भाई को पटाकर मर्द बनाया

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

दोस्तो, मेरा नाम ममता है और मैं दिल्ली में रहती हूं। मेरी उम्र 25 साल है। मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और दो भाई है। एक भाई बड़ा और दूसरा छोटा है, मैं सेक्स के लिए काफी उत्तेजित रहती हूं और कई लड़कों के साथ कर भी चुकी हूं। कालेज से ही मुझे सेक्स का शौक लग गया था और फिर आफिस में भी कई लड़कों के साथ किया।

लेकिन आजकल मेरे छोटे भाई को मुझ पर शक हो गया है, उसने मेरी सेक्सी चैट पढ़ ली थी एक लड़के के साथ और मम्मी को बता दिया। इससे मुझे बहुत सावधान रहना पड़ रहा है। सेक्स न मिल पाने से मेरा मन भी नहीं लग रहा किसी काम में। मैं इस तलाश में थी कि कोई ऐसा रास्ता मिल जाये जिससे काम भी चलता रहे और किसी को शक भी न हो। मार्च के महीने में हम सब एक शादी में गये। सर्दियाँ खत्म हो गयी थी इसलिए हल्के कपड़े पहने थे, रात को कॉफ़ी की लाइन में मुझे ऐसा लगा के मेरे कूल्हे पे कोई हाथ लगा है, मैंने पीछे देखा तो मेरा बड़ा भाई लाइन में था और गलती से उसका हाथ मेरे चूतड़ों लग गया था।

तभी मेरे दिमाग में एक विचार आया के क्यों न भाई के साथ सेक्स किया जाए, काम खतरों से भरा था मगर हो गया तो मज़ा भी बहुत आने वाला था, इसलिए मैंने मन बना लिया कि भाई के साथ करके देखना है।

मैं भाई के पास गई और अपनी चूचियां उसकी बांह पर चिपका दी और हल्के से दबा दी, वो थोड़ा हट गया और उसने कोई रिएक्ट नहीं किया। पर अब जब भी हम कहीं बाहर जाते तो मैं भाई से चिपकती अपनी चूचियां उसके बदन पे चिपकाती। मुझे ऐसा करने में मज़ा आने लगा और हिम्मत बढ़ गयी।

इंटरनेट पर बहुत पढ़ा तो पाया कि दुनिया में कोई भी लड़का किसी लड़की को सेक्स के लिए मना नहीं कर पाता बस उसको सही से पटाने की ज़रूरत होती है। बाप या भाई भी मना नहीं कर सकते अगर सही से पटाओगी। अब मैंने मन ही मन सोच लिया था के मुझे भाई से चुदवाना ही है।

जून की छुट्टी के बाद एक दिन मेरे मम्मी पाप और छोटे भाई को किसी रिश्तेदार के मरने में जाना पड़ा, मुझे मौका मिल गया, मैंने तबीयत खराब का बहाना बनाकर आफिस से छुट्टी ले ली और भाई को भी नहीं जाने दिया। फिर मैंने भाई को बोला- मैं कपड़े बदल लेती हूं! और दूसरे कमरे में चली गयी.

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो गयी। उसके बाद मैंने एक अटेची उठाई और ज़ोर से फर्श पर पटक दी, जिससे ज़ोर की आवाज़ हुई और भाई ने आवाज़ लगाई- क्या हुआ? मैंने कोई जवाब नहीं दिया, अटेची को अपनी जगह पे वापस रखा और चुपचाप फर्श पर नंगी ही लेट गयी। भाई ने फिर आवाज़ लगायी- ममता क्या हुआ? मैंने कोई जवाब नहीं दिया।

भाई ने दरवाज़े के पास आकर पूछा- ममता क्या गिरा? कोई जवाब नहीं मिला तो उसने दरवाज़ा हल्का सा खोला और पूछा- ममता? और फिर उसने दरवाजा खोल दिया और अंदर आ गया।

