माँ सेक्स स्टोरी: मेरी चरित्रहीन माँ

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमित है, यहाँ कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा कि मैं भी अपना आँखों देखा हाल भी आप लोगों तक पहुँचाऊँ!

मेरी उम्र 19 साल की है, अपने घर का मैं इकलौता लड़का हूँ, घर में माँ-पापा और मैं हम तीन लोग ही रहते हैं. पिता जी मार्केटिंग में काम करते हैं तो ज्यादातर बाहर ही रहते हैं. मेरी माँ का नाम प्रभावती है, उसकी उम्र करीब 38 साल की है.

यह सेक्स कहानी मेरी माँ के बारे में हैं जो इस उम्र में भी अच्छी अच्छी जवान लड़कियों को फेल कर दे! एकदम कसा हुआ गदराया बदन, बड़े बड़े बूब्स और बाहर निकली हुई चौड़ी और गोल गोल गांड!

बात करीब 6 महीने पुरानी है, जब मुझे अपनी माँ की चरित्रहीनता के बारे में पता चला. बात तब की है जब मैं ग्यारहवीं क्लास में था, नयी नयी जवानी आयी थी मेरी … और इस उम्र में और मुठ मार मार के दिन काट रहा था.

मम्मी घर में मखमली नाइटी पहन कर घूमा करती थी जो उसके बदन से पूरी चिपकी रहती थी जिससे उसके बड़े बड़े चुचे और मटकती गांड एकदम झलकती रहती थी. मुझे अब अपनी माँ के बदन में इंटरेस्ट आने लगा था, मैं मम्मी को सोच सोच के रोज़ मुठ मारा करता था और सोचने लगा कि कैसे मैं इसे चोद सकता हूँ.

एक बार पापा करीब 15 दिन बाद घर आये थे, तो करीब एक हफ्ते तक घर पर ही रहे थे. मेरा कमरा और पापा-मम्मी का कमरा एकदम साथ में ही था, बिना दरवाज़े के!

रात को करीब दो बजे मैं पेशाब करने उठा तो पापा-मम्मी के कमरे से अजीब अजीब सी आवाजें आ रही थी. चूँकि पूरा अँधेरा था तो मैं कुछ देख तो नहीं सकता था लेकिन अच्छे से सुन पा रहा था.

जोर जोर से सांसें चलने की आवाज आ रही थी और मम्मी बोल रही थी- आअह उह्ह्ह्ह ह्हहां और करो! और जोर से! ऎसी आवाजें आ रही थी तो मुझे समझने में देर न लगी कि मम्मी चुद रही है! मैंने उसकी कामुकता भारी आवाज़ सुनकर ही मुठ मार ली.

जितने दिन पापा थे, उतने दिन भर पेट चुदाई हुई मम्मी की … फिर हफ्ते भर बाद पापा बाहर चले गए!

उसके बाद मैं और मम्मी घर पे अकेले थे, मुझे मम्मी के नंगे बदन को देखना था, उसके लिए मैंने बाथरूम के दरवाज़े में एक छेद बना दिया था.

सुबह के करीब 10 बज रहे थे, मम्मी बोली मैं नहाने जा रही हूँ! मैंने कहा- ठीक है, नहा लो!

मम्मी करीब एक डेढ़ घंटे तक नहाती थी. अंदर ही अंदर मैं खुश हो रहा था कि आज मैं अपनी मॉम को नंगी देखूंगा … अपनी माँ के कसे हुए जिस्म को पूरा नंगा देखूँगा!

मम्मी के बाथरूम में घुसने के करीब दस मिनट बाद मैं दबे पैर बाथरूम की तरफ बढ़ा. शावर की आवाज़ मुझे सुनाई दे रही थी. मैंने छेद से देखना शुरू किया, चड्डी में मेरा लौड़ा उफान मार रहा था. मैंने देखा कि मम्मी ने शावर चला रखा है और नाईटी के ऊपर से ही पानी उसके बदन पे बह रहा है और वो अपने हाथों से अपने ही बदन को सहला रही है! मेरा लौड़ा तो अब चड्डी फाड़ कर बाहर निकलना चाह रहा था.

