दिसम्बर 2018 की बेस्ट लोकप्रिय कहानियाँ

प्रिय अन्तर्वासना पाठको दिसम्बर 2018 प्रकाशित हिंदी सेक्स स्टोरीज में से पाठकों की पसंद की पांच बेस्ट सेक्स कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

मेरा नाम मन्जू वर्मा है, और मैं अभी 56 साल की हूँ। मैं एक वृद्ध आश्रम में रहती हूँ। अब देखा जाए तो अभी मैं इतनी बूढ़ी भी नहीं हुई हूँ कि मैं किसी वृद्ध आश्रम में रहूँ, मगर मेरा बेटा मुझे यहाँ छोड़ गया है। यहाँ तो बहुत ही बूढ़े लोग हैं, और मैं सबसे छोटी हूँ, अभी तो मेरे बाल भी आधे से ज़्यादा काले हैं।

कल मेरी तबीयत कुछ ढीली थी, तो मैंने अपने वार्डन से कहा कि मुझे डॉक्टर के पास जाना है। उसने एक लड़के को बुलाया और मुझे डॉक्टर के पास भेजा। हमारे ओल्ड हाऊस में अपना कोई डॉक्टर नहीं है, हमने बाहर एक डॉक्टर से कांट्रैक्ट कर रखा है।

मैं उस लड़के की बाइक पर बैठ कर चली गई। रास्ते में 4-5 बार ऐसा हुआ के बाइक के एकदम ब्रेक लगाने के वजह से मेरे बूब्स उस लड़के की पीठ को छू गए, और उस लड़के ने भी शायद इस चीज़ का मज़ा लिया, मुझे भी मज़ा आया, मैं क्यों झूठ बोलूँ।

डॉक्टर से चेकअप करवा कर मैं वापिस अपने ओल्ड हाऊस आ गई। शाम को मेरी तबीयत कुछ और ढीली हो गई, तो वार्डन ने मुझसे पूछा कि अगर मुझे कोई मेरी सेवा संभाल के लिए चाहिए? मैंने कह दिया कि अगर कोई हो तो भेज देना।

थोड़ी देर बाद वही लड़का आ गया जो सुबह मुझे डॉक्टर के पास लेकर गया था। उसने मुझे दवाई दी, मुझे खाना ला कर दिया और रात को मेरे ही रूम में अपना बिस्तर लगा कर सो गया। दवाई में शायद नींद की गोली भी थी, दवाई खाने के बाद मैं भी सो गई।

आधी रात के बाद मुझे लगा जैसे कोई मुझे हिला हिला कर जगा रहा है, मैंने दवाई का नशा होने के कारण बड़ी मुश्किल से अपनी आँखें खोली तो देखा कि वो लड़का मेरे ही बिस्तर पर बिल्कुल मेरे पीछे आकर लेट गया और उसने मेरी सलवार खोल कर नीचे सरकानी शुरू करी। पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया, मन में आया कि शोर मचाऊँ, इसके मुँह पर एक तमाचा मारूँ। मगर बरसों बाद मिल रहे पराए मर्द के स्पर्श ने मेरा मुँह बंद कर दिया।

उसने बड़ी तसल्ली से मेरी सलवार खोली और मेरे पीछे लेटकर मेरे चूतड़ों से अपना लंड घिसाने लगा। उसका कड़क लंड मेरी गांड को छू रहा था, और मैं मस्त होकर लेटी सोने का नाटक करती रही। बड़े आराम से उसने मेरी कमीज़ के गले में हाथ डाल कर मेरे मम्मे दबाये, फिर मुझे सीधा करके लेटाया, और मेरी टाँगें खोल कर अपना लंड मेरी चूत में धकेल दिया। अब गर्म तो मैं भी हो चुकी थी, तो मेरी चूत में भी पानी आ चुका था, उसका लंड बड़े आराम से मेरी चूत में घुस गया और वो मुझे बड़े जोश और बढ़िया तरीके से चोद रहा था.

पूरी कहानी यहाँ पढ़ कर मजा लीजिये …

आपने मेरी पिछली कहानियाँ गांव की रिश्ते की साली को चोदा गांव वाली साली की सहेली को चोदा

के दो दो भागों को पढ़ा, मुझे काफी मेल मिले. दोस्तो, आगे भी आप मुझे ईमेल लिखते रहें और मुझको प्रोत्साहित करते रहे कहानी लिखने के लिए और जो सुझाव हों वे भी आप मुझे अवश्य दें. मेरी कहानियां सौ परसेंट सच्ची हैं.

