अनजान लड़की से ट्रेन में दोस्ती और चुदाई-1

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दोस्तो, मेरा नाम आर्यन है. और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच है और रंग सांवला है. मेरा लंड 6 इंच का है. आप में से अभी तक मेरी कहानी के 2 भाग दिल्ली की अनजान लड़की से ट्रेन में मुलाकात और दोस्ती जिसने भी पढ़े … उनके मेल भी आए और काफी लोगों ने कहानी को आगे लिखने को भी बोला.

पहले तो मैं माफी चाहूंगा क्योंकि मैं अपने दोस्तों और सेक्सी गर्ल्स के लिए इतने दिन में कोई कहानी नहीं ला पाया. ये सिर्फ कहानी नहीं है, ये मेरे साथ हुआ है, वही मैं आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ.

तो दोस्तो, जैसा कि मेरी सेक्स स्टोरी में अपने पढ़ा कि मैं गाँव अपने भाई की शादी में जाता हूँ और शादी होने के बाद दिल्ली की वापसी में मेरी मुलाकात प्रिया से होती है. दिल्ली पहुंचने से पहले ही मुझे प्रिया का मोबाइल नम्बर मिल जाता है. फिर हम दोनों काफी दिन ऐसे ही बात करते रहे. तभी एक दिन प्रिया मुझे अपने घर बुलाती है और मैं प्रिया के घर जा कर उसकी शाम तक 5 बार उसकी चुदाई करता हूँ.

प्रिया का फिगर 30-28-32 का था. बाकी ये आगे की कहानी है, इसमें प्रिया की चूत से लेकर उसकी गांड की चुदाई तक सब होगा.

जब मैं प्रिया की चूत की चुदाई कर रहा था तो मन किया कि उसकी गांड की चुदाई करूँ, पर मैंने सोच लिया था कि सब कुछ कर लूंगा तो नेक्स्ट मीटिंग में भी तो कुछ होना चाहिए, इसलिए मैंने उस दिन प्रिया की गांड नहीं मारी.

प्रिया की चुदाई करने के बाद मैं जैसे तैसे करके अपने घर पहुंचा. क्योंकि 5 बार चुदाई करने के बाद तो थक ही जाऊंगा ना.

मैंने घर जाते ही थोड़ा खाना खाया और सो गया. रात में 2 बजे प्रिया की कॉल आई. मैंने जल्दी से कॉल उठा लिया कि किसी को आवाज ना सुनाई दे जाए.

आप को बता दूँ कि प्रिया अपने भाई के साथ किराये पर रहती थी. उसके घर में 2 रूम थे, जिसमें से एक तो उसके भाई का रूम था और दूसरा उसका.

प्रिया फोन पर बोली- हैलो! मैं बोला- हां बोलो! प्रिया बोली- आई मिस यू बेबी. मैं बोला- किसे मिस कर रही हो और क्या मिस कर रही हो? प्रिया बोली- आपको मिस कर रही हूँ और जो आप करके गए हो … उसे भी. मैं बोला- मैंने क्या किया जी? प्रिया बोली- सब कुछ तो लेकर चले गए और अब यहां मैं अकेले में तड़प रही हूँ. फिर कुछ देर बात करके प्रिया बोली- अच्छा अब आप सो जाओ, कल बात करूँगी.

अब तो जब भी प्रिया की कॉल आती, तो हम दोनों ऐसे ही सेक्सी बात करते.

फिर कुछ दिन हुए ही थे कि मुझे एक मौका मिला, उसमें रिस्क था, पर कहते हैं ना जब चुदाई करने का बहुत सर चढ़ जाता है, तो बस उसको चुदाई करने के सिवा और कुछ नहीं दिखता. रोज की तरह प्रिया का कॉल आया और आग आज दोनों ही तरफ लगी हुई थी. तो ये तो आग हम दोनों ने आपने आप फ़ोन सेक्स करके मिटाई.

