नयी नवेली दुल्हन की चूत खोली

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

न्यू भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे भैया की शादी बेहद खूबसूरत और सेक्सी लड़की से हुई। मेरा दिल भाभी पर अटक गया। मैंने कैसे उसकी चूत का मजा लिया?

दोस्तो, मेरा नाम जय है। मैं एम.पी. के इंदौर में रहता हूं। मैं 25 साल का जवान लड़का हूं और चुदाई का बहुत शौकीन हूं। मेरे लंड का साइज 7 इंच है। मेरा लंड काफी मोटा भी है।

मुझे सेक्सी भाभी की चुदाई की कहानी पढ़ने का शौक हमेशा से ही रहा है। इसलिए मेरी नजर लड़कियों पर कम और भाभियों पर ज्यादा रहती थी।

जवान भाभी की चुदाई का सपना मैं हमेशा से देखा करता था। एक दिन मेरा ये सपना भी पूरा हुआ। वही न्यू भाभी सेक्स कहानी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं।

अब मैं आपको वह घटना बताता हूं।

मेरे मामा के लड़के की शादी थी। शादी वाले दिन हम लोग उन्हीं के घर में रुके हुए थे। मैंने जब अपनी भाभी को देखा तो देखता ही रह गया।

मैं तो मन ही मन भैया से जलने लगा कि उसको इतनी सुंदर, हॉट और सेक्सी बीवी मिल गई है। भाभी का रूप और बदन के उभार देखकर अब मुझसे तो कंट्रोल नहीं हो रहा था।

मेरे मन ने ये ठान लिया कि कैसे भी करके भाभी को नंगी देखकर ही रहूंगा। ऐसा हुस्न फिर नहीं मिलेगा देखने के लिए।

तो सुहागरात की बात है।

भैया भाभी का रूम ऊपर छत पर दिया गया था। उसके साथ में एक और रूम भी था जहां पर मैं सोता था।

भैया भाभी तो अपने रूम में चले गए मगर मैं अपने बेड पर तड़प रहा था। मैं नयी जवान भाभी की चुदाई की कल्पना कर रहा था कि कैसे भैया उसको नंगी कर रहे होंगे और उसकी चूत के मजे ले रहे होंगे।

मेरी रात कट ही नहीं रही थी; रात के 2 बज गए थे मगर मैं बेचैनी में करवटें बदल रहा था।

फिर उनके रूम का गेट खुलने की आवाज आई। मेरे कान खड़े हो गए और मैं दीवार से कान लगाकर सुनने लगा।

मुझे भाभी के रोने की आवाज आई। मैं सोचने लगा कि शायद भैया ने भाभी की चुदाई करके उनकी चूत फाड़ दी इसलिए भाभी रो रही है।

फिर मैंने बाहर झांका तो देखा कि उनके रूम का दरवाजा हल्का खुला हुआ था। सामने बाथरूम की लाइट जल रही थी। शायद उनमें से कोई आया था।

फिर मैंने हिम्मत करके अंदर झांका तो पाया कि भाभी बेड पर बैठी हुई रो रही थी। साथ में भैया लेटे हुए थे।

मैंने उनका लंड देखा तो बहुत हैरान हो गया। उनका लंड बहुत छोटा था।

मैंने सोचा कि इतना छोटा लंड चूत तो क्या झांट भी नहीं फाड़ सकता है। तब मुझे समझ आया कि शायद भाभी निराशा में रो रही है।

फिर मैं चुपके से अपने रूम में आ गया। मैं अंदर ही अंदर खुश हो रहा था कि भाभी की चुदाई करने का मेरे पास यह एक अच्छा हथियार हो सकता है।

इतने छोटे लंड से भाभी खुश नहीं रह पाएगी। मुझे भाभी को अपना लंड दिखाना होगा ताकि वो मुझसे चुदने की सोचे।

अगले दिन भाभी अपने मायके चली गयी। वहां कुछ दिन उनको रुकना था।

अब मैं भी अपने घर वापस आ गया। उसके फिर एक महीने के बाद मैं वापस अपने मामा के यहां काम से आया। मुझे कई दिन का काम था तो मुझे उनके घर ही रुकना था।

इत्तेफाक से भैया को एक महीने के लिए काम से बाहर जाना पड़ गया। मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे। अगले दिन मैं मौके का इंतजार करने लगा।

फिर एक दिन ऐसा आया कि मैं और भाभी घर में अकेले रह गए। मैंने सोच लिया कि आज भाभी को अपना लंड दिखा ही दूंगा।

मैं नहाने के लिए जाने लगा। मैंने अंडरवियर पहना हुआ था और उसी में यहां वहां घूमने लगा।

फिर मैं अंदर बाथरूम में नहाने गया।

नहाने के बाद मैंने अंदर से कुछ नहीं पहना और ऐसे ही तौलिया लपेट लिया। मैं फिर बाहर आ गया। मैं भाभी के सामने आने का इंतजार करने लगा।

