अन्तर्वासना पाठक का अजेय लंड

दोस्तो, मैं अर्पिता एक बार फिर हाजिर हुई हूँ मेरी जवानी की प्यास की कहानी लेकर. सबसे पहले तो आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने मेरी पहली कहानी मेरी कुंवारी चूत की पहली चुदाई को इतना प्यार दिया. मुझे इतने सारे मेल किये.

सबसे पहले तो जो पाठक मुझे नहीं जानते, उन्हें बता दूं कि मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और एकदम जबरदस्त माल हूँ. मेरा भरा-पूरा शरीर है और बड़े बूब्स हैं. साथ ही एक बड़ी और मोटी गांड है. मतलब मैं एक बहुत अच्छी दिखने वाली लड़की हूँ.

चलिए अब सीधे कहानी पर आते हैं.

मेरी पिछली कहानी के बाद आप में से बहुत से लोगों ने मुझे मेल किये थे. उन्हीं में से एक हैं अजय जी. दरअसल उन्होंने मुझे मेल किया कि उन्हें मेरी कहानी बहुत अच्छी लगी है और वो मुझसे फ़ोन पर बात करना चाहते हैं. मैंने उन्हें मेरा नंबर दे दिया और हम फ़ोन पर बातें करने लगे. पहली बार बात करने पर अजय मुझे बहुत ही शालीन और शांत स्वभाव के व्यक्ति लगे. फिर अजय ने मुझे अपनी फोटो भेजी. फोटो में मैंने देखा कि एक 35-36 साल का हट्टा-कट्टा मर्द खड़ा है जिसकी हल्की-हल्की दाढ़ी और मूछें हैं. अजय दिखने में काफी स्मार्ट लग रहे थे. फिर तो हमारी रोज ही बात होने लगी. बातों ही बातों में मैं और अजय अब धीरे-धीरे खुलने लगे थे. वैसे तो वो अन्तर्वासना से अच्छी तरह परिचित थे लेकिन फिर भी किसी अन्जान व्यक्ति के साथ खुलकर बात करने में थोड़ा सा समय तो लग जाता है.

वैसे अजय ने भी कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई मुझसे गंदी बात शुरू करने में. पहले कुछ दिन तक हम लोगों के बीच में नॉर्मल सी बातें होती रहीं. फिर एक दिन रात के समय अजय ने मुझे कॉल किया. उससे बातें करते हुए मुझे लगने लगा कि वह अपने लंड के साथ छेड़खानी भी कर रहा है. ऐसा मुझे इसलिए लगा क्योंकि मुझसे जब उसने बात शुरू की थी तो वह नॉर्मल आवाज में ही बात कर रहा था. कुछ देर के बाद उसकी सांसें जैसे भारी सी होने लगी थीं. मैं भी कोई कच्ची खिलाड़ी तो थी नहीं इसलिए समझते हुए मुझे देर नहीं लगी कि वह जरूर अपने लंड को हाथ में लेकर सहला रहा है या फिर मुट्ठ मार रहा है.

उसके लंड के बारे में सोचकर मैंने भी अपनी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. कुछ देर के बाद मेरा भी हाल अजय के जैसा ही हो गया. हम दोनों ही समझ गए थे कि अब सिर्फ नॉर्मल बात करने से काम नहीं चलेगा. फिर धीरे-धीरे हम दोनों में सेक्स की बातें भी होना शुरू हो गईं. अब तो अजय खुलकर मुझसे मेरी फिगर, मेरी चूत और मेरी गांड के बारे में बातें करने लगा था. मैं भी उसके लंड के बारे में पूछ लेती थी. फोन सेक्स करने में हम दोनों ही मजा लेने लगे थे. कुछ दिन तक हम दोनों ऐसे ही फोन पर एक-दूसरे का दिल बहलाते रहे. मगर अब आग दोनों ही तरफ से बढ़ चुकी थी.

