भूत का डर दिखाकर चाची की चूत मारी

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हाय दोस्तो, आशीष हाजिर है आपके लिये एक मस्त सेक्सी स्टोरी लेकर। आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।

मैं बुलंदशहर उत्तरप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र का रहने वाला हूँ। अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूँ और बड़े होकर एक बड़ा डॉक्टर बनना चाहता हूँ। मैं अपने चाचा चाची के साथ रहता हूँ। मेरे चाचा बैंक में नौकरी करते हैं। चाची निकिता बहुत जवान और खूबसूरत हैं, वो हाउसवाईफ हैं। अभी एक साल पहले ही चाचा की शादी हुई है। जब मैंने पहली बार निकिता चाची को देखा था तो मेरा लंड उसी वक्त खड़ा हो गया था। चाची बिल्कुल हीरोइन लगती हैं, सब जगह से परफेक्ट ब्यूटी … चेहरा लम्बा, रंग साफ और गालों में शाहरुख़ खान की तरह डिम्पल पड़ जाते हैं। कभी कभी मुझे अपने चाचा से जलन होती है कि कितनी मस्त माल चोदने को मिली है उनको।

मैं उनके साथ ही रहता था इसलिए रात में निकिता चाची की ‘ओह्ह माँ … ओह्ह माँ… उउ उहह आओउ … अअअ आआआ …’ की गरमागर्म चीखें मुझे साफ़ साफ़ सुनाई देती थी तो मैं समझ जाता था कि अंदर कमरे में चाची की चुदाई का काम चल रहा है, चाचा चाची दोनों मजे लूट रहे हैं। चाची की तेज तेज चीखें सुनकर मैं अपने अंडरवियर में हाथ डाल देता था और लंड फेंटने लग जाता था। दोस्तो, तब तक कभी चुदाई करने का मौका नहीं मिला था इसलिए सेक्स करने को मैं मरा जा रहा था। कोई भी लड़की चोदने के लिए मिल जाए या निकिता चाची ही मिल जाए तो कितना अच्छा हो। दिन याद मैं यही सब सोचता रहता था।

सुबह सुबह चाची खाना बनाकर और टिफिन देकर चाचा को ऑफिस भेज देती थी, उसके बाद नहाने जाती थी। घर में सिर्फ मैं और चाची ही होते थे। मैं बाथरूम के दरवाजे में बने छेद से उनके नंगे जिस्म के दर्शन करता था। बाप रे!! सर से पाँव तक मक्खन थी मक्खन।

दोस्तो, हमारे घर में टॉयलेट नहीं था, सभी लोग घर के पीछे वाले बबूल के जंगल में टॉयलेट करने जाते थे। अक्सर चाची दिन निकलने से पहले मुझे साथ लेकर जंगल जाती थी। मैं हाथ में एक लालटेन लेकर जाता था। निकिता चाची पास ही पेड़ के पीछे आड़ में अपनी साड़ी उठाकर बैठ जाती थी। मुझे उनके बड़े बड़े सफ़ेद सेक्सी पुट्ठे देखने को मिल जाते थे। तो फिर से लंड खड़ा हो जाता था। मैं यही हमेशा सोचता रहता था कि काश कभी चाची की बुर चोदने को मिल जाय तो समझ लो गंगा स्नान हो गया।

कुछ दिन बाद हमारे पड़ोस के घर की औरत अपनी छत से कूद गयी और उसकी मौत हो गयी। मोहल्ले में अफवाह फ़ैल गयी की उस औरत पर कोई चुदैल का साया था। इस बात से निकिता चाची बहुत डर गयी, वो भूतों से बहुत डरती थी। भूत, प्रेत, जिन्न, काली शक्तियां, शैतान, आत्मा, तन्त्र मन्त्र इन सबके नाम से चाची बड़ा खौफ खाती थी, भूतों से बड़ा डर लगता था उनको।

“राज!! तूने कभी किसी भूत को देखा है क्या?” वो मुझसे पूछती थी. “नहीं चाची! पर सुना है कि ये लोग काफी खतरनाक होते हैं। किसी के पीछे पड़ जाते है तो उसे जान से मार देते हैं.” मैंने कहा. मेरी बात सुनकर निकिता चाची और भी डर गयी।