थोड़ी देर बाद मम्मी ने अपनी नाइटी उतारी और उसके बाद तो मैं अपना आपा खो बैठा, एकदम बर्दाश्त के बाहर हो चुका था … मैं अपनी मम्मी को सिर्फ ब्रा और पेंटी में देख रहा था! एकदम गोरा चमकता हुआ जिस्म, बूब्स तो लग रहे थे कि ब्रा फाड़ के बाहर आ जायेंगे!

मम्मी ने फिर अपनी ब्रा और पैंटी उतारी, ओह … वो गोरी गोरी गांड देख कर मेरा दिमाग ही घूम गया, एकदम बड़े बड़े बूब्स … उन पर मोटे मोटे निप्पल, मॉम की चूत एकदम साफ़ थी. मम्मी की गांड की दरार में से बहते पानी को देख कर दिल कर रहा था कि उसके बदन को चूस लूं मैं!

अब मम्मी ने साबुन लगाया पूरे बदन पर और फिर शावर ऑन कर के नहाने लगी. अब मेरे लौड़े से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने मुठ मार ली और आकर अपने बेड पर किताब खोलकर बैठ गया. मम्मी भी नहा कर बाहर आ गयी और फिर रोज़ की तरह अपने काम में लग गयी.

अब मैंने रोज़ ही मम्मी को बाथरूम देखना शुरू कर दिया था!

कुछ दिनों बाद मेरे मामा घर आये, खूब मिठाई कपड़े वगैरह लेकर! मैं ऊपर से तो खुश था लेकिन अंदर से दुखी था कि अब मामा तो घर पे ही रहेगा तो मैं मम्मी को नहाते हुए भी शायद ही देख पाऊँगा! खैर मामा ने अपना बैग मुझे दिया और कहा कि इसे अपने कमरे में रख लूं! मैंने रख लिया.

मैं रोज़ की तरह अब मुठ मार कर सोने लगा था. एक दो दिन बीत गए, इसी बीच एक रोज़ मामा बाहर घूमने गए थे और मम्मी किचन में नाश्ता बना रही थी तो मम्मी ने मुझे कहा- बेटा, मामा के बैग में मेरी नयी साड़ी होगी जो मेरे लिए लाये होंगे, वो मुझे दे दो उनके बैग में से निकाल कर! मैं नहाने जाऊँगी नाश्ता बना कर!

मैंने मामा का बैग निकला और उसे खोल कर उसमें नयी साड़ी ढूंढने लगा, साड़ी मिल गयी, सबसे नीचे रखी हुई थी और उसमें से एक फोटो भी निकली, वो भी मम्मी की … एकदम नंगी आधे पानी में खड़ी हुई अपने बड़े बड़े बूब्स लटका के! मेरे तो होश उड़ गए वो फोटो देख कर कि मम्मी ऐसे किसी नदी में नंगी खड़ी होकर फोटो खिंचवा रही है? और वो फोटो मामा के बैग में? मैं बुरी तरह कंफ्यूज हो गया था!

खैर मैंने मम्मी को उनकी साड़ी दे दी और मम्मी की फोटो मामा के बैग में जहाँ थी, वहीं डाल दी. मैं बुरी तरह हिला हुआ था और सोच में पड़ गया था.

खैर दोपहर में करीब एक बजे मामा घर आ गए, और मुझे कहा- गेम जोन की टिकट ली है, तुम जाओ खेल के आओ एक दो घंटा! मुझे एकदम से शॉक लगा और दिमाग घूमा कि आज ये मेरा मामा अचानक से टिकट लेकर आया है, पापा घर में नहीं हैं और मुझे बाहर भेज रहा है, जरूर कोई बात है! मैं भी ठहरा कमीना … मैंने टिकट ले ली और तैयार होकर खाना खाया, फिर निकल गया दोनों को बोल कर कि मैं खेलने जा रहा हूँ.

