भाभी की बहन की कुंवारी चूत चोदन स्टोरी

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मेरी प्यारी भाभियो और सेक्सी लड़कियो! माफी चाहूंगा कि बहुत दिन बाद आया हूँ, किसी काम में व्यस्त होने के कारण कोई कहानी नहीं लिख पा रहा था। बहुत सारे पाठकों ने मुझे आगे की कहानी लिखने के लिए कहा, लेकिन मैं टाइम नहीं निकाल पा रहा था. यह कहानी मेरे एक दोस्त ने मुझे भेजी है. आप सब इस सेक्सी स्टोरी का मज़ा लें। जैसे ही मुझे वक्त मिलेगा मैं अपनी आपबीती आप सबके साथ साझा करूंगा बहुत जल्द, जो मेरे साथ हुई थी. फिलहाल आप मेरे इस दोस्त की कहानी को पढ़कर मज़ा लें।

मेरा नाम शुभम है, मैं रायपुर सिटी में रहता हूँ. दिखने में ठीक-ठाक हूँ और बॉडी काफी अच्छी है. मैं रोज़ जिम जाता हूँ। दोस्तो, यह कहानी एक साल पहले की है जब मैं बाहरवीं कक्षा में पढ़ता था. हमारे घर में पांच सदस्य हैं. चूँकि मैं एक अमीर घर का लौंडा हूँ इसलिए घर में कम रहता था और दोस्तों के साथ घूमता रहता था. हम सब लोग मिलकर बहुत मस्ती करते हैं.

उस दिन मेरे घर में एक मेहमान आया. वो मेरी भाभी की सिस्टर थी. दिखने में बहुत खूबसूरत थी जिसको देखकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाएं, मैं ही उसको लेने गया था.

जब 3 साल पहले हम एक शादी में मिले थे तो उस वक्त वो मुझे इतनी पसंद नहीं थी और हमने कभी भी बात नहीं की थी. मगर जब मैंने स्टेशन पर उसको देखा तो वो एकदम किसी फिल्मी एक्ट्रेस की तरह लग रही थी. मैं उसे देखता ही रह गया. तभी उसने मुझे पहचान लिया और वह कार के पास आकर खड़ी हो गई. मैं अभी भी उसे देख रहा था कि अचानक उसने कहा- कहां खो गए?

उसने मुझे बाहर आने के लिए कहा. जब मैं बाहर आया तो उसने मुझे गले से लगा लिया. मैं फिर से उसकी बांहों में खो गया और तभी मैंने महसूस किया कि मेरा लौड़ा खड़ा हो गया है. शायद उसे भी उस बात का अंदाज़ा हो गया था और वह झट से हट गई. फिर वह बोली- गाड़ी मैं चलाऊंगी। मैंने भी चाबी उसे दे दी और मैं हम दोनों गाड़ी में बैठ गए. सारे रास्ते में मैं उसे ही देखता रहा.

तभी उसने कहा- बस करो, अब देखते ही रहोगे? मैं गर्मियों की छुट्टियों तक यहीं रहूंगी. यह सुनकर मैं खुश हो गया और कहा- सच में? उसने कहा- और नहीं तो क्या, अब मैं तुमसे मज़ाक करूंगी? उसकी बातें सुनकर मेरा लण्ड अभी भी खड़ा हुआ था. जैसे-तैसे करके मैंने उसे संभाला.

घर पहुंचकर हम अंदर गए तो सभी घर वाले उसे देखकर बहुत खुश हो गए. भाभी तो उसको देखकर रोने ही लगी क्योंकि तीन साल बाद जो मिली थीं वो दोनों.

माफी चाहूंगा, उसका नाम बताना तो मैं भूल ही गया. उसका नाम ज्योति था. उसने दोपहर का खाना खाया और वो छत पर चली गयी. मैंने भी फटाफट लंच किया और मैं भी उसके पीछे छत पर चला गया. पहुंचते ही मैंने उससे बातें करना शुरू कर दिया. हमने नॉर्मल ही बात की.

अगले दिन मेरे दोस्त घर पर आ गए और ज्योति के बारे में पूछने लगे। मैंने उनको बता दिया कि वो मेरी भाभी की बहन है. उसके बाद हम घूमने चले गए.

कुछ देर बाद मैं घर आया और ज्योति से दोबारा बातें करने लगा. मैं ज्योति को अपने साथ अपने कमरे में ले गया. बातें करते हुए मैंने हिम्मत करके ज्योति से पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड तो नहीं है न? उसने बताया कि उसे यह सब पसंद नहीं है. फिर मैं चुपचाप वहाँ से चला गया. उसने भी कुछ नहीं बोला और मेरे रूम में बैठकर वो वीडियो गेम खेलने लगी.

फिर मैं दोपहर के समय आया तो मैंने देखा कि ज्योति मेरे ही रूम में सोई हुई थी. मैं उसको देखता ही रहा। मैंने भाभी को बताया कि ज्योति तो मेरे ही रूम में मेरे बेड पर सो गई है. भाभी ने मुझसे कहा- तुम हॉल में सो जाओ. मैंने भाभी को मना कर दिया और बोला कि मैं अपने बेड पर ही सोता हूँ. आपको भी तो पता है. भाभी बोली- ठीक है, तुम उसके बाजू में ही सो जाओ!

