मॉम और मैं बॉस के बेटे से चुद गई- 1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

एडल्ट सेक्स कहानी मेरी मॉम की … वे अपनी चढ़ती जवानी से ही सेक्स के जलवे बिखेरने लगी थी. जब बड़ी हुई तो मैंने मॉम की सारी हरकतें देखी.

नमस्कार दोस्तो, मैं सायंतनी हूं. मैं एक हॉट और सेक्सी बंगाली लड़की हूँ. मैं एक बहुत ही खूबसूरत सेक्सी महिला की बेटी हूँ।

हमारे पड़ोसी लड़के आमतौर पर हम दोनों को सेक्स बम बोलते हैं। मेरी खुद की उम्र 20 साल और मेरी माँ की उम्र अभी 40 साल है। मेरी मां देखने में केवल 35 की ही लगती है. मां ने जल्दी शादी कर ली थी तो हम मां बेटी की उम्र का अंतर भी कम ही है.

आज मैं आपको एडल्ट सेक्स कहानी मेरी मॉम की बताऊंगी. साथ ही अपनी मां की जवानी का किस्सा भी शेयर करूंगी.

मैं और मेरी माँ कोलकाता में रहते हैं. मेरे पिताजी ज्यादातर बैंकॉक में रहते हैं। मेरे पिता एक बड़ी मारवाड़ी कंपनी में काम करते हैं. बैंकॉक में वे उसी कंपनी का होटल व्यवसाय देखते हैं।

यहाँ मेरी माँ उसी मारवाड़ी कंपनी के मालिक के कार्यालय में काम करती हैं। मूल रूप से कोलकाता में कंपनी के मालिक श्री रमेश बाबू और उनके बेटे राहुल मुझे और मेरी माँ को एक रखैल की तरह रखते हैं.

इसके पीछे एक लम्बी कहानी है. मैं इसके लिए आपको भूतकाल में ले जाती हूं क्योंकि जो मैंने अपनी मां के बारे में सुना था वो आपको भी बताना जरूरी है.

किशोरावस्था से ही मेरी माँ बहुत सेक्सी थी. वह अपने सेक्सी फिगर और अपने जिस्म के उभारों के कर्व दिखाकर लड़कों को लुभाया करती थी. आस पड़ोस के सारे मर्द मेरी मां की जवानी के दीवाने हुआ करते थे.

उसके कई दोस्तों के साथ उसके सेक्स संबंध भी थे. मेरी मां बालिग होते ही गर्भवती भी हो गयी थी. मेरे पिताजी और मां एक दूसरे को पहले से जानते थे तो उन्होंने बच्चा न गिरवाने का फैसला किया और जल्दी ही शादी कर ली.

उस समय दोनों ने अपना घर छोड़ दिया और नौकरी के लिए गोवा चले गए। मेरे पिताजी एक होटल में नौकरी करते थे। जैसा कि दोनों को किंकी और कुछ अलग प्रकार का सेक्स पसंद था इसलिए मेरे जन्म के बाद फिर से माँ ने अपने सेक्सी स्वभाव को फिर से हासिल कर लिया।

रात के खाने के बाद ज्यादातर देर रात माँ आमतौर पर समुद्र तट में पिताजी के साथ सिर्फ बिकनी पहनकर घूमती थी। विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए वह विदेशियों के साथ सेक्स का भी आनंद लेने लगी।

उस समय एक बार माँ रमेश बाबू के पास होटल में कॉल गर्ल बन कर गयी थी। उस टाइम रमेश बाबू मेरी माँ की सेक्सी लुक और सेक्सी नेचर देख कर बहुत ख़ुश हो गये.

उन्होंने मेरी मां को लगातार तीन दिन तक होटल में रखा. उन तीन दिनों में रमेश बाबू ने मेरी मां को खूब चोदा. वो उसको बीच पर ले जाकर भी चोदते थे.

