न्यू सेक्स स्टोरी मेरी सुहागरात की

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आप सभी प्यारे दोस्तों, देवरों और मेरे प्यारे मुँहबोले पतियों को आपकी मधु का प्यार भरा नमस्कार। आप लोगों मेरी पिछली कहानी मेरे मौसेरे भाई ने मेरी चूत गांड को खूब चोदा को इतना ज्यादा सराहने के लिए दिल से कोटि-कोटि नमन करती हूँ और धन्यवाद व्यक्त करती हूँ. उन लोगों का खासतौर से धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरे बारे में सब कुछ जानते हुये भी कि मैं कितनी बड़ी चुदक्कड़ हूँ और कितने ही लोगों से चुदी हूँ, उसके बाद भी मेरे से शादी करने की इच्छा जतायी।

मैं आप लोगों से माफी मांगती हूँ क्योंकि मैं अपने पति और अपने यारों से खुश हूँ। लेकिन आप लोग दिल छोटा ना करें क्योंकि आप लोग मेरे पति नहीं बन सकते लेकिन आप चाहें तो मेरे होने वाले बच्चे के बाप बनने में अपना योगदान दे सकते हैं। जिसके लिए मैं तैयार हूँ।

एक बात और… बहुत सारे लोगों ने यह प्रश्न किया कि यह कहानी वास्तिवक है या काल्पनिक? मैं आप लोगों को बता दूँ कि मेरी सारी कहानी बिल्कुल सत्य हैं। हाँ कहानी को रोमांटिक बनाने के लिए थोड़ा मसाला ऊपर से डालती हूँ। और एक बात… जिस दिन मेरे पास सच्ची चुदाई नहीं रही, मैं कहानी भी नहीं लिख पाऊंगी।

इन बातों को खत्म करते हुये मैं आप लोगों का फिर से एक बार धन्यवाद करती हूँ और अपनी न्यू सेक्स स्टोरी की ओर चलती हूँ।

आप लोगों ने पिछली कहानी में पढ़ा कि किस तरह मैंने मौसेरे भाई सन्नी से गान्ड मरवाई। फिर वो मेरे लिए कपड़े लाया और मैं घर चली गयी। फिर उसके बाद सन्नी से बहुत बार चुदी वो तो मेरे घर पर आकर भी चोद देता था और किसी को शक भी नहीं होता क्योंकि सन्नी तो मेरा बहनचोद भाई हैं ना… और एक बात… अभी तक सबसे ज्यादा मुझे सन्नी ने ही चोदा है और अभी तक चुद रही हूँ।

लाइफ ऐसे ही मजे से जी रही थी मैं कि इसी बीच मेरी शादी अमित के साथ हो गयी।

आज मेरी सुहागरात थी, घर की भाभियाँ और ननद मुझे कमरे में ले जाने लगी। जैसे ही कमरे में गयी, मैं कमरे को देखकर बहुत खुश हुई, कमरा जिसने भी सजाया था, बड़े ही रोमांटिक तरीके से सजाया था। फिर सभी ने मुझे सुहागसेज पे बिठा दिया और सब मेरे से गंदे-गंदे मज़ाक कर रही थी। मेरी ननद जो अभी कुंवारी थी, वो तो बहुत ही गंदी मजाक कर रही थी।

तभी अमित दोस्तों को लेकर आये और सभी महिला चली गयी। मैं भी चौंक गयी कि ये क्या ग्रुप सेक्स करेगा क्या जो सबको लेकर आया है? मैं घूँघट में बैठी थी।

तभी अमित का एक दोस्त बोला- यार अमित, अपनी बीवी से मिलवा! अमित ने मेरे सर पर से चुनर हटा फेंकी और बोला- लो मिल लो अपनी भाभी से! सब मुझे घूरते ही जा रहे थे और मैं नज़र नीचे किये हुए थी।

फिर अमित मुझसे बोला- यार मधु, शर्माओ मत, बात करो! ये सब मेरे करीबी दोस्त हैं। सबने मेरे से हैंड शेक करी और अपना अपना परिचय दिया।

