भाभी के साथ जयपुर के होटल में सेक्स

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

फ्रेंड्स … मेरा नाम दीपक कुमार है, मैं 26 साल का हूँ, मैं जोधपुर सिटी में रहता हूँ और अभी कॉम्पटीशन के एग्जाम्स की तैयारी कर रहा हूँ. मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ. यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई त्रुटि हो … तो मुझे कर देना.

यह बात पिछले साल 2017 की है. मैं जिस कोचिंग में पढ़ने जाता था. वहां पर एक शादीशुदा भाभी भी पढ़ने आती थीं. उन भाभी का नाम सुमन था. ये नाम बदला हुआ है. सुमन भाभी का फिगर 36-24-36 का था, उनके पति आर्मी और जम्मू और कश्मीर में पोस्टेड हैं. सुमन भाभी यहां पर पीजी में अपनी एक सहेली के साथ रहती हैं.

सुमन भाभी हमेशा क्लास में मेरे ही पास आकर बैठकर पढ़ती थीं. हम धीरे-धीरे एक दूसरे के इतने क्लोज़ हो गए थे कि हम एक दूसरे से किसी भी विषय पर बात कर लेते थे. हम कभी-कभी साथ में फिल्म देखने और बाहर खाना खाने भी चले जाते थे.

पिछले साल 2017 में हम दोनों ने ही बैंक के बहुत सारे फॉर्म भरे थे. हम जब भी फार्म भरते थे तो सेंटर की चॉइस एक जगह की ही भरते थे. जब एडमिशन कार्ड आता था और दोनों का एग्जामिनेशन सेंटर एक ही आता था, तो हम दोनों एग्जाम देने भी साथ में ही जाते थे.

इसी तरह के एक एग्जाम के लिए हमको जयपुर जाना था. हम दोनों का एक ही सेंटर पड़ा था. हमने आपस में बातचीत की और जयपुर तक जाने वाली ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा लिया. ट्रेन का टिकट एग्जाम के एक दिन पहले का करवाया था ताकि जयपुर में समय पर पहुंच सकें और सेंटर तक पहुँचने में कोई समस्या न हो. इसका एक कारण ये भी था कि हम दोनों ही जयपुर के लिए नए थे.

तय समय पर हम जयपुर के लिए रवाना हो गए. जयपुर पहुंच कर हमने सोचा कि किसी होटल में रूम ले लेते हैं. मैंने कहा- किसी ठीक ठाक होटल में दो कमरे ले लेते हैं. तो सुमन भाभी बोली- दो की क्या जरूरत है, एक ही रूम लेते हैं. रूम का खर्चा आपस में बांट लेंगे.

मैंने भी इस बारे में ज़्यादा नहीं सोचा और सामान्य भाव हां बोल दिया. इस बात को इतनी गंभीरता से लेने का विचार न तो मेरे भेजे में आया था और मुझे लगा कि शायद उस वक्त तक सुमन भाभी के मन भी कोई बात नहीं थी. दरअसल हम दोनों ही आपस में इतने खुले हुए थे कि खुद को एक ही फैमिली का सदस्य समझने लगे थे.

मैंने गूगल पर सर्च किया तो नजदीक ही एक बजट होटल का पता मिल गया. हम दोनों उस होटल पर आ पहुंचे. रिशेप्शन पर मैंने एक डबलबेड रूम बुक करने की बात कही. कमरा खाली था और रिशेप्शन पर बैठे व्यक्ति ने मुझे रूम दे दिया. तब तक सुमन भाभी मेरे पास ही खड़ी थीं. रजिस्टर में डिटेल भरते समय मैंने अपना नाम पता और आने का कारण जयपुर घूमना लिखा. बाकी की डिटेल मैनेजर ने खुद ही हम दोनों को पति पत्नी मानते हुए भर ली. मैंने ये देखा तो पहले तो उसे टोकने का मन हुआ, लेकिन तभी सोचा कि रहने दो, ये कुछ भी भरे, इससे क्या दिक्कत है. यदि रिश्ता कुछ और बताया तो शायद जयपुर के किसी होटल में एक ही कमरे में रहने की जगह न मिले.

दो मिनट की खानापूरी के बाद हम दोनों होटल के रूम में एंटर हुए. कमरे में आते ही भाभी बोली- ये तो कोई हनीमून सुइट जैसा लगता है. मैंने बोला- अगर आपको पसंद नहीं है, तो किसी और होटेल में ट्राई करते हैं. उन्होंने बोला- नहीं रहने दो, वैसे भी हमें कौन सा यहां हमेशा के लिए रहना है. मैं भी हंस दिया.

यह रूम वाकयी बहुत अच्छा था, पर शायद सुमन भाभी ने अब तक अच्छे होटलों के कमरे कम ही देखे थे, इसलिए उनको ऐसा लगा होगा कि ये हनीमून सुइट है.