2 दिनों बाद चाचा अपनी बैंक के काम से एक सप्ताह के लिए मुंबई चले गये। अब घर में हम दोनों लोग अकेले थे। मैं अपने कमरे में सो रहा था और चाची अपने कमरे में। रात में अचानक से खिड़की के पल्ले धाड़ धाड़ हवा से हिलने लगे। निकिता चाची डर गयी। फिर छत पर कुछ गिरने की आवाज आने लगी। चाची डरकर मेरे पास चली आई। उन्होंने उस वक़्त सैटिन कपड़े की काले रंग की नाईटी पहनी थी। उसमें वो कितनी सेक्सी माल दिख रही थी। चाची का फिगर 36-30-32 का था … जबरदस्त सेक्सी फिगर था उनका।

चाची मेरे कमरे में आई- राज!! मुझे लग रहा है मेरे कमरे में कोई आत्मा आ गयी है। मुझे डर लग रहा है। मैं तेरे पास ही आज सोऊँगी. चाची बोली. “ठीक है चाची … आप मेरे पास सो जाओ। अगर फिर भी भूत आया तो मैं उसका मुकाबला करूंगा.” मैंने कहा. चाची मेरे बिस्तर पर सो गयी।

मुझे इस बात की ख़ुशी थी कि आज सेक्सी चाची के साथ सोने को मिला था। कुछ देर बाद उनको नींद आ गयी, चाची जोर जोर से खर्राटे लेने लगी पर मेरी तो नींद उड़ गयी थी। चाची मेरी ओर मुंह करके लेटी थी तो उनकी नाईटी से उनके दूध की झलक मुझे साफ़ साफ़ मिल रही थी। बूब्स के ऊपर नाईटी में जाली लगी हुई थी। चाची के दूध कसे कसे दिख रहे थे। मैं तो कुछ इंच की दूरी पर लेटा था।

दोस्तो, पता नहीं क्या हुआ कि मैंने उनके पैर को हाथ से छूना शुरू कर दिया और धीरे धीरे नाईटी को ऊपर उठाने लगा तो मुझे निकिता चाची की सफ़ेद दूधिया खूबसूरत टांगें नंगी दिख गयी। मैं उनको सहलाने लगा। धीरे धीरे मेरी वासना बढ़ गयी तो मैंने नाईटी के अंदर हाथ डाल दिया और चूत के ऊपर पेंटी पर सहलाने लगा, उंगली से घिसने लगा। धीरे धीरे चाची जगने लगी। मैंने चूत पर खूब सहलाया। फिर पेंटी में अंदर हाथ डाल दिया और चूत में उंगली करने लगा।

2 मिनट बाद ही चाची की आँख खुल गयी। “राज!!! तू ये सब क्या कर रहा है? तेरे चाचा से शिकायत करूंगी.” चाची बोली. मैं अपने शरीर में आत्मा घुसने की एक्टिंग करने लगा। मैं उठकर बैठ गया और घूरकर उनको देखने लगा।

“निकिता की बच्ची!! मैं एक बड़ी बुरी और दुष्ट आत्मा हूँ। तेरे घर के बगल में जो औरत छत से कूदकर मरी है, उसे मैंने ही सुसाईड करने को मजबूर किया था। सीधे सीधे आज मुझे अपना सेक्सी जिस्म चोदने को दे दे वरना मैं तेरे शरीर में घुस जाऊँगी और तेरा भी वही हाल होगा!!” मैंने भूत की तरह सीधा चाची की आँख में देखते हुए कहा।

मैं खामोश हो गया और चाची को एकटक घूरने लगा तो मैं काफी डरावना लग रहा था।

चाची की गांड फट गयी- आ अ अ अ ओह्ह्ह भूत जी!! प्लीज मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ मत करना। मुझे जान से मत मारना। मैं मरना नहीं चाहती हूँ। आप जो कहोगे मैं वैसा करूंगी.” चाची कांपते हाथों को जोड़कर बोली- आप मुझे चोदना चाहते हो तो चोद लो पर प्लीज मुझे जान से मत मारना!! चाची हांफती हुई बोली.

