चिकनी गांड की चुदाई का सुख मिला

मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.

ये बात उन दिनों की है, जब मैं 19 साल का था और 12 वीं पास करके इंदौर आया था. मैं यहां अपने मामा के घर पर रहता था. बारहवीं पास करने के बाद मैं एम पी पी ई टी की तैयारी कर रहा था. मामा जी के बच्चे छोटे थे, तो वे मुझे परेशान करते थे. जब इसकी चर्चा मैंने सुबह सुबह टहलने के दौरान एक दो लोगों से की, तो मुझे बताया गया कि इस पार्क में और भी लड़के पढ़ने जाते हैं, तुम भी इधर ही चले जाया करो. मैं नेहरू पार्क में पढ़ने जाने लगा.

ये जगह इंदौर में गे लोगों के मिलने की जगह है. वहां अधिकतर गे लोग आते थे, मुझे यह सब नहीं पता था और मैंने कभी पहले गे सेक्स या गांड की चुदाई किया भी नहीं था. या यूं कहूँ कि मुझे आज से ये कभी पता ही नहीं था कि लड़के लड़के का सेक्स भी होता है.

खैर इधर ही मुझे पहली बार सेक्स का अनुभव हुआ. पार्क में मैं रोजाना बारह से चार बजे तक पढ़ता था. पार्क में एक लाइब्रेरी भी थी, जहां लोग अखबार या अन्य मैगजीन आदि पढ़ कर मूड फ्रेश करने के लिए जाते थे.

एक दिन मैं लाईब्रेरी में न्यूज़पेपर पढ़ रहा था, तभी वहां एक लड़का आया. उसकी उम्र शायद 20 साल होगी. वो मेरे पास आकर बैठ गया और एक किताब लेकर पढ़ने लगा. मैं भी न्यूज़पेपर पढ़ कर रहा था. मैंने देखा कि उसका ध्यान किताब पर कम था, मुझ पर अधिक था. उसका यूं ताकना मुझे कुछ अजीब सा लगा.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ … ऐसे क्यों देख रहे हो? उसने मुझसे कहा- यार ऐसा लगता है जैसे आपको कहीं देखा है. मैंने कहा- हो सकता है, पार्क में ही देखा होगा … क्योंकि मैं यहां रोज़ आता हूं.

इतनी बात करने के बाद मैंने वापस अपना ध्यान पेपर को पढ़ने में लगा दिया. मुझे पता ही नहीं लगा कि कब वो मेरे करीब आकर बैठ गया. जब मेरा उस पर ध्यान गया, तो वो मेरे पास ही बैठा था और मुझे ही देख रहा था. इस बार उसके चेहरे पर एक अर्थपूर्ण मुस्कान थी. मुझे कुछ अजीब लगा, इसलिए मैं उधर से उठ कर अपने ग्रुप के दोस्तों के साथ पढ़ने चला गया.

करीब 6-7 दिनों बाद रोज की तरह में पार्क में अपनी बेंच पर बैठ कर पढ़ रहा था. तभी मैंने देखा कि वो लाइब्रेरी वाला लड़का पार्क में घूम रहा है.

इस बार उसकी नज़र किसकी तलाश कर रही है, ये जानने की मुझे उत्सुकता हुई … तो मैं उसे देखने लगा.

अचानक तभी मेरा एक साथी आ गया … और उसने मुझसे मेरा पेन मांगा. मैंने उसे पेन दे दिया और मेरा दोस्त चला गया. इसी दौरान मेरा ध्यान उस लड़के से हट गया था. दोस्त के जाने के बाद मैंने उस लड़के को देखा, तो वो नहीं दिखा. मैं एकाध मिनट तक उसे देखता रहा पर जब वो नहीं दिखा, तो मैं अपनी स्टडी करने लगा.

करीब दस मिनट बाद मैंने देखा, वो लड़का मेरे पास वाली बेंच पर आके बैठ गया. मैंने उसे देखा, तो वो मुझे देख कर मुस्कुराया. उसकी मुस्कुराहट देख कर मैं समझ गया कि वो मुझे ही ढूंढ रहा था.

इस बार वो अपने साथ कुछ किताबें लाया था. वो मेरे पास आकर कहने लगा- क्या मैं आपके साथ बैठ कर पढ़ाई कर सकता हूँ. चूंकि पार्क में बहुत सारे लड़के पढ़ने आते थे, तो सबके साथ मिलकर ही रहना पड़ता था. चूंकि मैं एम पी पी ई टी की कोचिंग नहीं जाता था, तो मैं अपने डाउट्स उन लोगों से क्लियर करता रहता था. इसलिए मैंने उसको अपने पास बैठने को कह दिया.