फिर अमित के एक दोस्त ने बोला- यार अमित, तूने तो अच्छी माल पटा ली।

सब ऐसे ही गन्दी-गन्दी बातें करते-करते रात के 11 बज गए। फिर सब दोस्त जाने लगे और अमित को इनडाइरेक्ट मेरी जबदस्त चुदाई करने को बोलकर चले गए। और जाते-जाते एक दोस्त ने अमित को कुछ दिया और बोला- जंग में विजय प्राप्त कर के आना। सब हँसते हुए चले गए और मैं भी मन ही मन हंसती गयी कि अमित मेरी चूत की जंग तो शादी से पहले ही जीत चुके हैं.

और उस रात अमित ने मेरी जबरदस्त चुदाई करी और मैं भी बराबर का साथ दी। मैं अमित से इतनी बार चुदी लेकिन आज की चुदाई बिल्कुल अलग थी। मैं उस अहसाह को शब्दों में बयां नहीं कर सकती। लेकिन मैं फिर भी कोशिश करूँगी की मेरी सुहागरात की चुदाई के कुछ कारनामे आप लोगों के सामने पेश करूँ!

अमित के दोस्तों के जाने के बाद अमित दरवाजे को बंद करके मेरे पास बैठ गया और एक गाल को बहुत देर तक चूसा और बोला- रानी, आज की रात हम दोनों के लिए स्पेशल है। और इसे बहुत ही स्पेशल तरीके से मनाएंगे। मैं भी उसके लन्ड को कपड़ों के ऊपर से सहलाते हुए बोली- क्यों नहीं जानेमन!

फिर हम दोनों गले लग गए। अमित मुझे अपने बाँहों में दबोचे मेरे चेहरे को चूमने लगा और एक लम्बी स्मूच की, फिर एक दूसरे के कपड़े उतारे.

अमित मेरे नंगे बदन को देख कर बोला- आज इसकी खैर नहीं! यह बोलकर अमित फ्रिज के पास गया और फ्रिज से आइस क्यूब लेकर आया और अपने होंठों में रखकर मेरे होंठों पर रख दिया और चूसने लगा। यह मेरे लिए बिल्कुल नया था जो मुझे काफी अच्छा लगा और मैं मदहोश होने लगी।

फिर वो ठुड्डी से होते हुए मेरी चुचियों पर पहुँच गए और बर्फ को मेरी चुचियों की सैर करवा रहा था। मैं अब चुदने को बिल्कुल तैयार थी। फिर धीरे-धीरे वो मेरी नाभि पर पहुँच गया। वहाँ भी अमित बहुत करामात करते हुए मेरी चूत पर पहुँचे और फिर मेरी टाँगों को फैलाकर अपने होठों से ही बर्फ को मेरी चूत को डालने लगे।

अमित के इस हरकत से मदहोशी के कारण मेरे शरीर में अब कम्पकपी होने लगी थी। मैंने सोचा कि अब तो ये चोदेगा, लेकिन मैं गलत थी। और तभी अमित उठा और फिर से फ्रिज से एक भारी सा डिब्बा निकाल कर बिस्तर पर आया, मुझे चित लेटा दिया और उस डिब्बे में से कुछ निकाल कर रैपर हटाने लगा। और फिर उसके बाद जो वो किया मैं तो उसकी दीवानी हो गयी। मैं आप लोगों को बता दूँ वो चीज कुछ और नहीं बल्कि मेल्ट चॉकलेट थी।

फिर मेरा नया नया पति मेरी चुचियों पर धीरे धीरे चॉकलेट गिराने लगा। उस चॉकलेट की एक एक बूंद मुझे सातवें आसमान पर पहुँचा रही थी। फिर धीरे धीरे मेरी नाभि से होते हुए चूत पर जाकर रुक गया और चूत को चाटने लगा और जीभ घुसाकर मेरी जीभ से चुदाई करने लगा।