मैं बाहर गया और अपनी गर्लफ्रेंड नीलम को बुलाया, उसके साथ मेरा रिश्ता बड़ा प्यारा है, हम सब कुछ एक दूसरे से शेयर करते हैं! मैंने उसे सब कुछ बताया, उसने कहा- चलो तुम्हारे घर चलते हैं, आखिर देखा जाए कि क्या हो रहा है! मुझे भी बात ठीक लगी तो मैंने भी हामी भर दी!

पीछे गार्डन की साइड से पीछे किचन का दरवाज़ा है जो हमेशा खुला ही रहता है कुण्डी न होने की वजह से … और उसके आगे वाला कमरा मम्मी-पापा का था जिसका दरवाज़ा टूटा हुआ था! अगर कोई किचन में खड़ा हो जाए और पीछे का दरवाज़ा बंद कर दे तो किचन में पूरा अँधेरा हो जाता है, और कमरे में बैठे आदमी को कुछ नहीं दिखाई देता किचन में!

घर से निकलने के करीब बीस मिनट बाद मैं और नीलम पीछे गार्डन वाली साइड पहुंचे और अंदर किचन में घुसकर तुरंत ही दरवाज़ा बंद कर लिया और कमरे की तरफ झाँकने लगे! अंदर का नज़ारा देखा तो मेरे और नीलम दोनों के होश उड़ गए!

अंदर मम्मी बिल्कुल नंगी थी और मामा और एक और आदमी (शायद मामा का दोस्त) मम्मी को बुरी तरह से चूम रहे थे. मामा मम्मी की चूत चाट रहे थे उस दूसरे आदमी ने अपना लौड़ा मम्मी के मुँह में दे रखा था और मम्मी एकदम जोश में भरी हुई उसके लौड़े को आंखें बंद करके चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद मामा अपना लौड़ा चुसवाने लगे मम्मी से … और वो दूसरा आदमी मम्मी के बूब्स चूस रहा था! मामा ने फिर कुछ कहा मम्मी के कान में, और मामा बेड पे लेट गए, उनके लेटते ही मम्मी उसके लौड़े पे अपनी चुत लेकर बैठ गयी धीरे धीरे और लौड़ा पूरा अंदर लेने के बाद मम्मी मामा के ऊपर लेट गयी और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे!

फिर वो आदमी भी बेड पे चढ़ गया और मम्मी की गांड में पीछे से लौड़ा पेल दिया. मम्मी ने अब मामा का लौड़ा अपनी चुत में और दूसरे आदमी का लौड़ा अपनी गांड में ले रखा था! अब दोनों मर्द मेरी मम्मी को एकदम रांड समझ के बेदर्दी से चोद रहे थे, लेकिन शायद मम्मी को भी मज़ा आ रहा था तभी वो सिर्फ हल्की हल्की सिसकारी भर रही थी, वरना दर्द होता तो चिल्लाती!

नीलम ने मुझे देखा और मैंने नीलम को … और फिर मुस्कुराने लगे. और नीलम ने इशारा किया कि और देखो! हम फिर से देखने लगे.

करीब बीस मिनट बाद उस आदमी ने अपना लौड़ा निकल लिया और मम्मी के मुँह में डाल दिया, मम्मी अब चूत मामा से मरवा रही थी और उस दूसरे आदमी का लौड़ा चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद अब मम्मी ने मामा का लौड़ा निकाल दिया और खड़ी हो गयी! अब मामा भी खड़े हो गए और फिर मामा ने मम्मी को गोदी में उठाया और कहा- दीदी चूत में लो! मम्मी ने गोदी में बैठे ही अपने हाथ से मामा का लन्ड सेट कर के अपनी चुत में ले लिया और पीछे से उस आदमी ने अपना लौड़ा मम्मी की चुत में ही पेल दिया. मम्मी चिल्ला उठी इस बार, बोली- निकालो निकालो … दोनों एक ही छेद में … दर्द हो रहा है!