अंदर उसने मुझे नंगी गिरी देखा तो हैरान रह गया, उसने मुझे हिलाया पर मैंने आँख नहीं खोली, मेरी साँस तेज़ चल रही थी लेकिन मुझे पता था के ऐसी हालत में भाई इस बात पर ध्यान नहीं दे पाएगा, वो बाहर गया और पानी की बोतल लाया, उसने मेरे चेहरे पर पानी मारा और मैंने होश में आने का नाटक किया, उसने मुझे सहारा देकर बैठाया और पानी पिलाया, पर उसकी नज़र मेरे नंगे जिस्म पर ही थी।

उसने मुझे उठाकर पलंग पर बैठाने की कोशिश की तो मैंने कहा- यहां नहीं, मेरे कमरे में ले चलो! भाई ने कहा- अभी यही लेट जा! मैंने कहा- नहीं, मेरे कमरे में ले चलो।

भाई ने मुझे सहारा दिया और मेरे कमरे में ले जाने लगा, मैंने अपना नंगा बदन भाई से चिपका दिया और उसके लंड को भी छुआ। भाई का लंड खड़ा था, मैं समझ गयी के भाई ने मुझे उस नज़र से देख लिया है। और कोई भी लड़का एक नंगी लड़की को बांहों में लेकर अपने लंड पर कंट्रोल नहीं कर सकता चाहे वो लड़की उसकी बहन ही क्यों न हो।

भाई ने मुझे पलंग पे लेटाया और चादर डाल दी मेरे ऊपर और बोला- क्या हुआ था? मैंने कहा- पता नहीं, शायद बी पी लो हो गया है, चक्कर आ गया था। उसने कहा- अच्छा, मैं चाय बना देता हूं! और वो बाहर चला गया।

मुझे लगा कि मेरा सारा प्लान खराब हो जाएगा। मैं फटाफट उठी और नंगी ही बाहर आ गयी और बाहर आकर वाश बेसिन पर उल्टी करने की कोशिश करने लगी. भाई रसोई से आया और मुझे पकड़ लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा जिससे उल्टी रुक जाए। मैंने ज़रा सा पीछे होकर अपने चूतड़ उसके लंड से चिपका दिए और धीरे धीरे हिलाने लगी। भाई का एकदम खड़ा हो चुका था और वो सामने वाले शीशे में लटकती हुई मेरी चूचियों को घूर रहा था।

मैंने थोड़ा सा दबाव और डाला चूतड़ का तो वो झड़ गया, उसकी पकड़ ढीली हो गयी और हाथ काम्पने लगे, मैं समझ गयी कि वो झड़ गया। मैंने ठीक होने का नाटक किया और भाई के बदन से चिपकती हुई अपने कमरे में आ गयी। मैंने देखा के भाई के झड़ने से उसके लंड से जो माल निकला उससे उसकी केपरी खराब हो रही थी, भाई मुझे लेटाकर चाय लेने चला गया और सीधा बाथरूम में गया और अपनी केपरी बदल कर चाय लेकर आया।

मैंने चाय ले ली और थोड़ा उठ कर बैठ गयी जिससे चादर थोड़ा खिसक गई और मेरी चूचियां दिखने लगी। मैंने भाई से पूछा- तुमने केपरी क्यों बदल ली? वो झेंप गया और बोला- शायद तुम्हारी उल्टी के छींटे आ गए थे! मैंने कहा- पर मुझे तो उल्टी आयी ही नहीं… और आप तो मेरे पीछे थे। वो सकपका गया और बोला- हां… पर मुझे ऐसा लगा इसलिए बदल ली।

मैंने कहा- भाई, आप मुझसे चिपक कर झड़ तो नहीं गए? उसको इस बात की उम्मीद नहीं थी और वो हक्का बक्का रह गया और बोला- ये क्या बात कर रही है, पागल हो गयी है क्या? मैंने चाय का कप उसकी तरफ बढ़ाया, उसने पकड़ा और मैंने लपक कर उसकी केपरी को नीचे खींचा, उसका माल से भीगा हुआ कच्छा मेरे सामने था, मैंने कहा- ये क्या है भाई? उसके होश उड़ गए, वो समझ नहीं पाया कि ये क्या हुआ।