इन तीन दिनों के दौरान उसने माँ को अपनी कंपनी में नौकरी पर रखने के लिए प्रस्ताव दिया. और पिताजी के लिए अपने बैंकॉक के होटल इंचार्ज की नौकरी के लिए भी एक शानदार ऑफर दिया। उस समय से रमेश बाबू की निजी वैश्या के रूप में मेरी मां की यात्रा शुरू हुई थी.

उस समय माँ सिर्फ 22 साल की थी और रमेश बाबू 25 साल के थे। रमेश बाबू ने हमें रहने के लिए कोलकाता में एक बड़ा सा सुंदर फ्लैट दिया और पिताजी अपनी नौकरी के लिए बैंकॉक चले गए।

माँ की सुंदरता और सेक्सी फिगर को देखने के बाद रमेश बाबू के पूरे परिवार के पुरुषों का लौड़ा उछलने लगा। यहाँ तक कि उनके 58 साल के बूढ़े पिता भी हमारे घर आने लगे।

मेरे घर में आने जाने वाले मर्दों को देखकर मैं सोच में पड़ जाती थी कि इतने सारे मर्द मां से मिलने के लिए क्यों आते हैं. उस वक्त मुझे इतनी समझ नहीं थी.

शुरू से ही मैंने आमतौर पर रमेश बाबू या उनके भाई, चचेरे भाई-भतीजे को भी देखा था. वो ज्यादातर हमारे बेडरूम में आकर ही सोते थे. मां भी साथ में ही होती थी. मुझे दूसरा रूम दे दिया जाता था.

मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था इसलिए चुप रहती थी. मैं देखती थी कि रमेश बाबू और उनके परिवार के अन्य पुरुषों के लंड हमेशा तने हुए रहते थे. मुझे उत्सुकता होती थी लंड को खड़ा देखकर क्योंकि मैं भी जवान हो रही थी.

कई बार मैं मां के रूम के बाहर खड़ी होकर अंदर देखा करती थी. मां सबके लंड चूसा करती थी. कई बार मां उनके फार्म हाउस पर भी जाती थी. इस तरह से मेरी मां की करतूतें मुझे काफी समय पहले से ही पता लगनी शुरू हो गयी थीं.

जैसे जैसे जवान लड़कियों के संपर्क में आई तो मेरी सहेलियां भी मुझे सेक्स ज्ञान देने लगी थीं. मैं भी जानती थी कि पुरूष के लिंग को स्त्री की योनि में प्रवेश कराया जाता है जिससे दोनों को मजा आता है. इसमें भी फिर चूत चाटना, लंड चूसना आदि और भी बातों के बारे में जान गयी थी.

अब मेरी चूत भी कुछ कुछ कहने लगी थी. मेरी जवानी के साथ वो भी जवान हो गयी थी. उसके चारों ओर उगे हल्के रोयेंदार बाल इस बात का बार बार आभास करवाते थे कि मैं अब लंड लेने के लिए तैयार हो गयी हूं और एक नए जीवन को जन्म भी दे सकती हूं.

ऐसे ही उन दिनों मुझे मां के कमरे में एक वाइब्रेटर डिल्डो और बट प्लग (गांड में डालने वाली मशीन) मिले. मैं डिल्डो के बारे में अपनी सहेलियों से सुन चुकी थी. फोटो व वीडियो में देखा भी हुआ था.

जब वो लंड जैसे आकार की चीज मेरे हाथ में आयी तो मैं खुद को रोक नहीं पाई. मैं उसको प्रयोग करके देखना चाह रही थी. मैंने एक वाइब्रेटर को अपनी चूत में लेने की कोशिश की लेकिन चूत पूरी टाइट थी और छोटी थी.

मैंने जोर लगाया तो मेरी चूत की सील टूट गयी और सब कुछ खूनम खून हो गया. खून देखकर मैं एकदम से घबरा गयी कि ये मेरे साथ क्या हो गया.