सुमन भाभी को जोर से सुसु आई थी तो भाभी फ्रेश होने के लिए सबसे पहले बाथरूम में अपने कपड़े और बाथकिट लेकर घुस गईं. सुमन भाभी के फ्रेश होने के बाद मैं भी फ्रेश होकर रूम में आ गया. मैंने देखा कि भाभी बेड पर लेट कर आराम कर रही थीं और टीवी देख रही थीं. अब मुझे एक पल के लिए लगा कि यार ये क्या हो गया एक ही बिस्तर पर सुमन भाभी के साथ कैसे लेटा जाएगा. इस वक्त मुझे दो अलग अलग बिस्तरों की जरूरत हो रही थी.

मुझे सोच में पड़ा देख कर उन्होंने मुझे भी बेड पर आराम करने का बोला. तो मैं भी सकुचाता हुआ बेड के एक तरफ लेट कर आराम करने लगा. अब मुझे सुमन भाभी को लेकर सेक्सी विचार आने लगे थे. उनके साथ किए गए हंसी मजाक का अर्थ कुछ और ही समझ आने लगा था. मुझे कुछ कुछ ये भी लगने लगा था कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सुमन भाभी के मन में कोई इच्छा हो. इसका एक कारण भी था, सुमन भाभी के पति उनसे बहुत रहते थे और शायद उनको सेक्स की भूख परेशान करती होगी. ये सब ख्याली पुलाव मेरे दिमाग में घूमने लगे. हम दोनों आज इतने नजदीक ऐसी अवस्था में अब तक नहीं हुए थे.

जब दिमाग में सेक्स चढ़ने लगा, तो मेरा मन चंचल हो उठा और मैं भाभी की कमनीय काया को लेकर उत्तेजित होने लगा.

तभी सुमन भाभी ने टीवी बंद कर दिया था और सोने का कह दिया. लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी. इतनी हसीन भाभी पास में हो तो नींद किसे आएगी.

शायद सुमन भाभी को भी नींद नहीं आ रही थी, तो हम लोग बातें करने लगे. उन्होंने अचानक मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैं- नहीं भाभी … मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. भाभी- मुझे यकीन नहीं होता कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. मैंने कहा- आपको ऐसा क्यों लग रहा है? सुमन भाभी- यार तुम इतने हैंडसम हो, दिखने में भी बड़े हॉट हो … और तुम्हारी कोई जीएफ नहीं है. मैं- मैं सच बोल रहा हूँ भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. सुमन भाभी- मुझे विश्वास तो नहीं होता, पर तुम पर शक भी नहीं किया जा सकता है.

मैंने हंस कर कहा- थैंक्यू भाभी. सुमन भाभी- थैंक्यू किस बात का? मैंने कहा- कम से कम आपको मेरी बात भरोसा तो हुआ. सुमन भाभी- तुम पर तो मैं बहुत भरोसा करती हूँ. यदि भरोसा न होता तो क्या तुम्हारे साथ इतनी लम्बी दोस्ती चल पाती. हम दोनों एक साथ कितनी जगहों पर अकेले गए और आज भी हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेटे हैं. ये सब भरोसा ही तो है.

मुझे भाभी की ये बात सुनकर बहुत अच्छा लगा. मेरा मन भाभी को चूमने का करने लगा. शायद मुझे उन पर प्यार आने लगा था. मैंने ध्यान से सोचा तो मुझे सुमन भाभी ही अपनी गर्लफ्रेंड सी लगीं.

तभी सुमन भाभी बोलीं- आज न जाने क्यों मेरे पांव में बड़ा दर्द हो रहा है. ऐसा लग रहा है कि कोई दबा दे … तो चैन मिल जाए. मैंने सुमन भाभी की तरफ देखा. सुमन भाभी हंस कर कहने लगीं- अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो, तो क्या तुम मेरे पांव दबा सकते हो? मैं- अरे इसमें दिक्कत की क्या बात है भाभी … मैं आपके पैर ज़रूर दबा सकता हूँ.

ये सुनते ही सुमन भाभी ने अपनी नाइटी ऊपर को सरकाई और घुटनों तक कर ली. उन्होंने अपने पैर भी फैला लिए थे. उनकी दूधिया पिंडलियां देख कर मेरा भेजा गर्म होने लगा था.

जैसे ही मैंने उनके पैर पर हाथ रखा और दबाया, तो मैं उनके पांव की नरमाई को देखता ही रह गया. उनका पांव दूध से भी गोरा और मक्खन से भी अधिक मुलायम था.

मैंने सुमन भाभी को देखा उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली थीं और वे मेरी मसाज का मजा लेने लगी थीं. मैंने सुमन भाभी के पैर को घुटने से मोड़ कर उठाया और उनकी पिंडलियों पर हाथ को ऊपर नीचे फेरने लगा. इससे उन्हें बड़ा चैन मिल रहा था.