वो छत पर कपड़े डालने गई थी। मैंने सोचा कि छत पर ही दिखा देता हूं। मेरे पास भी कपड़े सुखाने का बहाना था। मैं अपने गीले कपड़े लेकर सीढ़ियों पर जाने लगा।

जाते हुए मैंने देखा कि भाभी ऊपर से आ रही थी। जैसे ही वो पास आई मैंने जानबूझकर अपना तौलिया गिरा दिया और भाभी को अपना लंड दिखा दिया।

एक बार के लिए तो भाभी का मुंह खुला रह गया।

मैंने लंड की झलक दिखाने के बाद एकदम से तौलिया ऊपर कर लिया। भाभी का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

मैंने भाभी को सॉरी कहा और चुपचाप शर्म का नाटक करते हुए ऊपर चला गया।

जब मैं नीचे आया तो भाभी किचन में थी।

अब वो मेरी ओर देखकर बार बार हल्की सी मुस्करा देती थी।

वो बोली- तू शादी के लायक हो गया है जय! अब कोई लड़की देख ले और शादी कर ले। मैंने कहा- भाभी अपने जैसी कोई सुंदर, सेक्सी और हॉट सी लड़की देख दो ना?

भाभी बोली- चुप कर, कुछ भी बके जा रहा है। मैंने कहा- सच भाभी, आप जैसी सुंदरता मैंने कभी नहीं देखी आज तक! मैंने कहते हुए भाभी के पास ही चला गया और उसकी गांड से लंड लगा दिया।

वो एकदम से सिहर गयी। वो बोली- मेरे ऊपर चढ़ेगा क्या … पीछे होकर खड़ा हो जा! मगर अब मेरे अंदर पता नहीं कहां से हिम्मत आ गई थी, मैंने भाभी की गांड पर अपने लंड को सटा दिया।

लंड को तनाव में आते देर न लगी। मैंने भाभी को कमर से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा।

वो बोली- छोड़ दे जय, कोई आ जाएगा। मैंने कहा- कोई नहीं आएगा भाभी! मैं जानता हूं आप अभी तक अधूरी हो। उस दिन मैंने आपको सुहागरात के दिन रोते हुए देख लिया था। मैं जानता हूं कि भैया आपको पति का सुख नहीं दे सकते।

इतना कहते हुए मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा लिया। भाभी ने पहले तो हाथ हटाया लेकिन मैंने फिर से रखवा दिया।

अब भाभी मेरे लंड को पकड़ कर जैसे उसका नाप लेने लगी। वो मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैं जानता था कि भाभी कितनी प्यासी होगी। मैं उसको बेतहाशा गर्दन पर चूमने लगा, उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से भींचने लगा।

अब भाभी कसमसाने लगी थी। मेरा लंड पूरा तनाव में आ चुका था और मैंने भाभी की गांड को भींचना शुरू कर दिया था। वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर धकेलने लगी थी।

मैंने भाभी को अपनी ओर घुमा लिया। वो शर्मा रही थी।

मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके होंठों पर होंठ रख दिए। पहले वो विरोध जताती रही लेकिन बाद में उसने अपने होंठ खोल दिए।

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था कि मैं भाभी को ऐसे किचन में खड़ी करके चूस रहा हूं। वो भी मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूस रही थी।

फिर हम दोनों किस करते हुए बाहर आ गए।

मैं भाभी को उसके बेडरूम में ले गया। जाते ही मैंने भाभी को गिरा लिया और उसके ऊपर आ गया।

मैंने उसकी साड़ी सीने पर से हटा दी। अब मैं उसको पलट कर ब्लाउज के हुक खोलने लगा।

अंदर से भाभी ने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी और जो उसके सुडौल और गोरे चूचों पर ऐसी फंसी हुई थी जैसे अभी चूचियों में से दूध निकल आएगा।

मैं ब्रा के ऊपर ही भाभी के चूचों को ऐसे भींचने लगा जैसे पहली बार चूची हाथ लगी हों। भाभी चिल्ला उठी- आराम से हरामी … उखाड़ कर ले जाएगा क्या इनको?

