वासना के पंख-5

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मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे प्रमोद ने सफलतापूर्वक अपनी देसी बीवी को पेरिस के एक बीच पर पूरी नंगी कर लिया और समुद्र के पानी में छिप पर खुलेआम चुदाई भी कर डाली. अब आगे:

उसे समझ आ गया कि अगर वो इस बीच पर नंगी भी घूमे तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। दोनों ने तौलिये से अपने अपने बदन को सुखाया और वहीं थोड़ा घूमने का सोचा।

प्रमोद- अब ये ऊपर की ब्रा भी निकाल ही दो। बड़ा अजीब लग रहा है, चूत दिखा रही हो और बोबे छुपा रही हो। शारदा- हे हे… बात तो आपकी सही है, और वैसे भी यहाँ किसी को फर्क नहीं पद रहा कि मैं यहाँ नंगी खड़ी हूँ।

इतना कहकर शारदा ने बिकिनी टॉप भी निकाल दिया और खुले आसमान के नीचे पूरी नंगी हो गई। काफी देर तक दोनों वहीं बीच पर घूमते रहे। शारदा को आज़ादी का एक नया ही अहसास हो रहा था। वो नंगी ही बीच पर दौड़ लगा रही थी समंदर की आती जाती लहरों में छई-छप्पा-छई कर रही थी। प्रमोद बहुत खुश था शारदा का ये रूप देख कर।

अब तो शारदा रिसोर्ट में भी नंगी घूमने से नहीं शर्मा रही थी। उस रात ठण्ड ज़रूर थी लेकिन फिर भी चाँद की हल्की रोशनी में दोनों फिर नंगे अकेले बीच पर गए। वहां एक जगह काफी सारे जुगनू दिखाई दिए। उन जुगनुओं की झिलमिल रोशनी में शारदा का नंगा बदन जब अंगड़ाई लेते हुए प्रमोद ने देखा तो उसका लंड तुरंत पत्थर का हो गया। फिर उन जुगनुओं के बीच खुले आसमान के नीचे जो चुदाई हुई वो शायद जीवन में एक ही बार होती है।

मानो चुदाई का दंगल हो जहाँ ना किसी को चित करना है ना खुद को बचाने कोशिश लेकिन फिर भी कुश्ती जारी है। ये तो बस अन्दर की उत्तेजना है जो इस रूप में बाहर आ रही है। इसमें प्यार भी है; रोमांच भी और वासना भी है। चुदाई कम हो रही थी और गुत्थम-गुत्थी ज्यादा। जब थोड़े थक जाते तो चुदाई कर लेते और फिर जोश आ जाता तो एक बार फिर दंगल शुरू हो जाता। आखिर दोनों झड़े तो दोनों ने ये माना कि इतनी अच्छी चुदाई उन्होंने कभी नहीं की थी। मज़ा आ गया!

फिर दोनों ने वहीं समंदर में अपनी रेत साफ़ की और रिसोर्ट में वापस आ कर सो गए।

अगली सुबह शारदा ने नहीं पूछा कि क्या पहनना है। आज वो फ्रेश होने के बाद नंगी ही बाथरूम से बाहर आई। शारदा- चलो मैं तो तैयार हूँ। प्रमोद- मैं भी तैयार हूँ। देखा नंगे रहने के कितने फायदे हैं।

उस पूरे दिन उन्होंने बीच पर मस्ती की। शारदा भी अब पूरी बेशरम हो गई थी। बीच के एक किनारे पर बड़ी सी चट्टान की ओट में चुदाई भी कर ली। बहरहाल अगले दिन यहाँ से विदा लेना था और फिर से कपड़े वालों की दुनिया में जाना था। शारदा ने वेल-बॉटम वाला पेंट और डिज़ाइनर शर्ट पहना था। शाम तक दोनों एम्स्टर्डम पहुँच गए थे। सफ़र ज्यादा लम्बा नहीं था तो थकान उतनी नहीं थी। प्रमोद ने उसे कुछ ख़ास दिखने के लिए साथ चलने को कहा। शारदा ने एक मैक्सी पहन ली जिसके अन्दर वो अभी भी नंगी थी। उसे अब नंगेपन का अहसास भाने लगा था।

प्रमोद उसे एम्स्टर्डम के रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट ले गया जहाँ जो उनकी होटल से पैदल जाने लायक दूरी पर ही था। पूरी सड़क पर जितने भी घर थे सबके सामने लड़कियां बहुत ही छोटे कपड़े पहन कर खड़ी हुई थीं। प्रमोद ने शारदा को बताया के ये सब पैसे ले कर सेक्स करने के लिए खड़ी हुई हैं।

