मौसी के साथ बिताई कुछ रातें

दोस्तो, मैं राज सिंह कानपुर के पास के जिले का रहने वाला हूँ, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैं अन्तर्वासना की कोई भी कहानी नहीं छोड़ता हूँ। मैंने सोचा क्यों न अपनी कहानी अन्तर्वासना पर लिखूं। आपका ज्यादा समय न लेते हुए कहानी पर आता हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं के इन्तहान देकर कानपुर घूमने चला गया था. जब मैं घूम कर अपने मामा के गांव गया तो वहाँ देखा कि मेरे रिश्ते की मौसी वहाँ मुझे मिलीं. मौसी मेरी बहुत ही सुन्दर थी, गजब का फिगर था उनका… उनका फिगर 32-30-32 है. मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया लेकिन मैंने उन्हें अनदेखा किया. पूरे दिन कोई बातचीत नहीं हुई हमारे बीच। शाम को हम लोगों की थोड़ी बात भी हुई और हंसी मजाक भी हुआ.

लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जब रात को हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेटे और वो बिल्कुल मेरे पास लेटी. रात के करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि उनकी टांग मेरी टांग के ऊपर रखी है और वो गहरी नींद में थी. मेरी अन्तर्वासना जाग गई. आपको बता दूँ मैं उन्हें पहले से ही चोदना चाहता था लेकिन वो मुझसे बड़ी थी उम्र में भी और रिश्ते में भी तो इस कारण डरता था. फिर मैंने अपने हाथों से धीरे धीरे उनके दूध को दबाना शुरू किये लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था कि कहीं वो जाग ना जायें!

जैसे ही वो थोड़ा हिली, मैंने तुरन्त हाथ हटा लिया. फिर थोड़ा सोने के बाद फिर उनके स्तनों को दबाने लगा. शायद मौसी जाग गई थी पर सोने का नाटक कर रही थी. दूध दबाते दबाते कब सुबह हो गई, पता ही नहीं चला, सुबह वो उठ कर कमरे से चली गई, मैं सोता रहा.

सुबह करीब 8 बजे आँख खुली, फ्रेश होने के बाद मैं मौसी के पास गया, चाय मांगी पर वो मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी. मैं समझ गया कि मौसी रात में सिर्फ सोने का नाटक कर रही थी. पूरे दिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की, मेरी गांड फट रही थी कि वो किसी को रात के बारे में कुछ बता ना दें!

शाम को बहुत गर्मी हो रही थी तो मैं नल से नहा रहा था, मैं जानबूझ कर पानी इधर उधर फैला रहा था ताकि वो मुझसे बोले और मेरी तरकीब काम आई, मौसी मुझसे बोली- पानी मत फैलाओ! मैं ख़ुश हो गया और मैं जल्दी जल्दी नहाया. फिर हम लोग नॉर्मल बातें करने लगे.

रात होने लगी तो मैंने सोचा कि आज रात मौसी मुझे अपने पास नहीं लिटायेगी. पर घर में कुछ ऐसा हुआ कि घर में मैं मौसी और दो छोटे बच्चे रह गये मौसी को अकेले डर लगता था तो उन्होंने मुझे अपने पास लेटने को कहा. बेड पर सबसे पहले मैं, फिर मौसी, फिर दोनों बच्चे लेटे, बच्चे जल्दी ही सो गये, मैं और मौसी ऐसे बातें करने लगे जैसे एक रात पहले हमारे बीच कुछ हुआ ही नहीं था.

बातें करते करते मौसी सो गई और उनके सोते ही मैंने एक रात पहले वाली हरकत शुरू कर दी, मैं उनके दूध धीरे धीरे फिर दबाने लगा. वो थोड़ा हिली… पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं अपने ऊपर कंट्रोल खो बैठा और मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया. मौसी ने भी कोई ज्यादा विरोध नहीं किया, बस इतना ही बोली- ये सब गलत है। मैंने कहा- कुछ भी गलत नहीं है! और उनके होठों पर अपने होंठ रख दिये और उनके होंठ चूसने लगा. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

पता ही नहीं कब उनकी जीभ मेरे मुंह में और मेरी जीभ मुंह में थी और एक दूसरे के होंठ जीभ चूसने लगे। मैं उनके दूधों को कस कस के दबाने लगा. फिर मैं उनके शर्ट के अंदर हाथ डाल कर ब्रा के ऊपर से दूध दबाने लगा। फिर मैंने उनका कमीज उतार दिया, उनकी ब्रा भी खोल दी और उनके दूध के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा. मौसी मेरे बालों को सहलाने लगी। हम पूरी रात एक दूसरे में इतना खो गये कि पता ही नहीं चला कब सुबह हो गई। पूरी रात मैंने अपनी मौसी के दूधों को चूस-चूस कर लाल कर दिया।

सुबह हुई, दोनों लोग अपने अपने काम में लग गये और रात का इंतजार करने लगे। बड़ी मुश्किल से दिन गुजरा.