फिर मैंने भाभी की ब्रा को भी उतरवा दिया और फिर उसकी नर्म नर्म चूचियों को हाथों में भर लिया। उसके निप्पल भूरे रंग के थे। बहुत ही रस भरे निप्पल दिख रहे थे।

अब मैं उसकी चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा। आह्ह … दोस्तो … भाभी की चूची से जो स्वाद आ रहा था वो मैं यहां शब्दों में नहीं बता सकता। मन कर रहा था इन चूचियों को पीता ही रहूं।

देखते ही देखते भाभी की चूचियों के निप्पल टाइट हो गए। उसकी चूचियां भी पहले से अधिक तन गईं।

अब मैंने भाभी की साड़ी खोल दी। उसके पेटीकोट को उतारा और उसकी पैंटी के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा।

जैसे ही भाभी की चूत पर मेरे हाथ की रगड़ लगी भाभी की आहें निकलने लगीं। मुझे भाभी की पैंटी के अंदर गीलापन महसूस हो रहा था। न्यू भाभी सेक्स की बहुत दिनों की प्यासी थी।

अब मैंने भाभी की चूत को नंगी कर दिया। उसकी चूत एकदम से गुलाब की पंखुड़ी जैसी थी। इतनी सुंदर चूत कभी नहीं देखी थी मैंने।

मैंने उसको सूंघना शुरू किया। भाभी की चूत की खुशबू बहुत मादक थी। मैं उसकी चूत पर जीभ फेरने लगा। भाभी सिसकार उठी- आह्ह … जय … आह्ह। मैं भाभी की चूत को अब तेजी से चाटने लगा और भाभी मचलने लगी।

कुछ ही देर बाद वो कहने लगी- बस कर … अब चोद भी ले … मेरी चूत को लंड का सुख दे दे जय। मैंने कहा- हां भाभी, आपकी चूत आज इतनी चुदेगी कि इसका सारा सूखा मिट जाएगा। इसमें पानी की बहार आ जाएगी। चूतरस की नदियां बहेंगी। मेरा लौड़ा आपकी चूत को गुलजार कर देगा।

अब मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और भाभी की चूत पर भी तेल लगा दिया।

मैंने टोपे को उनकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। भाभी एकदम से मस्त हो गई।

फिर मैंने भाभी की चूत में धक्का लगाया तो एकदम से टोपा चूत में घुस गया। भाभी चिल्ला उठी- आआईई … आह्ह … मर गयी … क्या कर दिया हरामी … आराम से नहीं कर सकता था … आह्ह आईईई … ऊह्ह।

मैंने भाभी की चूचियों को सहलाया और उसके होंठों को पीने लगा। वो भी अपने दर्द को भुलाने के लिए मेरा साथ देने लगी।

दो मिनट तक हम होंठ चुसाई करते रहे।

उसके बाद मैंने एक और धक्का मारा तो भाभी ने मेरी पीठ में नाखून से खरोंच दिया। मैंने तीसरा धक्का मारा तो भाभी का चेहरा एकदम से लाल हो गया; उसकी आंखें बाहर आने लगीं।

मैंने देखा कि भाभी को बहुत दर्द हो रहा था, वो रोने बिलखने लगी।

फिर मैं रुका रहा। जब तक भाभी नॉर्मल नहीं हो गई मैंने कोई हरकत नहीं की। बस मैं भाभी की चूचियों को पीता रहा।

उसके बाद धीरे धीरे मैंने भाभी की चुदाई शुरू की।

जब भाभी की चूत में लंड सेट हो गया तो उसे भी चुदने में मजा आने लगा।

अब मैं भाभी को तेज तेज चोदने लगा। भाभी भी मेरा साथ देने लगी।

मैंने देखा तो भाभी की चूत से निकला खून मेरे लंड पर लग चुका था। मगर मैं भाभी की चुदाई लगातार करता रहा।

अब वो गांड उठाकर लंड को लेने लगी थी। वो सिसकारते हुए चुद रही थी- आह्ह जय … चोद मेरे राजा … आह्ह … तेरे भैया ने तो मेरी जिन्दगी बर्बाद कर दी … तेरा लंड कितना सुख दे रहा है … आह्ह … चोद दे … मुझे इतनी चोद दे कि सारी प्यास खत्म हो जाए।

मैंने भाभी की दोनों टांगों को उठा लिया और एक साथ पकड़ कर तेजी से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा। भाभी की चूत से पच पच की आवाज होने लगी थी।

लगभग 15 मिनट तक मैंने अपने 7 इंची लौड़े से भाभी की चूत को रगड़ा और फिर उसकी चूत में ही खाली हो गया।

हम दोनों की सांसें भारी हो गई थीं।

मैं दो मिनट तक भाभी के ऊपर पड़ा हुआ हांफता रहा। फिर मैं उठा और अलग हो गया।

भाभी की चूत सूजकर लाल हो गई थी। उसने बाथरूम में जाकर अपनी चूत को साफ किया।

मगर उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था। फिर मैंने उन्हें दर्द की गोली लाकर दी और गर्भ निरोधक गोली भी दी।

उस दिन पहली बार चुदाई होने के बाद भाभी अब चुदने के मौके देखने लगी।

मैं एक हफ्ता वहां पर रहा और भाभी ने इस दौरान लगभग 15 बार अपनी चुदाई करवाई। भाभी की चूत को मैंने खोलकर रख दिया था।

उसके बाद मैं वहां से आ गया।

दोस्तो, ये थी मेरी न्यू भाभी सेक्स कहानी। आपको ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना। मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा। मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000