सितम्बर 2018 की बेस्ट लोकप्रिय कहानियाँ

प्रिय अन्तर्वासना पाठको सितम्बर 2018 प्रकाशित हिंदी सेक्स स्टोरीज में से पाठकों की पसंद की पांच बेस्ट सेक्स कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

मेरी पिछली कहानी ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई के प्रकाशन के उपरान्त मुझे बहुत सारे ईमेल सन्देश मिले. उन सभी पाठक पाठिकाओं का आभार जिन्होंने मेरी कहानी को सराहा और अपने सुझाव भी दिये. इन सब संदेशों के लिए मैं आप सबका आभारी हूं. आशा है आप सब आगे भी मुझे ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहेंगे.

मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि मैं और बहूरानी अदिति उसके चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके थे; निजामुद्दीन स्टेशन पर ही अदिति के मायके वाले हमें रिसीव करने आ पहुंचे थे. हम मेहमानों के रुकने का इंतजाम एक धर्मशाला में किया गया था जो अच्छी, आधुनिक किस्म की सर्व सुविधाओं से युक्त होटल टाइप की धर्मशाला थी.

हम लोग धर्मशाला में पहुंचे तो अदिति को तो पहुँचते ही रिश्तेदारों ने घेर लिया और उनके हंसी ठहाके लगने लगे. शादी ब्याह में इन्ही छोरियों और नवयौवनाओं से ही तो रौनक होती है. वहां मुझे अन्य सीनियर लोगों के साथ एक बड़े से हाल में एडजस्ट होना पड़ा. जिस दिन हम लोग दिल्ली पहुंचे शादी उसके अगले दिन थी.

लड़की वालों ने अपना मैरिज गार्डन बुक किया हुआ था जो हमारी धर्मशाला से को डेढ़ दो किलोमीटर के फासले पर था.

धर्मशाला के सामने बगीचे में एक बड़ा सा पंडाल लगाया हुआ था जिसमें कुक, शेफ यानि हलवाई द्वारा चाय, काफी, नाश्ता, लंच, डिनर इत्यादि सब बनवाने की व्यवस्था थी. जिसे जो खाना हो उनसे बनवा लो और एन्जॉय करो. कुल मिलाकर बढ़िया व्यवस्था की गई थी.

मैंने पहुंच कर इन्हीं सब बातों का जायजा लिया और तैयार होकर बड़े हाल में जा बैठा. अब करने को तो कुछ था नहीं. सबसे मिलना जुलना और चाय नाश्ता चल रहा था, साथ में नयी उमर की लड़कियों, विवाहिताओं और नवयौवनाओं को देख देख के अपनी आंखें सेंकता जा रहा था, साथ में चक्षु चोदन भी चल रहा था.

सजी धजी परियां अपना अपना मोबाइल पकड़े हंसी मजाक कर रहीं थीं. मोबाइल से फोटो शूट और सेल्फी लेने की जैसे होड़ मची थी. कुछ लड़कियों के ग्रुप दूर कहीं कोने में किसी मोबाइल पर नजरें गड़ाये मजे ले रहे थे; हंसना मुस्कुराना, कोहनी मार के हंस देना … यह सब देख कर सहज ही अंदाज लगाया जा सकता था कि उनके मोबाइल में क्या चल रहा होगा. अब इन खिलती कलियों और बबुओं के फोन में पोर्न वीडियो होना तो एक साधारण सी बात रह गयी है.

चूत लंड, मम्में, लंड चूसना, चूत चाटना, चुदाई … ये सब पोर्न फ़िल्में अब तो सहज ही सबको उपलब्ध हैं. आजकल की नयी पीढ़ी इन मामलों में बड़ी खुशकिस्मत है. इन्हें सेक्स मटीरियल भरपूर बेरोकटोक उपलब्ध है और आज वे बड़े आराम से आपसी सहमति से सेक्स सम्बन्ध स्थापित कर लेते हैं. लड़कियां शादी होने तक अपना कौमार्य बचाये रखना पुरानी और दकियानूसी सोच समझने लगीं हैं. यह सच भी है आज के युग के हिसाब से. आजकल लड़कियां ग्रेजुएशन के बाद कोई और प्रोफेशनल कोर्स जरूर करती हैं फिर जॉब और फिर इन सबके बाद शादी. इतना होते होते लड़की की उम्र सत्ताईस अट्ठाईस हो जाना मामूली से बात है और उतनी उम्र तक बिना चुदे रहना किसी तपस्या से कम नहीं. अब ऐसी तपस्या करना सबके बस का तो है नहीं तो बिंदास लाइफ आजकल का ट्रेंड बन चुकी है.