फिर मैं बोला- जान, ये मेरा लंड ऐसे नहीं मान रहा … इसे तो आपकी चूत चाहिए. तो प्रिया बोली- पता नहीं एक ही दिन में क्या जादू करके गए हो आप … बस अब तो मेरी चूत को आपके लंड का ही इंतजार है. मैं उसकी बातों में मस्त हुए जा रहा था.

फिर आगे बोलते हुए प्रिया कहने लगी- एक अच्छी खबर है. मैंने बोला- क्या है वो अच्छी खबर? प्रिया बोली- भाई के किसी फ्रेंड की शादी है और उसी दिन हमारे गली में भी शादी है. तो मैं बोला- तो इसमें क्या अच्छी बात है? प्रिया बोली- पहले पूरी बात तो सुनो. मैं बोला- बोलो जी.

प्रिया बोली- भाई ने बताया है कि वह जिस दिन अपने दोस्त के घर जाएंगे, तो वहां से फिर सुबह ही वापस आ पाएंगे. मतलब मैं उस रात घर में अकेली रहूंगी. मैंने कहा- यार, फिर तो बहुत अच्छी बात है. मैंने मौके का फायदा उठाने की पूछा, तो उसने बताया तो शादी एक हफ्ते बाद है. मैंने कहा कि अब तो सुहागरात मनाऊंगा जी … सुहागदिन तो मना लिया.

फिर हमने कुछ देर बात की और मुठ मार कर मोबाइल रख दिया. मैं सोचने लगा कि इस बार तो मौका भी मस्त है और टाइम भी पूरा है.

जिस दिन शादी थी, उस दिन सुबह 6 बजे ही मैसेज आया कि आपको घर पर 12 बजे ही पहुँच जाना है. मैंने कहा- ओके.

अब मैंने कैमिस्ट की दुकान से एक गोली भी ले ली. मैं नहीं चाहता कि जब मौका मिला है तो उसको अच्छे से इस्तेमाल न करूँ … और हां मैं प्रिया के लिए लाल रंग की ब्रा और पैंटी भी खरीद लाया था.

मैं टाइम से उसके घर गया और बिना बताए दरवाजे की घंटी बजाई. इतने में प्रिया ने गेट खोला. उस टाइम प्रिया ने लोअर और टीशर्ट पहनी हुई थी. प्रिया दरवाजा बंद करने के लिए मुड़ी, मैं उसके पीछे से ही चिपक गया और अब मेरा लंड उसकी चूतड़ से रगड़ रहा था. मैंने उसकी गर्दन को कान को चूमना शुरू कर दिया और उसके दोनों चूचों को हाथ में लेकर दबा दबाने लगा.

लड़की हो या भाभी … उसको पीछे से पकड़ना बहुत अच्छा लगता है मुझे! प्रिया बोली- थोड़ा आराम तो कर लो, आज तो पूरा दिन पूरी रात के लिए आपकी हूँ. मैंने कहा- बाद का बाद में देखूंगा, पर मुझे अपना काम करने दो.

अब मैंने उसकी टी-शर्ट को हल्के हल्के ऊपर किया और उसकी पीठ को चूमने लगा. मैं एक हाथ से उसकी पीठ को सहला भी रहा था. कुछ ही पलों बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. अन्दर उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैं अभी भी उसके लोअर के ऊपर से ही अपने लंड से उसकी गांड पर रगड़ रहा था जो उसको अच्छा लग रहा था.

ये सब करते हुए अब प्रिया गर्म होने लगी थी. मैंने प्रिया को सीधा किया और उसको गुलाबी कोमल रसीले होंठों को चूमने और चूसने लगा. प्रिया भी इसका पूरा मजा ले रही थी. साथ ही साथ अब मेरा हाथ अब उसके चूचों से होता हुआ उसके पेट को सहला रहा था और एक हाथ से उसके गोल गोल गोरे और नरम नरम चूचों को सहलाते हुए दबा रहा था.

