मैडम ने जिगोलो बनने का रास्ता दिखाया-2

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इस सेक्स कहानी के पहले भाग मैडम ने जिगोलो बनने का रास्ता दिखाया-1 में अब तक आपने पढ़ा कि मेरे साथ काम करने वाली श्वेता मैडम के साथ मेरी काफी नजदीकी बढ़ चुकी थी. उन्होंने जब मुझे अपने तलाक की कहानी सुनाई, तो मैं सन्न रह गया.

अब आगे:

श्वेता मैडम पुरानी यादों से मायूस होकर रोने लगी थीं.

मैंने उन्हें संभालने के लिए गले से लगाया, तो वो मुझे लिपट कर रोने लगीं और कहने लगीं- डिवोर्स के बाद आज रोई हूं. इसलिए मैं मेरी पुरानी यादें याद नहीं करती हूं, जिंदगी में आगे बढ़ना सीख लिया है, अब मैं बहुत मजबूत हूं.

मेरी धड़कनें बढ़ने लगी थीं.. क्योंकि मैंने नशे में उन्हें गले तो लगा लिया था, पर अब मुझे उनकी सांसें मेरी छाती पर महसूस होने लगी थीं.

फिर भी हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे के बांहों में बैठे रहे.

अब एक अजीब सा शुरूर चढ़ने लगा था. एसी और बियर का असर हमारी पकड़ टाईट कर रहा था. हम दोनों भी एक-दूसरे को छोड़ना नहीं चाहते थे. कुछ समय ऐसे ही बिताने के बाद मैंने उनका सिर ऊपर उठाया.

हमारी नज़रें आपस में मिल रही थीं. हमारी नजरें एक अजीब सा रोमांच और प्यार बढ़ा रही थीं. देखते ही देखते हमारे होंठ एक दूसरे से मिल गए. हम दोनों भी आंखें बंद करके इस पल को महसूस करने लगे. रोमांचकारी गहरा चुम्बन बढ़ता गया. अब मेरी जीभ और होंठ कभी श्वेता मैडम चूस रही थीं, तो कभी मैं उनकी जीभ और होंठ चूस रहा था. हम दोनों की उत्तेजना पल पल बढ़ रही थी. हमारे बदन का तापमान भी बढ़ने लगा था. हम दोनों एक दूसरे में खो चुके थे.

श्वेता मैडम ने सोफ़ा कम बेड सोने के लिए खोल के रखा था. मैं श्वेता मैडम को गोदी में उठाकर बेड पे लेकर आ गया. उतने में श्वेता मैडम के दिमाग में एक आइडिया आया. उन्होंने मेन लाइट ऑफ करके एसी का तापमान और कम करके 20 डिग्री कर दिया और रिमोट से सीलिंग की एलईडी लाइट जला दी. कमरे में रूमानियत बढ़ गई थी. इससे और भी ज्यादा उत्तेजना बढ़ने लगी.

अब श्वेता मैडम ने अपने आपको पूरी तरह से मेरे हवाले कर दिया था. मैं उनके इस प्यार के सागर में गोते लगाने लगा था.

मैंने श्वेता मैडम के पहले दो लड़कियों से शारीरिक संबंध बनाए थे और अब भी हैं. पर मैं श्वेता के साथ जो रोमांस का अनुभव ले रहा था, वह मेरे साथ पहला अहसास था. इसके पहले मैंने जिन लड़कियों से संबंध बनाए थे, वह दोनों भी मेरी ही आयु की थीं.. पर तब भी आज मैडम जैसी बड़ी उम्र के साथ जो मजा आ रहा था, उन लड़कियों के साथ इतनी ज्यादा उत्तेजना नहीं महसूस हुई थी.

हम दोनों ने फिर से किस करना चालू किया. हमारी सांसें आपस में टकरा रही थीं. श्वेता मैडम की दिल की धड़कनें मुझे महसूस हो रही थीं.

श्वेता मैडम की मैक्सी के ऊपर से ही मेरा हाथ उनके चुचों पर चला गया. एकदम भरे हुए चूचे थे. हाथों से मैं चूचे मसल रहा था और साथ में मैंने मैडम के होंठों को किस करना भी चालू रखी थी.

उन्होंने अन्दर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी. पूछने पर पता चला कि वह रात को सोते समय सिर्फ मैक्सी में ही सोती हैं, अन्दर कुछ भी नहीं पहनती हैं. इससे उन्हें राहत मिलती थी.