यूं तो आमतौर पर लड़की की पंद्रह वर्ष की उमर के बाद सोलहवां साल लगते ही उसकी चूत भीगने लगती है, उसमें सुरसुरी उठने लगती है और उसे सेक्स की चाह या चुदने की इच्छा सताने लगती है, उनकी चूत का दाना रह रह के करेन्ट मारने लगता है. यह तो प्राकृतिक नियम है जो सब पे समान रूप से लागू होता है. पहले के जमाने में लड़की रजस्वला या पीरियड्स के शुरू होने के बाद जल्द से जल्द उसकी शादी कर दी जाती थी और उसे लीगल चुदाई का सुख नियमित रूप से मिलने लगता था.

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मेरी उम्र 32 साल है। मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है तथा फिगर 34-29-36 है। मेरी शादी को लगभग 1 साल से ऊपर हो गया है। मैं बहुत सेक्सी विचारों वाली की लड़की हूं। शादी के पहले मैं किसी से नहीं चुदी थी लेकिन अपनी चूत में मैंने अपनी फ़िंगर जरूर डाली थी।

मुझे ब्लू फिल्म देखने का बहुत शौक है और ब्लू फिल्म देखने के कारण मुझे लंबे और मोटे लंड बहुत अच्छे लगते हैं। शादी के बाद अपने पति का लंड देखकर मुझे बहुत निराशा हुई। उनका लंड सिर्फ 4 इंच लंबा था और वे मुझे ढंग से चोद भी नहीं पाते थे। महीने में कुछ दिन मेरे पति टूर पर रहते थे और मैं अपनी चूत को सहला कर और बैंगन डाल कर ही काम चलाती थी।

हम लोगों के यहां एक दूध वाला, जिसका नाम संदीप था, रोज सवेरे 5-6 बजे दूध देने आता था। वह बहुत हेंडसम, हंसमुख और मजाकिया स्वभाव का था। वह अक्सर द्विअर्थी संवाद में बातें करता था, जैसे कि दूध डालते वक्त बोलता था- भाभी कितना डाल दूं? मुझे कहना पड़ता था कि ‘पूरा डालो …’ या ‘आधा ही डालो आज!’

एक दिन सवेरे सवेरे संदीप रोज की अपेक्षा ज्यादा जल्दी दूध देने के लिये आया। मैं उस समय सो कर भी नहीं उठी थी, घंटी की आवाज सुनकर दूध का बर्तन लेकर मैं जल्दी से बाहर आई। मैंने घुटने के ऊपर की एक नाईटी जो फ्रॉक जैसी थी, पहन रखी थी और अंदर मैंने एक छोटी सी पैंटी पहन रखी थी।

जैसे ही मैंने दूध लिया, सवेरे की ठंडी हवा चलने लगी और मेरी फ्रॉक ऊपर उठ गई। दूध वाले को मेरी मरमरी जांघों और पैंटी के दर्शन हो गए। हाथ में दूध का बर्तन होने के कारण मैं फ्रॉक नीचे भी नहीं कर पा रही थी। अब दूध वाले ने मुस्कुरा कर बोला- भाभी, आज तो आपने मेरी मॉर्निंग गुड कर दी।

मैं शरमा कर अंदर भाग कर आ गई। बाद में मैंने अपनी फ्रॉक को उठा कर खुद को आइने में देखा तब यह अहसास हुआ कि संदीप को क्या दिख गया। इसके बाद मैं जब भी दूध लेने जाती तो लोअर पहन कर के ही जाती थी।