अब प्रिया ने भी मेरी शर्ट को उतार दिया और साथ ही मैंने अपने हाथों से उसका लोवर उतार दिया. मैंने देखा, उसने काले रंग की ही पैंटी पहनी हुई थी. प्रिया भी गर्म हो रही थी उसके अन्दर अब सेक्स की भूख जाग रही थी. इसलिए उसने जल्दी ही मेरी जीन्स को भी उतार दिया.

मैंने प्रिया से पूछा- स्टार्ट कहां से करें … बेड से … या बाथरूम से? तो प्रिया बोली- बाथरूम से.

उसके इतना बोलते ही मैंने प्रिया को गोद में उठा लिया और उसे बाथरूम में ले गया. वैसे ही वो इस वक्त काले रंग की ब्रा पैंटी में एक मस्त सेक्सी लग रही थी, मुझसे रहा नहीं जा रहा था. बाथरूम में लाकर मैंने उसको नीचे उतार दिया और अपनी अंडरवियर और बनियान निकाल के साइड में टांग दी. इस पर प्रिया भी अपनी ब्रा उतारने जा रही थी तो मैंने कहा- इसे तो मैं ही उतारूंगा, पर अभी नहीं … गीले होने के बाद. तो प्रिया बोली- आज इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा है आपका. मैंने कहा- आपको ऐसी सेक्सी हालत में देखने के बाद इरादा तो ठीक कहां से रहेगा.

अब मैंने फव्वारा चालू किया और प्रिया को खींच के फव्वारे के नीचे ले आया. उसे कसके अपनी बांहों में कसके जकड़ लिया. उसके होंठ पर पानी गिरने से उसके होंठ गीले हो गए थे, तो जैसे ही मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को दबाया, मुझे इतना मुलायम लगा कि मैंने उसके होंठों को भर लिया और चूसने लगा. मेरा साथ देते हुए वो भी ऐसा ही कर रही थी.

ये सब करते हुए मेरा लंड खड़ा हो चुका था और प्रिया की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ मार रहा था. मैं उसकी गांड को दोनों हाथों से कस के जैसे दबा कर ऊपर की ओर खींचता, तो प्रिया हल्का सा ऊपर की ओर उछल कर सिसकारियां निकाल देती ‘आआआ आह … आओह … ओह … ओह …’ इसी के साथ ही उसके होंठों को लगातार जोर जोर से चूसा जा रहा था, जिससे आवाजें आ रही थीं ‘उम्म … ऊहह … हम्मम …’

अब मैं उसकी गर्दन को अपने हाथों से सहलाते हुए नीचे उसके चूचों को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा और उसके एक चुचे को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. प्रिया भी गर्म हो रही थी और उसका हाथ मेरे बालों को सहला रहा था. उसका पूरा बदन गीला हो कर चमक रहा था. क्या बताऊं यारो … वो इतनी प्यारी लग रही थी कि मन मचल रहा था कि बिना इन्तजार किये बस अभी ही लंड डाल दूँ इसकी चूत में … लेकिन मैंने अपने पर काबू किया.

अब मैंने दोनों हाथों को उसके पीछे ले जाते हुए प्रिया की ब्रा को निकाल दिया. प्रिया की ब्रा निकलते ही उसके चुचे ब्रा की कैद से आज़ाद हो गए और हवा में फुदकने लगे. उसके गोल गोल चुचे इतने मस्त थे कि मैंने देर न करते हुए उसके एक चुचे को पकड़ कर चूसने लगा. मेरी इस इस हरकत से वो एकदम से सिहर गई और उसके मुँह से आह … निकल गई.

मैं दूसरे हाथ से उसके दूसरे चुचे को दबाने लगा और एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा. इससे प्रिया और भी मस्त होने लगी. मेरा लंड इतना टाइट हो गया था कि मानो बस प्रिया की चूत में जाने के लिए बेताब हो रहा था. फिर मैंने प्रिया की पैंटी को भी उतार दिया और मैं नीचे बैठ गया. अब प्रिया की एक टांग को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर किया, जिससे प्रिया की चूत साफ दिखने लगी थी.