मैं तो झट से मान गया. मेरा 7 इंच का लौड़ा उसे देखते ही खड़ा हो गया और मैं फटाक से उसके बाजू में जाकर लेट गया. मैंने देखा कि वो गहरी नींद में सो रही है. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और उसने ज़रा सी भी हरकत नहीं की. मैंने फिर धीरे से उसके बूब्स पर हाथ रखा. उसके बूब्स तो भाभी के चूचों से भी काफी बड़े थे। फिर मैंने ज्योति के बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर के बाद मुझे लगा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा. मैंने धीरे-धीरे उसकी पैंट के ऊपर हाथ रखा और ऊपर से ही उसकी चूत वाले भाग को सहलाने लगा. कुछ देर बाद झट से उसकी पैन्ट में अपना हाथ अंदर डाल दिया. उसने अंदर चड्डी पहन रखी थी. मैंने काफी देर तक उसको सहलाया. जब मुझे ज्यादा ही जोश चढ़ गया तो मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाल लिया. मैंने अपने लौड़े को हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया और ज्योति के पास चिपक कर रगड़ने लगा.

फिर मैंने सोचा कि उसकी पैंट को नीचे भी कर दूँ. मैंने वैसा ही किया. फट से उसकी पैंट को नीचे किया और देखा कि उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे. मुझे कुछ अच्छे से नहीं दिखाई दे रहा था. मैंने अपना कम्बल ओढ़ लिया. मैं कम्बल के अंदर गया और अपने मोबाइल की टॉर्च को चालू कर दिया.

कम्बल के अंदर ही मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा लेकिन तभी मुझे लगा कि ज्योति उठ गई है. मैंने तुरंत उसकी पैंट को ऊपर कर दिया और वहां से चला गया.

उसके बाद मैंने अपने दोस्त को कॉल किया तो उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया. मैं दोस्त के घर चला गया और रात को ही घर वापस आया. मैं काफी डरा हुआ था कि कहीं उसने घर में किसी को बता तो नहीं दिया होगा. लेकिन मुझे सब कुछ नॉर्मल ही लगा. फिर भी मैं ज्योति के सामने नहीं जा रहा था।

फिर रात का खाना खाया और मैं छत पर चला गया. आधे घंटे के बाद ज्योति भी छत पर आ गई. ज्योति ने मुझसे हैल्लो कहा, मैंने भी हैल्लो कहा और नीचे जाने लगा. तभी उसने टोकते हुए मुझे रोका और बोली- रुको! मैंने देखा कि वो थोड़ी गुस्से में लग रही थी. उसने कहा- इधर आओ!

लेकिन मुझे किसी का ऐसे मुझ पर हुकुम चलाना पसंद नहीं था, मैंने पलटकर जवाब दिया- अगर तुम्हें काम है तो तुम आ जाओ। वो चलकर मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- इतना एटीट्यूड किसलिए दिखा रहे हो? मैंने कहा- कुछ नहीं। हालांकि मैं दोपहर की बात को लेकर डरा हुआ था. फिर मैंने पूछा- क्या काम है? उसने तेज़ आवाज़ में कहा- तुम मेरे साथ दोपहर में क्या कर रहे थे? मैंने धीमी आवाज़ में जवाब दिया- क्या … क्या … कर रहा था मैं? उसने कहा- मेरी चूत के साथ क्यों खेल रहे थे?

उसके मुंह से यह बात सुनकर तो मेरे होश ही उड़ गए। मैं चुपचाप वहीं पर खड़ा रहा। उसने फिर हँसना चालू किया और मैं उसे देखता रह गया. फिर वो बोली- कोई बात नहीं, मुझे भी मज़ा आ रहा था। उसकी ये बात सुनकर मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुंच गया. साथ ही मेरा लौड़ा भी खड़ा होना शुरू हो गया। मैंने फटाक से छत के दरवाज़े को बंद किया और उससे पूछा- सच में तुम्हें ऐसा करने में कोई परेशानी नहीं है? ज्योति ने हँसते हुए कहा- नहीं!

मैंने वहीं पर उसको चूमना शुरू कर दिया. उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया. ज्योति को भी इस काम में काफी महारथ हासिल थी। वो मुझे किस कर रही थी। मैंने जल्दी से उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। उसके टी-शर्ट को ऊपर किया और उसके बड़े-बड़े मम्मे भी साथ ही चूसने लगा। वो भी मुझे पागलों की तरह किस करने में लगी हुई थी।

मैंने और ज़ोर से उसके बूब्स को काटा तो उसके बूब्स लाल हो गए। वो एकदम चिल्ली पड़ी. मैंने कहा- सॉरी. उसने कहा- बस मेरे बूब्स को ही चाटते रहोगे क्या?