दूध वाला मुझे देखकर हमेशा मुस्कुराने लगता था। अब वो मुझसे ज्यादा खुल गया था और बार-बार द्विअर्थी संवाद बोलता था। वह मुझसे बोलता था- भाभी एक बार मेरा मक्खन टेस्ट करके देखो, बहुत टेस्टी है। धीरे धीरे मैं भी उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी।

कुछ दिनों के बाद संदीप ने मुझसे बोला- भाभी आजकल आप वह वाला ड्रेस नहीं पहनती है क्या जिसमें मेरी मॉर्निंग गुड हो जाती है? मैंने मुस्कुराकर के पूछा- उस ड्रैस में ऐसा क्या खास है? वह हंसकर बोला- भाभी उस ड्रेस में जब मॉर्निंग गुड होती है,तब मुझे केले के चिकने तने के दर्शन होते हैं। मैं मुस्कुराने लगी; मैंने उससे कहा- जब अगली बार तुम्हारे भैया बाहर जाएंगे, तब पहनकर दिखाऊंगी।

मैंने भी अब मन ही मन ठान लिया था कि इस दूध वाले को पटा लूंगी।

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मैं शालू … शालू गुप्ता! मैंने अपनी एक समस्या हिन्दी सेक्स कहानी की इस प्रसिद्ध साईट अन्तर्वासना के माध्यम से आपके सामने रखी थी जो अन्तर्वासना पर चाचा ने मुझे चूत में उंगली करते देखा नाम से छपी थी। आपने वो पढ़ी और अपने सुझाव दिये। कुछ लोगों पर मुझे गुस्सा भी आया जो मुझसे मेरी फ़ोटो मांग रहे हैं, कुछ मेरी मारना चाहते हैं। कुछ ने कहा ‘पीछे की मरवा लो चाचा से…’ और ‘मुँह में ले लो… बदले में वो वीडियो डिलीट करवा दो।’ मगर कुछ दोस्तों ने मुझे सलाह दी कि अपनी मम्मी को बोल दो चाचा के बारे में। कुछ ने कहा कि चाचा को सख्ती से मना कर दो, वो बस डरा रहे हैं, वो घर पर किसी को वीडियो नहीं दिखाएंगे और अगर तुमने अपने चाचा की बात मान ली तो वो हमेशा तुम्हें इसी तरह से ब्लैक मेल करेंगें और सतायेंगे. हो सकता है तुम्हारा कौमार्य भी भंग कर दें।

मुझे कुछ मेल मिले जिसमें मुझे कहा गया कि मैं कहानी मे सेक्सी शब्दों का इस्तेमाल करूँ तो इस बार में कोशिश करूंगी कि मेरी कहानी में अश्लील शब्द भी शुमार हों ताकि पाठकों को मजा भी आए, लड़कों के लंड खड़े हो जाएँ और लड़कियों की चूत गीली हो जाए।

हाँ तो … मुझे इतना तो यकीन था कि चाचा घर पर किसी को वीडियो नहीं दिखाएंगे. मगर डर भी था कहीं किसी सोशल साइट पर ना डाल दें। अगर ऐसा हुआ तो मैं तो जीते जी मर जाऊँगी। अब क्या होगा? क्या करूँ? कैसे मैं अपने चाचा को समझाऊं?

मम्मी ने मुझसे पूछा- बेटा तू कुछ परेशान सी दिख रही है, क्या बात है? तो मैं बस सर दर्द का बहाना बना कर अपने रूम में बंद हो गयी।

शाम का समय हो गया, मम्मी की आवाज़ आयी- शालू बेटी, दरवाज़ा खोल बेटा, देख तेरी सहेली तुझसे मिलने आयी है। अनमने मन से मैंने उठकर दरवाज़ा खोल कर देखा तो मेरी दोस्त शाज़िया मम्मी के पास खड़ी थी। मैंने उसको रूम के अंदर ही बुला लिया।

वो अंदर आते ही मुझ से लिपट गयी और धीरे से मेरे पिछले उभारों को भींच कर बोली- कैसी है मेरी जान? “ठीक हूँ!” मैं उसे छोटा सा जवाब देकर चुप हो गयी।