जब हम साथ बैठे थे, तो हम दोनों के बीच परिचय हुआ. मुझे पता चला कि उसका नाम चयन शर्मा है. चयन दिखने में मेरे जैसा ही था, पर थोड़ा कद में बढ़ा था. उसकी साढ़े पांच फिट की ऊंचाई थी, रंग गोरा था. उसके चेहरे पर दाड़ी मूंछों के अभी सिर्फ बाल के रोएं आने लगे थे.

उसके साथ बैठ कर मैं पढ़ाई करने लगा. हम उस दिन करीब 4 बजे चाय पीने गए और फिर शाम को अपने अपने घर चले गए. उसके बाद वो हर दिन आता और 12 से 4 बजे तक हम दोनों साथ में बैठ कर पढ़ लेते थे. बाकी दोस्तों से भी उसकी पहचान हो गयी थी.

अब हम अच्छे दोस्त हो गए थे, पर मैंने कभी सोचा नहीं था कि कभी उसके साथ मेरा सेक्स होगा और वो मुझे अपनी गोरी चिकनी गांड मारने देगा. चूंकि मैं गे सेक्स के बारे में नहीं जानता था.

एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया. उस दिन उसकी फैमिली के सभी लोग एक शादी में भोपाल गए थे. वो अपने घर में अकेला था और घर से बाहर ज्यादा देर नहीं रह सकता था. इसलिए उसने मुझे मुलाकात के बहाने और घर पर ही पढ़ाई करने के लिए आने के लिए कहा. मैं उसके घर चला गया.

करीब 12 बजे मैं उसके यहां गया था. फिर हम दोनों ने गणित के कुछ सवाल हल किए. वो सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था. उसने अपनी बारहवीं पीसीएम से ही की थी, तो वो मेरी मदद कर देता था. जब मैं उसके घर में पढ़ाई कर रहा था, तो उसने पढ़ाई करते समय मुझसे बोला.

उसने कहा- मोंटू … यार मैं एक बात कहना चाहता हूँ. मैं ये बात बहुत दिनों से कहना चाहता था, लेकिन कह नहीं पाया. आज मुझसे रहा नहीं जा रहा है … तो कह देना ही चाहता हूँ. मैंने कहा- यार तू तो मेरा दोस्त है. अब अच्छे दोस्त कभी कुछ कहने से नहीं झिझकते. तू बिंदास होकर बोल न. उसने कहा- यार मोंटू, तू मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैंने कहा- थैंक्स यार. फिर उसने कहा- यार मोंटू, क्या मैं तुझे किस कर सकता हूँ. मैंने कहा- हां भाई कर लो.

उसने मुझे गालों पर किस किया. उसके बाद में पढ़ाई करने में लग गया.

थोड़ी देर बाद उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा. मैंने कहा- हां मेरी जीएफ है, वो मेरे मोहल्ले में ही रहती है, मुझे उसकी याद भी आती है. मैं इंदौर में नया हूँ. कॉलोनी में भी कोई अच्छी लड़की नहीं है, होती तो कभी की सैट कर लेता. उसने कहा- हां मोंटू, तू तो इतना स्मार्ट है ही कि इधर कोई भी बंदी सैट हो जाएगी. उसकी बात पर मुझे हंसी आ गई और हम दोनों ही हंस दिए.

उसके बाद चयन ने मुझसे फिर पूछा- मोंटू तू इंदौर में रहता है और तुझे अपनी जीएफ की याद भी आ रही है, उससे मिलने तो जाता ही नहीं है. मैंने कहा- यार अभी थोड़ा टाइम का तोड़ा है … और वैसे भी अब उसकी शादी होने वाली है. अभी कुछ दिनों में मेरी फैमिली बाहर जाने वाली है, तब मैं अपने घर चला जाऊंगा और फिर उससे मिल कर आऊंगा. चयन बोला- उससे सिर्फ मिल कर ही आएगा या कुछ और भी कर आएगा. मैंने कहा- वो तो वहीं जाकर पता चलेगा. मेरा मूड तो और कुछ करने का ही है.

जैसे ही मैंने मूड शब्द का प्रयोग किया, चयन ने मेरे लंड पर हाथ रखते हुए कहा- अच्छा तेरा ऐसा कितना बड़ा है मोंटू … देखूँ तो ज़रा.

