ये जानने के लिए मेरी सेक्स स्टोरी का अगला भाग ज़रूर पढ़ें. आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करें.

[email protected] पर मुझे आप के मेल का इन्तजार रहेगा. बाकी की चुदाई की स्टोरी अगले भाग में.

कहानी का अगला भाग: मौसी की चुदासी बेटी की चुदाई की कहानी-2

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