चलो अब कहानी पर आते हैं. मैं, मेरी पत्नी और नीरू तीनों आपस में चुदाई करते थे, इसी बीच में मैंने नीरू की सहेली पायल को किस तरह चोदा वह मैंने अपनी पिछली कहानी में आपको बतलाया. उसके बाद जून के महीने में नीरू की मौसी की लड़की जिसका नाम सविता है, छुट्टियों में नीरू के घर पर आई हुई थी. वह बरेली की रहने वाली है, हर साल ही नीरू के यहां यानि अपनी मौसी के घर आती है. सविता की उम्र 18 साल है.

इस बार जब वह छुट्टियों में आई तो एक रोज जब मैं नीरू और मेरी पत्नी की चुदाई कर रहे थे तो मैंने नीरू से कहा- नीरू यार … तेरी मौसी की लड़की भी तो आई हुई है, उससे बात करके देख ना … कुछ नया हो जाए तो? उसने कहा- मैं देखती हूं बात करके कि उसके मन में है यह नहीं!

नीरू ने जाकर सविता से बातचीत की और धीरे धीरे सेक्स के ऊपर बात करनी शुरू की तो वह इंटरेस्ट ले रही थी. नीरू ने पूछा- सविता, तेरा कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं? तब सविता ने बताया- हां, मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड है. आगे नीरू ने पूछा- ब्वॉयफ्रेंड तक ही है या कभी मजा भी लिया है? तो सविता ने बताया- नहीं, हाय हेलो और फोन पर बात हो जाती है, बाकी आगे कुछ नहीं हो पाया. नीरू ने पूछा- क्या तेरा मन है? तो सविता ने कहा- क्यों? क्या तेरी नजर में कोई लड़का है या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है जिससे तू करवाती है?

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दो माह पहले ही मैं अठारह वर्ष की हुई. पापा ने मेरे जन्मदिन को स्पेशल बनाने में कोई कर नहीं छोड़ी. होटल में पार्टी अरेंज की गयी. मेरे स्कूल कॉलेज के दोस्तों के साथ ही रिश्तेदार भी थे. और उस वक्त तो मैं खुशी से पागल हो गयी जब केक काटने के दौरान हेप्पी बर्थ डे का गायन समाप्त होते ही मेरे सामने गिफ्ट के रूप में बीस हजार रूपये मूल्य का स्मार्ट फोन था, सब फीचर थे उसमें और जियो की सिम. डेढ़ जीबी रोज इंटरनेट डाटा.

अब मैं एडल्ट हो गयी थी. इसके पहले की मेरी जिन्दगी बहुत ही मासूम रही. पापा की परी और माँ की लाड़ली थी. घर से स्कूल और स्कूल से घर. मगर अब तो क़ानून और मेडिकल साइंस दोनों मुझे मंजूरी देते हैं कि मैं जिन्दगी के नये मोड़ को भी समझूं और उसे जियूं. बस इसी भावना ने मेरी जीवन शैली में परिवर्तन किया और वह घटना घटी, जिसे मैं पहली कहानी के रूप में आपके सामने पेश कर रही हूँ.

घर में हम तीन ही सदस्य हैं. माँ, पापा और मैं. पापा डॉक्टर हैं. माँ एडवोकेट हैं. मैं बी.एससी. कर रही हूँ. साथ ही नीट की तैयारी भी कर रही हूँ. अगर पास हो गयी तो डॉक्टर बनूंगी. नहीं पास हो पायी तो सोचूंगी कुछ और!

दिन में घर पर अकेली ही रहती हूँ. एक दो दिनों में ही मैं मोबाइल के सारे फंक्शन समझ गयी. उस दिन पहली बार मोबाइल पर एडल्ट कंटेंट सर्च की. कुछ वीडियो देखे. इसी सर्च के दौरान मैं अन्तर्वासना तक पहुँच गयी. जहां आप मुझसे मुलाक़ात कर रहे हैं.

अन्तर्वासना पर मैंने हर श्रेणी की एक दो कहानियाँ पढ़ीं. आश्चर्य से भर गयी. ऐसा भी होता है. यहाँ तो कोई किसी को नहीं छोड़ रहा है. न पिता, न भाई, न अंकल, न पड़ोसी, न शिक्षक. सब एक ही कार्य में लगे हैं. क्या वाकई ऐसा होता है. फिर ध्यान आया कि कभी कभी समाचारों में भी देखने पढ़ने को मिलता है कि रिश्तों की मर्यादा तार तार हो गयी. पिता अपनी बेटी के साथ कई वर्षों तक यौनक्रिया करता रहा आदि आदि. तो होता है ऐसा.

अब मेरा भी मन मचलने लगा. मैं भी इस अनुभव से गुजरने की सोचने लगी. शादी को तो अभी कम से कम पांच सात वर्ष हैं. या तो इतना इन्तजार करूं या फिर कोई जुगाड़ लगाऊं. इतंजार अब होने का नहीं तो क्यों तकलीफ में रहूँ. बस एक बार करके देखती हूँ, ऐसा मैंने सोचा और आँखों को खुला छोड़ दिया. तलाशो अपने लिए कोई बांका यार.

मैंने अपने आपको विशेष रूप से सजाना संवारना प्रारम्भ कर दिया. कांच के सामने खड़े होकर अपने को निहारती रहती हूँ. बिना कपड़ों के भी और फैशनेबल कपड़े पहनकर भी. मेरे कमरे में ही बाथरूम है. वहां से नहाकर निकलती हूँ तो तन पर एक भी वस्त्र नहीं रहता है. कमरे में ड्रेसिंग टेबल है. आदमकद है ड्रेसिंग टेबल. गीले बदन के साथ उसके सामने खड़ी होती हूँ तो अपने पर ही मोहित हो जाती हूँ. पांच फीट पांच इंच का मंझला कद है मेरा. रंग एकदम गोरा. जैसे किसी ने मक्खन में थोड़ा सा सिंदूर मिला दिया हो. चेहरे पर चमक है जो इस उम्र की लड़कियों में होती ही है. आँखें बड़ी बड़ी हैं. होठ एकदम लाल सुर्ख हैं. सुराहीदार गला है. सोने की चेन पहनती हूँ.

गले से नीचे नजर जाती है तो कहना ही क्या. मेरा सीना जबर्दस्त है. मेरी सहेलियां मुझे छेड़ा करती हैं. बड़े बड़े उरोज हैं. एकदम सफेद झक्क. छोटे छोटे निप्पल हैं. निप्पल के आसपास भूरे रंग के दो घेरे हैं. पेट सपाट है. नाभि गोल और सुदर है.

और नीचे आइये ना …

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मैं साधारण कद काठी का एक नौजवान हूँ, मेरी उम्र अभी 34 साल है और मेरी पत्नी रीना की उम्र 32 साल है। रंग गोरा है, कसा हुआ बदन, फिगर 34-30-36 है। खास बात यह है कि वो देखने में बहुत सेक्सी लगती है। अब मेरे साथ जब वो कहीं भी जाती है तो लोग अक्सर उसको बहुत घूर घूर कर देखते हैं। वो अक्सर कहती है- यार, क्या चक्कर है, मैं बिल्कुल बिना मेकअप के आई हूँ, बिल्कुल सड़ी हुई, नहाई नहीं, मुँह भी नहीं धोया, पर फिर भी लोग कैसे घूर घूर कर देख रहे हैं।

अब खास बात यह है कि रीना का चेहरा बहुत बचकाना है, बच्चों सा भोलापन है उसके चेहरे पर और ऊपर से उसकी खूबसूरत मुस्कान और कातिल नज़र। उसकी आँखें और मुसकुराते होंठ सबको अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। शायद यही वजह है कि वो बहुत जल्दी सबकी चहेती बन जाती है। एक उसको सबसे बातचीत करना बहुत पसंद है, उसका बातूनी होना भी सबको प्यारा लगता है।

खैर ये तो रही उसकी बात। मगर उसके इस तरह से सबके बीच पापुलर होने से मुझे अक्सर हीन भावना का शिकार होना पड़ता है। मुझे लगता है कि सब उसको ही चाहते हैं, मुझे कोई पसंद नहीं करता। शादी को हमारी 6 साल हो चुके हैं। मगर हमारे अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है। यह दूसरा कारण है जिस वजह से रीना को मेरे सभी यार दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी सब के सब बड़ी भूखी निगाह से देखते हैं। सबको लगता है कि मेरे में ही कोई कमी है, जो रीना को अभी तक बच्चा नहीं हुआ। और इसी वजह से हर कोई रीना पर अपनी मर्दानगी दिखाना चाहता है।

औरतें तो उसे पसंद करती हैं, मगर मर्द उसे चाहते हैं। सबको लगता है कि अगर रीना उन से चुद जाए, तो वो उसकी गोद हरी कर देंगे। कुछ तो डींग भी मारते हैं कि बेटा दे देंगे। मैं इस वजह से बहुत अंदर ही अंदर घुटता हूँ। कई तरह की दवाई बूटी, टूने टोटके करता रहता हूँ। ताकि रीना प्रेग्नेंट हो जाए, अपनी मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी कुछ न कुछ दवाई बूटी खाता हूँ। इस वजह से मेरे लंड की अकड़ और सेक्स करने का टाइम काफी बढ़ गया।

अब एक बार शुरू करता हूँ, तो आधे पौने घंटे तक मैं रीना को लगातार चोदता हूँ। अब 6 साल से वो इतनी इतनी देर तक चुदती है तो उसे भी यही पसंद आता है कि जब कोई मर्द उस पर चढ़े तो एक घंटे से पहले न उतरे। जहां तक मुझे लगता है कि रीना ने मुझसे चोरी शायद एक दो और लोगों से भी सम्बन्ध बनाए होंगे, मगर जब वो 5-10 मिनट में ही पानी गिरा कर उतर गए तो, रीना को मज़ा नहीं आया। तभी उसने कभी गैर मर्द को घास नहीं डाली।

