प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-4

एक हसीं देसी भाभी की इस सेक्स स्टोरी में आपने जाना कि उसने मेरे लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया और मेरे बहुत कहने के बाद ही उसने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला था. अब वो मुझसे चुदने के लिए फिर से अपनी चुत खोल कर चित पड़ी थी. अब आगे..

अब मैं भी चुप ना रहा और जैसे ही पूजा ने मेरे लंड को अपनी चूत से लगाया, मैंने अपनी कमर को एक झटके के साथ हिलाकर उसकी चूत में अपना लंड पूरा जड़ तक पेल दिया. पूजा एकाएक चिल्ला उठी- हाय मार डाला तुमने.. ये क्या कोई रंडी की चूत है साले.. जो एक साथ पूरा का पूरा लंड घुसेड़ दिया, ज़रा धीरे धीरे चोदो ना, मैं कोई भागी जा रही हूँ क्या? मैंने तब धीरे धीरे धक्के मारते हुए कहा- माना कि ये कोई रंडी की चूत नहीं है, लेकिन ये एक छिनाल की चूत तो है, जो अपने पति के अलावा दूसरे मर्द से अपनी चूत चुदवा रही है.

मेरी बातों को सुनकर पूजा तिलमिला उठी और मुझसे बोली- अरे अगर मैं छिनाल हूँ तो साले तुम क्या हो? तुम भी तो अपनी बीवी की चूत छोड़कर दूसरी औरत की चूत में मुँह दिए पड़े हो? अच्छा चलो.. हम दोनों ही गंदे हैं और हम लोगों को अपना गंदा काम भी पूरा कर लेना चाहिए.

तब मैं भी पूजा की बातों को मान कर उसको अपनी कमर चला चला कर चोदने लगा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा. मेरी चुदाई से पूजा की चूत और गीली हो गयी और वो ओह ओह आह आह करने लगी और नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड से चुदवाने लगी.

थोड़ी देर नीचे लेट कर चूत चुदवाने के बाद पूजा बोली- हाय मेरी चूत के राजा, बड़ा मज़ा आ रहा है. ज़रा और थोड़ा तेज तेज धक्के मारो, नहीं तो मेरी चूत की चींटियां नहीं जाएंगी.. ओह ओह हां हां उईईईई आहह.. ऐसे ही आने दो तुम्हारे लंड को मेरी चूत के अन्दर तक.. जब तक ना लंड अन्दर जा कर बच्चेदानी पर ठोकर ना मारे, तब तक चूत चुदवाने वाली को पूरा मज़ा नहीं आता.

मैं भी पूजा की बातों को मानकर अपना लंड थोड़ा ऊपर खींच कर अब जोर से धक्कों के साथ चोदने लगा.

थोड़ी देर ऐसे तेज़ी के साथ चोदने के बाद मैंने पूजा से पूछा- क्यों मेरी जानेमन, अच्छे लग रहे है मेरे लंड के धक्के.. कैसा लग रहा है तुम्हारी चूत को? क्या तुम्हारा पति भी तुम्हें ऐसे ही चोदता है रोज रात और दिन को?

मेरी बातों को सुनकर पूजा मुस्कुरा दी और बोली- हाय मेरे चोदू राजा, बहुत मज़ा आ रहा है. सच पूछो तो आज मेरी चूत पूरे तरीके से और क़ायदे से चुदी है. हां तुमने मेरे आदमी के बारे में पूछा, तो वो साला बिल्कुल गांडू है. वो तो साला बीवी की चूत छोड़कर नौकरों से अपनी गांड मरवाता है या उनकी गांड में अपना लंड पेलता है. उस साले मादरचोद को क्या मालूम कि चूत क्या होती है और उसकी चुदाई कैसे की जाती है. अच्छा अब बहुत बातें हो गयी हैं, अब ज़रा मन लगा कर मेरी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेलो. मैं झड़ने वाली हूँ.

मैं अब जोर जोर से पूजा की चुत में अपना लंड पेलने लगा और फिर पूजा को चूम कर मैंने उससे पूछा- मेरी जान, मुझे एक बात समझ में नहीं आयी.. वो यह कि जितनी तुम्हारी चूत शानदार है उतनी तुम्हारी जबान गंदी है. कहां से सीखी इतनी गंदी गंदी गालियां?

पूजा तब नीचे से अपनी कमर उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चुत में पिलवाते हुए बोली- अरे.. अब ये सब बातें छोड़ो भी, बाद में सुनना.. अभी तो बस थोड़ी देर मेरी चूत को रगड़ कर चोदो. बस अभी और कोई बात नहीं, मैं झड़ने वाली हूँ. मैं- ठीक है, फिर संभालो अपनी चूत को और देखो मैं तुम्हारी चूत का क्या हाल बनाता हूँ. बस मैं जोरों से पूजा की चुत में लंड पेलने लगा.

