कामिनी की प्यास-3

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हेल्लो दोस्तों, उमीद है आपको ये हिन्दी सेक्स स्टोरी पसंद आ रही है!

अब कहानी आगे की..

फिर जब कामिनी सन्दीप के कमरे से अपने कमरे में आई तब तक उसके सर से हवश का असर कम हुआ और उसे होश आया कि उसने क्या कर दिया।

कामिनी सोचने लगी- नहीं ये मुझसे क्या हो गया। नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए था।

बगल में राकेश खर्राटे लेकर सो रहा था।

इधर सन्दीप सोच रहा था चलो शुरवात तो हुई, अब जल्द ही मामी की चूत में मेरा लन्ड होगा।

फिर सुबह सब ने नाश्ता किया और फिर राकेश अपने ऑफिस चला गया। कामिनी सन्दीप से नज़र नहीं मिला पा रही थी। कामिनी ने काले रंग की लाल फूलों के प्रिंट वाली मैक्सी पहनी थी। उसने नहाके अभी बाल नहीं बांधे थे।

वो घर के काम में लग गई। सन्दीप टीवी देख रहा था।उसके दिमाग में यही चल रहा था कि कैसे मामी को चोदे। फिर ऐसे ही कुछ समय बीत गया।

फिर दिन में दोनों ने खाना खाया, फिर कामिनि ने बर्तन धोये और फिर वो आराम करने के लिए अपने कमरे में आ गई । अब वो रात को हुई घटना के बारे में सोच रही थी।

इधर सन्दीप सोच रहा था कि मामी को चुदाई के लिए कैसे तैयार करूँ। वो चाहत तो अभी मामी के कमरे में जाकर उसके साथ कोशिश कर सकता था। पर वो चाहता था कि मामी खुद उसके पास चुदने आये।

फिर शाम हुई और फिर राकेश भी घर आ गए,

सबने खाना खाया और अपने कमरों में आ गए। सन्दीप मामी का इंतजार करने लगा।

मगर मामी नहीं आई , अगले दिन दूसरा शनिवार था और राकेश की छुटी थी अब शनिवार और रविवार को राकेश घर मे ही था।

सन्दीप जवान लड़का था मामी ने उसकी चिंगारी भड़का दी थी, जिसको वो बुझा नहीं रही थी। शनिवार की रात को कुछ नहीं हुआ फिर रविवार की रात आई। सन्दीप इंतज़ार में था रात के बारह बजने वाले थे ,पूरा सन्नाटा था बस पंखे की और घड़ी की टिकटिक सुनाई दे रही थी।

अब सन्दीप का सब्र जवाब दे रहा था। उसने कुछ निश्चय किया और अपने कमरे से निकलकर मामा मामी के कमरे की ओर चल पड़ा। बैडरूम का कमरा ढका हुआ था। अंदर से खर्राटे की आवाज आ रही थी।

सन्दीप ने धीरे से दरवाजा खोला , अंदर मामा और मामी गहरी नींद में सो रहे थे। कमरे में नाईट बल्ब की दूधिया रोशनी थी। कामिनि ब्लाउज और पेटीकोट में सोई थी। वो गहरी नींद में जब सांसे ले रही थी तो उसके उभार ऊपर नीचे हो रहे थे। उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

दूधिया रोशनी में उसके गोरे स्तनों की दरार साफ दिखाई दे रही थी। दोस्तों जब इंसान पर हवस का भूत सवार होता है तो वो हर डर भूल जाता है। सन्दीप के साथ भी यही हो रहा था।

वो दबे कंदमो से आगे बढ़ा, कामिनी को देखकर ही उसका लन्ड खड़ा हो गया जो उसके अंडरवियर से बाहर आने के लिए बेताब हो रहा था। वो बेड के पास पहुँचा और धीरे से कामिनी वाली तरफ फर्श पर बैठ गया। वो थोड़ी देर कामिनी के उतार चढ़ाव देखता रहा।

उसने फिर हिम्मत करके हाथ आगे बढ़ाया और कामिनी के ब्लाउज़ के बटन खोलने लगा। थोड़ी देर की मेहनत के बाद उसने कामिनी के स्तनों को ब्लाउज़ की कैद से आज़ाद कर दिया। वो धीरे धीरे उन्हें सहलाने लगा। 4-5 मिनट सहलाने के बाद उसने एक निप्पल को मुँह में लेके चूसने लगा। उसका लंड और सख्त होने लगा।