खैर रात हुई, हम लोगों ने पास पास लेटने का प्लान बनाया और हम लोग कामयाब भी हुये। रात को सब लोगों के सोने के बाद मैं मौसी पर टूट पड़ा उनका कमीज उतारा और ब्रा भी खोल दी, नंगे दूध के निप्पल मुंह में लेकर चूसने लगा. मैंने अपनी भी बनियान उतार दी तो ऊपर से हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे।

फिर मैंने अपना लंड मौसी के हाथ में रख दिया, वो डर गई और मेरा लंड छोड़ दिया फिर मैंने अपना लंड मौसी के हाथ में दे दिया अब वो मेरा लंड सहलाने लगी, मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी में हाथ डाल दिया और झांटों से भरी चूत सहलाने लगा। सबसे पहले चूत में एक उंगली डाली फिर दो उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा। यह सब करते करते कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला.

सुबह के 6 बज चुके थे। पूरी रात हम लोग ऊपर से नंगे ही रहे… खैर हम लोग अलग अलग हुए और अपने अपने काम में लग गये।

और फिर रात का फिर इंतजार करने लगे। लेकिन हुआ ऐसा कि मम्मी का फोन आ गया और मुझे वापस घर बुलाया गया। मैंने मौसी को जाकर बताया कि मम्मी का फोन आया मुझे जाना होगा जरूरी काम है। मौसी उदास हो गई।

मैं भी मौसी को किस कर के गाँव से घर के लिये निकल गया, कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था, बहुत याद आ रही थी मौसी की।

खैर घर पहुंचा रात हो चुकी थी, खाना खाया और अपने कमरे में जाकर फोन लगाया मौसी को… कुछ देर बात की, ज्यादा बात नहीं हो सकी और फोन कट गया।

मैं सोने की कोशिश करने लगा पर नींद ही नहीं आ रही थी। फिर मैंने मौसी के नाम की मुठ्ठ मारी तब जाकर नींद आई। सुबह उठा कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। मैं नहाया, नाश्ता किया, जिस काम के लिये मम्मी ने मुझे बुलाया था, वो काम किया, काम खत्म होने के बाद घर आया।

फिर मैं सोचने लगा कि कैसे दोबारा गाँव जाने का प्लान बनाया जाये लेकिन कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तो मैंने सोचा कि मैं कभी अब मौसी को चोद नहीं पाऊंगा।

लेकिन मेरी किस्मत में मौसी की चुदाई तो थी। कुछ दिन बाद जब पापा घर आये तो उन्होंने मुझे गाँव जाने के लिये बोला, गांव में एक काम है. मैं फ्री था इसलिये मुझे भेजा जा रहा था।

मैं खुशी से पागल हो गया, मैंने फोन करके मौसी को बताया कि मैं कल आ रहा हूँ, तैयार हो जाओ. वो बोली- पहले आओ तो! मैं सुबह उठ कर गाँव के लिये निकल लिया। गांव पहुंचा तो मौसी किचन में कुछ काम कर रही थी, मेरी आवाज सुन कर वो खुश हो गई।

बस मैं ये सोच रहा था कि रात में रात में एक साथ लेटने का मौका मिल जाये। और हुआ भी वैसा ही किस्मत ने हम लोगों को एक साथ लेटने का मौका दिया वो भी बिल्कुल अकेले एक कमरे में बाकी लोग दूसरे कमरे में कुछ लोग छत पर सो रहे थे।

आखिर वो रात आ ही गईं जिस रात को मेरा लंड मेरी मौसी की चूत में जाने वाला था। आज की रात मैं किसी भी हालत में मौसी को छोड़ने वाला नहीं था, मैं पूरे मूड़ में था आज कुछ भी हो जाये पर मौसी को चोदना है। हम लोग लेटे, फिर ऐसे ही कुछ बातें की और सब के सोने की प्रतीक्षा करने लगा.

