आपा का हलाला-9

आपने पढ़ा कि मेरे दोस्त की मदद से मुझे एक कुंवारी चूत चोदने को मिली. मैं उसके साथ चूमा चाटी कर रहा था. अब आगे:

कुछ देर बाद मैं उस पर से हटा, गुलाबो की चुची फूल गई थी और उसके नर्म मुलायम बूब्स टाइट हो गए थे. दोनों बूब्स सुर्ख लाल हो गए थे, उन पर मेरे दांत के निशान पड़े हुए थे।

जब मैंने उसे रोते हुए देखा तो गुलाबो को अपनी बांहों में ले लिया और किस करने लगा। मैंने गुलाबो के कान में कहा- जानेमन, रोती क्यों है, मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगा! और गुलाबो की चुची को सहलाने लगा. मैंने गुलाबो के नमकीन आंसू पी लिए और उठ कर अपने कपड़े उतारे, अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था! मैं गुलाबो के करीब आया और उसके मुंह के पास अपनी अंडरवियर लाया और उसे नीचे कर दिया।

गुलाबो ने अपना चेहरे को ऊपर किया, मेरा लंड 8 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था, देख कर वो डर गयी, गुलाबो बोली- यह तो बहुत तगड़ा है, मुझे तो मार देगा. मैं बोला- नहीं मेरी रानी, यह तुम्हें पूरे मजे देगा. बस आज थोड़ा दर्द होगा फिर तुम इसे छोड़ोगी नहीं!

मैंने अपने हाथों से गुलाबो का मुंह खोला और अपना लंड गुलाबो के मुंह में दे दिया. उसके मुँह में मेरा लंड बहुत मुश्किल से गया. वह लंड मुख से निकाल कर बोली- जब मुँह में इतनी मुश्किल से जा रहा है तो चूत में कैसे जाएगा? गुलाबो को काफी डर लग रहा था क्योंकि मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है.

मैं बोला- मेरी रानी, फ़िक्र न करो, तुम्हें मेरा लंड बहुत मजे देगा.

मैं उसके मुँह में में अपना लंड आगे पीछे करने लगा, उसके मुंह से मुम्ह उम्म्ह की सी निकल रही थी। मैं भी अब लंड चुसाई का मजा लेने लगा। चूसने से लंड बिल्कुल लोहे की रोड की तरह कड़क हो गया था।

मैंने अब गुलाबो की पेंटी नीचे सरका दी, उसकी चूत बिल्कुल नर्म चिकनी और साफ़ थी, कोई बाल भी नहीं था. मैंने उसकी चूत को सहलाया तो गुलाबो बोली- अभी साफ़ की है तुम्हारे लिए!

और मैंने अपनी उंगली पर थूक लगाया और उंगली चूत के छेद पर रखी और चूत को गीली करने लगा। फिर मैंने गुलाबो की अनछुई चूत में अपनी एक उंगली डाल दी. मैंने अब एक जोर का झटका दिया, मेरी दो उंगली चूत में जा चुकी थी। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से सिसकारने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

वो ज़ोर से चिल्लाई- आहह … अब इसमें लंड डाल दो, अब मुझसे और इंतज़ार नहीं हो रहा … प्लीज जल्दी करो! प्लीज आहहह। मैं गुलाबो को उंगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से सीत्कार कर रही थी- ये आपने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और ‘आहह … एम्म … ओह … आआआ … आआआअ, डालो ना अंदर …’ जैसी आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उंगली से जोर जोर से चोदने लगा। पांच मिनट तक तो ऐसे ही उंगली से चोदता रहा. फ़िर जब चूत ढीली हो गई, वो भी अब बहुत गर्म हो गई थी और बार-बार बोल रही थी- अब डाल दो.. रहा नहीं जाता। मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चुत में डालना चाहा लेकिन मेरा लंड फिसल कर बाहर ही रह गया। तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और चूत के छेद पर सेट किया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।

तभी मैंने गुलाबो की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. वो उछल पड़ी. तब तक मगर मेरे लण्ड का टोपा चूत में फंस चुका था। मैंने और एक जोरदार धक्का मारा। पूरा कमरा गुलाबो की चीख से भर गया हाय माँ री … मर गयी मैं … पारो बचा ले मुझे! और मैंने गुलाबो की चुची को दबाना चालू कर दिया.

मैंने गुलाबो के दर्द की परवाह किये बगैर दूसरा झटका दिया और अपना दो इंच लंड चूत में घुसेड़ दिया. इस बार गुलाबो पहले से ज्यादा तेज़ चिल्लाई, गुलाबो के आंसू निकल आये थे पर मैं कहां मानने वाला था!

मैंने फिर एक और जोर से धक्का मारा। इस बार करीब 3 इंच लंड अन्दर घुस गया था। जैसे ही लंड घुसा … वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी- आह … फट गई … आहह आआअहह … प्लीज़ इसे बाहर निकालो … मैं मर जाऊँगी … उफ़फ्फ़ आहह आआहह! उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका। मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली के टकराया था और मैंने अवरोध महसूस किया. मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था.