थोड़ी देर के बाद मुझे भी लगा कि अब ज़्यादा देर रुक नहीं सकता और इसलिए मैंने अपना लंड एक बार जड़ तक पूजा की चुत में पेलकर उसकी एक चूची अपने मुँह में भर कर चुपचाप लेट गया. तब पूजा बोली- क्या हुआ रुक क्यों गए? 5-6 धक्के और मार देते तो मेरी चूत झड़ जाती. क्या तुम मुझे चोदते चोदते थक गए क्या? मैं तब पूजा की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए बोला- अरे यार समझती नहीं क्या? मुझे लगा कि मेरा लंड अपना पानी छोड़ने वाला है और इसीलिए मैंने तुम्हारी चूत की चुदाई थोड़ी देर के लिए रोक दी ताकि लंड का जोश थोड़ा ठंडा हो जाए और मैं तुम्हें देर तक चोद सकूँ.

तब पूजा मेरे होंठों को चूमते हुए बोली- वाह मेरे चोदू राजा, औरतों को चोदना कोई तुमसे सीखे. किसी औरत को कैसे चुदाई से ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा मिले, वो तुम्हें सब पता है. काश मेरे गांडू पति को भी ये सब मालूम होता तो मेरी चूत की आज ये हालत नहीं होती.

मैंने फिर से पूजा को चोदते हुए पूछा- क्यों क्या हुआ तुम्हारी चूत को. तुम्हारी चूत बहुत ही मस्त है और देखो ना कैसे अपना मुँह खोल कर मेरा लंड गपा गप खा रही है. पूजा नीचे से अपनी गांड उचकाते हुए बोली- हां मेरे चोदू राजा, जब तुम अपना लंड मेरी चूत को खिला रहे तो मेरी चूत को तुम्हारा लंड खाने में क्या एतराज़ है? वैसे तुम चोदने में बहुत ही माहिर हो. तुम्हारा लंड खा खा कर मेरी चूत इस समय बहुत ही मस्त हो गयी है और मैं खुद बहुत हल्की हल्की महसूस कर रही हूँ. वाह क्या धक्के मार रहे हो, तुम्हारा लंड बिल्कुल मेरी चूत की जड़ तक पहुँच रहा है और मुझे दीवानी बना रहा है. हां ऐसे ही चोदते रहो, रूको मत, रात भर चोदो मुझे. पता नहीं कल ऐसा चुदाई का मौका मिले या ना मिले.

मैंने तब पूजा को जोर के धक्कों से चोदते चोदते कहा- यार मेरी जान, तुम हो तो बहुत सेक्सी और मुझे लग रहा है कि दिन में कम से कम एक बार बिना चुदवाए तुम्हें रात को नींद नहीं आती होगी. बताओ ना तुम और कितने लंड अपनी चुत में पिलवा चुकी हो? वैसे जब तुम्हारे पति को गांड मरवाने और मारने का शौक है.. तब तुम भी क्यों नहीं अपनी गांड में अपने पति का लंड लेती हो. उससे कम से कम तुम्हारे पति गांड मारने के लिए घर के बाहर नहीं जाएंगे.

मेरी बातों को सुनकर पूजा पहले तो मुस्कुरा दी और फिर बोली- वाह रे मेरी चूत के राजा, अगर मैं भी अपनी गांड मरवाती तो क्या तुम मुझे ऐसे अपने कमरे में नंगी लिटा कर अपने लंड से मेरी चूत चोद पाते? मैं भी इस समय अपने पति का या अपने घर के किसी नौकर का लंड अपनी गांड में लेकर सो रही होती. वैसे मुझे गांड मरवाने की कोई शौक नहीं है, मुझे गांड मरवाने में घिन सी लगती है.. और जब मेरे पास मरवाने के लिए लिए चूत है तो मैं क्यों गांड में लंड डलवाऊं? असल में बात यह है कि तुम सब मर्द एक जैसे हो. जो चीज़ मिल रही है, उसकी कोई कदर नहीं और जो चीज़ नहीं मिलती तो उसके लिए दीवाने रहते हो. चलो हटो मेरे ऊपर से मुझे अब नहीं चुदवाना तुमसे. निकालो अपना लंड मेरी चूत से और मुझे जाने दो.

मैंने तब पूजा को अपनी बांहों में समाते हुए उसकी चूची पर चुम्मा देते हुए 5-6 जोरदार धक्के मारे और बोला- अरे पूजा रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो? मैं तुमसे मज़ाक कर रहा था. अरे तुम्हारी अपनी चूत और गांड है.. तुम जिसमें चाहो लंड डलवाओ, मुझे तो बस इस समय तुम्हें चोदने दो. मुझको इस समय रोको मत! तब पूजा अपनी कमर उचकते हुए बोली- अरे चोदो ना राजा, मैं कब मना कर रही हूँ. बस तुम मुझसे गांड मरवाने की बात मत करो, चुत में चाहे जितनी मर्ज़ी लंड पेलो, रात भर चुत में लंड डालकर पड़े रहो.. मुझे कोई एतराज़ नहीं. वैसे अब ज़रा जोर जोर से धक्के मारो.. मैं झड़ने वाली हूँ.

