मस्त गांड वाली बहन की चुत चुदाई

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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अतहर है और मैं दिल्ली की बसंत बिहार कॉलोनी में रहता हूं. मेरे घर में 4 लोग हैं, मैं, मेरी अम्मी अब्बू और आपा. मेरी आपा का नाम सिम्मी है. अब्बू आर्मी में हैं और अम्मी टीचर हैं. अब्बू तो ज़्यादातर अपने बेस पर ही रहते हैं. उनको साल में 3 महीने की ही छुट्टी मिलती है. मैं बी.टेक. की पहले साल की पढ़ाई कर रहा हूँ और आपा ने बी.ए. इसी साल कम्पलीट किया है. आपा की उम्र 21 साल की है और मेरी 19 की है.

मैं देखने में हैंडसम हूँ, लेकिन फिर भी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. मैंने अपने एरिया की कई लड़कियों को प्रपोज़ किया, लेकिन किसी ने प्रपोजल को एक्सेप्ट ही नहीं किया.

अब मैं आपको बताता हूँ कि मैंने अपनी आपा को कैसे चोदा.

यह बात उन दिनों की है, जब मैं 12वीं में पढ़ता था और आपा का उस बीए का सेकंड ईयर था. आपा उम्र उस समय 19-20 साल रही होगी. आपा के ऊपर उस समय नई नई जवान छाई हुई थी. उनका फिगर 34-30-38 का रहा होगा. उनकी गांड बहुत मस्त थी, जब वो चलती थीं तो समझो क़यामत ढाती थीं. उनकी गांड देखने में भी सुंदर थी.

जैसा कि मैंने बताया कि उस टाइम में मैंने काफी लड़कियों को प्रपोज़ किया था और सबने मेरे प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया था. इस कारण मुझे उस टाइम ऐसा लगता था कि शायद मेरे लंड के नसीब में कोई छेद ही नहीं लिखा है.. और क्यों न मैं ‘गे’ बन जाऊँ.

मैं ऐसा करने भी लगा था. मैं अपनी गांड में उंगली करने लगा था. तभी हमारे नीचे के फ्लोर पर एक फैमिली रहने आई. उनकी एक लड़की थी, उसका नाम सबा था. वो अभी किशोरावस्था में थी, लेकिन देखने में पूरी भरी हुई जवान कचौड़ी सी फूली 18 साल से कम नहीं दिखती थी. उसके मम्मे भी काफी उभरे हुए थे. लेकिन वो थोड़ी सांवली थी. मेरे लंड के नसीब से अच्छी बात ये थी कि वो मुझपे काफी लाइन मारा करती थी. लेकिन मैंने उसकी रंगत के कारण उस पर कभी ध्यान ही नहीं दिया था. वो हमारे घर भी आने लगी थी.

एक दिन उसने मुझे छत पर बुलाया और मुझे प्रपोज़ किया. पहले तो मैंने मना कर दिया, लेकिन बाद में सोचा इतने दिनों कोई लड़की नहीं पटी है, अब जब खुद पट रही है तो क्यों छोड़ू. फिर मैंने उसको खुद जाकर प्रपोज़ कर दिया और उसने भी खुश होकर हां कर दिया. हम लोग रोज़ मिलने लगे. कभी किस करते, कभी मैं उसके मम्मे दबा देता, वो भी मजा ले रही थी. लेकिन हम दोनों को चुदाई का मौका नहीं मिल पा रहा था.

पर वो कहते हैं न कि जहां चाह हो तो वहां राह निकल ही आती है. एक दिन हमें मौका मिल गया. मेरी अम्मी अपने स्कूल गई थीं और आपा अपने कॉलेज के लिए निकल गई थीं. आपा के निकलते ही मैंने सबा को फ़ोन करके अपने घर बुला लिया. सबा के आते ही मैं उसको पागलों की तरह चूमने लगा. उसके मम्मों को दबाने लगा. करीब 15 मिनट किस करने के बाद मैंने उसको बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और खुद भी उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े उतार दिए. फिर मैंने अपना लंड निकाल कर सबा के मुँह के सामने हिलाया तो वो समझ गई और उसने मेरे लंड को आने मुँह में ले लिया और कुल्फी की तरह लंड चूसने और चाटने लगी.

करीब 5 मिनट तक लंड चाटने के बाद जब लंड सीधा खड़ा हुआ तो पूरा साढ़े छह इंच का हो गया.

फिर उसके बाद मैंने सबा को सीधा किया और उसकी टाँगें फैला कर उसकी चुत पर अपने लंड का सुपारा सैट कर दिया. उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसको आँख मारते हुए एक तेज धक्का मारा. मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया. उसकी चुत में लंड जाते ही मैं समझ गया कि यह चुदक्कड़ लड़की है, पहले भी चुद चुकी है. मेरा आधा लंड अभी चुत से बाहर था, हम दोनों ही जल्दी में दरवाज़ा बंद करना भूल गए थे. जैसे ही मैंने अगला धक्का लगाया और मेरा लंड सबा की चूत में गया, आपा कमरे के अन्दर आ गईं.