मैंने प्रिया के चूत के दाने पर जैसे ही जीभ से चाटा, तो प्रिया की मीठी सी सिसकारी निकल गई- आआआह … बस चूत चुसाई और चटाई का खेल शुरू हो गया था. मैं उसकी चूत को कभी चाटता तो कभी उसके चूत के दाने को अपने होंठों से दबा देता, जिससे प्रिया की सिसकारी और भी तेज हो जाती और वो जोर जोर से सांसें लेने लगती.

अब मैंने प्रिया की चूत में एक उंगली डाली तो प्रिया ‘ओह्ह … आह आआ आआह …’ करने लगी. प्रिया अब इतनी गर्म हो गई थी कि उसकी सारी बॉडी गर्म हो रही थी और उसकी चूत गीली हो गई थी. मैंने जैसे ही प्रिया की चूत में दो उंगलियां डालीं, तो अभी दोनों उंगलियां आधी ही अन्दर गई होगीं कि प्रिया सिसकारने लगी- ओह … दर्द हो रहा है.

मैंने महसूस किया कि प्रिया की चूत फिर से टाइट हो गई है. मैंने धीरे धीरे करते हुए अपनी दो उंगली उसकी चूत में अन्दर पेल दीं और अन्दर बाहर करने लगा. प्रिया- आआह ओह … ऐसे ही करते रहो और जोर से … मैंने और जोर से उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. बस 2 से 3 मिनट में ही वह बड़बड़ाने लगी- उहह … अमम्म … आआह ओह्ह … उसने ये सब करते हुए मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में जोर से दबा लिया.

थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ और प्रिया को नीचे घुटने के बल बैठा दिया. वो समझ गई कि उसकी बारी आ गई है. वो मेरा लंड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी और थोड़ी देर बाद उसने जैसे ही अपने मुँह में मेरा लंड लेकर चूसना चालू किया … मेरे मुँह से एक लम्बी ‘ऊओह …’ निकल गई. मैं मजे से लंड चुसाई का मजा लेने लगा.

उसके लंड चूसने से ‘गच … गच …’ की आवाजें आ रही थीं. वो कभी मेरे लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चटाती और उसके कोमल होंठों से जब मेरे लंड को चूसती, तो मैं तो स्वर्ग की सैर कर रहा था. कुछ मिनट बाद ही मैंने उसके सर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और जोर जोर से उसके मुँह की चुदाई करने लगा. उसके लंड चुसाई करने से अब मुझसे भी ज्यादा देर ना रुका गया और अपना लंड बाहर निकाल के उसके चूचों पर सारा माल निकाल दिया.

फिर हम दोनों साथ में नहाये और नहाते ही हम दोनों फिर से गर्म हो गए. वो इसलिए क्योंकि नहाते टाइम कभी वो मेरे लंड को पकड़ के सहलाती, तो कभी उसको मुँह में लेकर चूसने लगती और मैं भी उसके शरीर के हर हिस्से को चूमता चूसता और उसकी चूत को सहलाता.

फिर मैं उसको नंगा ही अपनी गोद में उठा कर कमरे में बेड पर ले गया और उसको लेटा दिया. अब मैं प्रिया की जांघ की सहलाते हुए ऊपर आ रहा था और मेरा हाथों का इतना प्यारा स्पर्श पाकर प्रिया को भी मजा आ रहा था. मैंने उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया. फिर मैं प्रिया के ऊपर चढ़ गया और प्रिया के एक चुचे को दबाते हुए दूसरे को मुँह में लेकर चूस रहा था. प्रिया की मदमस्त आवाज मेरे कान में गूँज रही थी- आआह … ऊऊऊह … ओह्ह्ह … उम्म … ऐसे ही चूसो आह … मजा आ रहा है. कुछ पल बाद मैंने उसकी नाभि पर किस किया तोर वो मस्ती से आवाज निकालने लगी थी.