सुमन भाभी ने आंखें मूंदे हुए कहा- यार, तुम तो बड़ी अच्छी मालिश करते हो. मुझे तो पूरे पैर की मालिश करवाने का जी कर रहा है. ऐसा कहते हुए उन्होंने अपनी नाइटी को और ऊपर खींच दिया.

आह सुमन भाभी की संगमरमर सी चिकनी और गोरी जांघें देख कर मेरा कंद एकदम से आन्दोलन करने लगा था.

फिर मैं धीरे-धीरे उनकी जाँघों की मसाज करने लगा. भाभी को मेरी ये मसाज इतनी अधिक पसंद आई कि उन्होंने मुझसे बोल दिया- यार तुम आज मेरे पूरे शरीर की मसाज कर दो.

मैंने उनकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर करना शुरू किया, तो सुमन भाभी ने अपनी पूरी नाइटी को खोल दिया और वे औंधी लेट गईं.

अब उनके शरीर सिर्फ़ ब्रा-पेंटी ही बची थी मैंने खड़े होकर उनकी कमर पर मालिश करना शुरू किया … मगर उनकी ब्रा बार-बार मेरे उंगली पर लग रही थी. तो भाभी ने खुद ही ब्रा उतारने के लिए बोल दिया.

मैंने उनकी ब्रा को उनके शरीर से अलग कर दिया. उनकी मस्त चूचियां नंगी हो गई थीं. मैं भाभी की कमर से चूचियों के नीचे तक मालिश करने लगा. इससे मेरी कॅप्री में टेंट बन गया.

जैसे ही भाभी ने मेरे कॅप्री को देखा, तुरंत मेरे लंड को कॅप्री के ऊपर से ही पकड़ कर बोला- तुम भी इसको उतार फ्री होकर मेरी मालिश करो. ये सुनते ही मैंने अपनी कॅप्री निकाल दी और उनको सीधा करके उनके मम्मों की भी मालिश करने लगा. सुमन भाभी की मदमस्त आहें निकलना शुरू हो गई थीं.

मुझे उनके हाथ से लंड पकड़ते ही समझ आ गया था कि ये सब क्या माजरा था. सुमन भाभी खुद ही मुझसे चुदना चाह रही थीं. फिर मैं धीरे-धीरे में नीचे आया और उनकी पेंटी शरीर से अलग कर दी और मैंने भी अपना अंडरवियर भी निकाल दिया. सुमन भाभी की दोनों टांगों को फैलाते हुए मैंने उनकी चूत खोल दी. सुमन भाभी की सफाचट चूत ऐसी लग रही थी, जैसे उन्होंने आज ही मेरे लिए अपनी चूत की झांटें साफ़ को हों.

मैंने उनकी चुत के अन्दर जीभ डालकर उनकी चुत का रस पीने लगा. सुमन भाभी चूत चुसाई से एकदम से मचल उठीं और मुझसे कहने लगीं- अब अपना लंड मेरी चुत में डाल दो, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मैंने भी ज़्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और लंड को सुमन भाभी की चुत के मुँह पर रखकर एक ज़ोरदार शॉट दे मारा. मेरे इस शॉट से भाभी की चीख निकल गई. मैंने कहा- आप तो शादीशुदा हो, तो आप इतना क्यों चीख रही हो? भाभी- मैंने कभी इतना मोटा लंड नहीं लिया, मेरे पति का लंड भी तेरे लंड से छोटा और पतला है.

फिर मैं उनकी चूत में धकापेल चुदाई करता रहा और बाद में भाभी भी अपनी गांड उठा-उठा कर मज़े लेने लगी थीं. कुछ ही देर बाद हम दोनों चरम पर आ गए और मैं सुमन भाभी की चूत के अन्दर ही झड़ गया.

इसके बाद हम दोनों ने रात को तीन बार चुदाई की. हम लोग जयपुर दो दिन तक रुके और इन दो दिन में हमने हर आसान में सेक्स को खूब एंजाय किया.

जोधपुर वापस आने के बाद भी हमें जब भी मौका मिलता, हम कभी उनके रूम पर या मेरे रूम में दो जिस्म एक जान हो जाते थे.

एक महीने बाद भाभी अपने पति के पास चली गई क्योंकि उनको मेरे बीज से बच्चा चाहिए था. जिसका ध्यान मैंने चुदाई के वक्त नहीं दिया था, पर सुमन भाभी की ये पहले से ही प्लानिंग थी. वो अब अपने पति से समागम करके ये दिखाना चाहती थीं कि ये बच्चा उनके पति से ही हुआ. सुमन भाभी की प्लानिंग जो भी रही हो, फिलहाल मैं फिर से अकेला हो गया हूँ. सुमन भाभी से कब मुलाक़ात होगी ये तो पता नहीं है, पर वो मेरी रियल जीएफ निकली.

दोस्तो, मुझे आपके कॉमेंट का इंतज़ार रहेगा, मेरी कहानी आपको कैसी लगी, मुझे ईमेल से अपने विचार ज़रूर भेजिएगा. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000