मैं अब पूजा की चूचियों को अपने हाथों में पकड़कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला हिला कर पूजा को चोदने लगा. पूजा भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर डालकर अपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरे लंड के धक्कों का जवाब देने लगी और बोली- चोदो, चोदो मेरे चोदू राजा, और जोर से पेलो मेरी चुत में अपना लंड.. आज मेरी चुत को फाड़ डालो, चुत के चिथड़े उड़ा दो, लेकिन मेरी चुत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रहो मुझे.. आह बहुत मज़ा आ रहा है… क्या मस्त चोदते हो. तुम धक्के मेरी चुत में मार रहे हो और चूत मेरे दिल तक पहुँच रही है. हाय हाय मैं झड़ रही हूँऊऊ.. पेएएएलो.. और तेएएज़ तेएएज़ पेएएलो अपना लन्न्न्न्ड हाययय मैंएएए गईईई.. उई हायय.. चोओदो, रुउउऊकना नहींईईई.. ओह ओह हां हां वाह वाह मेरी चूउउत को फ़ाआड़ डाआलोओ..

और पूजा झड़ गयी.

मैंने करीब दस मिनट तक और तेज़ तेज़ धक्के मार कर अपना लंड पूरा का पूरा पूजा की चुत में डालकर अपने लंड के पानी से पूजा की चुत को भर दिया. मेरे झड़ने के साथ साथ पूजा एक बार फिर से झड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी.

मैं तब पूजा के ऊपर से नीचे उतरा और पूजा की चूचियों से खेलने लगा. पूजा मुझे रोकते हुए बोली- रूको मेरे राजा, मुझे टॉयलेट जाना है. ‘क्यों टॉयलेट क्यों जाना है?’ मैंने पूजा की चूची को दबाते हुए पूछा. पूजा तब मेरे मुरझाए हुए लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोली- टॉयलेट क्यों जाया जाता है.. ये भी नहीं मालूम? मैंने भी मज़ाक मज़ाक में बोला- नहीं मालूम कि तुम क्यों टॉयलेट जाना चाहती हो. पूजा बोली- अरे मुझे पेशाब लगी है और मुझे टॉयलेट में जाकर पेशाब करनी है. समझे मेरे भोले राजा?

तब मैंने पूजा की चूचियों को जोर से दबाते हुए कहा- तो ऐसे बोलो ना कि तुम्हें टॉयलेट जा कर अपनी चूत से सीटी बजानी है. मुझे चुत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है. मैं जब छोटा था तो अक्सर बाथरूम के बाहर छुप कर अपनी माँ और बहन की चुत की सीटी सुनता था. चलो आज मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चुत की सीटी सुनूँगा. पूजा मेरी बातों को सुन कर खिलखिला कर हॅंस दी और बोली- धत्त … ऐसा भी कहीं होता है? मुझे तुम्हारे सामने बैठ कर पेशाब करने में बहुत शर्म आएगी और फिर तुम मेरे सामने बैठोगे तो मुझे पेशाब ही नहीं होगी. तुम्हें मेरी चुत की सीटी सुननी है तो टॉयलेट के बाहर खड़े हो कर सुनो.

मैं तब ज़िद करते हुए बोला- क्यों नहीं हो सकता है? तुम जब शाम से अब तक मेरे सामने नंगी लेट कर अपनी चूत मेरे लंड से चुदवा सकती हो तो अब तुम्हें मेरे सामने बैठ कर अपनी नंगी चूत से पेशाब करने में शर्म आएगी? तुम मेरे सामने बैठ कर पेशाब क्यों नहीं कर सकतीं? नहीं… आज तो मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चूत से पेशाब निकलते देखना ही चाहता हूँ. मेरी बातों को सुन कर पूजा बोली- तुम बहुत ज़िद्दी हो.. चलो आज मैं तुम्हें अपनी चूत से पेशाब निकलते हुए दिखलाती हूँ और साथ साथ अपनी चूत से निकलती हुई पेशाब भी पिलाती हूँ. चलो मेरे साथ टॉयलेट चलो.

इतना कह कर पूजा पलंग से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी और नंगी ही टॉयलेट की तरफ चलने लगी. मैं भी तब पूजा के गोल गोल चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूजा के पीछे पीछे टॉयलेट चला गया.

टॉयलेट में पहुँच कर पहले पूजा ने अपना चेहरा धोया और एक तौलिया भिगो कर अपने पूरे बदन को पौंछा. फिर उसने मेरी तरफ देखकर बोला- हां अब बोलो, क्या तुम्हें मेरी चुत की सीटी सुननी है और क्या तुम्हें मेरी चूत से पेशाब निकलते हुए देखना है?

मैंने जब हां किया तो पूजा बोली- चलो टॉयलेट के फर्श पर लेट जाओ. मैं चुपचाप टॉयलेट के फर्श पर लेट गया.

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