“तेरे भतीजे राज के जिस्म में मैं घुस गया हूँ। उसी के जरिये मैं तुझे पूरी रात चोदूंगा। पर अगर तूने ये बात किसी से कही तो मैं फिर से वापिस आ जाऊँगा और तुझे छत से धक्का देकर मार दूंगा.” मैंने भूत की सी भारी आवाज बनाकर कहा. चाची ने तो हथियार डाल दिए, वो सह मान बैठी कि मेरे अंदर कोई भूत आ गया है।

“चलो अपने दोनों पैर खोलो!!” मैंने फिर भूत की आवाज में कहा.

चाची ने कांपते हुए अपने पैर खोल दिए। वो बड़ी डरपोक थी, सब कुछ सच मान बैठी। मैंने खुद अपने हाथ से उनकी पेंटी उतार दी, उन्होंने पैर खोल दिए, मैं चाची की चूत के सामने आकर बैठ गया। उह्ह्ह!! कितनी चिकनी और सुंदर चूत थी … बिल्कुल साफ़ … एक भी झांट नहीं!

मैंने उंगली मुंह में डालकर गीली की और चूत में घुसा दी, फिर अंदर बाहर करने लगा, फिर जल्दी जल्दी फेंटने लगा। निकिता चाची ‘ओहह्ह … ओह्ह्ह्ह … अह्ह ह्हह… अई..अई …. अई… उउउऊह…’ करने लगी।

मैं जल्दी जल्दी चूत फेंटने लगा, उंगली खूब अंदर बाहर करके मजा लेने लगा। चाची की कामुकता भारी चीखें निकालने लगी। मुझे मजा आने लगा, मैं और जल्दी जल्दी चूत फेंटने लगा।

मैं झुक कर लेट गया और एक हाथ से चूत में उंगली कर रहा था और मुंह लगाकर चूत चाट रहा था। मेरा मुंह चाची की चूत पर था, उनकी चूत के होंठ सुर्ख लाल थे, मैं मुंह में लेकर चूसने लगा। धीरे धीरे उनकी चूत का रस बाहर निकलने लगा। मैं जल्दी जल्दी चाटने लगा।

उधर निकिता चाची भी गर्म हो चुकी थी, बार बार “आआअह्ह ह्हह … ईईईई … ओह्ह्ह … अई..अई..अई … अई..मम्मी …” की सेक्सी आवाजें निकाल रही थी। उनको जोश में आता देखकर मुझे और अच्छा लगा, मैं और मेहनत से चूत चाटने लगा।

चाचा ने चाची की चूत चोद चोदकर छेद को बहुत चौड़ा कर दिया था इसलिए आराम से मेरी उंगली अंदर बाहर सरक रही थी। अब मैं 2-2 उंगली चूत में घुसाने लगा। उनको अब और मजा आने लगा।

15 मिनट तक मैंने निकिता चाची की फुद्दी में उंगली की। फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया, अपना अंडरवियर भी मैंने उतार दिया। मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा किसी सांड की तरह था।

मैं बिस्तर पर लेट गया। “निकिता की बच्ची!! नाईटी उतारकर नंगी हो जा और लौड़ा चूस मेरा!!” मैंने धमकाते हुए भूत की आवाज में कहा. “पर भूत जी!! मुझे ये काम बिल्कुल नहीं पसंद है। प्लीज!! ऐसा मत करवाओ.” चाची बोली और उन्होंने काली नाईटी उतार दी। अब वो बड़ी जबरदस्त माल दिख रही थी.