करीब 5 मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दी तो अमित बोला- इतनी जल्दी पानी छोड़ दिया? अभी तो पूरी रात बाकी है। फिर वो बोला- कोई बात नहीं! और अपने जीभ से चूस-चूसकर सारा पानी पी गया।

फिर उसने जीभ बाहर निकाल ली और फिर उस डब्बे से एक किटकेट निकला। मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या कर रहा है, मैं तो बस चाह रही थी कि बस ये लन्ड डाल कर मेरी चूत की गर्मी शांत कर दे! लेकिन ये तो पूरी प्लानिंग कर के आया था।

और फिर अमित ने किट-केट मेरी चूत के अंदर घुसा दी। मैं जोर से चिंहुक उठी- नहीं… बोली- यार अमित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मेरी चूत फाड़ दो। तो अमित बोला- टेंशन मत लो मेरी रानी… आज तो तेरी चूत की ऐसी हालत कर दूँगा कि मेरे लन्ड से डरने लगोगी।

और फिर अमित ने मेल्ट चॉकलेट से चूत को ढक दिया जैसे मानो कि वहाँ चूत हो ही ना। नाभि और उसके नीचे मेरा पूरा बदन को चॉकलेट से ढका था।

अब आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं तो मदहोश थी, फिर मैंने ये सब कैसे देखा? तो मैं आप लोगों को बता दूँ कि मेरे पति ने मुझे बिना बताये हिडेन कैमरा लगाए हुए थे जो मुझे बाद में पता चला था।

फिर अमित मेरे पैरों के पास जाकर बैठ गया और पैर के अँगूठे को किस करते हुए आगे घुटने तक पहुँच गया। मैं फिर से गर्म हो गयी थी। मेरी चूत में मानो भट्टी जल रही हो और ऊपर से ये चॉकलेट और भी बेकरारी बढ़ रही थी। मेरी चूत की दोनों पंखुड़ियाँ फर-फर कर रही थी। मेरी चूत की गर्मी से चॉकलेट पिघलने लगी थी। तब तक अमित मेरी जांघों पर आ चुका था और फिर उसने जो मेरी जांघों को जख्मी किया। अभी भी वो चुदाई याद करके मेरी चूत गीली हो जाती है।

उसने पहले मेरी दोनों जांघों की चॉकलेट को चाट-चाट कर साफ किया, फिर वो मेरी जांघों को चूसने लगा। गर्मी के कारण मेरा बदन ऐंठने लगा था, मेरी कमर अपने आप उचकने लगी, मेरे मुंह से सिर्फ सिसकारी निकल रही थी- ओह्ह हहह… आह हहह… मर गयी। अब और नहीं प्लीज्… जानू अब बर्दाश्त नहीं कर सकती… फाड़ दो मेरी चूत को! तो अमित बोला- अभी थोड़ा इंतज़ार करो रानी।

और फिर वो मेरी जांघों को अपने दांतों से काटने लगा। मुझे उसके काटने से बहुत दर्द हो रहा था, ऐसा लग रहा था मानो मेरी जांघ से खून निकाल देगा। लेकिन मैं इतनी मदहोश थी कि मुझे सिर्फ लन्ड ही दिखाई पड़ रहा था। मैं इतनी गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकी और फिर से झड़ गयी। मेरे बदन में आज इतनी गर्मी कहाँ से आ गयी थी, पता नहीं। मेरी चूत इतनी गर्म थी कि मेरे चूत में रखी चॉकलेट पिघल कर रिस रही थी।

फिर मैं अमित को बोली- मेरी जांघों को ही चोदोगे क्या? या ऊपर भी आओगे? तो अमित बोला- मेरी रानी, तू टेंशन मत ले, बस मजे ले! मैं बोली- मजे तो तब आयेंगे जब तुम मेरी चूत के चिथड़े उड़ाओगे। तो अमित बोला- तेरी ये तमन्ना भी पूरा करूँगा मेरी रानी।

यह बोलकर वो आगे बढ़ा और मैंने सोची कि अब अमित मेरी चूत से चॉकलेट निकलेगा!