शारदा- आप भी ना! अब मैं बिंदास हो गई हूँ तो इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे ऐसी जगह ले आओ। मुझसे आपका मन नहीं भर रहा क्या? प्रमोद- अरे नहीं यार! यहाँ इस सब को गलत नहीं मानते ये सब इसको एक बिज़नस की तरह करती हैं और सरकार को टैक्स भी देती हैं। शारदा- चलो ठीक है लेकिन फिर भी आपको क्या ज़रूरत पड़ गई यहाँ आने की? मुझे बिल्कुल पसंद नहीं कि आप मेरे अलावा किसी और की तरफ नज़र उठा कर भी देखो। प्रमोद- अरे नहीं यार, तू फिकर ना कर। मैं तो तुझे दिखाने के लिए लाया था क्योंकि अपने उधर तो तुझे ले कर गया तो लोग तेरे पीछे ही पड़ जाएंगे इसलिए सोचा ये जगह सही है जहाँ तू बिना किसी फिकर के देख सकती है कि ये सब देह व्यापार कैसा होता है। शारदा- चलो ठीक है देख लिया अब वापस चलो। प्रमोद- हाँ अभी तो चलो लेकिन कल वापस आएँगे। यहाँ एक क्लब है वहां कल के शो की बुकिंग करवाई है।

उस रात प्रमोद ने शारदा को नहीं चोदा। थकान का बहाना करके सो गया लेकिन सच तो ये था कि उसे पता था कि शारदा को अब रोज़ चुदाई की आदत हो गई है और आज चुदाई नहीं मिली तो कल वो बहुत चुदासी रहेगी। अगली रात के सपने देखते देखते वो सो गया।

अगले दिन दोनों दिन भर ट्यूलिप गार्डन और एम्स्टर्डम की नहरों में घूमते रहे, और भी कई जगह गए लेकिन शाम से पहले होटल वापस आ गए। शाम को फ्रेश होकर तैयार होने के लिए प्रमोद ने शारदा को एक मिनी स्कर्ट और नूडल स्ट्रिंग वाला टॉप पहनने को कहा। अब तक शारदा की शर्म तो ख़त्म हो ही चुकी थी इसलिए उसने कोई नखरा तो किया ही नहीं बल्कि बिना कहे अन्दर भी कुछ नहीं पहना।

तैयार होकर डिनर के समय से पहले ही दोनों एक क्लब के सामने जा पहुंचे जिसके ऊपर लिखा था ‘बार नाईटक्लब – कासा रोज़ा’ अन्दर पहले से रिज़र्व जगह तक पहुँचाने के लिए एक लड़की साथ आई जिसने एक बड़ी चमकीली बिकिनी पहनी हुई थी। उसने उन्हें एक कमरे में ले जा कर एक सोफे पर बैठने को कहा और चली गई। ये बहुत ही आरामदायक सोफे था जिस पर दो लोग आराम से बैठ सकते थे। सोफे के सामने एक टेबल था जिस पर कुछ ग्लास और सजावटी सामान था।

कमरे के दूसरे कोने में ठीक वैसा ही सोफे और टेबल लगा हुआ था और इस कमरे की सामने की दीवार नहीं थी बल्कि कुछ ही दूरी पर एक स्टेज था जो दरअसल एक बड़े हॉल में थे और ये कमरा केवल इसलिए बनाया गया था कि हॉल के लोग इस कमरे के अन्दर ना देख सकें और यहाँ बैठे लोग स्टेज का शो प्राइवेट में देख सकें।

थोड़ी ही देर में एक और जोड़ा इस कमरे में आया और दूसरे सोफे पर बैठ गया।

इस दूसरे जोड़े में जो लड़की थी उसने बहुत ही छोटी मिनी स्कर्ट पहनी थी और अन्दर आ कर उसने अपना जैकेट उतार दिया जिसके अन्दर उसने एक लगभग ब्रा जैसी ही डिज़ाइनर टॉप पहनी थी। दोनों आते ही चिपक कर बैठ गए और चोंच से चोंच लड़ाने लगे।

प्रमोद ने अपना खाने-पीने का आर्डर पहले ही कर दिया था तो कुछ ही देर में वही वेट्रेस एक शैम्पेन की बोतल लेकर आई और दोनों के ग्लास भर के बोतल बर्फ की बाल्टी में रख कर दूसरे जोड़े से आर्डर लेने चली गई।

शारदा- यहाँ क्या खाने के साथ डांस का शो होता है या कोई नाटक होता है? प्रमोद- देखते जाओ। यहाँ वो होगा जो तुमने कभी नहीं देखा होगा। अभी तो तुम अपना ड्रिंक लो। चियर्स!!!