श्वेता मैडम के जकड़ने से मेरा टॉवेल छूट कर अलग हो गया था और मेरी यह हालत देख कर श्वेता मैडम की हंसी निकल गई.

मुझे टॉवेल ढूंढते हुए देख कर वह बोल पड़ीं- जब इतना सब कुछ हो गया, तो अब टॉवेल की क्या जरूरत है?

उनकी बात सही थी और फिर से हम चिपक गए. इस बार हमारे बीच सिर्फ एक मैक्सी थी. मैक्सी के ऊपर से ही मेरा लंड श्वेता मैडम की चुत खोजने लगा था.

अब धीरे धीरे मैं उनकी मैक्सी ऊपर सरकाने लगा और कुछ समय में मैक्सी अलग हो चुकी थी. हमारे नंगे बदन आपस में टकरा गए. एक बिजली जैसी झनझनी शरीर में दौड़ने लगी. एक दूसरे के बदन की गर्माहट और ऊपर से एसी की ठंडी हवा हमारी कामुकता बढ़ा रही थी.

वाह क्या हसीन नजारा था, गोल गोल भरे हुए चूचे और चुचूकों पर डार्क काले रंग के निप्पल चार चांद लगा रहे थे. चुचों पर अटकी मेरी नज़रें देखते ही श्वेता मैडम ने अपनी छाती थोड़ी और ऊपर करके मुझे दूध पीने का आमंत्रण दे दिया.

मैं भी बिना समय गंवाए उनके एक चूचे का रसपान करने लगा. मैं मैडम की एक चूची दबा रहा था और एक पी रहा था. श्वेता मैडम मेरे सर पे से हाथ घुमाते हुए प्यार से मुझे रसपान करते हुए निहार रही थीं. उनकी सांसें तेज़ चल रही थीं.

करीब 15 मिनट तक मैं मैडम के चूचे चूसता रहा था. अब थोड़ा ऊपर खिसक कर मैंने फिर से श्वेता मैडम को किस किया. उनकी गर्दन, गाल, माथा, आंखें, कान सब जगह मैं चुम्बनों की बौछार कर रहा था.

उतने में मुझे एक शरारत सूझी. मैंने उनके एक निप्पल को काट लिया. दर्द की वजह से श्वेता मैडम के मुँह से आह निकली, पर उसमें भी मादकता भरी हुई थी.

हम एक दूसरे को देख के हंसने लगे. उन्होंने प्यार से एक चांटा मेरे गाल पे लगा दिया और मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे अपने और भी करीब खींच लिया. मैडम मेरे जिस्म पर चुंबनों की बौछार करने लगीं. उनका प्यार करने का तरीका मुझे खूब पसंद आया था.

अब मैं किस करते करते उनकी नाभि तक आ गया था. मैं एक कुत्ते की तरह मैडम का पूरा बदन चाट रहा था. उनके बदन से एक मदहोश करने वाली खुशबू निकल रही थी. उसमें मैं पागल हो रहा था.

फिर श्वेता मैडम ने थोड़ा आगे होकर मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसको निहारने लगीं. मेरा काला सा लंड और उसके अन्दर छिपा हुआ लंड का लाल रंग का टोपा, मैडम बड़े ध्यान से देख रही थीं. मैडम का हाथ लगते ही मेरा लंड अपने शवाब पे आ गया. मैं- क्या देख रही हो? श्वेता- बहुत सालों बाद लंड देखा है, पांच साल हो गए मेरे तलाक को, उसके बाद आज लंड देख रहीं हूं. मेरी सालों की तड़प आज मिटने वाली है.

यही बात करते करते ही श्वेता मैडम ने मेरे लंड की पप्पी ले ली. वो मेरे लंड के टोपे पर जीभ घुमाने लगीं, अगले ही पल वो बहुत प्यार से लंड चूस रही थीं.

मैंने उनकी चूत में उंगली डाल रखी थी. उनकी चूत उत्तेजना से रस बहा रही थी. मैंने उनका रस उंगली से चख लिया. मीठा नमकीन स्वाद था उसमें. मैं उनकी चूत उंगली से सहला रहा था.

श्वेता मैडम लंड मुँह में लेते ही सिसकारियां भरने लगी थीं.

अब हम 69 की पोजिशन में आ गए. मैं नीचे लेटा था और श्वेता मैडम मेरे मुँह पे चूत रख के बैठ गईं. वो मेरा लंड चूसने लगीं. मैं उनकी चूत में मुँह घुसाने की कोशिश करने लगा. मैं उनकी गीली चूत का चूस चूस कर रस पीने लगा. मेरे इस हरकत से श्वेता मैडम जोश में आ गईं और बड़ी बड़ी सिसकारियां भरने लगीं. इसी के साथ उन्होंने मेरा मुँह अपने चूत पर दबाए रखा. मैं उनकी चूत चूसता रहा.

