आंटी ने मुझे कॉल बॉय बनाया

सेक्स कहानियों के शौकीन आप सभी दोस्तो, भाभी, आंटी, और लड़कियों को मेरे खड़े 8 इंच लम्बे लंड का नमस्कार! दोस्तो, आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी पति के सामने उसकी बीवी की चुदाई पढ़ी और उस कहानी का बहुत अच्छा रिस्पांस भी रहा, अन्तर्वासना के पाठकों ने मुझे काफी मेल किये, ज्यादातर लोगों में मेरी कहानी को पसंद किया.

मेरे जिन दोस्तों ने मेरी पिछली चुदाई कहानी नहीं पढ़ी है तो मैं उनको कुछ अपने बारे में बता दूँ… मेरा नाम अमन है, मैं गंगा किनारे ऋषिकेश उत्तराखंड का रहने वाला हूं, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता हूँ और दिल्ली में फ्लैट लेकर रहता हूँ. मेरी हाइट 6 फ़ीट 2 इंच है, मेरा रंग गोरा है मेरे लंड का साइज 8 इंच है.

दोस्तो जैसा कि मैंने पिछली चोदन कहानी में आप से वादा किया था कि मैं अगली कहानी में बताऊंगा कि मैं कॉल बॉय कैसे बना।

अब ज्यादा देर ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ. कहानी तो क्या… यह मेरी जिंदगी की सच्ची घटना है जिसने मुझे कॉल बॉय बना दिया.

बात आज से एक वर्ष पहले की है जब मैं केवल 21 वर्ष का था पर अच्छी हाइट और वजन के कारण मैं बहुत अच्छा दिखता हूँ. तो हुआ यों कि… जैसा कि आपको पता है ऋषिकेश जाने वाली सभी अच्छी बसें रात के टाइम दिल्ली से बुक होकर निकलती हैं. मुझे अपने घर ऋषिकेश जाना था, मैंने ऑनलाइन बस की टिकेट खरीदी हुई थी.

उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी जिसके कारण मुझे बस स्टैंड जाने के लिए कोई ऑटो नहीं मिल रही थी, मैं रोड के ऊपर खड़ा ऑटो का इंतज़ार कर रहा था.

इतने में ही एक काले रंग की ऑडी गाड़ी मेरे एकदम पास आकर रुकी. मैं गाड़ी की ओर हैरानी से देखने लगा कि तभी गाड़ी के शीशे नीचे सरकने लगे. जैसे ही उस गाड़ी की शीशे उतरे, मैंने अंदर नजर घुमा कर देखा कि उसमें करीब चालीस की एक खूबसूरत सी आंटी बैठी हैं. वो अपना चेहरा विंडो के पास लाकर बोली- मैं आपको कहीं छोड़ दूँ? तो मैंने एक बार उसे मना किया. फिर उसने दोबारा फिर कहा तो मैं खिड़की खोल कर गाड़ी में बैठ गया.

अब मैं आंटी के बारे में आपको बता दूँ, उन्होंने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी जो उसके गोरे रंग पर गजब ढा रही थी. उनके नाखून बहुत बड़े थे, उन पर उन्होंने नेवी ब्लू रंग की नेलपेंट लगा रखी थी, आंखों में काजल डाल रखा था, डार्क रेड रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी. मैं उन्हें बीच बीच में नजर बचा कर देख रहा था. यह बात आंटी ने भी नोटिस कर ली थी।

बात शुरू करने के लिए आंटी ने पूछा- क्या करते हो? मैंने आंटी को सब कुछ बता दिया कि क्या करता हूँ, कहाँ से हूँ. तो अब मैंने आंटी से पूछा कि आप इतनी रात को एकदम अकेली कहाँ जा रही हैं? तो उन्होंने बताया कि वो बार में जा रही हैं, उसके पति कनाडा में इंजीनियर हैं, उनके दो बच्चे हैं जो देहरादून में पढ़ते हैं और वही होस्टल में रहते हैं.

उस दिन मेरा मूड थोड़ा ऑफ था क्योंकि उस दिन मेरे 18000 रुपये खो गए थे. आंटी ने मेरे चेहरे को पढ़ते हुए पूछा- क्या बात है, तुम कुछ खुश नहीं लग रहे? क्या हुआ? तो मैंने आंटी को बताया- नहीं आंटी, ऐसी कोई बात नहीं है! सब ठीक है.

पर उनके जोर देने पर मैंने बता दिया कि मेरे रुपये खो गए हैं तो उदासी मेरे दिलोदिमाग पर छाई हुई है.

इस पर आंटी बोली- बस इतनी सी बात? तुम मेरा एक काम करोगे तो तुम्हें इससे भी ज्यादा पैसे मिलेंगे. आंटी बोली- चलो मेरे साथ मेरे घर पर! मैं बोला- नहीं आंटी, मैंने बस की टिकट नेट से बुक कर रखी है तो मैं नहीं जा सकता. वो बोली- कोई बात नहीं, उसके पैसे भी मैं दे दूंगी.