पहले मैं आपको शाज़िया के बारे में बता दूँ, उसकी उम्र लगभग 20 साल ही है, मुझसे थोड़ी भारी है, फिगर होगा 34 32 34, मोटी आंखें कद 5’6″, एकदम खुले विचारों वाली बिंदास लड़की कई बार अपनी चूत मरवा चुकी है। मुझे सब बात देती है। सच पूछो तो मुझे अन्तर्वासना सेक्स कहानी की लत भी उसी ने लगाई थी।

अचानक मुझे चाचा की बात का ध्यान आया और सोचा कि क्यों नना इस से ही कोई सलाह लूं! और किसी को बताने की तो मुझ में हिम्मत थी नहीं।

“शाज़िया यार… एक प्रॉब्लम है यार… कोई रास्ता दिखा प्लीज?” मैंने उससे कहा। “हाँ बोल ना, क्या बात है?” उसने पूछा।

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मैं आपको अपने एक दीवाने की बात बताने जा रही हूँ। दरअसल ये दीवाना मेरे ही पति का दोस्त है, बहुत पुराना दोस्त है, हमारी शादी से इसका हमारे घर पर आना जाना है। अब कैसे मेरे और उसका संबंध बना, उसकी कहानी मैं आपको सुनाती हूँ।

बात हमारी शादी के समय की है, जब मैं शादी करके अपने पति के घर आई, तभी से मैं रवि, अपने पति के जिगरी दोस्त को देख रही थी। हर काम में समार्ट, सभी काम फटाफट करता था। देखने में भी बड़ा अच्छा खासा था, कद काठी रंग रूप सब सुंदर था।

शादी के कुछ दिन बाद जब हम हनीमून पर गए तो तब बातों बातों में मैंने अपने पति से पूछा- ये रवि ने शादी नहीं की? तो मेरे पति ने उसकी बात बताई कि वो एक लड़की से बहुत प्यार करता था, उससे शादी भी करना चाहता था, मगर किन्हीं कारणों से उनकी शादी नहीं हो सकी, बस तभी से उसके वियोग में है। दरअसल रवि एक बहुत ही प्यार करने वाला, ख्याल रखने वाला इंसान है, पर इस बेचारे का दिल ऐसा टूटा है कि अब ये किसी भी लड़की के पास तक नहीं जाता, न ही किसी को पास आने देता है। कोई गर्ल फ्रेंड नहीं, न शादी। बस अपनी उस मोहब्बत की याद में ही जीता है।

मुझे रवि से बड़ी सुहानुभूति हुई। जब हम हनीमून से वापिस आए तो धीरे धीरे मेरी भी रवि से अच्छी दोस्ती हो गई। और सच में रवि था भी बहुत अच्छा दोस्त; ऐसा दोस्त जिस पर आप आँख बंद करके विश्वास कर सकते हो। मैं भी कई बार उसके साथ बाज़ार वगैरह गई, तो मैंने देखा वो मेरा बहुत ख्याल रखता। मेरे हसबेंड भी उस पर पूरा एतबार करते। मैंने भी नोटिस किया कि उसकी नज़र गंदी नहीं थी। उसने कभी भी मेरे चेहरे या जिस्म को घूरने जैसी कोई हरकत नहीं की, गलत छूने की तो बात ही दूर की है।

धीरे धीरे मेरा भी विश्वास रवि पर बनने लगा, और बनता ही चला गया। वो भी मुझे बहुत पसंद करता। खास बात ये के हम दोनों का जन्म का महीना भी एक ही था, वो तो मुझे अपनी बहुत अच्छी दोस्त तो मानता ही था, मेरा नाम लेकर ही मुझसे बात करता था।