कुछ समय बाद ही उनका बदन अकड़ने लगा. उन्होंने चूत मेरे मुँह पर दबाए रखी और हांफते हुए झड़ने लगीं. उनकी चूत से फव्वारा मेरे मुँह पे उड़ा. एक गरम लावा की तरह वह झड़ती रहीं. उनका कुछ पानी मेरे मुँह में चला गया, उसे मैंने पी लिया.

करीब मिनट भर झड़ने के बाद श्वेता मैडम निढाल होकर मेरे ऊपर गिर पड़ीं. वो बहुत जोर से हांफ रही थीं.

थोड़ा नॉर्मल होने के बाद उन्होंने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैडम लंड चूसने में माहिर थीं. मेरी उत्तेजना पल पल बढ़ा रही थीं.

कुछ मिनट बाद मैंने भी लावा उनके मुँह में निकाल दिया. उसे वह बड़े आराम से पी गईं. श्वेता मैडम कहने लगीं- आज मुझे प्रोटीन मिल गया.

हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लिपट कर थोड़ा रिलैक्स होने लगे. श्वेता मैडम की गर्माहट की वजह से मेरा लंड फिर से जल्दी कड़क होने लगा. मैं श्वेता मैडम की चूत में उंगली करने लगा. उनकी चूत भी गर्म होने लगी थी. उनकी चूत ने पानी रिसना चालू कर दिया था.

फिर मैंने श्वेता मैडम को बेड पे लिटा दिया और उनके पैरों के बीच आ गया. लंड को उनकी चूत पर सैट करके थोड़ा धक्का लगा दिया. मैंने इस धक्के के जरिए जरा सा लंड उनकी चूत में उतारा. उनकी चूत बड़ी टाईट लग रही थी. बहुत सालों बाद वह लंड ले रही थीं.

मैंने सीधा निशाना लगाते हुए जोर दिया और लंड पच के आवाज के साथ घुस गया. इसी के साथ श्वेता मैडम की थोड़ी दर्द भरी आवाज निकल गई. साथ ही मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समाता चला गया.

श्वेता मैडम ने जोर से मुझे मुट्ठी मारी और बोल दिया- आह.. आई लव यू. जवाब में मैंने भी ‘लव यू टू..’ कह दिया था.

जब चूत और लंड एक हो जाएं, तो उसके आगे कुछ दिखता भी नहीं है.

अब मैं श्वेता मैडम के होंठ चूसने लगा. हम किस कर रहे थे, मैंने चूत में धीरे धीरे धक्के देना चालू कर दिया था.

श्वेता मैडम ने पैर मेरी कमर पे लिपटा लिए. मैं लगातार शॉट लगा रहा था और साथ में उन्हें सहला भी रहा था, कभी दूध पी रहा था. कभी जोर जोर से चूचे दबा रहा था. लगातार हम एक दूसरे पे किस की बौछार कर रहे थे.

मैंने मैडम की चूत में धक्के लगाना चालू रखा था. चूत के चिपचिपाहट की वजह से फच फच की आवाजें आने लगी थीं. श्वेता मैडम जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी थीं. मैडम लगातार बोल रही थीं- आह फक मी.. ओह यस.. जोर से.. लव यू… ओएमजी.. आज निढाल कर दे मुझे, सालों की तड़पन है.. खाली कर दे.. आह जिस्म मेरा ठंडा कर दे.. लव यू.

मैडम की उत्तेजना पे ज्यादा ध्यान ना देते हुए मैं लगातार कमर चला रहा था. कुछ समय में श्वेता मैडम ने मुझे जोर से जकड़ लिया और झड़ने लगीं.

मैंने अब भी धक्के लगाना चालू रखा था, जिससे श्वेता मैडम फिर गरम होने लगीं. उनकी चूत ज्यादा पानी बहा रही थी. शायद पांच साल की भड़ास होगी.

अब चरम पे हम दोनों भी पहुंच रहे थे. मैंने जोर से आवाज निकाल दी. मुँह में मुँह डाल दिया. हम दोनों एक दूसरे में खो गए, हमारी उत्तेजना चरम पर थी. श्वेता मैडम की चूत कांपते हुए पानी छोड़ने लगी, चूत की गर्माहट की वजह से मैंने भी पानी उनकी चूत में छोड़ना चालू कर दिया.