दोनों पीने लगे… कुछ ही देर में म्यूजिक भी बजने लगा। तभी वेट्रेस उस दूसरे वाले जोड़े का आर्डर ले कर आई। उन्होंने टकीला शॉट्स आर्डर किये थे। एक ट्रे में काफी सारे छोटे छोटे ग्लास रखे हुए थे और साथ में कुछ नींबू और कुछ और भी चीज़ें थीं। उस आदमी ने कुछ कहा तो वेट्रेस ने अपनी बिकिनी ब्रा खोल दी फिर एक टॉवल से अपने स्तनों को साफ़ किया फिर एक चुचुक पर नींबू का रस और दूसरे पर नमक लगाया फिर एक टकीला ग्लास अपने दोनों स्तनों के बीच दबा कर उस आदमी के पास गई, उसने ग्लास से टकीला पी और फिर उसके दोनों चुचुकों को चूस कर नमक और नींबू चाटा।

शारदा ने जब ये देखा तो दंग रह गई। वो कुछ कहती कि तभी स्टेज पर शो शुरू हो गया।

एक लड़का और एक लड़की म्यूजिक पर डांस कर रहे थे। धीरे धीरे वो अपने कपड़े निकालने लगे और बड़ा ही मादक नृत्य करने लगे। इधर प्रमोद ने शारदा के पीछे से अपना एक हाथ उसके टॉप में डाल दिया और उसके एक स्तन को सहलाने लगा। शारदा को अब थोड़ी शर्म आने लगी। शारदा- क्या कर रहे हो यार? प्रमोद- उधर देखो!

शारदा ने जब देखा तो दूसरे कोने में जो आदमी था वो अपनी साथी की टॉप ऊपर सरका चुका था और उसके चूचुकों को बारी बारी चूस रहा था। कभी दोनों चुम्बन करने लगते तो वो उसके स्तनों को मसलने लगता। शारदा पर शैम्पेन का नशा असर करने लगा था। सामने वो नाचते युगल पूर्ण नग्नावस्था में बहुत मादक रूप में आलिंगन और चुम्बन करते हुए थिरक रहे थे। शारदा भी कल से चुदासी बैठी थी। उसने भी जोश में आ कर अपना टॉप निकाल दिया और प्रमोद के सर को अपने स्तनों के बीच दबा कर मसलने लगी।

स्टेज पर चुदाई शुरू हो गई थी और कमरे के दूसरे कोने में बैठा युगल भी पीछे नहीं था। वो अपनी महिला साथी को टेबल पर झुका कर पीछे से चोद रहा था। म्यूजिक की धुन भी ऐसी थी कि लग रहा था चुदाई के लिए ही बनी थी। कुछ ही देर में शारदा और प्रमोद पूरे नंगे थे और चुदाई कर रहे थे। शारदा पलटी और सोफे के बाजू पर अपनी कोहनियाँ टेक कर घोड़ी बन गई ताकि प्रमोद उसे पीछे से चोद सके लेकिन देखा कि सामने वाला जोड़ा भी ठीक उसी आसन में चुदाई कर रहा था।

सामने वाला युगल शारदा और प्रमोद को देख कर मुस्कुराया और दोनों तरफ से इशारे में ही हेल्लो-हाय हुई।

अनजान युवक- वुड यू लाइक टु स्वैप? (क्या आप अदला बदली करना पसंद करोगे) प्रमोद- शी वोंट एप्रूव (वो मंज़ूरी नहीं देगी) अनजान युवक- नो प्रॉब्लम (कोई बात नहीं)

शारदा और प्रमोद दोनों के लिए ही यह पहली बार था कि वो किसी के सामने ऐसे चुदाई कर रहे थे। उस पर बातें भी होने लगीं तो उत्तेजना कुछ और ही बढ़ गई और उधर स्टेज पर लड़के ने लड़की के मुख में अपना वीर्य छोड़ दिया ये देख कर शारदा झड़ने लगी और उसने भी नशे में यही करने की ठान ली और उठ कर बैठ गई अपना मुख खोल कर। इतना देख कर ही प्रमोद की उत्तेजना चरम पर पहुँच गई और उसने शारदा के मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया।

इतना ड्रिंक करने के बाद वैसे ही शारदा का मन कुछ नमकीन खाने का हो रहा था। उसे वीर्य का स्वाद पसंद आ गया और वो पूरा निगल गई बाक़ी जो इधर उधर लग गया था उसे भी उंगली से निकाल कर चाट गई और बाकी लंड को कोल्ड्रिंक की स्ट्रॉ जैसे चूस के उसके अन्दर से जो मिला वो भी खा गई। आखिर दोनों ने कपड़े पहने और नशे में लड़खड़ाते हुए गाने एक दूसरे को अनाप-शनाप बकते हुए होटल वापस आ गए।

यूरोप के पांच दिन पूरे हो चुके थे, अगले दिन शारदा ने प्रमोद से नहीं पूछा कि उसे क्या पहनना है। वो अपना सलवार-सूट पहन कर अपने देश वापस आने के लिए तैयार थी।

देसी बीवी की सेक्स कहानी जारी रहेगी. दोस्तो, आपको कैसी लग रही है मेरी सेक्स स्टोरी, बताने के लिए मुझे यहाँ मेल कर सकते हैं [email protected] आपके प्रोत्साहन से मुझे लिखने की प्रेरणा मिलती है।

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