देवर भाभी एक दूसरे के काम आये

दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरे पुराने अनुभवों की कहानियां पसंद आई होंगी। मेरी पिछली कहानी थी मकान मालकिन की दूसरी सुहागरात

यह कहानी मेरी सबसे प्यारी सीमा भाभी की चुदाई की है।

सीमा भाभी के बारे में बता दूं … वो 40 साल की हैं. उनकी शादी उनसे 7 साल बड़े इंसान यानि मेरे भैया से 18 साल पहले हुई थी। तब वो मात्र 22 साल की थी। गांव से होने के कारण शादी जल्दी कर दी थी।

26 की होते होते उनके दो बच्चे हो गए पर फिगर आज भी गजब का मेन्टेन किया हुआ हैं। उनका फिगर है 34-32-36 ना दुबली और ना मोटी … हाइट होगी 5’4″ एकदम किसी हीरोइन की तरह बिलकुल कसा हुआ शरीर, देखकर कोई नहीं बोल सकता कि वो 40 की हैं, वो अब भी 30 की लगती हैं।

एक मात्र देवर ही होने की वजह से वो मुझसे काफी बातें किया करता थी. पर भैया को यह सब पसंद नहीं था तो भाभी ने मुझसे बात करना कम कर दी थी।

जब भी हम किसी पारिवारिक कार्यक्रम में मिलते तो हम दोनों बात करने का कोई मौका नहीं छोड़ते और खूब हंसी मजाक करते। पर भैया थोड़े पुराने विचारों के है तो उनके आते ही भाभी इधर उधर हो जाती। भाभी के पास मेरा नंबर हैं तो मौका मिलते ही बात कर लेती हैं।

भाभी की बड़ी लड़की हैं आशिमा … उसने कुछ कंपीटिटिव एग्जाम के फार्म भरे थे आगे की पढ़ाई के लिए। एक एग्जाम का सेंटर मुम्बई आया पर भैया ने मना कर दिया। लेकिन आशिमा जिद पर अड़ गयी कि उसे यह परीक्षा तो देनी ही है।

भैया ने मुझे फ़ोन पर सारी बात बताई तो मैंने कहा- आप लोग आ जाओ, मैं यहाँ सब देख लूंगा। कुछ दिन सोचकर भैया ने टिकट बुक कर लिए और मुझे बता दिया। मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि भाभी भी आ रही थी।

आने के 2 दिन पहले भैया का फ़ोन आया कि उनकी मेडिकल की दुकान के दूसरे पार्टनर की तबियत अचानक खराब होने के कारण वो नहीं आ रहे हैं पर भाभी और आशिमा को भेज रहे हैं। मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और बोला- भाई, आप परेशान न हों! मैं भाभी और आशिमा को स्टेशन लेने चला जाऊंगा और एग्जाम का भी देख लूंगा.

उसके बाद में बेसब्री से भाभी के आने का इंतजार करने लगा।

मैं उन दोनों को लेने स्टेशन चला गया और लेकर फ्लैट पर आ गया। थोड़ी देर बात करने के बाद भाभी फ्रेश होने चली गयी और मैं आशिमा से बात करने लगा। वो भी एक चुदाई लायक माल लग रही थी। मैं कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चूची देख रहा था।

तभी भाभी आयी और आशिमा से बोली- तू भी फ्रेश हो ले, मैं नाश्ता बना लेती हूं। आशिमा अपने कपड़े लेकर फ्रेश होने चली गयी।

उसके आने के बाद हमने नाश्ता किया। मैं भाभी से बोला- मैं नहा कर आता हूँ तब तक आप आराम कर लो। भाभी बोली- ठीक है! और वो दूसरे कमरे में जाकर लेट गयी। आशिमा अपनी परीक्षा का पढ़ने लगी।

मैं बाथरूम में गया और वहाँ भाभी की ब्रा और पैंटी देखकर मुठ मारने की सोची। मैंने भाभी की ब्रा को मुंह में दबाया और पेंटी को अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारी। फिर मैंने बाथरूम साफ कर नहाया और बाहर आकर टीवी देखने लगा।

शाम को भाभी ने मुझसे पूछा- खाने में क्या बनाना है? मैंने कहा- जो आपको ठीक लगे! फिर मैंने भाभी को खाने का सामान लेकर दिया।

रात के खाने के बाद आशिमा अपनी पढ़ाई करने लगी; मैं और भाभी दूसरे कमरे में बैठकर बातें करने लगे। भाभी ने मुझसे पूछा- तलाक के बाद आपको कभी अकेलापन नहीं लगा?