लेकिन वो तो आज अलग ही मूड में था, अमित मेरी नाभि के पास अपनी जीभ फिराने लगा। मैं ऐसे तड़प उठी जैसे जल बिन मछली! फिर उसने मेरी नाभि की सारी चॉकलेट चाट ली और उसे भी अपने दांतों से चबाने लगा। मैं तो अपना आपा खो चुकी थी, वो इतनी जोर से दाँत काट रहा था कि मैं चिहुकने लगी थी लेकिन वो तो बस अपनी जीभ से मेरी नाभि को चूत समझकर चोद रहा था। वो मेरी चूत को जैसे भूल गया था।

मैं आज तक कितने लोगों से चुदी, अमित ने भी शादी से पहले मेरी बहुत बजाई लेकिन आज तक ऐसी चुदाई कभी कल्पना में भी नहीं सोची थी। मेरा यकीन मानिए आप एक बार ऐसी चुदाई किसी के साथ कर के देखे वो आपकी गुलाम हो जाएगी जैसे इस वक़्त मैं थी अपनी पति की गुलाम।

अब वो आगे बढ़ा और मेरी चुचियों की तरफ बढ़ा। मैं समझ गयी कि आज इनकी दुर्गति होने वाली है क्योंकि अमित ने उन चीजों को नहीं छोड़ा जिनकी लोग उपयोग कम करते है। वैसे भी चुचियों को तो मसलवाने का वरदान ऊपर वाले से ही मिला है।

तभी अमित ने मेरी चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। कुछ देर तक तो बड़े अच्छे से चूस रहा था। उसके बाद वो जालिम की तरह मेरी चूची को काटने लगा। ऐसे लग रहा था जैसे मेरी मेरी चूची से खून निकल जायेगी, लेकिन मज़ा भी उतना ही ज्यादा आ रहा था। फिर मैं अपने हाथों से अमित को हटाने लगी तो अमित ने मेरे दोनों हाथों को दोनों तरफ कर और तेज से काटने लगा। वो कभी मेरी चूचियों को जोर से काटता तो कभी अपनी जीभ लेकर निप्पल को चाटता तो कभी बच्चे की तरह दूध पीता।

मेरा दिमाग कंफ्यूज हो गया था कि मैं दर्द से चिल्ला रही थी या मदहोशी से। जब मेरा दिमाग नहीं समझ पा रहा था तो चूत की क्या औकात… मैं कब गर्म होती और कब झड़ जाती, पता ही नहीं चल पा रहा था। आज बिना चुदे ही अभी तक मेरी चूत ने 4 बार पानी छोड़ दिया और मेरी चूत से चॉकलेट रिस-रिस कर निकल रही थी।

मैं अब चुदाई के लिए पागल होती जा रही थी। अब मैं बर्दाश्त करने के काबिल नहीं रही। तब मैं अमित को गुस्से में बोली- आज चोदोगे भी? या यही सब करते रहोगे? अमित समझ गया कि मैं गुस्से में हूँ तो उसने मेरी चुचियों को मुक्त किया और बोला- अभी तेरी चूत के चिथड़े उड़ाता हूँ रानी।

फिर वो मेरी टाँगों के बीच आकर बैठ गया और मेरी चूत पर उँगली फिराने लगा। मैं सिहरने लगी।

अमित ने मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया, मैं फिर से मचलने लगी और फिर धीरे-धीरे कर के सारी चॉकलेट को चूस लिया और जीभ से चूत में रखी किट-केट को अंदर धकेल रहा था। मेरे से अब वासना की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी, मैंने अपनी टाँगों की कैंची बनाकर उसके सर को मेरी चूत में और दबोच लिया और वो भी मज़े से मेरी चूत चुसाई कर रहा था। मेरी चूत के अंदर तो लावा फूट रहा था। तभी लावा ने ज्वालामुखी का रूप लेकर फिर पानी छोड़ दिया।