उसने ये कहते हुए ही मेरे लंड को जोर से दबा दिया. उसने मेरा लंड दबाया, तो मैंने मजाकिया स्टाइल में कहा- क्या कर रहा है कमीने … अभी लंड खड़ा हो जाएगा, तो कौन संभालेगा. चयन भी उसी रौ में बोला- मैं हूँ ना. मैं हँस दिया और चयन भी हंसने लगा.

मैंने कहा- कैसी पागलों जैसी बात कर रहा है … तू तो लड़का है. तेरे पास चुत कहां से आएगी.

चयन अब थोड़ा खुलने लगा था और उसने मुझे सेक्स के लिए उकसाना चालू कर दिया. चयन बोला- लड़की की चूत से ज्यादा लड़के की गांड में मज़ा आता है मोंटू … कभी लड़के को चोद कर देखना.

मैं उसकी बात सुनकर एकदम से चौंक गया कि ये कैसी बात कर रहा है. लड़के को चोदने में क्या मजा आता होगा. मैं बोला- चल टॉपिक चेंज कर … फ़ालतू में मूड ऑन हो जाएगा. इतना कहकर मैं चुप हो गया.

चयन बोला- ऐसा नहीं है … शायद तुम्हें पता नहीं है, लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. चलो मैं तुम्हें बताता हूं.

उसने अपने कंप्यूटर पर पोर्न की एक साईट खोली और मुझे गे सेक्स का एक वीडियो दिखाया.

मैं गे सेक्स का वीडियो देख कर हैरान था. मेरा लंड अब तक खड़ा हो चुका था. चयन की नज़र भी मेरे लंड पर ही टिकी थी. मैं भी थोड़ा थोड़ा समझ रहा था कि चयन ने मुझे आज घर क्यों बुलाया है.

मैंने चयन को दिखाते हुए अपने लंड पर हाथ रखा और धीरे धीरे अपना लंड सहलाने लगा. चयन ने कहा- क्या हुआ मोंटू? मैंने कहा- यार, अब तो मेरा लंड खड़ा हो गया … लगता है अब मुठ मारने बाथरूम में जाना पड़ेगा. तभी चयन ने कहा- अच्छा जरा दिखाना मुझे. ये कहते हुए उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोला- हां यार यह तो खड़ा हो गया. मैंने कहा- हां यार …

फिर चयन ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया. मेरे लंड को देख कर वो बोला- यार मोंटू तेरा लंड तो बहुत बड़ा है … यकीन नहीं होता तू अभी इतना छोटा है और तेरा लंड 7 इंच का हो गया. मोंटू तेरे जितना बड़ा लंड गांड में हो, तो मज़ा आ जाएगा. मैंने कहा- मज़ा कैसे आ जाएगा? चयन बोला- इसे चूसने में.

ये कहते हुए जैसे जैसे चयन मेरे लंड को पकड़ कर दबा रहा था, मेरे लंड की भूख उतनी ही बढ़ रही थी.

मैंने चयन से कहा- यार एक कोई मिल जाए … जो लंड चूस ले, तो मज़ा आ जाएगा.

मैंने बस इतना बोला ही था कि चयन ने जल्दी से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया. उसने जैसे ही मेरे लंड को मुँह में लिया … मेरे मुँह से ‘आहह..’ निकल गयी. मैंने आज के पहले कभी किसी से अपना लंड नहीं चुसवाया था.

धीरे धीरे चयन मेरे लंड के साथ खेल रहा था और मेरा लंड अपने पूरे जोश में चयन को मज़े दे रहा था. चयन की आंखें बता रही थीं कि जैसे उसका कोई ख़्वाब पूरा हो रहा हो. मैंने लंड चुसवाते हुए चयन से बोला कि अहह … चयन … आज तो तूने मुझे खुश कर दिया. चयन बोला- नहीं यार … मैं तो तुझे थैंक्स बोलना चाहता हूँ. तेरे मोटे लंड से आज मैं तृप्त हो रहा हूँ.

मैं उसकी तरफ मस्त निगाहों से देखे जा रहा था.

चयन- मोंटू सुन … यह तो अभी स्टार्ट हुआ है … आगे आगे देखना क्या क्या होता है.

यह बोल कर चयन ने मेरे पेंट के बटन को खोल दिया. उसने मेरे पेंट को उतार दिया और फिर अपनी जुबान से धीरे धीरे मेरे लंड को चाटने लगा.