अब वो एक निप्पल को चूस रहा था और दूसरे स्तन को दबा रहा था। अब कामिनी को कुछ महसूस हुआ उसने अँगड़ाई ली। उसने आंखे खोली तो देखा सन्दीप उसके स्तन चूस रहा है। वो चिलाने वाली ही थी कि उसे ध्यान आया बगल में राकेश सो रहा है।

वो दबी आवाज में बोली -सन्दीप यहाँ क्या कर रहे हो तुम्हे ज़रा भी होश नहीं।

सन्दीप- मामी प्लीज करने दो, आपने तो आग लगा के प्यसा ही छोड़ दिया।

कामिनि- अरे मगर यहाँ पर।

सन्दीप- आप आई नहीं मेरे रूम पर।

और फिर सन्दीप कामिनी के बूब्स को चुसने लगा। कामिनी उसको रोक भी नहीं पा रही थी। वो सोच ही रही थी कि तभी सन्दीप ने अपना एक हाथ पेटिकोट के ऊपर से उसकी चूत पर फिराने लगा। कामिनी की चूत में आग लग गई। उसे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था। बगल में पति खर्राटे ले रहा था और यहाँ सन्दीप उसके बूब्स औऱ चूत से खेल रहा था। ये बात उसे और उत्तेजित कर रही थी।

फिर सन्दीप ने एक हाथ से कामिनी का पेटिकोट को ऊपर सरकाने लगा। अब कामिनी की गीली पेंटी दिखाई देने लगी। सन्दीप अब बूब्स को छोड़कर पेंटी को सूँघने लगा, अब उसका लन्ड अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को बेताब होने लगा , फिर उसने पेंटी को थोड़ा सरकाया और चूत पर जीभ फिराने लगा। कामिनी ने किसी तरह मादक चीख निकलने से रोकी।

अब कामिनी को लगा कि अगर सन्दीप को अभी नहीं रोका तो गड़बड़ हो जाएगी। वो धीरे से बोली-

सन्दीप रुक जाओ, कल दिन में जो चाहे कर लेना जब तेरे मामा घर पर नहीं होंगे।

सन्दीप- मग़र मामी इस लन्ड का क्या जो ये खड़ा हो रखा है।

मामी- ला मैं चूसकर निकाल देती हूँ।

सन्दीप- मामी चूत में डालने दो ना।

मामी- नहीं अभी नहीं, कल पक्का।

सन्दीप – ठीक है मामी

फिर वो खड़ा हो गया और उसने अपना अंडरवियर नीचे किया। उसका लन्ड स्प्रिंग की तरह उछलता हुआ बाहर निकल आया।

फिर वो चेहरे के पास आया और मामी ने उसका लन्ड मुँह में ले लिया और चुसने लगी। सन्दीप ने आँखे बंद कर ली और मजे लेने लगा। वो फर्श पर खड़ा था। मामी करवट लेकर उसका लन्ड चूस रही थी। उसके चूत से पानी निकल रहा था। बीच बीच मे मामी उसके अंडों को भी चाट लेती।

सन्दीप इतना ज्यादा उत्तेजित था कि वो बर्दास्त नही कर पाया और थोड़ी देर में उसने अपना गर्म लावा कामिनी के मुँह में निकाल दिया। कामिनी उसका एक एक बूँद घटक गईं।

फिर सन्दीप अपने रूम में आ गया और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा। फिर उसे कब नींद आई उसे पता ही नहीं चला।

सुबह सन्दीप देर से उठा तो देखा मामा नाश्ता कर रहे हैं। मामी किचन में आलू के परांठे बना रही थी। सन्दीप जल्दी से नित्यकर्म से फारिग होके नहाकर आ गया।

सन्दीप- मामी जल्दी कुछ दो बहुत भूख लग रही है।

मामी – थोड़ा सब्र कर लाती हूँ।

इतने में राकेश भी दफ्तर के लिये निकलने लगा।

राकेश- अच्छा सन्दीप मैं दफ्तर के लिये निकल रहा हूँ मामी को ज्यादा तंग मत करना।

सन्दीप – जी मामा जी।

फिर राकेश दफ्तर के लिये निकल गया। अब घर मे केवल कामिनी और सन्दीप थे। कामिनी ने रात को सन्दीप को बोल तो दिया था।किंतु अभी भी उसके मन में कसमकश चल रही थी।