अमित बोला- फिर से झड़ गयी जान! यह बोलकर वह मेरी चूत से किट-केट निकालने लगा। जैसे ही चॉकलेट निकला, मैं चॉकलेट देखकर चौक गयी। चॉकलेट मेरी चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और ऐसे लग रहा था कि जैसे चॉकलेट ने मेरी चूत को चोदते-चोदते अपने प्राण त्याग दिये।

अब अमित मेरे मुँह के पास अपना लन्ड लाया तो मैं बोली- रुको! और उठकर उसके लन्ड पर ढेर सारा चॉकलेट लगा दी। यह देखकर अमित बहुत खुश हुआ और बोला- ये हुई न बात! फिर मैं उसके लन्ड को चूसने लगी।

मुझे अब पता चला कि अमित आज मेरी इतनी चुसाई क्यों कर रहा था। मैं खुद ही अलग दुनिया में खो गयी थी और मन कर रहा था कि पूरी रात अपने पति का लंड चूसती रहूँ। और अमित भी अपनी आँखों को बंद करके मुख मैथुन का आनन्द ले रहा था।

फिर मैंने उसके लन्ड को बाहर निकाला और बोली- मुझे चूत चुदवानी है, मुँह नहीं! वो उठा और एक शीशी से तेल निकली और अपने लन्ड पर लगाकर थोड़ी मालिश करी और आकर मुझे फिर से लिटा दिया और फिर से मेरी चूत पर ढेर सारी चॉकलेट लगा दी। मैं गुस्से से बोली- यार, पूरी रात चूसोगे ही क्या? तो अमित बोला- नहीं रानी, आज तेरी चूत पर चॉकलेट लगा कर चोदूँगा.

मैं यह सुनकर खुश हुई कि चलो अब मेरी चुदाई होगी। मैं चुदने के लिए कभी इतना नहीं तड़पी थी।

फिर उसने थोड़ी देर मुझे उंगली से चोदा और आखिरकार चूत और लन्ड की मिलन की घड़ी आ ही गयी। तभी अमित ने मेरी फड़फड़ा ती चूत पर लन्ड रखा। उस टाइम मैं इतनी खुश थी कि मैं बता नहीं सकती। उसने एक जोर का झटका मारा और लन्ड ने सुपर फ़ास्ट रफ्तार से मेरी चूत फाड़ते हुए मेरी बच्चेदानी की पप्पी ले ली और मैं दर्द से उछल पड़ी। मैं बोली- यार धीरे से डालने में कोई दिक्कत थी?

मेरा पति अमित लन्ड आगे पीछे करने लगा। मैं तो गर्म पहले से ही थी तो मैं भी अपनी कमर हिला-हिलाकर साथ देने लगी। वो धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाये जा रहा था, मैं भी उसके लन्ड को बराबर का टक्कर दे रही थी, मैंने भी अपनी गान्ड हिलाने की स्पीड तेज कर दी और अपनी पैरों की कैंची बनाकर उसे दबोच लिया।

वो बस चोदे जा रहा था। मैं करीब 10 मिनट बाद झरने को आई और मैं मदहोशी में अमित को बोलने लगा- फाड़ दो राजा चूत को, भोसड़ा बना दो! अमित भी बोलने लगा- आज तुझे रंडी की तरह चोदूँगा, तेरी चूत को आज ऐसे फाड़ूंगा कि तेरी सारी गर्मी निकल जायेगी। ये बोलते बोलते एक बार फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.