मैंने उसकी पैंट को नीचे कर दिया, उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत के अंदर से जब पानी निकलना शुरू हो गया तो मैंने और अच्छी तरह उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसने कहा- अब तुम भी मुझे अपना लण्ड दिखाओ? मैंने देर न करते हुए तुरंत अपना लौड़ा निकाल लिया जिसे वो देखती ही रह गई।

उसने कहा- इतना बड़ा! वाकई मेरा लंड काफी बड़ा है और मोटा भी है।

फिर उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया। वो मेरे लंड को हिलाती ही जा रही थी। मैंने ज्योति से कहा- चूस लो इसे! वो बोली- मुझसे नहीं होगा।

लेकिन मेरे कई बार बोलने के बाद उसने मेरा लंड चूसना भी शुरू कर दिया। लगभग 10 मिनट तक अपना लौड़ा चुसवाने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया। उसने मेरे वीर्य को थोड़ा हिलाया और नीचे थूक दिया। मैंने कहा- और चूसो ना यार! ज्योति ने मेरे लंड को फिर से मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी।

कुछ देर बीतने के बाद मेरा लंड फिर से अपने आकार में वापस आने लगा। मैंने कहा- ज्योति, अब तुम्हें चोदने का मन कर रहा है! उसने कहा- पागल हो क्या, छत पर ही लोगे मेरी? मैंने कहा- प्लीज … मुझसे रहा नहीं जा रहा।

मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और उंगली को उसकी चूत के अंदर हिलाना शुरू कर दिया। वो भी गर्म होने लगी थी। मैं उंगली को हिलाता रहा और वो इतनी गर्म हो गई कि झड़ ही गई। मैंने उसकी चूत का सारा पानी चाट लिया। वो बोली- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मैंने कहा- चल मेरी रंडी, अब मेरे कमरे में चलते हैं। उसने कहा- ठीक है मेरे मजनूँ!

मैंने उसे खुद ही कपड़े पहनाए और नीचे चलने के लिए कहा।

फिर हम नीचे गए भाभी ने कहा- बड़ी बातें हो रही हैं तुम दोनों के बीच में? मैंने कहा- और क्या… हम लोग बात भी नहीं कर सकते हैं क्या? भाभी ने हँसते हुए कहा- करो, करो… और करो …

मैं ज्योति को अपने रूम में ले गया और मम्मी को कह दिया कि मैं ज्योति को गिटार बजाना सिखा रहा हूँ। मम्मी ने कहा- तो इसमें बताने की कौन सी बात है बेटा?

मैं ज्योति को अंदर ले गया और अंदर जाकर दरवाज़ा भी लॉक कर लिया। उसे पागलों की तरह किस करने लगा। खड़े-खड़े मेरा लंड भी दर्द करने लगा था। वो और ज्यादा बड़ा हो गया था। ज्योति को किस करते हुए मैंने सारे कपड़े उतार फेंके।

ज्योति भी मेरे लंड को चूसने लगी। वो भी पूरी नंगी हो गई थी। मैंने उसको और ज्यादा गर्म करने के लिए उसके बूब्स को दबा दिया। वो चिल्ला उठी क्योंकि शायद मैंने उसके बूब्स को कुछ ज्यादा ही ज़ोर से काट लिया था। मैंने उसको सॉरी कहा और उसको बेड पर लेटा लिया, उसकी चूत को चाटने लगा।

वो पूरी तरह से गर्म हो गई थी और जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने कह दिया- मैं तुम्हें चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ ज्योति। वो बोली- गांडू, फिर देख क्या रहा है?

यह सुनकर मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में फिट कर दिया। अपना हाथ उसके मुंह पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दे मारा। वो तड़प उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ लेकिन मेरा आधा लंड भी अभी अंदर नहीं गया था। वो छटपटाने लगी और उसकी आंखों से पानी बहने लगा।

मैं जानता था कि वह थोड़ी ही देर में नॉर्मल हो जाएगी और मैं उसी पोजिशन में रुक गया। कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल हो गई तो मैंने धीरे-धीरे धक्के देना चालू किया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कस-कस कर धक्के देने लगा। ज्योति जल्दी ही झड़ गई। मेरा लंड उसकी चूत के पानी से पूरा गीला हो गया जिसके कारण अब मेरा लंड बड़े ही आराम से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था।

कुछ देर में मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया और उसकी चूत तो जैसे फट ही गई थी। उसे डर था कि कहीं वो प्रेग्नेंट न हो जाए। मैंने उससे कहा कि मैं मैडीकल स्टोर से दवाई ला दूंगा। तुम्हें कुछ नहीं होगा। अपनी बातों में बहला कर मैंने उसे फिर से चोद दिया।

और मैं किसी न किसी तरह रोज़ ही उसको चोद देता था। इस बीच मैंने उसकी गांड भी मारी.

जब तक वो हमारे घर रही, मैं उसको चोदता रहा। अब उसके जाने के बाद मैं मुट्ठ मारकर गुज़ारा करता हूँ। अब तो बस मैं किसी सेक्सी लड़की का इंतज़ार करता रहता हूँ जो मेरे लंड की प्यास को बुझा सके।

मित्रो, आपको मेरी यह भाभी की बहन की कुंवारी चूत चोदन स्टोरी कैसी लगी, आप मुझे ज़रूर बताइएगा। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000