इस पर मामा ने कहा- दीदी, थोड़ी देर होगा, फिर मज़ा आने लगेगा. और सही में थोड़ी देर बाद मम्मी बुरी तरह मामा को किस करते हुए बोली- और करो दोनों, मेरी चुत का सारा रस निकाल दो! मामा और उस आदमी ने अब मम्मी को कस कस के चोदना शुरू कर दिया था, गोदी में बैठा के!

कुछ देर के बाद शायद मम्मी का गिरने लगा और उन दोनों का भी … मम्मी तड़पने लगी और कस के मामा को जकड़ लिया. फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने अपना लौड़ा निकला और फिर मामा ने … और मम्मी बेड पे लेट गयी! फिर दोनों ने अपना कंडोम उतारा जो मुठ से भर चुका था.

मैंने नीलम को इशारा किया कि अब चलते हैं. उसने भी सर हिलाया और हम बाहर निकल गए और पार्क में जाकर बैठ गए. नीलम ने कहा- यार अमित, तुम्हारी माँ का करैक्टर बहुत ख़राब है? अपने ही भाई के साथ सेक्स कर रही थी, और तो और … दो दो लोगों के साथ!

मुझे भी शर्म आयी और मैंने कहा- क्या करूँ यार, साली रांड है एक नंबर की … इतनी गिरी हुई औरत है मेरी माँ, मुझे पता ही नहीं था! पापा आएंगे तो उन्हें बताऊंगा! इस पर नीलम ने कहा- पापा को कुछ मत बताना पागल… वरना तेरी मम्मी मुकर जाएगी फिर तू बिना मतलब के अपने बाप से मार खायेगा! मैंने कहा- तू ठीक कह रही है नीलम, लेकिन आज का नज़ारा देख के मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मुझे भी करने का दिल कर रहा है!

नीलम- यार देख, मैं तुझे करने दूंगी लेकिन एक शर्त पर? मैं- कैसे शर्त? नीलम- पहले तू अपनी मम्मी के साथ सेक्स कर … फिर मैं भी तेरे साथ करुँगी! मैं- यार नीलम, मम्मी के साथ करना तो मैं चाहता हूँ, यहाँ तक कि उन्हें नंगी भी देखता हूँ. लेकिन वो करने देगी नहीं न! नीलम- तू चिंता ना कर, मैं तेरी हेल्प करुँगी इसमें, अगर ठीक से मान गयी तो ठीक … वरना तेरी माँ का सम्बन्ध और मर्दों के साथ भी है तो उसकी एक वीडियो बना लेंगे. फिर मैं उसे ब्लैकमेल करूँगी लेकिन मैं चाहती हूँ कि तू अपनी मम्मी की चूत को चोदे!

नीलम आगे बोली- और एक बात … तुझे बुरा तो नहीं लगेगा अगर मैं तेरी मम्मी की गाली दूँ तो? क्यूंकि वो इज़्ज़त देने वाली औरत है नहीं! मैं- तुझे जो दिल करे सो कर … जो मन में आये वो बोल, गाली दे, कुछ भी कर … लेकिन मम्मी को चुदवा दे मुझसे! उसका बदन बहुत ही ताज़ा लगता है और उसके बाद ही तो तू मुझे करने देगी! नीलम- ठीक है! अब मैं सोचती हूँ कि कैसे तेरी माँ को पानी में उतारूँ!

इसके बाद हम लोग घर आ गए नीलम अपने घर चली गयी और मैं अपने घर!

घर आया तो मम्मी एकदम खुश थी और मामा के लिए नाश्ता बना रही थी, वो आज जाने वाले थे! और वो दूसरा आदमी कहीं दिखा नहीं मुझे!

जब मामा जाने लगे तो मम्मी ने मामा को कहा- आते रहना भाई! मामा- हाँ दीदी जरूर! फिर मामा ने अपना बैग उठाया और निकल गए.

दोस्तो, आपको मेरी मम्मी की चूत चुदाई की सेक्सी स्टोरी कैसी लगी? मुझे ईमेल करके जरूर बतायें! आपको अगर अच्छी लगी तो आगे की कहानी भी जरूर लिखूंगा! मेरी ईमेल है – [email protected]

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