गुलाबो चीखने चिल्लाने लगी- हाआअ … निकालो … मर गयी मैं! लेकिन मैं गुलाबो के अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित था. वो मेरे लिंग को अपनी योनि के दीवारों पर महसूस कर रही थी. मैं अपने लंड को उसकी योनि में भिंचा हुआ महसूस कर रहा था.

एक बार फिर मैं थोड़ा सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. मैंने लंड थोड़ा सा पीछे किया, उठा और फिर से धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग आधा अंदर चला गया था. मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को गुलाबो ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था.

और अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दबाव बढ़ा दिया. मेरी साँसें जल्दी जल्दी आ रही थीं. गुलाबो ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बांहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. मेरा लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लण्ड हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो गुलाबो चिल्लाने लगी- दर्द हो रहा है … मैं मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. गुलाबो की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया. ” अम्माह ओह … मर गयी मैं!” गुलाबो के मुंह से निकला. गुलाबो के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गई जैसे ही मेरा 8 इंची गर्म लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर … और अन्दर वो चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा 8 इंच अन्दर तक चला गया था. गुलाबो की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी.

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था. गुलाबो भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी- आहहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई उउउइइई ओह्ह बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज इसे बाहर निकाल लो … मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत जालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में! निकालो इसे … प्लीज बहुत दर्द हो रहा है … मैं दर्द से मर जाऊँगी … प्लीज निकालो इसे! और गुलाबो की से आँखों से आंसू की धारा बह निकली. मैं उन आंसुओं को पी गया, बोला- मेरी रानी, बस इस बार बर्दाश्त कर लो, आगे मजा ही मजा है.

गुलाबो की चूत बहुत टाइट थी, मुझे लगा मेरा लंड उसमें जैसे फंस गया और छिल गया है. मेरी भी चीखें निकल गयी. हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे- ऊह्ह्हह्ह मर गया … मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ. गुलाबो की चूत ने मेरा लण्ड जकड़ लिया था. मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और हम दोनों झड़ गये. मैं गुलाबो के ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई.

उधर मेरा दोस्त सुमेर और गुलाबो की बहन पारो दूर से हमारी चुदाई देख रहे थे. वे दोनों गर्म हो गए और एक दूसरे को लिप किश करते हुए चुदाई में लग गए. मेरा लंड गुलाबो की चूत के अंदर ही था. मैंने चूत पर हाथ लगाया तो वह सूज चुकी थी, एकदम सुर्ख लाल हो गयी थी. गुलाबो रोने लगी- हय मर गयी … मेरी चूत फाड़ डाली! अब तो मैं मर जाऊँगी … अब मैं क्या करूँगी.

कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है. गुलाबो सुबक रही थी. मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने गुलाबो को धीरे धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला- मेरी रानी, डर मत, कुछ नहीं होगा, थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा. मैं उसके होंठों को चूसने लगा, मैं उसे लिप-किश करता ही रहा. वह भी कभी मेरा ऊपर वाला लब तो कभी नीचे वाला लब चूसती रही. मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया. फिर मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. गुलाबो मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी.

मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी उंगली से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया. गुलाबो गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी फिर मेरे लण्ड पर चूत की कसावट भी कुछ ढीली पड़ गयी. एक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया. कुछ देर में ही वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था। गुलाबो ने ढेर सारा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया. मैं झड़ने के बाद भी लिप्स किस करता रहा. दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया।

कुछ देर बाद जब हम लोग उठे और चादर को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था। वो मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई। मैंने गुलाबो को अपनी बांहों में ले लिया, मैंने उसको किस किया और हसीं और जबरदस्त सेक्स के लिए ‘थैंक यू’ कहा. गुलाबो भी बोली- अब मैं सारी जिंदगी सिर्फ तुमसे ही चुदूँगी. मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूँ, चाहे तुम मुझे जैसे मर्जी रखो.

इस तरह चुदाई करते हुए सुबह हो गयी और हम दोनों रात में एक पल भी नहीं सोये.

सुमेर और पारो हमारे पास आये तो सुमेर मुझसे बोला- भाई, तेरे में गजब का स्टैमिना है, सारी रात तुम गुलाबो को चोदते रहे और लगा ही नहीं कि यह तुम्हारी पहली चुदाई है. मैंने भी सुमेर भाई को थैंक यू कहा और कहा- दोस्त, तुमने मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा मजा दिलवाया है. और पारो को भी थैंक यू कहा और कहा- पारो तुमने मुझे जो चूत दिलवाई है वह मस्त है. उसे चोद कर तृप्ति हो गयी. इसके लिए तुम्हारा बहुत शुक्रिया … तुम जो कहोगी वह मैं करने तो तैयार हूँ पारो बोली- आमिर, तुम तो जबरदस्त चोदू हो, तुम्हारी चुदाई देख कर ही मैं कई बार झड़ गयी.

कहानी चलती रहेगी. आपका आमिर आप अपनी राय मेरी ईमेल पर दें. [email protected]