“चुपचाप चूस मेरा लौड़ा … वरना कल तेरी लाश पड़ोस वालों को मिल जाएगी!” मैंने फिर भूत की नकल करके कहा. वो डरते डरते मेरे पास आ गयी, मेरा लंड पकड़कर हाथ से फेंटने लगी, फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। उनका मन तो नहीं था पर डर के मारे सब कर रही थी। मुझे बहुत आनन्द आ रहा था। अगर भूत का बहाना नहीं बनाता तो कभी उनकी मलाई जैसी चूत चोदने को नहीं मिलती।

धीरे धीरे वो मान गयी और बिना कोई बहाना किये चाची मेरा लंड चूसने लगी। उनको भी अच्छा लगने लगा, वो मेरी गोलियों को हाथ से दबा रही थी और जीभ से चाट रही थी। मेरे लंड के छेद से बार बार रस निकल जाता था, वो उसे मुंह में लेकर चाट जाती थी। उनको भी आनंद आने लगा, वो जल्दी जल्दी मेरा मोटा खीरे जैसा लंड फेंटने लगी जोर जोर से ऊपर नीचे हाथ चलाकर फेंट रही थी। मुझे भी आनंद आया। मैं दोनों हाथ पैर खोलकर नंगा होकर लेटा था।

“चल निकिता की बच्ची!! पैर खोल अपने!!” मैंने कहा.

चाची लेट गयी, पैर खोल दिए। मैंने अपना मोटा पहलवान लंड चूत पर रख दिया और अंदर दबाने लगा। धीरे धीरे लंड पूरा अंदर घुस गया। फिर मैं चाची की चुत चुदाई करने लगा। चाची ‘मम्मी… मम्मी … सी सी सी सी.. हा हा हा … ऊऊऊ … ऊँ…ऊँ…ऊँ… उनहूँ उनहूँ…’ करने लगी। मैं तो स्वर्ग में पहुँच गया था। आज चाची के चिकने जिस्म को भोगने का सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी धक्के देने लगा। चाची चुदने लगी। मैंने उनको अपनी बांहों में लपेट लिया और उनके होंठों को मुंह में भर लिया और गरमागर्म चुम्बन करने लगा, चुम्बन के साथ चुदाई करने लगा।

चाची को भी आनन्द आने लगा। मैं कमर उठा उठाकर उनको गच्च गच्च पेल रहा था। उनके गुलाबी सेक्सी होंठ चूस रहा था। दोस्तो, इस तरह बहुत सेक्सी मौसम बन गया, मैं चूस चूसकर सेक्स करने लगा।

निकिता चाची ” ऊई..उई..उई … माँ … ओह्ह्ह्ह माँ … अहह्ह्ह…’ की तेज आवाजें निकाल रही थी। मेरा लम्बा लंड जड़ तक उनकी चूत की गुफा में घुस रहा था और हम दोनों को अत्यधिक सुख दे रहा था। चाची की गर्म गर्म चीखें बता रही थी कि वो भी स्वर्ग में भ्रमण कर रही थी। मैंने तो उनके होंठ छोड़े ही नहीं… चूस चूसकर खूब पेला उनको। उनकी चूत अभी भी काफी टाईट थी, एक साल ही शादी को हुआ था। इसलिए निकिता चाची की चूत सिर्फ एक साल ही चुदी थी।

15 मिनट मैंने बिना रुके उनको चोदा, फिर रुक गया। अब उनके कसे कसे दूध को हाथ से दबाने लगा, मैं चाची की चूची को मसल रहा था और सहला रहा था। फिर उनके ऊपर लेट कर दूध मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूस रहा था। इस बीच मैंने अपने लंड को उनकी भोसड़ी में घुसाए रखा, निकाला नहीं जिससे ज्यादा से ज्यादा मजा उनको मिलता रहा। उनके दूध की निप्पल तो अंगूर जैसी थी। मैंने उनको मुंह में लेकर मन भर के चूसा, 10-15 मिनट तक दोनों मम्मों को पिया।

मैंने एक बार फिर से जोरदार चुदाई शुरू कर दी, इस बार भी उनको खूब चोदा, फिर हाँफते हुए चूत में माल छोड़ दिया। फिर चाची भी मुझे किस करने लगी। रात में मैंने 2 बार उनकी गांड भी चोदी।

सुबह मैं पुराना राज बन गया और सामान्य बात करने लगा। चाची भूत के भय के मारे किसी को ये चुदाई वाली बात बता भी नहीं सकी।

दोस्तो, आपको मेरी स्टोरी कैसे लगी. अपनी कॉमेंट्स मुझे [email protected] पर जरूर दें. उसके बाद ही मैं नई स्टोरी आपके लिए लिखूंगा.

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