फिर एक दिन अजय ने मुझे वीडियो कॉल करने के लिए कह दिया. मैंने भी झट से हां कर दी ताकि मैं भी उसके लंड को देख सकूं. जब अजय ने मुझे वीडियो कॉल किया तो उन्होंने अपना बड़ा और मोटा लंड दिखाया जिसे देखकर मैं एक पल के लिए हैरान रह गयी. उसका लंड सच में ही बहुत ही बड़ा था. मैं उसके लंड का दम देखते ही पहचान गई थी. इससे पहले भी मैंने बहुत सारे लंड देखे और चूसे थे लेकिन उसके लंड की बात ही मुझे निराली लगी. उसका लंड सचमुच में बहुत ही दमदार हथियार था. मैं उसके लंड को देखती रह जाती थी. उसके लंड को देखते ही मेरे अंदर सेक्स की आग भड़कने लगती थी. अजय देखने में भी काफी स्मार्ट था और उसका लंड भी जबरदस्त साइज़ का था. उनके लंड को देखकर अब मेरी चूत में भी खलबली मचने लगी थी.

एक दिन ऐसे ही मैं उसके लंड को देख रही थी. इधर से मैं अपनी चूत के दर्शन उसको करवा रही थी तो दूसरी तरफ से अजय अपने लंड का साइज अपने हाथ में लेकर मुझे नापकर दिखा रहा था. उसके लंड को देखते-देखते ही मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई. मेरे अंदर सेक्स की आग जल उठी और मैंने रूम का दरवाजा बंद किया और अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैं अपनी चूत में उंगली करने लग गयी. वह अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था और साथ में अपने लंड की मुट्ठ भी मार रहा था. मैं चूत में उंगली करते हुए उसको दिखा रही थी जिसे देखकर वह भी उत्तेजना के चरम पर पहुंच चुका था. उंगली करते-करते कुछ देर बाद मेरा पानी निकल गया और मैं निढाल होकर बेड पर लेट गयी. लेकिन मेरे दिमाग में अजय और उनका मोटा लंड ही था.

अब तो मैं उनका लंड लेना ही चाहती थी और अजय भी अपनी प्यास मिटाना चाहते थे. तो हम दोनों ने एक दिन मिलने का प्रोग्राम बनाया. हमने ये तय किया कि चार दिन बाद अजय दिल्ली आ जायेंगे और फिर हम दोनों मिलेंगे.

जिस दिन अजय दिल्ली आने वाले थे उस दिन सुबह से ही मैं सजने-संवरने लग गयी थी. मैंने बहुत हल्का मेक-अप किया और एक बहुत टाइट जीन्स की पैंट पहनी जिसमें से मेरी गांड का उभार साफ़ दिखे और एक गहरे गले का टॉप पहना. मतलब मैं एक जबरदस्त माल की तरह तैयार होकर अजय को लेने रेलवे स्टेशन पहुंच गयी.

15 मिनट बाद अजय ने ट्रेन से उतरकर मुझे फ़ोन किया तो मैंने उन्हें बताया कि बुक स्टॉल के पास आ जाओ. फिर थोड़ी ही देर बाद अजय आ गए. अब तक हमने इतनी बार फ़ोन पर बातें कर ली थीं कि अब हमारे बीच कोई शर्म नहीं रही थी तो मैंने सीधा ही अजय को कसकर गले लगा लिया.

अब मेरे बूब्स अजय की छाती पर चुभ रहे थे और अजय अपने हाथ से मेरी कमर सहला रहे थे. फिर धीरे-धीरे वो अपना हाथ मेरी गांड पर ले गए तो मैंने कहा कि सब्र कर लो. फिर वो मुस्कराकर मुझसे अलग हो गये.

स्टेशन से बाहर निकलकर हमने एक टैक्सी ली और एक होटल में जाकर रूम बुक करवा लिया. रूम में जाकर मैंने अजय से कहा कि वो थक गये होंगे तो थोड़ा आराम कर ले. अजय ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर लेटा दिया और कहने लगे- मेरी जान … अब तो मैं अपनी सारी थकावट तो तुम पर ही उतारूंगा. वो मुझे जोर-जोर से किस करने लग गये. मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया.