हम दोनों साथ में झड़ते रहे, ऐसा लग रहा था कि हमारी बस यही दुनिया है. हम एक दूसरे में इतने खो गए थे कि एक दूसरे का साथ छोड़ ही नहीं रहे थे. सब शांत हो चुका था. मैं ऐसे ही, चूत में लंड रख कर आपस में लिपटे हुए, मुँह में मुँह डाल कर पड़े रहे. हमारी सांसें भी साथ में चल रही थीं. इसी हालत में थकान की वजह से हमें कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला.

सुबह करीब सात बजे श्वेता मैडम ने मुझे गुड मॉर्निंग बोल कर जगाया. देखा तो मेरे ऊपर एक चादर थी और उसके अन्दर मैं नंगा था. श्वेता मैडम ने जल्दी उठ कर घर के सब काम कर लिए थे, बाहर रंगोली भी निकाल दी थी. नाश्ता बना कर रखा था.

मैडम ने मुझे टॉवेल दे कर फ्रेश होने को बोल दिया और वह किचन में लग गईं.

मैं फ्रेश हो लिया था, पर अब मेरे पास नया अंडरवियर नहीं था. मैं सोच में पड़ गया कि अब क्या किया जाए. फिर बिना अंडरवियर के ही मैंने कपड़े पहन लिए.

श्वेता मैडम ने हम दोनों के लिए कॉफी और नाश्ता बना लिया था. मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था. कल रात सब कुछ हो गया था. श्वेता मैडम ने बात समझ ली, वह उठकर मेरे बगल में बैठ गई.

उन्होंने मेरा सिर अपने सीने पे ले लिया और मुझे समझाने लगीं कि देख तू नज़रें गिरा मत. हमने कुछ गलत नहीं किया. यह सब हमारी सहमति से हो गया है. अब हमारा रिश्ता बन गया है. अब ये रिश्ता बरक़रार रहेगा. आई लव यू.

हम दोनों ने हग किया और मैंने भी ‘लव यू टू.’ बोल दिया.

फिर हम दोनों ने ब्रेकफास्ट एन्जॉय किया. उसके बाद श्वेता मैडम बोलीं- संजू हमारा एक दूसरे पे बहुत प्यार और भरोसा है. इसी वजह से हम एक हो गए. लाइफ में हम दोनों भी जरूरतमंद हैं. एक तरफ तू पैसों के लिए.. और मैं प्यार और कोई अपना आदमी पाने के लिए. तूने मेरी जरूरत पूरी कर दी, अब मैं तुम्हारी जरूरत पूरी कर देती हूं.

उन्होंने 3000 रूपए निकाल कर मेरे सामने कर दिए

मैं- यह क्या? मैडम- तुम्हारी जरूरत का थोड़ा हिस्सा. मैं- मैं यह नहीं ले सकता. मैडम- मेरी बात को समझो संजू, जो मैं बता रही हूं, उसे ध्यान से सुनो. इस दुनिया में अकेले लोगों की कमी नहीं है. हर एक को मेरे जैसी जरूरत लगती है. समाज की वजह से कोई कुछ बोलता नहीं है. तू उनकी इच्छाएं पूरी कर सकता है और तेरी पैसों की गरज भी. मैं- मतलब.. मैं समझा नहीं? मैडम- तुम जिगोलो बन जाओ. मेरी कुछ सहेलियां हैं, मैं उनसे तुम्हारा परिचय करवा देती हूं. उन्हें तुम सर्विस दो. बदले में तुम्हें पैसे मिलेंगे. उसका उपयोग करो.

अब मैं समझ चुका था, श्वेता मैडम ने मेरी प्रॉब्लम को कुछ हद कर हल्का कर दिया था. मैडम के सहयोग से मेरे कुछ नए क्लाइंट बन गए. मैं सस्ते में उनको सेवाएं देने लगा. अब श्वेता मैडम और मैं हमेशा ज्यादा टाइम साथ में रहते हैं. मुझे उसका साथ बहुत अच्छा लगता है. हमारी सेक्स लाईफ की वजह से श्वेता मैडम भी अब खुश रहने लगीं. उनके चेहरे पे अब एक ताजापन आ गया था. मैं भी खुश हूं.. क्योंकि मेरा लोन जल्द ही खत्म होने वाला था.

यही मेरी सच्ची सेक्स कहानी थी. आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा. धन्यवाद. [email protected]

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