मैंने उसका कच्छा नीचे किया और उसका लंड हवा में झूल गया। मैंने बोला- भाई, इतना क़ीमती माल क्यों खराब कर रहे हो, मुझे ही पिला देते, मेरे काम आ जाता। उसने बोला- तू पागल है क्या… ये सब क्या कर रही है? मैं बोली- भाई, मैं सब देख रही थी, जब मुझे उल्टी आ रही थी तुम मेरी चूचियां ताड़ रहे थे शीशे में। वो थोड़ा डर गया और बोला- ऐसा नहीं है। मैंने कहा- ऐसा ही है… इसीलिए तुम झड़ गए।

उसने बोला- चल जाने दे, आराम कर ले। मैंने कहा- भाई, अब मुझे ये माल पीना है, सुना है लो बी पी के लिये बहुत अच्छा होता है। उसने बोला- अरे ये सब गलत है, हम भाई बहन हैं, ये सब नहीं कर सकते। मैंने कहा- सब कर सकते हैं, एक बार करके देखते हैं, अच्छा लगता है या नहीं। भाई बोला- किसी को पता लगा तो बहुत बदनामी होगी ममता।

बस दोस्तो, यही वो लाइन है जिससे आपको पता लगता है कि सामने वाला पट गया। मैंने कहा- भाई किसी को कैसे पता लगेगा, घर में कोई है नहीं और हम किसी को बताएंगे नहीं। यह कहकर मैंने उसका लंड पकड़ लिया ओर वो फिर से खड़ा होने लगा।

मैंने कहा- भाई, ये तो मान गया, आप भी मान जाओ। भाई कुछ नहीं बोला औऱ मैं समझ गयी कि वो अब मेरा हो चुका है।

यहाँ पर मैं यह भी बता दूँ कि मेरी दो सहेलियों ने भी मुझसे सुनकर ये किया लेकिन उनको कुछ अलग चीज़ों का सामना करना पड़ा, एक लड़की ने उल्टी करते समय काफी दबाव डाला अपने भाई के लंड पर लेकिन वो झाड़ा नहीं तब उसने अंदर जाकर अपने भाई को बोला ‘भाई तुम मेरे पीछे से मज़े ले रहे थे’, उसके भाई ने मना किया तो उसने उसका खड़ा लंड पकड़ लिया और बोली फिर ये क्यों खड़ा है?

दूसरी लड़की का भाई बिल्कुल नहीं माना तो उसने बोल दिया ‘भाई अगर तुम नहीं मानोगे तो मैं मम्मी को बोलूंगी के तुमने मेरे साथ सेक्स करने की कोशिश की और मम्मी तुम्हारी बात नहीं मानेंगी। उसका भाई मान गया क्योंकि अगर वो ऐसा करती तो उसकी मम्मी उसके भाई पर कभी भी भरोसा नहीं करती।

इसलिए अपने दिमाग से काम लो और जैसे हालात हो वैसा काम करो, हिम्मत मत हारो, भाई हार जाएगा।

वापस अपनी कहानी पे आती हूँ. भाई अभी अभी झड़ा था तो मैंने उसका लंड अपने मुंह में लिया और चूसने लगी, उसकी सिसकारी निकल गयी लेकिन लंड फुल टाइट होने लगा. मैंने अपनी लाइफ में कई लड़कों का लिया है जिनमें से कुछ का काफी बड़ा भी था लेकिन मेरे भाई का साइज नॉर्मल ही था, कुछ खास बड़ा नहीं और छोटा भी नहीं। मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं, एक परमानेंट जुगाड़ तो बन रहा है, शादी होने तक ये मुझे खुश करेगा और कोई खतरा भी नहीं।

अब मैं खड़ी हो गयी औऱ भाई के होठों पे हल्का सा किस किया, यह सबसे अजीब अनुभव था, वो अभी भी शर्मा रहा था, मैंने उसका हाथ अपनी चूची पे रखकर दबाया, उसको मज़ा आया और वो मेरी चूचियों पर टूट पड़ा, उसने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मे दबाने शुरू कर दिए और मैं गर्म होने लगी।