फिर मैं मान गया और आंटी न गाड़ी का यू टर्न ले लिया और लगभग 25 मिनट के बाद हम उनके घर पहुँच गए. तो मेरे मन में बस एक बात की चिंता थी कि पता नहीं आंटी क्या काम कराएगी… मैंने आंटी से पूछा- बोलिए आंटी, क्या काम है? आंटी बोली- तुम्हें मुझे खुश करना है!

यह बात सुनकर मेरी तो मानो आंखों में चमक ही आ गई, फिर ये सुनते ही मैंने उन आंटी को अपनी बांहों में ले लिया और उनके लाल लाल होंठों को चूसने लगा, उनकी चुचियों को मसलने लगा. अब आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, मैं उनके होंठों को चूसता काटता जा रहा था. आंटी भी पूरी हवस की भूखी लग रही थी.

फिर आंटी ने मुझे बेडरूम में चलने को कहा और मेरा हाथ पकड़ कर अपने साथ ले गयी. बेडरूम काफी बड़ा था, और खूब सजा हुआ था.

अनादर जाकर आंटी ने रूम का दरवाजा बंद किया ही था कि मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और मैंने आंटी की साड़ी निकाल दी, फिर ब्लाउज और पेटीकोट भी… अब आंटी केवल ब्रा और पैंटी में थी, उनके गोरे रंग के शरीर पर लाल रंग की ब्रा पैंटी मस्त लग रही थी.

अब मेरा लंड पूरा तन चुका था, मैंने आंटी की ब्रा उतार दी और आंटी के चूचों को दांतों से काटने लगा और जोर जोर से मसलने लगा. अब तक आंटी का हाथ मेरे लंड तक जा चुका था, वो मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसल रही थी.

फिर मैंने आंटी को बेड पर लिटा लिया और उनकी पेंटी को उनकी चिकनी जांघों पर से सरका कर उतार दिया. आंटी की चूत एकदन सफाचट थी, चिकनी मुलायम चूत… उसमें से हल्की हल्की खुशबू आ रही थी. मैं आंटी की चूत पर झुक गया और लम्बी साँस ली, फिर मैंने अपनी जीभ चूत की दरार पर टिकायी और चूत चाटने लगा.

आंटी अब सिसकारियां भरने लगी, ‘अ आ ई आ ईईईईआआ आ आ…’ की आवाजें करने लगी. आंटी पूरी तेज आवाज में ‘आ आ आ आ ई ई उ उ आ आ…’ की तेज आवाज कर रही थी.

आंटी भी मेरा लंड चूसना चाहती थी, उन्होंने मेरा लंड पकड़ पर अपनी ओर खींचा तो अब हम 69 की पोजीशन में आ गए. आंटी ने एकदम से मेरा लंड अपने मुख में भर लिया और चूसने लगी. आंटी इतने मस्त तरीके से लंड चूस रही थी कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं आनन्द के सातवें आसमान पर हूँ.

फिर आंटी कामवासना से पागल होकर जोर जोर से चिल्लाने लगी- चोद दो मुझे… उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ दो मेरी चुत को! आंटी की ऎसी बातें सुनकर मैं भी और ज्यादा जोश में आ गया और आंटी के नंगे बदन के ऊपर आकर मैंने अपना 8 इंच लम्बा लंड आंटी की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. ऊपर से मैं आंटी के होंठों को चूस रहा था.

फिर मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी और आंटी के मुंह से ‘अ आ आ आ अ आयउ आ उ ईई आ आ…’ जैसी आवाज का आना तेज हो गया. फिर लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद आंटी 2 बार झड़ चुकी थी और मैं पहली बार झड़ने वाला था तो मैं बोला- आंटी, मैं होने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ? तो आंटी बोली- मेरे मुँह में डाल दो!

मैंने अपना पूरा माल आंटी के मुँह में डाल दिया और आंटी बड़े प्यार से सारा माल पी गई. वो पूरा माल पीने के बाद भी मेरे लंड को कुल्फी की तरह चूस रही थी.

उस रात आंटी ने मुझसे कई बार अपनी चूत चुदवाई. फिर सुबह आंटी मुझसे बोली- यार तुम तो काफी दमदार जवान हो! मजा आ गया कल रात तुम्हारे साथ! मैं मुस्कराने लगा और उसके बाद आंटी से मैंने पैसे लिए और चलने लगा तो आंटी ने मेरा फोन नम्बर लिया, अपना नम्बर भी दिया और कहा कि जब मुझे जरूरत होगी तो मैं तुम्हें फोन करूंगी.

उसके बाद आंटी ने मुझे कई बार बुलाया. फिर आंटी ने अपने ग्रुप में सभी को मेरे बारे में बताया और फिर मैं आंटी की फ्रेंड्स को भी सर्विस देने लगा. पर मेरा एक असूल है कि मैं किसी भी लेडी की गोपनीयता भंग नहीं करता, सारी जानकारी सिर्फ मेरे तक ही रहती है. जो ये दोस्त मेल के जरिये आंटी के नंबर या आईडी मांगते हैं, मैं उनसे माफी चाहूंगा, मैं कभी नहीं देता क्योंकि मेरा काम बहुत ही विश्वास का है तो कृपया ऐसा मेल न करें!

मेरी कहानी आपको कैसी लगी, यह जरूर बताएं.

मेरी ईमेल आईडी है [email protected] मुझे आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा.