अनजान प्यासी भाभी के घर जाकर चुत चुदाई

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सेक्सी भाभी की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती एक भाभी से हुई. उसका पति उसका ख्याल नहीं रखता था. मैंने उसकी चूत का ख्याल कैसे रखा?

दोस्तो, मैं आज एक सेक्सी भाभी की चुदाई कहानी को अपने साथ घटे एक सच्चे अनुभव के आधार पर लिख रहा हूँ. आपको मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं … मुझे फीडबैक जरूर करना. उससे मुझे और आगे की कहानी लिखने की प्रेरणा मिलेगी.

पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूं. मैं राजकोट शहर का रहने वाला हूँ. मेरा नाम हर्षित है. ये नाम बदला हुआ नाम है. मेरी उम्र 23 साल की है. मेरी हाईट 5 फ़ीट 10 इच है.

मेरे लंड उस्ताद का नपातुला साइज 5 इंच का है, जो किसी भी लड़की और भाभी को संतुष्ट कर सकता है.

इसके बाद मैं सेक्सी भाभी की चुदाई कहानी के उस पात्र के बारे में बता दूँ जिसके साथ मजा किया था. उसका नाम मनीषा था. (ये भी बदला हुआ नाम है.)

मनीषा 35 साल की एक शादीशुदा भाभी थी. उससे मेरी दोस्ती ऑनलाइन हुई थी.

उसका पति पहले से किसी बड़ी कंपनी का मालिक था और खूब कमाता था. मनीषा भाभी का पति कई कुंवारी लड़कियों को चोदने के चक्कर में भी रहता था.

वो पिछले 6 महीने से एक प्राइवेट बैंक में मैंनेजर के पद पर कार्यरत एक लड़की को डेट कर रहा था. उसको खुश रखने के लिए वो बहुत पैसा बर्बाद करता था.

वो अपनी पत्नी की प्यार की ललक को नहीं बुझा पाता था.

फिर मनीषा ने मुझे अपने पति की पूरी कहानी सुनाई और मुझसे आग्रह किया कि उसे मदद की जरूरत है. मैंने उसकी मदद करने के लिए उसे हां कर दी.

वैसे तो उसने ये सारी बातें उसने मुझे फ़ोन पर बताई थीं. फिर भी हमने एक दूसरे की फोटो कभी नहीं भेजी. कभी जरूरत ही नहीं पड़ी, बस प्यार से एक दूसरे से बातें करने में मशगूल रहते थे. हम दोनों इतना समझ चुके थे कि एक दूसरे के लिए हम परफेक्ट हैं.

फिर एक दिन उसने मुझसे सेक्स के बारे में पूछा, तो मैंने हामी भर दी. मगर किधर मिलना था जब ये पूछा तो उसने कहा कि मैं तुम्हें कॉल करूंगी, तब तुम मेरे घर ही आ जाना.

उसके बेटे की रोज़ कोचिंग क्लास रहती थी और शनिवार के दिन उसकी कोचिंग का टाइम 4 घंटे का होता था.

इस तरह मनीषा ने शनिवार का दिन डिसाइड कर लिया.

मैंने भी उससे सारी तैयारियां करके रखने को कहा. इस पर उसने झट से कमेंट मारते हुए कहा- जो आप बोलें मेरे प्यारे मित्र.

यह सुन कर मैं हंसने लगा.

फिर उसने मुझे अपने घर का पता दे दिया. उसके घर का पता राजकोट के एक अमीर इलाके का था.

आखिर वो दिन आ ही गया. हम दोनों एक दूसरे को मिलने वाले जो थे.

उसका पति दिल्ली टूर पर गया था. और बेटे का कोचिंग का समय था. उसका बेटा दोपहर से अपने फ्रेंड के घर चला गया था.

उस दिन दोपहर को करीब डेढ़ बजे मुझे मनीषा का कॉल आया- मेरे घर आ जाओ, मैं इन्तजार कर रही हूँ.

मैं तैयार तो था ही … बस उसका फोन आते ही मैं निकल पड़ा. करीब 2 बजकर 10 मिनट पर मैंने मनीषा के घर की डोरबेल बजाई.

उसने अन्दर से आवाज दी- अभी आती हूँ.

उसने दरवाजा खोला और मुझे देखते हुए बोली- आप हर्षित हो ना? मैंने हां करके अपना सिर हिलाया और पूछा- आप मनीषा!

उसने मुस्कुरा कर हां में सर हिलाया और मुझे प्यार से अन्दर आने को बोला. मैं घर के अन्दर आ गया.

उसका घर बहुत ही सुंदर सजाया हुआ घर था.

जब वो मेरे लिए पानी और चाय लेकर आयी, तो मैंने उससे उसके घर की तारीफ की.

मनीषा ने थैंक्स कहा और फिर हम बातें करने लगे. हम दोनों ने बहुत सी बातें की. इस दौरान हमें वक़्त का पता ही नहीं चला की आधा घंटा निकल गया.

मैंने चूंकि मनीषा को अभी ही देखा था तो मैं आपको उसकी फिगर आदि के बारे में बता देता हूँ.

उसकी हाइट करीब 5 फुट 1 इंच रही होगी और उसका रंग गोरा, मदहोश कर देने वाली नशीली आंखें, भरे हुए गोल गुलाबी गाल, प्यारे से होंठ, जिन पर एक मस्त स्माइल थी. उसने रेड कलर की एक हॉट सी कुर्ती और नीचे ब्लैक कलर की साइन करती हुई जींस पहन रखी थी.

इसी बीच मैंने उसे प्यार से देखा और आंखों से मूक इशारा किया, तो वो मेरी तरफ को सरक आई.

मैंने मनीषा को अपने पास आते देखा, तो मैं भी देर ना करते हुए आगे को बढ़ गया. अगले ही पल हम दोनों होंठों से होंठों को मिलाते हुए किस करने लगे.

वो बहुत अच्छा किस कर रही थी. उसके किस करने के तरीके को देख कर कोई भी नहीं कह सकता था कि ये सेक्स की भूखी है.

एक बार एक पल के लिए हमारे होंठ अलग हुए हम दोनों ने एक दूसरे की आंखों में देखा और फिर से हमारे होंठ जुड़ गए.

इस बार हम दोनों ने लगातार 15-20 मिनट तक किसिंग की. हमारे चुम्बन से हम दोनों की शारीरिक भूख जाग गई थी और अब हम दोनों सेक्स के लिए पागल हुए जा रहे थे.

हमारा चुम्बन टूटा, तो मैंने उसे अपनी बांहों में खींच लिया और उससे बोला- चलो बेडरूम में चलते हैं.

उसने मेरी आंखों में कामुक निगाहों से देखा और बेडरूम की तरफ इशारा करते हुए कहा- चलो.

वो आगे चल रही थी, पीछे से उसकी गांड बड़ी मस्त हिल रही थी. कुछ ही पलों बाद हम दोनों बेडरूम में थे.

उसे मैंने गोद में उठा लिया और पलंग पर लेटा कर उस पर चढ़ गया. मैं फिर से मनीषा को किस करने लगा.

इस बार मैं उसके होंठ, गाल, गर्दन, सभी जगह किस करने लगा. इससे वो ज़ोर-जोर से कामुक सिसकारियां ले रही थी और मेरे बालों में उंगलियां फेर रही थीं.

मैं ऊपर चूमने के बाद उसके नीचे आ गया और मैंने उसके दोनों पैर अपने हाथों में ले लिए. उसकी जांघों को जींस के ऊपर से ही किस करने लगा था. उसके साथ किसी ने कभी भी ऐसे नहीं किया था. वो एकदम नशे जैसी हालात में लगने लगी थी.

मैं फिर से धीरे से ऊपर बढ़ा और उसकी कुर्ती को ऊपर करता हुआ, उसके पेट पर चुम्बनों की बारिश करने लगा.

मेरे हर एक किस से वो और भी जोर से सिसकारियां लेने लगी. उसकी आवाजों से मैं भी उत्तेजित होता जा रहा था.

मैं पेट से ऊपर बढ़ता हुआ उसकी ब्रा तक पहुंच गया. उसने अन्दर ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी.

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा. वो और भी ज्यादा कामुक होने लगी.

फिर मैंने उसकी कुर्ती और ब्रा को एक साथ निकाल दिया.

अब मुझे उसकी चूत देखने के जल्दी थी. इसलिए मैं उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा.

उसने मुझे इशारा किया तो मैंने उसकी जींस को नीचे खींच कर घुटनों पर कर दिया.

सामने उसकी काले रंग की जालीदार पैंटी को देखा, तो उसकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसमें से चुत का रस बह रहा था.

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर किस किया और ज़ोर से अपने मुँह को उसकी चूत की दरार में चिपका दिया. इससे उसकी बहुत ज़ोर की सिसकारी निकल गई.

मैंने मन में सोचा कि इसका पैंटी के ऊपर से ही ये हाल है, तो अन्दर से तो ये फूट पड़ेगी.

फिर मैंने उसकी गांड पकड़ कर उठाया और उसकी चिकनी चमचमाती हुई चूत को पैंटी की कैद से आज़ाद कर दिया. उसकी पैंटी घुटनों पर थी. उसकी चूत काफी दिनों से चुदी नहीं थी.

चूत बिल्कुल चिकनी और सफ़ेद थी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, वो चुदाई की पूरी तैयारी करके बैठी थी.

मैं फिर से उसकी चूत की तरफ बढ़ा और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.

उसकी चूत मानो एक गर्म चोको लावा केक जैसा अनुभव करा रही थी. मेरी जीभ उसकी चूत के हर हिस्से को चाट रही थी.

थोड़ी ही देर में मैंने उसकी चूत चाटने की अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत का रसपान करने के लिए तैयार हो गया.

उसकी कामुक सिसकारियां और तेज होती जा रही थीं. जल्दी ही वो झड़ने वाली थी.

मैंने अपनी स्पीड थोड़ी और बढ़ाकर उसकी चूत को तेजी से चाटने लगा. तभी उस सेक्सी भाभी ने एक बहुत ज़ोर की सिसकी ली और ‘आह आह अम्म्म अआह ..’ करते हुए अपनी चूत के पानी का फ़व्वारा मेरे मुँह पर दे मारा.

मेरा पूरा चेहरा और मुँह उसके चूत के रस से भर गया था. फिर मैं उसे पी गया.

उसकी चूत से अब भी पानी निकल रहा था, जिसे मैंने फिर से चाटना शुरू कर दिया.

मैंने उसकी चूत को चाट चाट कर फिर से चिकनी और चुदासी कर दी.

अब वो उठी और बोलने लगी- अब बहुत हो गया, तुम जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड घुसा दो. मुझसे अब नहीं रहा जा रहा है. मैंने कहा- मेरा मन 69 का है. वो हंस दी और बोली- ओके मैं भी रेडी हूँ.

अब मैंने उसकी जींस और पैंटी पूरी निकाल दी और उसको किस करते करते उसके मम्मों के साथ खेलने लगा.

उसके चूचे बहुत कोमल थे. मैं उसके रसीले मम्मों को चूसने और दबाने लगा.

बहुत देर तक उसके दूध चूसने और मसलने के बाद मैंने उससे कहा कि वो बेड के कोने पर आ जाए. वो झट से मान गयी और बेड के कोने पर आ गयी.

मैं उसकी चूत फिर से चाटने लगा. तभी उसने उठ कर मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मेरा लंड झट अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. वह लंड चुसाई का आनन्द मेरे जीवन की सबसे मस्त फीलिंग थी. वो इतना अच्छा लंड चूसती थी कि मुझे अपना लंड उसके मुँह से निकालने का मन ही नहीं कर रहा था.

अब मैं उसका सर पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह को चोदने लगा. वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी.

तभी मेरा होने वाला था, तो मैंने उसको बोला- मेरा निकलने वाला है.

उसने लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी और एक मिनट बाद मेरा सारा माल वो पी गई.

मैं निढाल होकर उसके बाजू में लेट गया और उसे किस करने लगा.

कुछ मिनट बाद वो पोजीशन लेकर फिर से मेरा लंड चूसने लगी और उसने लंड को खड़ा कर दिया.

इसके बाद मैंने उसे पलंग के कोने पर लिटाया और उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख कर चुदाई की पोजीशन सही कर ली. मैंने उसकी चूत पर मेरा लंड सैट किया और ज़ोर लगा दिया.

पहली बार में ही मेरा आधा लंड चुत के अन्दर घुसता चला गया. इस अचानक हुए हमले से सेक्सी भाभी की तेज चीख निकल पड़ी.

फिर मैंने धीरे-धीरे 4-5 धक्के मारे, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर-बाहर होने लगा. उसकी चूत बहुत दिनों से नहीं चुदी थी, इसलिए बहुत टाइट थी.

अब वो मेरे लंड को पूरी तरह से एन्जॉय कर रही थी और लगातार उसके मुँह से ‘आह आह अम्म्म ..’ की आवाज़ आ रही थी. पूरे कमरे में मेरे लंड के उसके चूत में जाने की आवाज़ गूंज रही थी.

मैं उसे धकापेल चोदे जा रहा था. बीच-बीच में मैं अपनी स्पीड कम कर देता था ताकि चोदने का मज़ा और बढ़ जाए. दस मिनट बाद मनीषा ने मुझसे कहा कि मैं झड़ने वाली हूँ.

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो ज़ोर से चीखते हुए मुझसे लिपट कर मुझ पर चढ़ गयी और कंपकंपाते हुए मेरे लंड के ऊपर अपना रस छोड़ने लगी.

उसकी चूत के रस में मेरा तना हुआ लंड पूरा भीग गया था और मेरी जांघों पर बहने लगा था.

मेरा लंड अभी झड़ा नहीं था और पूरी औकात में उसकी चूत को फाड़ते हुए आगे-पीछे हो रहा था.

फिर वो मुझसे अलग हो गई. तो मैंने उसे बताया कि मैं अभी झड़ा नहीं हूँ और अभी और चोदना चाहता हूँ.

वो बहुत खुश हुई और बोली- चोद दो जानू … लेकिन पोजीशन बदल लेते हैं.

फिर मैंने उससे उसकी फ़ेवरिट पोजीशन पूछी, तो उसने मुझे कहा कि वो घुड़सवारी करते हुए चुदना चाहती है.

तो मैं लेट गया और उसे अपने लंड के ऊपर आने को कहा. सेक्सी भाभी मेरे ऊपर आ गयी और मेरा खड़ा लंड चूसने लगी. मेरा लंड उसके मुख के रस से सन गया.

वो अब मेरे लंड की सवारी करने को तैयार थी. वो मेरे लंड पर चढ़ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत की दरार में एडजस्ट करते हुए मेरे तने लंड को अपनी चूत में घुसा लिया.

एक आह के साथ मनीषा ने लंड को चुत में खा लिया था. वो गांड उछालते हुए चुदाई का मजा लेने लगी.

मैं उसकी गोरी चूत को अपने लंड के ऊपर नीचे होते हुए देख रहा था.

वो अपना मुँह ऊपर की ओर करके मुझसे चुदने का आनन्द ले रही थी और मैं उसके बड़े मम्मों को मस्ती से हवा में उछलते हुए देख रहा था. मैं मनीषा के मम्मों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया.

उसके स्तनों के चूचुक मेरे हाथों में आ गए थे और मेरा लंड उसकी चूत में था.

वो मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होते हुए चिल्लाते हुई बोली- मैं फिर से झड़ने वाली हूँ. मैंने भी बोला- हां जान मेरा भी होने वाला है, कहां निकालूं?

उसे अचानक कुछ याद आया और वो रुक गयी. सेक्सी भाभी लंड से हट कर मेरे नीचे आ गई और बोली- जोर से मुझे चोदो, मेरा भी निकाल दो और अपना अमृत मेरी चूत में ही गिरा दो.

मैंने उसका मन समझ लिया था और उसी चुत में ही झड़ने का मन बना कर उसके ऊपर आकर उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा.

दो मिनट बाद वो झड़ गई और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

उसके झड़ने के बाद मैंने करीब 10 से 15 धक्के और मारे और मैं ‘आ आह आ आह आह हम्म आह ..’ करते हुए झड़ गया. उसके कहे अनुसार मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया और हमारे रस की बाढ़ उसकी चूत से बहने लगी.

फिर वहां से उठकर हम दोनों साथ में बाथरूम में चले गए और एक दूसरे को नहलाने लगे.

उसी वक्त उसने मेरा लंड पकड़कर फिर से चूसना शुरू कर दिया.

करीब पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसे रोक दिया दिया और नहाकर बाहर निकल आए.

उसके बाद हम दोनों ने नाश्ता किया. वो हम दोनों के लिए काजू बादाम वाला केसर का दूध दो बड़े मग में लेकर आई. हमने नाश्ता खत्म किया और मैंने निकलने की बात की.

वो मेरे पास आई और मुझे हग करके किस करने लगी. तभी मैंने उसकी गांड पर एक जोर से थप्पड़ मारते हुए कहा- अब इसका नम्बर है. वो हंस कर बोली- इसको तो छोड़ दो.

मैंने कहा- नहीं मुझे तुम्हारी गांड मारनी ही है. उसने मुझसे कहा- ओके फिर कभी आ जाना और इसके साथ मजे कर लेना. अभी मेरे बेटे को आने का टाइम हो गया है.

मैंने उसे किस किया और बाय बाय कह कर निकल गया.

आपको मेरी सच्ची सेक्सी भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताइएगा. मैं हर ईमेल का रिप्लाई करने की कोशिश ज़रूर करूंगा. मेरी मेल आईडी है.

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