शायद आज वो कॉलेज नहीं गई थीं, रास्ते से लौट आई थीं.

आपा को देख कर मैं एकदम से शॉक्ड हो कर रह गया और आपा भी यह सब देख शॉक्ड हो गईं. मैंने तुरंत सबा की बुर में से अपना लंड निकाला और अपनी पेन्ट पहन ली. उधर शबा भी जल्दी से कपड़े उठा कर खिसकने को तैयार हो ली. आपा मुझसे बोलीं- शर्म नहीं आती तुम लोगों को.. यह क्या कर रहे हो?

इतना कहकर आपा अपने रूम में जाने लगीं, तो मैंने आपा को आवाज दी लेकिन आपा ने मुझे डांट दिया कि आज के बाद मुझसे कभी बात मत करना और यह सब शाम को अम्मी को बोलूँगी. मैंने आपा से कहा- सॉरी… प्लीज़ किसी को मत बोलना. लेकिन आपा ने मेरी बात नहीं सुनी और रूम में चली गईं. मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि आपा मेरे बारे में क्या सोचती होंगी.

तभी सबा ने कहा- जो अधूरा रह गया है.. उसे तो पूरा कर लें.

मुझे सबा की बात सुनकर गुस्सा आया और मैंने उसको बुरा भला बक दिया और घर से बाहर निकाल दिया. उसने अपने कपड़े पहने और मुझे गालियां देते हुए चली गई. आप जानते होंगे जब कोई चुदने को चाहती हो और उसकी चुत न चुद पाए तो उसे कैसा लगता है.

फिर मैं आपा के पास गया और आपा को समझाने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थीं. मैंने आपा से कहा- आपा प्लीज़ अगर अम्मी को पता लगा गया, तो मेरी बहुत पिटाई होगी.. प्लीज़ आप किसी को मत बताना. आपा ने कहा- ठीक है.. लेकिन वायदा करो कि अब कभी दोबारा ऐसा नहीं होगा, तो ही मैं किसी को नहीं बताऊंगी. मैंने आपा से वायदा किया कि अब ऐसा नहीं होगा.

फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए लेकिन मेरी चुत मारने की कसक बहुत बढ़ गई थी. चुत नहीं मिलने के कारण मैं सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था.

एक दिन मैंने नेट पे अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरी पढ़ी, जिसमें भाई ने अपनी सगी बहन को चोदा था. तब से मेरे दिमाग भी आपा को चोदने के सपने आने लगे. अब मैं आपा को अपनी बहन की नज़र से नहीं देखता था. उनको मैं किसी और नज़र से ही देखने लगा था. लेकिन आपा ने इस बात को कभी नोटिस नहीं किया था.

जब आपा नहाने जातीं, तो मैं आपा से पहले नहाता था और अपनी पेंट की पॉकेट में कैमरा चालू करके मोबाइल छोड़ देता था. मैंने अपनी पेंट की पॉकेट में इस तरह से छेद कर रखा था कि कैमरे से आपा की फिल्म बन जाए. जब आपा नहाकर बाहर आतीं, तो मैं मोबाइल निकाल कर उसकी वीडियो देखता था. उसके मस्त मम्मे और कुंवारी चुत तो मुठ मारने से रोक नहीं पाता था. जब आपा कॉलेज चली जातीं, तो उसकी ब्रा निकाल कर उसपे मुठ मारा करता था और उसके आने से पहले ब्रा धोकर सुखा दिया करता था.

एक बात और भी थी कि हम दोनों एक ही बेड पर साथ में ही सोते थे. फिर अचानक मेरा सपना सच हुआ और मैंने आपा को चोद दिया.

ये सब यूं हुआ कि एक दिन अचानक से मेरे नानाजी की तबीयत बिगड़ जाने की वजह से अम्मी को मेरे नाना के घर जाना पड़ा. अम्मी आपा को लेकर जाना चाहती थीं लेकिन आपा ने मना कर दिया.

अब आपा और मैं घर पर अकेले थे. रात को हम दोनों ने खाना खाया. खाने के बाद हम दोनों टीवी देखने लगे. केबल पर टाइटैनिक मूवी आ रही जो कि मेरी पसंदीदा मूवी है, तो हम टाइटैनिक मूवी देखने लगे. जब उसमें एक सेक्सी सीन आया तो आपा बोलीं- मुझे नींद आ रही है, मैं सोने जा रही हूँ. मैं बोला- ओके आप सो जाओ, मैं अभी मूवी देखूंगा. उन्होंने कहा- ठीक है तुम मूवी देखो.

जब आपा उठ कर जा रही थीं, तो उनकी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. उसी वक्त मैंने सोच लिया कि आज मौका अच्छा है, घर पे कोई नहीं है, आपा को चोदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा.