धीरे-धीरे उन्होंने मेरे बूब्स को भी दबाना शुरू कर दिया. लेकिन मैं उन्हें लगातार किस करती जा रही थी. फिर अचानक अजय खड़े हो गये और अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब उनका लंड मेरे सामने था. क्या जबरदस्त लंड था उसका. मैंने बिना कुछ सोचे समझे उनका लंड सहलाना शुरू कर दिया. फिर अजय ने अपना लंड मेरे मुंह की तरफ किया तो मैंने उनका लंड अपने मुंह में लिया और चूसने लग गयी. उसका मोटा लंड चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कुछ ही देर में उसके लंड से नमकीन सा स्वाद आना शुरू हो गया था. जिससे मेरे मुंह का स्वाद और ज्यादा अच्छा हो गया था. मर्द के लौड़े का रस काफी मजेदार होता है जिसका मैं पूरा स्वाद ले रही थी. फिर अजय ने भी कमर हिलाकर धक्के देना शुरू कर दिया. अब उनका लंड मेरे गले तक जा रहा था. कुछ देर बाद अजय मेरे मुंह में ही झड़ गये और मैं उनका सारा रस पी गयी. फिर अजय ने मुझे खड़ा किया और मेरे होंठ चूसने लग गये और मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया.

फिर उन्होंने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और एक हाथ से मेरे बूब्स तो दूसरे से मेरी गांड दबाने लग गये. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था. तो मैंने भी उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. फिर अजय ने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे बूब्स पर किस करते-करते मेरी चूत तक आ पहुंचे और मेरी चूत को चाटने लगे.

अब मैं कामुकता के चरम पर थी और लगातार अजय का सिर दबा रही थी. थोड़ी ही देर बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और अजय सारा पानी पी गये. फिर उन्होंने मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का लगाया जिससे उनका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. मैं पहले भी कई बार चुद चुकी हूं लेकिन उनका लंड इतना बड़ा था कि मुझे काफी दर्द हुआ और मैंने अजय की पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.

कुछ देर रुक कर अजय ने एक और जोरदार झटका मारा और उनका सारा लंड मेरी चूत में समा गया और मैं दर्द के मारे चिल्ला उठी. अजय ने मेरे होंठों से अपने होंठ मिलाकर मेरी चीख दबा दी और तेजी से अपना लंड आगे-पीछे करने लगे. कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं उसका पूरा-पूरा साथ देनी लगी. अजय अपने जबरदस्त लौड़े से मेरी चूत को फाड़ने में लगा हुआ था. उसका मोटा लंड लेकर मैं तो धन्य सी होने लगी थी. मन कर रहा था कि उसके लंड से इसी तरह चुदती रहूं. सेक्स करने में इतना आनंद इससे पहले मैंने कभी भी महसूस नहीं किया था.

अजय भी चुदाई करने में काफी माहिर था. वह मेरे जिस्म से खेल रहा था और मेरी चूत को अपने लंड से इस तरह चोद रहा था जैसे कि मैं कोई बहुत बड़ी रंडी हूँ. मैं भी अजय के जबरदस्त लौड़े से चुदते हुए उसकी पीठ को सहला कर उसका उत्साह और ज्यादा बढ़ाने की कोशिश कर रही थी. उसके धक्के इतने तेज थे कि उसका लंड मेरे पेट में घुसता हुआ मुझे आसानी से महसूस हो रहा था. फिर अजय ने मुझे घोड़ी बनाया और फिर से चुदाई शुरू कर दी. 15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये.

कुछ देर बाद हम दोनों के अंदर की चुदास फिर से जाग गई और मैंने अजय के मोटे लौड़े को हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. जल्दी ही उसका हथौड़े जैसा लंड चुदाई के लिए फिर से तैयार हो गया. अबकी बार अजय ने मुझे टांग उठाकर चोदा. उसकी चुदाई पहले जितनी ही धांसू थी.

उस दिन हमने दो बार और चुदाई की. फिर जब दूसरी बार झड़ाई हुई तो मैं बुरी तरह से थक गई थी. मैं तो बेड पर गिर कर सोने ही वाली थी कि अजय ने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. मेरी चूत में उसकी मोटी-मोटी उंगलियों से काफी दर्द हो रहा था.