डर और दर्द से मैं इतनी जोर से चीखी कि माँ ने मुझे रंगे हाथ पकड़ लिया. शुरू में वह मुझ पर जोर से चिल्लायी- तुम यहाँ? यह सब क्या कर रही हो??

जवाब में मैंने वो सारी बातें कह डालीं जिनको मैंने आज तक नोटिस किया था. मां का चेहरा शर्म से लाल हो गया. उनके पैर कांपने लगे और फिर उसी रात उन्होंने मुझे अपनी चुदाई से जुड़ी एक एक बात बताई.

उसने बताया कि कैसे रमेश बाबू और उसका दोस्त और उसका बेटा उसे नियमित रूप से चोदते हैं. मां ने स्वीकार किया कि वो उनकी निजी वेश्या है. जब मां ने बताया कि रमेश बाबू का बेटा भी उनको चोदने लगा है तो मैं बहुत कामुक हो गयी.

मुझे अपनी चूत में गहरी उत्तेजना हो रही थी. राहुल मुझसे केवल एक साल ही बड़ा था. वो एकदम जवान था और मैं उसकी ओर आकर्षित भी महसूस करने लगी थी. मगर मां ने मुझे टोकते हुए रोक दिया था कि अब उनकी नजर मेरे ही जिस्म पर है.

पहले से ही रमेश बाबू के बेटे राहुल ने मां से मेरी फिगर व साइज़ के बारे में पूछ लिया था. मेरे बूब्स और गांड बहुत ही सेक्सी शेप के लगते थे.

माँ चिंतित थी कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे मुझे और मेरे किसी भी छेद को नहीं छोड़ेंगे।

अब मां मुझे कहने लगी कि जब वो आयें तो तू घर में न रहा कर. मैंने कहा कि ठीक है मैं सामने नहीं आऊंगी. मगर बाहर नहीं जाऊंगी.

दरअसल मैं मां को रमेश बाबू, उनके दोस्त और राहुल से चुदते हुए देखना चाहती थी.

अगली दोपहर मेरी इच्छा पूरी हो गई। मैंने अपनी खिड़की से देखा कि राहुल हमारे घर की ओर आ रहा था. तुरंत मैंने अपने आप को कमरे के पर्दे के पीछे छिपा लिया।

उस समय माँ शिफोन की साड़ी में थी। उसकी 34-30-36 की फिगर इतनी सेक्सी लग रही थी कि देखते ही चोदने का मन करे.

घर की बेल बजी और मां दरवाजा खोलने गयी. राहुल अंदर आ गया. आते ही वो मां पर चिल्लाने लगा कि उसने साड़ी क्यों पहनी हुई है.

उन दोनों का चुदाई का प्रोग्राम पहले ही फिक्स था. उसे लगा कि मां तैयार मिलेगी और टू पीस में ही होगी. तभी उसने तुरंत मां की साड़ी को खींचना शुरू कर दिया. वो उसे रोकने लगी लेकिन इतने में उसकी साड़ी उसके बदन से अलग हो गयी. अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी.

मां ने उसके सामने वो भी उतारना शुरू कर दिया. अब वो उसके सामने रेड ब्रा और पीले पेटीकोट में थी. राहुल बोला- ये पेटीकोट उतारने में शर्म आ रही है क्या? फिर मां ने पेटीकोट भी निकाल दिया.

अब राहुल जमकर उसकी चूची और गांड को दबाने लगा. वो ब्रा और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूचियों और गांड को सहला और दबा रहा था. फिर उसने मॉम को पूरी नंगी कर लिया. उसकी चूचियों को पीने लगा. वह मजे से मॉम के बूब्स चूस रहा था और उसकी चूत को सहला रहा था.

मां के चेहरे से पता लग रहा था कि उनको कितना मजा आ रहा है.

मैं भी ये नजारा देखकर खुद को रोक नहीं पाई और वहीं पर अपनी चूत को सहलाने लगी.