हमारे घर में आने की उसको कोई रोक टोक नहीं थी, हम तीनों दोस्त आपस में बिल्कुल लड़कों की तरह बात कर लेते थे, यहाँ तक की हमने अपनी सेक्स और हनीमून की बातें भी उससे शेयर की थी। वो भी कभी कभी बाजारू औरतों के पास जाता था, आखिर मर्द था, तो घंटी तो बजती थी। मगर मेरे साथ उसने कभी कोई हरकत नहीं की, अब तो मुझे ऐसा लगने लगा था कि वो मेरे पति का नहीं मेरा ही दोस्त है। मैं अक्सर उसे फोन करके अपने घर बुला लेती और वो भी अपनी दुकान छोड़ कर आ जाता, हम कितनी देर बातें करते, कुछ कुछ बना कर खाते पीते रहते।

शादी के बाद लोग एक से दो होते हैं, पर हम एक से तीन हो गए थे। आज़ादी उसको इतनी थी कि वो जब चाहे हमारे बेडरूम में आ जाता था। मैं कभी नाईटी में होती या नाइट ड्रेस में तो मुझे कभी कोई शर्म या दिक्कत नहीं होती थी क्योंकि रवि कभी मेरे बदन को घूरता नहीं था। हाँ इतना खयाल मैं भी रखती थी कि मेरे बदन का नंगापन उसे न दिखे।

अब मेरे पति तो सुबह जाते और रात को आते, रवि जब उसका दिल करता या मेरा दिल करता तो मेरे पास होता। न जाने क्यों मुझे लगने लगा के रवि मेरे दिल में मेरे पति से ज़्यादा जगह बनाता जा रहा है। मुझे उसके साथ रहना अपने पति के साथ रहने से ज़्यादा अच्छा लगने लगा, मैं भी उस से खुलने लगी थी।

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दोस्तो, मेरी पिछली वाइफ स्वैपिंग कहानी याराना से तो आप सब परिचित ही होंगे। अगर नहीं तो पहले याराना के सभी भाग पढ़ें, तभी यह कहानी आपको संपूर्ण मजा देगी।

यह आगे की कहानी है: रणविजय और मेरे यानि राजवीर की बीवियों की अदला बदली की घटना घटित होने से पहले, मेरा साला यानि मेरी बीवी रीना का भाई श्लोक की शादी के समय की बात है। श्लोक ने विदेश में जाकर बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी और वह एक बड़ी कंपनी का कर्मचारी था।

शादी के लिए काफी लड़कियां देखने के बाद उसे एक लड़की पसंद आई थी जिसका नाम था सीमा। सीमा वास्तव में एक रूप की परी थी। यह श्लोक की पढ़ाई में मेहनत और अच्छी कंपनी में होने का ही नतीजा था कि उसे सीमा जैसी बीवी मिली। सीमा आजकल के चलन जीरो फिगर के अनुसार ही परफेक्ट शरीर वाली थी उसके शरीर की एक खास बात यह थी कि वह काफी लंबी थी। उत्तेजना पैदा करने वाले चेहरे वाली सीमा लंबाई और शरीर में फिल्मों की हीरोइन कृति सेनन जैसी थी।

मैं और रीना शादी में 4 दिन के लिए सम्मिलित हुए थे। सब कह रहे थे ‘वाह… यह तो फिल्म हीरोपंती की नई हीरोइन जैसी लग रही है।’ हालांकि तब तक मैंने ना हीरोपंती देखी थी ना उसकी हीरोइन। यह बात तो उसकी शादी के काफी समय बाद मैंने महसूस की जब मैंने फिल्म देखी। तब अनायास ही मेरे मुंह से निकल गया- वाह! यह तो सीमा जैसी लगती है।

सीमा ने भी बिजनेस मैनेजमेंट का कोई कोर्स किया हुआ था लेकिन श्लोक की बड़ी जॉब की वजह से उसने नौकरी ज्वाइन नहीं की।

शादी के वक्त श्लोक ने मेरे साथ बहुत वक्त गुजारा क्योंकि मैं उसका सगा जीजा था। हमने उसकी शादी में बहुत मजे किए। रीना भी अपने भाई की शादी में कयामत ढा रही थी। जी हां, वही रीना तमन्ना भाटिया और अदा खान के मिक्स चेहरे और शरीर के मालकिन।

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