जब आपा सो गईं तो मैं रूम में गया. आपा लोअर और टी शर्ट पहन कर सो रही थीं. उस समय उनकी गांड बहुत अच्छी लग रही थी और उनके मम्मे भी बहुत अच्छे लग रहे थे. मैं धीरे से उनके पास जाकर लेट गया. कुछ देर लेटने के बाद मैंने अपनी बहन की गांड पे हाथ रख दिया, ये देखने के लिए कि वो जाग रही हैं या सो गईं. वो गहरी नींद में सो चुकी थीं. मैंने धीरे धीरे उनकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया. फिर अपना एक हाथ से उनके मम्मों को सहलाने लगा. फिर मैंने उनके मम्मे को दबाया, मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी पत्थर को छू रहा हूँ. इतना कड़क थे.

उनके मम्मे दबाते दबाते मैंने अपना लंड बाहर निकल लिया और एक हाथ उनकी शर्ट के अन्दर घुसा दिया और चूची दबाने लगा.

फिर मैंने आपा का लोअर नीचे किया तो आपा अन्दर कुछ नहीं पहने हुई थीं. उनकी नंगी गांड देख कर बहुत मज़ा रहा था. मैंने जैसे ही अपना लंड आपा की गांड पर रखा, तो वो जाग गईं. मैंने जल्दी से अपना लंड लोअर के अन्दर किया और सोने की एक्टिंग करने लगा. आपा ने मुझे उठाया, लेकिन मैं नहीं उठा.

आपा ने अपने कपड़े ठीक किये और फिर सो गईं. मैंने फिर से हिम्मत करके आपा का लोअर नीचे किया और लंड सहलाने लगा. जब आपा गहरी नींद में सो गईं तो मैंने थोड़ा सा तेल आपा की चूत पर लगा दिया और जैसे ही लंड चुत पे रखा कि तभी आपा जाग गईं और मुझे डांटने लगीं.

मैंने कहा- एक बार करने दो न. वो बोलीं- शरम नहीं आती अपनी बहन के साथ सेक्स करते हुए.. अब अम्मी को क्या बोलूंगी. ये सुनकर मैं आपा से बोला- मैं क्या करूँ.. आप मुझे किसी और के साथ भी नहीं करने देती हो.. न ही आप अपने साथ करने दे रही हो.

यह कहकर मैंने आपा को बेड पर गिरा दिया और किस किया. वो बोलीं- मत कर.. यह गलत है. मैं नहीं माना और उनकी चुत पर लंड रख कर धक्का मार के अन्दर डाल दिया. आपा की चीख निकल गई. वो बोलीं- उई माँ.. मैं मरर गई प्लीज़ छोड़ दे.

मैंने उनकी चिल्लपों अनसुनी करते हुए फिर से एक धक्का दे मारा. मेरा पूरा लंड आपा की चुत में घुस गया. वो दर्द से कराह रही थीं, लेकिन मैं उनको धकापेल चोदे जा रहा था. कुछ देर में आपा को मज़ा आने लगा, अब वो भी उछल उछल के चुदवाने लगीं.

करीब 10 मिनट के बाद मैं झड़ने को हुआ.. मैंने आपा की चूत में पानी छोड़ दिया.

कुछ देर के बाद आपा मुझसे बोलीं- यह अच्छा नहीं हुआ, मैंने नहीं सोचा था कि मेरा भाई ही पहली बार मुझे दुल्हन बनाएगा, मेरी सील तोड़ेगा. मैं तो सोचती थी अपने हजबैंड से ही चुदवाऊंगी मगर अब तो तू ही मेरा हजबैंड बन गया. मैंने आपा से कहा- जब हजबैंड बन ही गया हूँ, तो एक बार और करने दो. आपा बोलीं- आज नहीं.. अब कल करना. मैंने कहा- अभी दो न. वो बोलीं- अभी दर्द हो रहा है…

लेकिन मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था. मैंने फिर से आपा को गिरा लिया और लंड डाल दिया. मैं उनको किस करने लगा, तो आपा मुस्कुराती हुई बोलीं- तू बहुत ज़िद्दी है. मैंने लंड पूरा डाल दिया तो आपा बोलीं- ठीक है कर ले.. लेकिन आराम से करना.. कोई जल्दी नहीं.

मैंने फिर आपा को चोदना शुरू किया. इस बार आपा मजे से मेरा लंड ले रही थीं और खूब गांड उठा उठा के चुत चुदवा रही थीं. मैं भी मजे लेकर अपनी सगी बहन को चोद रहा था. इस बार भी मैंने उनकी चुत में पानी छोड़ दिया. हम दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद सो गए.

दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.. लेकिन यह सच्ची है. कोई गलती दिखे तो माफ कर देना. मेरा मेल आईडी नीचे लिखा है, मुझे बताइएगा जरूर कि आपको सेक्स स्टोरी कैसी लगी. [email protected]

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