उसकी स्पीड तेज होती जा रही थी. पहले उसने दो उंगलियों से मेरी चूत को चोदा और फिर पांच मिनट के बाद जब मेरी चूत का दर्द कुछ हल्का पड़ता दिखाई दिया तो उसने मेरी फूली हुई चूत में अपनी तीन उंगलियां डाल दीं. अजय का लंड तो मोटा था ही लेकिन उसके हाथों की मांसल उंगलियां भी लंड जैसी ही फील दे रही थीं.

उसकी गति हर पल के साथ बढ़ रही थी. मैं अब उसकी उंगलियों से अपनी चूत में होने वाले घर्षण का मजा लेने लगी थी. मेरे मुंह से कामुक सीत्कार फूटने लगे थे. मैंने अजय को पकड़ कर अपनी तरफ ऊपर खींच लिया और उसके होंठों को चूसने लगी. लेकिन उसने मेरी चूत से उंगली अभी भी नहीं निकाली. उसके होंठों का रस मेरे होंठों के अंदर आना शुरू हो गया था. मैंने उसकी गांड को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया. उसकी गांड पर काफी बाल थे जिनमें मैं अपना हाथ फिरा रही थी.

जब मुझसे रहा न गया तो मैंने उसके लंड को टटोलना शुरू कर दिया. टटोलते हुए मैंने धीरे-धीरे उसके लंड को ढूंढ लिया और मेरा हाथ किसी मोटे डंडे जैसे लौड़े पर जाकर सेट हो गया. मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी मुट्ठ मारना शुरू कर दिया. अब उसके मुंह से भी कामुक सीत्कार निकलने लगे थे. मैं भी उसकी हालत खराब करने पर आ गई थी. लेकिन उसके अंदर कंट्रोल बहुत था. उसने मेरे कोमल हाथों के अंदर अपने मूसल लंड को पकड़ाए रखा और मैं उसको आगे पीछे करती रही. कुछ ही देर में अजय का लंड तन गया. मेरे अंदर की कामुकता और ज्यादा बढ़ गई थी.

फिर जब उसका लंड खड़ा हो गया तो उसने मुझे फिर से घोड़ी बना लिया और अबकी बार अपना लंड मेरी गांड के छेद पर लगाकर जोर का धक्का दे दिया. मेरी तो जान निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मगर उसने कुछ देर का विराम दे दिया. जब मैं थोड़ी सहज हो गई तो उसने धीरे से अपना लंड मेरी गांड के अंदर हिलाना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद अजय ने अपने मस्त लौड़े से मेरी गांड को चोदना शुरू कर दिया. मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी. अजय ने 20 मिनट तक मेरी गांड मारी.

फिर अगले दिन अजय वापस चले गये. अजय ने चूत भी मारी और गांड भी मारी. चूत में तो मुझे बहुत मजा आया लेकिन गांड में कई दिन तक मुझे दर्द होता रहा. उसके मोटे लंड ने मेरे अंदर की प्यास को अच्छी तरह शांत कर दिया था इसलिए उससे जुड़ाव हो गया था. वह भी मेरी चूत मारकर काफी खुश हो गया था. इसलिए हम दोनों ने एक दूसरे से बातें करना जारी रखा.

उस दिन की वह चुदाई मुझे आज भी याद है. हम दोनों अभी भी फ़ोन पर बाते करते रहते हैं लेकिन अजय के साथ वो चुदाई का अनुभव मेरा स्वर्णिम अनुभव था. उसके बाद मुझे और भी कई लंडों के साथ चुदने का अनुभव हो चुका है लेकिन अजय के लंड की बात ही अलग है. उसका लंड एकदम लोहे की रॉड के जैसा है जो ढीली हो चुकी चूत से भी 5 मिनट में ही पानी निकलवाने औकात रखता है.

तो दोस्तो, ये थी मेरी जवानी की प्यास की कहानी. अगर आपको इस कहानी के बारे में अपने विचार रखने हैं तो आप मुझे नीचे दी गई मेल आई-डी पर मैसेज कर सकते हैं. मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. [email protected]