भाभी के इस प्रश्न ने मुझे अपनी शादी के वो 3 साल याद दिला दिए जिसमें शुरू के 6 महीने तो अच्छे थे और बाद के बहुत ही खतरनाक। मैंने भाभी से कहा- उससे तो यह जिंदगी बेहतर है। भाभी भी बोली- बात तो सही है; पर हर कोई एक जैसा नहीं होता। दूसरी शादी के बारे में कुछ सोचा?

मैंने कहा- नहीं, पर अब मैं शायद ही शादी करूँगा। भाभी बोली- क्या हुआ? इतना क्यों सोच रहे हो? कर लो शादी। मैंने भी मजाक किया- है कोई आपके जैसी? और हम दोनों हँसने लगे।

अगली सुबह आशिमा की परीक्षा थी तो हम लोग जल्दी ही निकल गए घर से! हालांकि उसका परीक्षा केंद्र घर के पास ही था। उसकी परीक्षा हाल में जाते ही मैंने भाभी से कहा- परीक्षा खत्म होने में 3 घंटे बाकी हैं, तब तक हम घर होकर आते हैं। भाभी बोली-ठीक है! और हम घर आ गए।

घर आकर भाभी बोली- खाना बनाने के लिए कुछ सामान चाहिए, ला दो! मैं ‘ठीक है’ बोलकर चला गया और सामान लेकर वापस आया। मेरे पास घर की एक चाबी हमेशा रहती है तो मैं उससे दरवजा खोलकर आ गया।

समान रसोई में रखकर अंदर गया तो रूम का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था। मैंने अंदर देखा तो भाभी सिर्फ ब्रा पेंटी में खड़ी थी, वो नहा कर बाहर आई ही थी। मैं उनके नंगे जिस्म को निहार रहा था. जब भाभी बाहर आने को हुई तो में चुपचाप रसोई में चला गया और सामान जमाने लगा।

भाभी ने पूछा- तुम कब आये, पता ही नहीं चला? मैंने बड़े आराम से कहा- बस अभी आया। भाभी बोली- ठीक है, तुम नहा लो, मैं चाय बना लेती हूँ।

मैं ‘ठीक है’ बोलकर नहाने चला गया और बाथरूम में जाकर भाभी के जिस्म का सोच कर मुठ मारी और नहा कर बाहर आ गया। फिर भाभी और मैंने चाय पी और कुछ इधर उधर की बातें की।

रात को खाने के बाद में टीवी देख रहा था और भाभी रसोई में काम निपटा रही थी। उसके बाद भाभी आशिमा को देखने रूम में चली गयी। थोड़ी देर बाद भाभी बोली- आशिमा सो गयी है. तुम टीवी बंद करो, चलो कुछ बात करते हैं, ऐसा मौका बहुत कम मिलता है।

मेरे सामने अभी भी भाभी का ब्रा-पेंटी वाला लुक आ रहा था। मैं बोला- ठीक है। और टीवी बंद कर दिया।

हम बातें करने लगे.

भाभी फिर मुझसे बोली- मुझे ऐसा लग रहा है कि तलाक के बाद तुम बहुत अकेलापन महसूस कर रहे हो। मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, सारा दिन तो आफिस में चला जाता है। और बाकी टाइम दोस्तों के साथ। भाभी बोली- मैं उस सबकी बात नहीं कर रही।

मुझे थोड़ा सोचने में समझ आया कि भाभी क्या बोलना चाह रही हैं। फिर भी मैंने पूछा- तो फिर आप किसकी बात कर रही हैं? वो कुछ न बोली, बस चुप रही। मैंने फिर पूछा- बोलो न भाभी, आप क्या बोल रही थी? सीमा बोली- नहाने से पहले बाथरूम में क्या कर रहे थे? मेरी तो हालात खराब हो गयी।