बेशक मुझे अभी भी डर लगता है कि कहीं रीना किसी और के पास सेट न हो जाए। क्योंकि मुझे पता है कि माँ बनने के लिए कोई औरत किसी भी हद तक जा सकती है। वैसे हम दोनों में बहुत प्यार है, रीना मुझे बहुत प्यार करती है, मेरी हर छोटी छोटी बात का भी ख्याल रखती है। सेक्स में उसने आज तक मुझे कभी ना नहीं कहा। उसे खुद भी सेक्स करना और सेक्सी क्रियाकलाप करने बहुत पसंद है।

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मेरी बीवी का नाम अनु है. मैं 26 साल का हूँ और मेरी बीवी 25 साल की है. हमारी शादी को 5 साल हो गए हैं. हमारी एक बेटी है, वो अभी 4 साल की है. मैंने आज तक अंतर्वासना पर बहुत कहानियां पढ़ी हैं. तो अब मुझे लगा कि मैं भी अपनी कहानी भेजता हूं.

दोस्तो, किसी की कहानी सच हो ना हो, पर मेरी ये कहानी बिल्कुल सच है. इसमें बताई गई सारी बातें सच हैं.

हम राजस्थान के एक छोटे शहर में रहते हैं. पहले हम घरवालों के साथ संयुक्त परिवार में रहते थे, पर पिछले एक साल से हम कहीं अलग किराए के घर में रह रहे हैं. हमारी बेटी एक बोर्डिंग स्कूल में रह कर पढ़ने लगी है. यह हमारा घर, हमारे पुराने घर से काफी दूर था. इस कॉलोनी में हम नए थे, तो हमें कुछ दोस्तों की जरूरत थी. मेरी बीवी ने भी कुछ पड़ोस में दोस्ती कर ली और मैंने एक बहुत बड़ी गलती की कि कॉलोनी के एक बहुत ज्यादा बदमाश और नेता किस्म के आदमी से दोस्ती कर ली. उससे वहां के लोग बहुत डरते थे. मैंने उससे दोस्ती कर ली, मुझे पता नहीं था कि उस बदमाश दोस्त ने मुझसे दोस्ती सिर्फ मेरी बीवी के लिए की थी.

मैं मेरी बीवी से और मेरी बीवी मुझसे बहुत प्यार करती है. मैं एक प्राइवेट बैंक में सर्विस करता हूं और मेरी बीवी एक गृहणी है. वह बहुत सुंदर है. उसका फिगर 36-28-36 का है. वो इतनी ज्यादा हॉट है कि उसको देख कर कोई भी उसको चोदना चाहेगा. मेरा ये मवाली दोस्त भी यही चाहता था.

शुरू में मुझे पता नहीं चला. इस दोस्त का नाम करण पाल था. मैं उसे शुरू में घर लाने लगा. उसके पास स्कॉर्पियो गाड़ी थी और उसका नाम भी बहुत था, जिस कारण से मैं सोचता कि यह दोस्त अपने किसी काम आएगा और यह अच्छा आदमी है.

पर धीरे धीरे मुझे शक होने लगा क्योंकि जब करण पाल घर आता तो मेरी बीवी से काफी खुल के बात करता और से देख कर काफी अलग अंदाज में हंसता था. जब मैं ऑफिस में होता तो भी वह किसी ना किसी बहाने से मेरे घर आ जाता था और अनु से काफी मजाक करता था. इस कारण मुझे उस पर काफी शक होने लगा.

एक दिन जब मैंने रात को मेरी बीवी को चोद रहा था. तब मेरी बीवी ने कहा- करण पाल जी अच्छे आदमी हैं, मुझे वो अच्छे लगने लगे हैं. उसी समय मैंने सोच लिया कि इसका मतलब ये हुआ कि मेरी पत्नी भी उसकी ओर धीरे धीरे आकर्षित हो रही है.

फिर मैंने एक दिन मेरे उसी दोस्त करण पाल को घर बुलाया, चाय पिलाई और कहा- दोस्त आप बहुत अच्छे हो … पर मेरी बीवी को ये अच्छा नहीं लगता कि कोई भी घर में ज्यादा आए. तो आप कृपया बुरा मत मानना … पर हम आगे से बाहर ही मिलेंगे. करण पाल यह सुनकर गुस्से से लाल पीला हो गया और उसने जोर से आवाज़ लगाते हुए मेरी बीवी को बुलाया- अनु भाभी … अनु जी … सुनिए.

पूरी कहानी यहाँ पढ़ कर मजा लीजिये …