सबके सोने के बाद हम लोग शुरु हो गये, सबसे पहले एक दूसरे को किस किया, एक दूसरे की जीभ मुंह में डाल कर खूब चूसी, फिर मौसी का शर्ट उतारा, ब्रा के ऊपर से ही दूध दबाने और चूसने लगा. फिर मैंने मौसी की ब्रा भी खोल दी, 32 इंच के दूध उछल कर बाहर आ गये। मैंने मौसी के निप्पल मुंह में लेकर खूब चूसे और चूस चूस के लाल कर दिये. मौसी को बहुत मजा आ रहा था वो मेरे बालों को सहला रही थी।

मैंने मौका देख कर उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और नीचे सरका दी। अब मेरी मौसी सिर्फ पैंटी में थी, मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी। अब मौसी पूरी नंगी थी और मैं भी पूरा नंगा हो गया। मैं मौसी के ऊपर आ गया उनके दूध कस कस के दबाने लगा और होठों से होंठ मिला दिया. दस मिनट किस करने के बाद मैं नीचे मौसी की झांटों से भरी चूत को मुंह में लेकर चाटने लगा। फिर मैंने अपना 6.5 इंच का लंड मौसी के मुंह दिया लेकिन वो मना करने लगी.

मेरे ज़्यादा कहने पर मौसी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी, मेरा लंड फटा जा रहा था। हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये, मौसी मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था। उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और उनसे अब रहा नहीं जा रहा था, वो बार बार मेरा लंड अपने मुझ से निकाल कर बोल रही थी- मेरी जान, अब और मत तड़पाओ, डाल दो मेरी चूत में अपना लंड… फाड़ दो मेरी चूत… बहुत चुदासी है मेरी चूत! लेकिन मैं उन्हें और गर्म कर रहा था।

फिर मैंने उनके मुंह से अपना लंड निकाला और उनके ऊपर आ गया, मैंने उनकी टांगें फैला दी और उनकी चूत में लंड डालने की कोशिश करने लगा लेकिन चूत बहुत टाइट थी जिस वजह से लंड अंदर नहीं जा रहा था। फिर थोड़ा सा सरसों का तेल अपने लंड पर और थोड़ा उनकी चूत में लगाया, फिर कोशिश की इस बार लंड थोड़ा सा गया…मतलब लंड आधा ही गया होगा कि मौसी चिल्लाने लगी- निकलो, बहुत दर्द हो रहा है! पर मैंने उनकी एक न सुनी, दूसरा झटका मारा, पूरा लंड मौसी की चूत में घुस गया और मौसी के होंठों पर होंठ रख दिये ताकि आवाज बाहर ना निकल पाये।

थोड़ी देर में जब मौसी नॉर्मल हुई तब धीरे धीरे झटके लगाना शुरू किया, अब मौसी का दर्द कम हो गया और उन्हें भी मजा आने लगा, वो नीचे से कमर हिला हिला कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपने झटके तेज कर दिये, फिर उन्हें ऊपर आने को कहा. वो बोली- ठीक है।

मैं उनके ऊपर से हट गया और ऊपर आकर चूत में लंड सेट किया। गीला और चिकना होने के कारण लंड एक बार में ही घुस गया। वो बहुत तेजी से उछल उछल कर चुदवा रही थी। मैं भी नीचे से झटके मार रहा था। कुछ देर मौसी ऐसे ही चुदवाती रही। इतनी देर चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी लेकिन मेरा निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था।

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा, वो तैयार हो गईं, वो मेरे ऊपर से हटी और घोड़ी बन गई. मैंने पीछे से अपना लंड डाल दिया. लगभग 5 मिनट घोड़ी बनाकर पीछे से उनकी चूत चोदी।

फिर मैंने मौसी को गोद में लिया वो मेरे कंधे में दोनों हाथों से लटक गई और दोनों टांगें मेरी कमर में लपेट ली मैंने नीचे से चूत में लंड लगाया और नीचे से झटके मारने लगा, गोद में लेकर खूब देर तक चोदा और ऊपर किस करता रहा।

काफी देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब मेरा भी झड़ने वाला था, मैंने मौसी से पूछा- मौसी जी, कहाँ निकालूं? वो डर के बोली- अंदर मत निकालना! मैंने जल्दी जल्दी झटके मारे और जैसे ही मेरा निकलने वाला हुआ, मैं अपना लंड निकाल कर उनके पेट के ऊपर झड़ गया, उनकी नाभि मेरे वीर्य से भर गई।

हम दोनों उठे, कपड़े से सब साफ किया और नंगे ही एक दूसरे चिपक कर सो गये। उस रात मौसी को तीन बार चोदा। ऐसे किस्मत से मिली मुझे मेरी मौसी की चूत।

कैसी लगी मेरी मौसी की चूत चुदाई स्टोरी… मुझे मेल कीजियेगा, मैं आपके मेल का इंतजार करूंगा. [email protected]