मैं बोला- सॉरी भाभी में वो बस! बोल के में चुप हो गया।

सीमा भाभी बोली- और कल जो हरकत तुमने मेरे कपड़ों के साथ की उसका क्या? वो आगे बोली- तुमने बाथरूम तो साफ कर दिया था पर मेरे कपड़े ठीक से साफ नहीं किये थे। मुझे कल ही शक हो गया था तो आज जब तुम नहा रहे थे तो चेक करने आयी थी। तुम इतने मस्त हो गए कि दरवाजा बन्द करना भूल गए।

मैं कुछ नहीं बोला, बस सीमा की सुनता रहा और करता भी क्या। थोड़ी देर बस शांति रही, फिर मैं ही बोला- सॉरी भाभी … पर प्लीज किसी मत बोलना! सीमा बोली- वो बात नहीं है … तुम समझ नहीं रहे हो। मैं बोला- मैं आपको बहुत मानता हूँ भाभी! आप बोलो बस?

वो बोली- तुम अपने आप को क्यों इस तरह बर्बाद क्यों कर रहे हो, शादी क्यों नहीं कर लेते? मैं बोला- हम कल बात कर चुके हैं. और मैं कोई बात नहीं करना चाहता। केवल इस सब के लिए मैं अपनी जिंदगी फिर से खराब नहीं करूँगा। भाभी थोड़ा गुस्सा होकर बोली- और जो तुम ये सब कर रहे हो? उससे भी तो जिंदगी खराब ही हो रही है, जैसे मेरी हो रही है।

मैं बोला- क्या बोला आपने? आपकी जिंदगी कैसे खराब हो रही है? सीमा को लगा कि वो कुछ ज्यादा बोल गयी, वो संभालते हुए बोली- कुछ नहीं … मैं ऐसा कुछ नहीं बोली।

मैंने फिर थोड़ा जोर देकर बोला- नहीं … आपने कुछ तो बोला, बताओ ना क्या बात है। फिर सीमा बोली- तुम तो जानते ही हो कि तुम्हारे भैया मुझसे 7 साल बड़े हैं। हमारा बेटा यश होने के बाद उनके जोर देने पर मैंने अपना आपरेशन करवा लिया ताकि मैं पुनः माँ न बन सकूं। उसके कुछ साल तक तो सबकुछ ठीक चला. पर अभी कुछ महीनों से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा।

मैंने आगे पूछा- ऐसा क्या हुआ भाभी? सीमा बोली- आजकल कुछ उखड़े से रहते हैं, दुकान से आने के बाद भी जल्दी सो जाते हैं। न ही कुछ बात करते हैं और न ही …

मैं समझ गया कि सीमा भाभी आगे क्या कहना चाहती थी पर मैंने भी पूछ ही लिया- न ही क्या भाभी? सीमा बोली- अब इतने भी नादान न बनो! कुछ बातें बताने की नहीं होती समझने की भी होती हैं.

कुछ देर हम कुछ ना बोले.

फिर सीमा ही बोली- अब बर्दाश्त नहीं होता मयंक! मैं बोला- जो भी दिल में हो साफ साफ बोल दो भाभी, मैं वादा करता हूँ कि यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी।

सीमा ने मेरी आंखों में देखा और उसे ये विश्वास हो गया कि मैं वाकयी भरोसे के लायक हूँ।

थोड़ा सोचने के बाद सीमा बोली- वो मुझे शारीरिक संतुष्टि नहीं दे पाते. और वो चुप हो गयी। मैं समझ गया कि वो बहुत भूखी हैं पर मैं चुप रहा.

वे थोड़ी देर बाद बोली- एक बात बोलूं मयंक? मैंने पूछा- क्या भाभी? सीमा बोली- जब तक मैं यहाँ हूँ; क्या तुम मुझे … इतना बोल कर सीमा ने मुझे किस कर दिया।

अब मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने भी सीमा को एक लंबा किस दिया और दूसरे बैडरूम में ले गया।

फिर मैंने सीमा के कपड़े निकाल दिये और उसे सिर्फ ब्रा और पेंटी में बेड पर लिटा दिया और खुद सिर्फ अंडरवियर में आ गया। बेड पर भी मैंने भाभी को बहुत किस किये, फिर उसकी ब्रा निकाल दी।

वाह क्या बोबे थे … देखकर मेरा 7″ का बाबू खड़ा होने लगा और मैं उनके बोबे चूसने लगा।

फिर मैंने उनकी पेंटी भी निकाल दी. क्या चूत थी … एकदम साफ … मजा आ गया देखकर। जैसे ही मैं उनकी चूत चाटने के लिए झुका, वो बोली- क्या कर रहे हो मयंक? मैं बोला- क्यों … भैया ने कभी नहीं किया क्या? वो बोली- नहीं! मैंने बोला- आज देख लो भाभी कि इसमें कितना मजा आता है.