लंड चूसते हुए ही उसने मेरे आंडों को भी सहलाना शुरू कर दिया और एक मेरी गोटी को उसने अपने मुँह में ले लिया. वो मेरी आंखों में आंखें डाल कर अपने मुलायम होंठों से गोटी को चूसने लगा. यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था. मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था. मैं चयन के साथ पूरा मज़ा ले रहा था.

अब चयन ने मेरी कमीज़ को उतारा और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे साथ चिपक गया और मेरी छाती के निप्पलों को चूसने लगा. मुझे उसके साथ ठीक वैसे ही बेहद मज़ा आ रहा था जैसे आपको यह सेक्स कहानी पढ़कर मजा आ रहा है.

चयन के बहुत ज़िद करने पर मैंने जोर जोर से दबा कर चयन के निप्पलों को भी चूसना स्टार्ट कर दिया. उसके निप्पल चूसना मुझे लड़की के मम्मों से ज्यादा मज़ा दे रहा था. चयन का गोरा बदन किसी अप्सरा से कम नहीं था. उसके साथ यह सब करना मुझे एक अलग ही मजा दे रहा था.

अब धीरे धीरे मेरा लंड किसी को पेलने को उतावला हो रहा था, लेकिन चयन पहले अपने मुँह को मेरे लंड से सन्तुष्ट करना चाहता था. चयन को मेरा मोटा लंड गुलाबी चौंच वाला इतना पसंद आ रहा था कि वो जैसे किसी लॉलीपॉप चूस रहा हो. लेकिन मैं अब तड़प रहा था, और सिर्फ गांड मारने को सामने उपलब्ध थी.

इसलिए मैंने चयन से कहा- चयन अब मैं तेरी गांड की चुदाई करूँगा. चयन ने कहा- ठीक है मार ले.

वो रसोई घर से ऑइल लेकर आया और मेरे लंड पर तेल लगाने लगा. उसके बाद चयन ने थोड़ा तेल अपनी खुद की गांड में भी लगा लिया.

फिर वो मुझसे बोला- चल अब मुझे रंडी समझ कर चोद दे … आज तू मेरी गांड फाड़ दे. मैंने भी देर नहीं की और लंड को चयन की गांड में डाल दिया. चयन ने भी मेरे लंड को तकलीफ न हो, इसलिए वो भी दोनों पैर ऊपर करके मेरा पूरा साथ देने लगा. धीरे धीरे मेरा लंड चयन की गांड में पूरा चला गया.

चयन ने मेरा लंड अपनी गांड में लेने के बाद कहा- मोंटू आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया. मैंने भी चयन से यही कहा- काश तू पहले मिल जाता, तो मेरे दो महीने में तीन बार का मुठ यूं ही बाहर नहीं निकलता. चल अब चिंता मत कर … आज हम दोनों को मज़ा आएगा.

इतना कह कर मैंने चयन की कमर को पकड़ा और उसके गांड में लंड से जोर जोर के झटके देने लगा. मैं पूरी मस्ती से उसकी गांड की चुदाई करने लगा.

कभी चयन ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करता, तो कभी मैं ‘चयन अहह अहह..’ कर रहा था.

फिर करीब 20 मिनट के बाद मैंने चयन की गांड में अपना सारा पानी निकाल दिया. चयन की पूरी गांड लबालब भर गई थी. मेरा वीर्य बाहर बहने लगा था. चयन ने जल्दी से बाथरूम में जाकर सब साफ किया.

मैं उसकी गांड में अपना लंड रस निकालने के बाद बिस्तर पर निढाल पड़ा था. चयन ने बाथरूम से आकर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया. वो पहले के जैसे लंड चाटने लगा और उसने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.

कुछ देर बाद मैं हाथ मुँह धोकर घर चला गया. उस दिन के बाद बहुत बार मैंने चयन की गांड की चुदाई की. चयन ने जो मज़ा दिया था, वास्तव में वो एक लड़की नहीं दे सकती थी. मैं हमेशा चयन को याद करता हूँ. अभी भी साल में 2 बार उससे मिलता हूँ और उसकी गांड की चुदाई करता हूँ.

इस तरह से चयन ने मुझे अपनी गोरी गांड से खुश किया था. मेरी गांड की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताना ताकि मैं आपको अपनी दूसरी सेक्स कहानी बता सकूँ. आपका मोंटू [email protected]