सन्दीप मन ही मन बहुत खुश था। वो नाश्ता करने लगा और मामी को ललचाई नज़रों से देखने लगा। कामिनी उसकी नजरों की प्यास को भलीभांति समझ रही थी।

कामिनी ने हल्के गुलाबी रंग की प्रिंटेड साड़ी पहनी हुई थी और गुलाबी रंग का ही ब्लाउज़ पहना हुआ था। बाल उसने अभी भी टॉवल में बांधे हुए थे।

फिर कामिनी भी अपने लिये नाश्ता लेकर आ गई और दोनों नाश्ता करने लगे। दोनों बात नहीं कर रहे थे। मगर नज़रें बहुत कुछ बयान कर रही थी। जँहा सन्दीप की नज़रों में हवस थी वंही कामिनी की नज़रों में दुविधा थी।

फिर दोनों ने नाश्ता किया। और कामिनी किचन साफ करने चली गई। सन्दीप टीवी देखने लगा। इधर किचन में बर्तन धोते हुए कामिनी ने कुछ फैसला कर लिया । कामिनी किचन का काम निपटाकर टीवी वाले रूम में आई।

वो सन्दीप को बोली – चलो आओ बेडरूम में।

सन्दीप का खुशी का ठिकाना ना रहा ।

सन्दीप- जी मामी ।

फिर वो कामिनी के पीछे पीछे उसके कमरे में चला गया। कामिनी बिस्तर पर लेट गई।

उसने सन्दीप को इशारा किया सन्दीप समझ गया। वो आगे बढ़ा फिर उसने जो ब्लू फिल्म देखा था वो उसे याद आया। उसने कामिनी के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और किस करने लगा।

राकेश ने कभी कामिनि के होठों को किस नहीं किया था। कामिनी भी सन्दीप का साथ देने लगी। वो भी उसको किस कर रही थी। औऱ उसके सर पर हाथ फिरा रही थी। फिर सन्दीप ने अपनी जीभ कामिनी के मुँह के अंदर डालने की कोशिश करने लगा, कामिनी को अजीब लगा, फिर वो उसकी जीभ को चुसने लगी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने भी अपनी जीभ सन्दीप के मुँह में डाल दी सन्दीप उसे चुसने लगा, दोनों ऐसे ही करते रहे।

सन्दीप का लन्ड पूरा खड़ा हो गया था, कामिनी की चूत भी गीली हो रही थी। फिर सन्दीप कामिनी की गर्दन में किस करने लगा। और उसके ब्लाउज़ के बटन भी खोलने लगा। फिर उसने सारे बटन खोल दिए। कामिनी ने अंदर सफेद रंग की ब्रा पहनी थी। सन्दीप उसकी चुचिया दबाने लगा।

फिर कामिनी थोड़ा ऊपर हुई और सन्दीप ने उसका ब्लाउज़ उतार दिया। उसने ब्रा के हुक भी खोल दिए। अब कामिनी ऊपर से पूरी नंगी थी। दिन के उजाले में सन्दीप उसके नंगे बदन को पहली बार देख रहा था। उसकी धड़कन बढ़ने लगी।

फिर वो चूचियों पर टूट पड़ा और बारी बारी दोनों को चुसने लगा। अब कामिनी की सिसकियां निकलने लगी। सन्दीप ऐसे ही चूचियों को चूस और मसल रहा था। तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया।

कामिनी- इस समय कौन होगा।

सन्दीप – पता नहीं, मैं देखता हूँ।

कामिनी – रुक मुझे कपड़े पहनने दे।

फिर सन्दीप दरवाजे की ओर जाने लगा, मन ही मन वो दरवाजा खटखटाने वाले को कोस रहा था।

क्या सन्दीप को अपनी मामी को चोदने का सपना पूरा होगा। कौन है दरवाजे में यर जानने के लिए इंतज़ार कीजिए अगले पार्ट का!

कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएगा, और उन सबका धन्यवाद जिन्होंने मुझे मेल किया।

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