यह बोल कर मैं भाभी की चूत चाटने लगा. उम्म्म्म … क्या स्वाद था। मेरे चाटने से सीमा को भी मजा आने लगा और उनके मुख से सीत्कारें निकलने लगीं ‘एयेए … आआह … ऑश सीईई! थोड़ी देर उसकी चूत चाटने के बाद उसका पानी निकलने लगा जिसे मैंने मजे से पी लिया।

फिर मैंने भाभी को अपना लंड चूसने को बोला तो वे मना करने लगी, बोली- ये सब अच्छा नहीं है. मैंने उसे अपने मोबाइल में वीडियो दिखाया और समझाया कि ऐसा कुछ नहीं होता. तब भाभी मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी।

वाह … क्या मजा आया।

अब सीमा मुख से लंड निकाल कर बोली- बस यही सब करना है या आगे भी बढ़ोगे? मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया। वो बोली- मयंक, आराम से करना, तुम्हारे भैया का तुमसे छोटा है।

मैं समझ गया था कि मुझे क्या करना है। मैंने सीमा को बेड पर लिटा के पहले उनके होंठों पर फिर चूत पर एक किस दी. अपने लंड को भाभी की चूत के छेद पर रखकर एक जोरदार झटका दिया. जिससे मेरा आधा लंड अंदर चला गया. इससे पहले की सीमा के मुँह से कुछ निकलता, मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया। पर भाभी की आँखें सब कुछ बोल गयी।

मैंने उनके मुँह से अपना हाथ हटाया और भाभी को किस करने लगा और साथ ही उनके बोबे सहलाने लगा। जब वो थोड़ी ठीक हुई तो मैंने पूछा- ठीक हो? वो बोली- जान ही निकल दी! बोला था ना आराम से करना! मैं बोला- सॉरी भाभी … बस एक बार और … फिर कोई तकलीफ़ नहीं होगी। और मैंने दूसरा झटका दिया और पूरा लंड अंदर।

सीमा ने जैसे तैसे उसे सहा और उसके मुँह से सी … उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई की आवाज़ निकल गयी। सीमा भाभी की चूत रस से भर गई थी और छप छप कर रही थी. भाभी अब मस्ती में मचल रही थी और मैं उन्हें ज़ोरदार चोदे जा रहा था।

सीमा मस्ती में चिल्ला रही थी- हाय … ई … उई … सी … मर गई जालिम … फाड़ डाली उफ़ … क्या मोटा लंड है. पूरा अन्दर घुसा डाला … अह्ह्ह … उह्ह्ह … सी … हां! थोड़ी देर बाद भाभी पूरी मस्ती में मुझ से लिपट गई, उनकी चुचियां मेरे सीने में दब गईं.

मैं समझ गया कि सीमा भाभी झड़ चुकी हैं, पर मेरा अभी बाक़ी था। मेरे धक्के और दस मिनट चले. इस बीच सीमा और दो बार झड़ चुकी थी और थक गयी थी।

मैं बोला- भाभी, मेरे निकालने वाला है. सीमा बोली- हाय राम मयंक … निकाल दे ना अपने लंड का रस … मेरी चूत में जल्दी से! सी … उई अह्ह्ह … हां मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है … मेरी चूत भी पानी छोड़ रही है यार.

मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर कर उसकी चूत की जड़ में पिचकारी मार दी. भाभी भी मेरे साथ फिर से झड़ गई. हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लिपटे हुए कुछ मिनट तक ऐसे ही चूमते रहे.

अपनी चूत से दबा दबा कर लंड का पानी चूत में निकालने के थोड़ी देर बाद सीमा मेरी तरफ मुस्करा के देख कर बोली- वाह मयंक, मज़ा आ गया. आज तक इतनी बढ़िया चूत चटाई और इतनी मस्त चुदाई नहीं हुई। और फिर हम एक दूसरे को बहुत देर तक चूमते रहे।

उस रात सीमा की दो बार चुदाई की। वो जब तक मुंबई में थी हमने ख़ूब चुदाई की।

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