ये सब करते हुए भी मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था. अब मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया. मैं प्रिया की चूत पर अपनी जीभ को लगा कर उसके दाने को जीभ से चाटने लगा. प्रिया को ये बहुत अच्छा लगा और वो अपनी गांड को हिलाते हुए बोल रही थी- आह … ऐसे ही और जोर जोर से चाटो … हां हां ऊऊह … ओह्ह …

प्रिया अब पूरी तरह से चुदने को तैयार हो चुकी थी. उसकी चूत अब बहुत गीली हो गई थी. इधर मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था … क्योंकि मेरा लंड भी बहुत गर्म हो गया था. मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो प्रिया को बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर तक मैंने प्रिया की चूत और अपना लंड को रगड़ा. फिर प्रिया खुद बोली- अब डाल भी दो ना … कितना तड़पाते हो. मैंने प्रिया की चूत पर अपना लंड रख कर एक जोर से झटका मारा. प्रिया जोर से चीख पड़ी- आआहह … मर गई … प्रिया की चूत में मेरा आधा लंड चला गया था. मुझे लगा कि इतना होने पर लंड आसानी से अन्दर तक चला जाएगा, पर उसकी चूत अभी भी टाइट थी. कुछ देर रुक कर मैंने प्रिया को चूमना शुरू किया और साथ ही उसके चुचे भी दबा रहा था. प्रिया अब धीरे धीरे अपनी गांड को हिलाने लगी.

फिर जब मुझे लगा कि प्रिया अब ठीक हो गई है, तो वैसे ही मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक और जोर से धक्का दे दिया. इस बार पूरा लंड प्रिया की चूत में चला गया और उसकी चीख निकल गई ‘उह्ह … उह्ह …’ प्रिया को दर्द हो रहा था, पर उसने मुझसे छूटने की कोशिश नहीं की … क्योंकि उसे भी पता था कि ज्यादा दिन बाद सेक्स हो रहा है, तो उसकी चूत भी टाइट हो गई है. ये तो बस थोड़ी देर का दर्द है.

अब प्रिया कुछ देर ऐसे ही लेटी रही, पर मैं नहीं रुका. मेरा हाथ लगातार उसके चुचे गर्दन और उसके पेट को सहला रहा था. साथ ही मैं अपने लंड को हल्के हल्के अन्दर बाहर कर रहा था. कुछ पल बाद प्रिया का दर्द कुछ कम हुआ और वो अपनी गांड को हिलाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी और उसकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं ‘ओह्ह हह … आहह … उहह हहहह …’

कुछ ही देर में अब प्रिया अपनी गांड को जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया और मैंने भी अपनी चुदाई की स्पीड ओर तेज कर दी. फच … फच … करते हुए उसकी चूत से मेरा लंड टकराता, तो ऐसे ही मधुर आवाज पलट कर आती.

कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद अब मैंने प्रिया की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख लिया. प्रिया ये सब लेटे लेटे देख रही थी और मस्त चुदाई को लेकर अपनी आँखों में वासना की खुमारी दर्शा रही थी.

मैंने फिर से प्रिया की चूत की चुदाई करना शुरू कर दिया. इस पोज़ में काफी अच्छा लगा और अब जोर जोर से प्रिया की चुदाई हो रही थी. प्रिया के कंठ से मस्ती में उसकी बस मीठी आवाजें निकल रही थीं- ओह्ह … आहह … ओह्ह चोदो … ओर जोर से चोदो … बहुत दिन से इन्तजार कर रही थी … तुम्हारी इस चुदाई का … आह … चोदो मेरी जान … और जोर से पेलो … आआह … ओह्ह!

प्रिया की ये मस्ती भरी बात सुनकर मैंने लंड को बाहर निकाला और उसके ऊपर आ गया. अपने खड़े लंड को चूत पर लगा कर एक झटका फिर से दे मारा मेरा और आधे से ज्यादा लंड प्रिया की चूत में घुसता चला गया. प्रिया ‘आआआह …’ कर बैठी.