लेकिन अमित तो पहले से भी ज्यादा जोश में आ गया था, आज तक इतनी स्पीड में अमित ने मुझे नहीं चोदा था। पूरे कमरे में बस फच-फच की मधुर ध्वनि गूंज रही थी। मैं 10-15 मिनट बाद फिर से झड़ गयी। लेकिन अमित अभी भी पूरे जोश से चोदे जा रहा था। वो इस तरह से चोद रहा था जैसे मैं उसकी बीवी नहीं रंडी हूँ। मेरी तो समझ में नहीं आ रहा था कि ये कर क्या रहा है।

वो चूत तो फाड़ ही रहा था और इधर वो मेरे होंठों को जार-जोर से चूस रहा था, कभी वो मेरी गाल काटता तो कभी मेरी गर्दन पर प्रहार करता। वो आज ऐसे काट रहा था जैसे कि कोई जंगली भेड़िया हो। मेरे बदन में आज ऐसी कोई जगह नहीं बची जिस जगह अमित ने काटी न हो। फिर वो चाहे मेरे होंठ हो या गाल, गर्दन हो या चूची, नाभि हो या पेट, चूत हो या जांघ, या फिर पीठ हो या गान्ड… वो हर जगह को घायल किये था।

अमित करीब 30 मिनट से मेरी चूत बजा रहा था जिससे मेरी चूत में लहर सी उठने लगी थी और चूत में दर्द भी शुरू हो गया था। पहले अमित ज्यादा से ज्यादा 15-20 मिनट में झड़ जाता था लेकिन आज तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। शायद उसने कोई दवाई ले ली थी। अमित का यह रूप मैंने पहले कभी नहीं देखा था।

अब मेरी चूत की लहर और दर्द असहनीय हो गया था तो अमित को बोली- यार रुक जाओ, मेरी चूत में दर्द हो रहा है। अब रहने दो, कल कर लेना। तो अमित बोला- क्यों क्या हुआ? अभी तो बहुत उछल रही थी? सुहागरात आज है ना… तो आज ही तेरी फाड़ूंगा।

मैं दर्द से रोने लगी तो अमित ने अपना लन्ड निकाला और मेरी गान्ड पर रख कर बोला- गान्ड तो दर्द नहीं हो रही है ना? फिर उसने गान्ड पे चॉकलेट लगाया और एक जोर का झटका मारा और लन्ड गान्ड को फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला गया और मेरी गान्ड सच में फाड़ दी, मेरे गान्ड से खून निकलने लगा, मैं दर्द से छटपटाने लगी।

लेकिन उस पर मानो भूत सवार था, वो बस तेजी से लन्ड आगे पीछे करने लगा और 10-15 मिनट तक वो मेरी गान्ड फाड़ता रहा।

अब मेरी गान्ड भी जवाब देने लगी, गान्ड भी दर्द करने लगी थी। फिर मैंने जैसे तैसे लन्ड निकलवाया और मुँह में ले लिया. उसने मुँह में 2 मिनट ही चोदा कि मैंने निकाल दिया।

फिर वो कभी मेरी चूत फाड़ता तो कभी गान्ड… दोनों की बैंड बजा बजाकर चोदता रहा और तो मैं तो दर्द से सुन्न सी हो गयी थी।

वो ऐसे ही 15-20 मिनट चोदता रहा। फिर उसने और स्पीड बढ़ा दी और बोला- रानी, मेरा अब निकलने वाला है। यह सुनकर मेरी दिल को सुकून आया और मैं भी उसके झटके का जवाब देने लगी. वो मेरी गर्दन पर दाँत गड़ाए था और झटके दे रहा था।

करीब 5 मिनट बाद वीर्य की बाढ़ उसने मेरे चूत में छोड़ दी और मेरे ऊपर ही निढाल हो गया। मैं देखती ही रह गयी कि इतना वीर्य कोई कैसे छोड़ सकता है। अगर मैं नापती तो 50 ग्राम से कम नहीं होता। सारा वीर्य मेरी चूत से निकल कर बिस्तर पर फैलने लगा। मैंने अमित को अपने ऊपर से हटाया और हम दोनों एक दूसरे से लिपटे सो गए!

उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को यह न्यू सेक्स स्टोरी अच्छी लगी होगी। आप मुझे मेल करके या फेसबुक पर बता सकते हैं।

एक बार फिर आप सभी दोस्तों, देवरों और सारे मुँहबोले पतियों को मधु की तरफ से ढेर सारा प्यार।

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