मैं उससे ज़रा अलग हुई और बिस्तर पर लेट गयी। वो भी बिस्तर पर आ गया और मेरे साथ लेट गया और मेरे जिस्म को सहलाने लगा। उसने मेरे पूरे बदन पर हाथ फेरा और जांघों पर ही अटक गया। मैंने उसके कान में पूछा- भाई आज तक किया नहीं क्या? उसने कहा- नहीं, ये मेरा पहला सेक्स है।

मैं और मस्त हो गयी, आज तक मैंने जितने भी लड़कों के साथ किया, वो सब पहले से ही किये हुए थे, लेकिन आज एक ऐसा लंड मिला है जो एकदम नया है। मैंने भाई के सारे कपड़े उतारकर उसको भी नंगा कर दिया।

मैंने कहा- कोई बात नहीं, सब हो जायेगा। और मैंने उनको बोला- मैंने आपका लंड चूसा, आप मेरी चूत नहीं चूसोगे? उसने कहा- हां।

मैंने अपनी टाँगें फैला दी और उसका मुंह अपनी चूत पे लगा लिया, उसने चूत को चूसना शुरू किया तो मुझे हंसी आ गई। मैं समझ गयी उसको कुछ नहीं आता। फिर मैंने उसको समझाया कि ‘कैसे करते हैं’ और उसने वैसा ही किया।

अब मुझे मज़ा आने लगा, मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थी ‘ममम्मम आआआआ ऊऊऊऊ…’ वो रुक गया. मैंने कहा- करते रहो, मज़ा आ रहा है! और मैं झड़ गयी। मेरा सारा माल उसके मुंह पे गिर गया।

वो उठ गया, मैंने उसको अपने बदन से चिपका लिया और उसके होंठ चूसने लगी, अब वो मेरा साथ दे रहा था, मज़ा आ रहा था, वो मेरे जिस्म को सहला रहा था. अब वो रुक गया और अपना लंड मेरी चूत पे लगाने की कोशिश करने लगा. मैं समझ गयी कि अब इसके अंदर का मर्द जाग चुका है और मुझे खुशी हुई के मैंने अपने भाई को मर्द बना दिया।

मेरी चूत गीली थी पर अनाड़ी होने की वजह से वो डाल नहीं पा रहा था और उसका लंड बार बार फिसल रहा था जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसका लंड पकड़ा और चूत में घुसाने की कोशिश की, उसने भी धक्का मारा और आधा लंड अंदर आ गया, मेरी आवाज निकल गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसने आंख के इशारे से पूछा क्या हुआ, मैं बोली- मज़ा आया, पूरा डाल दो! उसने एक धक्का दिया और भाई का पूरा लंड बहन की चूत के अंदर आ गया। मैं आवाजें निकालने लगी- आह… ओह्ह.. मम्मम!

वो धक्के देने लगा, मेरे मम्मे दबाने लगा और 5 मिनट में ही हम झड़ गए। वो मेरे साथ ही चिपका रहा और मुझे सहलाता और चूमता रहा।

इसके बाद उसमें कितना सुधार आया और हमने आगे कितने मज़े किये वो अगली कहानियों में बताऊंगी। लेकिन यह बता देती हूँ कि अगला मौका कैसे मिला। अगस्त में रक्षा बंधन आ गया और मैंने भाई से कहा- इस साल मुझे पैसे या गिफ्ट नहीं चाहिए, मुझे मकलोडगंज घुमा के लाओ। भाई भी समझ गया कि 3 दिन घूमने का मतलब है कि 3 दिन और 3 रात की फुल चुदाई वो भी फ्री! उसने भी हाँ कर दी और रक्षा बंधन के अगले दिन ही हम चल दिये घूमने। इस से अच्छा रक्षा बंधन गिफ्ट क्या होगा किसी भाई और बहन के लिए।

[email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000