मैंने जल्दी से दूसरा झटका मार दिया. इस बार मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा गया, जिससे प्रिया को थोड़ा दर्द हुआ. चुदाई के साथ ही मैं प्रिया के होंठों का रस चूस रहा था … जिससे उसकी आवाज नहीं निकल सकी.

मैंने प्रिया की और जोर जोर से चुदाई करना चालू कर दिया. तो फिर से प्रिया की मदमस्त आवाजें निकलने लगीं- आआआह ओह आआह … और जोर जोर से चोदो. प्रिया संग इतनी जोर जोर की चुदाई से चल रही थी कि हम दोनों ही पसीने से पूरे नहा लिए थे.

कुछ देर बाद मैंने प्रिया को डॉगी स्टाइल में आने को बोला और मैं उसके पीछे घुटनों के बल खड़ा हो गया. वो कुतिया बन गई और मैंने उसकी कमर को पकड़ कर अपने पास खींच कर अपने लंड पर थूक लगा लिया. उसकी चूत तो पहले से ही पूरी पानी पानी हुई पड़ी थी. मैंने फिर से अपना लंड प्रिया की चूत पर रखा और एक जोरदार झटके के साथ प्रहार कर दिया. मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया. चुदाई होने लगी. इसी के साथ प्रिया की मादक सिसकारियां और उसकी चुदाई करते टाइम जो भी आवाज आतीं, उससे मेरा मन और भी जोशीला हो जाता था.

एक तो प्रिया की इतनी मस्त कमर और ऊपर से उसकी गोरी गांड देख कर मन कर रहा था कि बस उसकी चुदाई करता रहूँ. मैं प्रिया की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने लंड को जोर जोर से प्रिया की चूत की चुदाई करने में लगाया हुआ था. उधर प्रिया मस्ती में बोलती- और चोदो और जोर से चोदो … आआह! इधर मेरी स्पीड बढ़ जाती.

चुदाई के साथ ही अब मैं उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था, जिससे प्रिया की चुदाई के साथ उसको दर्द भी हो रहा था, इस दर्द के साथ उसकी ‘आह हम्म अअअअ …’ निकल जाती. इस पोज़ में हम दोनों को ही मजा आ रहा था और अब प्रिया की ताबड़तोड़ चुदाई से पूरे रूम में आवाजें गूंज रही थीं.

ऐसे कुछ देर प्रिया की चुदाई करने पर वो अब बोलने लगी- बेबी, मेरा होने वाला है. इतना सुनते ही मैंने भी अपनी चुदाई की स्पीड को ओर तेज कर दिया. इतने में प्रिया ‘ओह … आह … मर गई … मैं गई …’ करते हुए झड़ गई और वहीं 20 से 25 झटके मारते हुए मुझे भी लगा कि अब मेरा निकलने वाला है. मैंने लंड को प्रिया की चूत से बाहर निकाला और सारा माल उसकी पीठ पर गिरा दिया.

कुछ देर बाद मैंने उसकी पीठ को साफ किया और उसके साथ लेट गया. थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों नहाये और ऐसे ही बिना कपड़े के पड़े रहे. फिर हम दोनों ने उठ कर कुछ खाना खाया और उसके बाद दोनों साथ में लेट कर बात कर रहे थे.

उसे पड़ोस की शादी में जाना था, उसके जाने से पहले मैंने एक बार उसकी फिर से चुदाई कर दी.

लेकिन जो अभी तो खेल बाकी था, वो था प्रिया की गांड मारना, अभी तो पूरी रात बाकी थी. आगे क्या हुआ … मैंने कैसे और कितनी देर तक उसको चोदा और पूरी रात कैसे उसकी चुदाई हुई. वो सब अगले भाग में लिखूंगा. दोस्तो अपने मेल जरूर भेजें और मुझे बताएं कि मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लगी. [email protected]

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