अब मां ने भी राहुल की पैंट निकाल दी. उसके लंड को वो हाथों से मालिश देने लगी. मैंने देखा कि मां के हाथ उसके लंड पर लगते ही उसका लौड़ा और ज्यादा टाइट हो गया.

फिर वह सोफे पर बैठ गया और माँ को बोला- आंटी, पहले तुम एक बट प्लग लेकर आओ, तुम्हारी गांड में डालना है. मॉम थकी हुई थी तो वो मना करने लगी. फिर राहुल ने जोर देकर मंगवाया.

बट प्लग को उसने मॉम के मुंह में डाल दिया और उसे सोफे पर डॉगी पोज लेने के लिए कहा. मॉम डॉगी पोज में आ गयी. राहुल ने उसकी गांड पर तमाचे मारे.

अब राहुल ने माँ की पैंटी को नीचे उतार दिया. मेरी माँ की चूत पूरी क्लीन थी और वो माँ की चूत में उंगली देकर उनकी फिंगरिंग करने लगा. मां को ऐसे बेबस चुदते हुए देखकर मेरी चूत भी गीली हो गयी थी.

उसने फिर बट प्लग को मां के मुंह से निकाला और उसकी गांड पर दबाते हुए उसके छेद में पूरा डाल दिया. मां चीख उठी. मैं भी मां की गांड में वो बट प्लग जाता देखकर हैरान हो गयी.

उस बक़्त पूरा प्लग माँ की गांड के अंदर था. गांड के बाहर सिर्फ उसका स्टॉपर दिख रहा था. फिर वो सोफे पर बैठ गया और माँ को नीचे फ्लोर पर बैठकर लंड चूसने के लिए कहा.

उसका कहा मानते हुए मां ने राहुल का लौड़ा चूसना शुरू कर दिया. मैं तो सोचकर हैरान हो रही थी कि मां इसे कैसे संभालेगी. गांड में प्लग था और मुंह में राहुल का लंड.

मैं इतनी कामुक हो गयी कि मैंने अपनी दो उंगिलयां अपनी चूत में डाल लीं. मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी. उस वक्त मॉम को मैं सचमुच वेश्या बनी हुई देख रही थी. वो रंडी की तरह उसका लंड चूसने में लगी हुई थी.

राहुल ने मां के बालों को पकड़ा और पूरा लौड़ा अंदर तक घुसाने लगा. उसकी पकड़ बहुत तेज थी और लंड के साथ साथ मां उसकी गोटियों को भी चूमने लगी थी.

वो राहुल के अंडकोषों को मुंह में भरकर चूसने लगी. दोनों मस्ती में लगे हुए थे. राहुल के मुंह से सिकारियां निकल रही थीं. अब वो मॉम की चुदाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया था.

इधर मेरी चूत भी पूरी तड़प रही थी. राहुल का लंड देखकर मेरा मन भी करने लगा था कि मैं भी मां के पास ही चली जाऊं और राहुल के लंड को खूब जोर जोर से चूसूं. उसकी गोटियों से खेलूं और फिर अपनी चूत में उसका लंड ले लूं.

यही कहानी लड़की की मीठी आवाज में सुनें.

मगर अभी मैं अपनी मॉम की चुदाई देखने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. मैं देखना चाह रही थी कि मॉम की चूत में ऐसी क्या आग है जो वो इतने मर्दों के लौडो़ं को खा जाती है.

कहानी पर अपनी राय बताने और अपने सुझाव देने के लिए मुझे मैसेज करें. दोस्तो, आपको मेरी मॉम की एडल्ट सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे बताना न भूलियेगा. मैं जल्दी ही चुदाई को आगे विस्तार से बताऊंगी. [email protected]

एडल्ट सेक्स कहानी मेरी मॉम की का अगला भाग: मॉम और मैं बॉस के बेटे से चुद गई- 2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000