रंडी बहन की चुत में डबल लंड-2

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मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग रंडी बहन की चुत में डबल लंड-1 में आपने जाना कि मेरी विधवा बहन के जिस्म की प्यास उसके ससुर के लंड से बुझ रही थी, जिसे मैंने देख लिया और खुद भी अपनी बहन को चोदने का ताना बाना बुनने लगा.

अब आगे:

पहला पैग खत्म होते ही बहन के ससुर जी बोले- बेटी तुम्हारा भाई हम दोनों को माफ़ कर देगा … लेकिन उसकी एक शर्त है. वो तुम्हें तुम्हारी मर्ज़ी से एक बार चोदना चाहता है. मेरी बहन तो पहले से ही तैयार थीं … तो उन्होंने कोई आनाकानी नहीं की और हमारा साथ देने के लिए तैयार हो गईं.

इस बीच दूसरे पैग का दौर शुरू हुआ. दीदी के ससुर ने दो साल पहले मेरी बहन की चुदाई कैसे की, वो किस्सा सुनाना शुरू कर दिया. वो किस्सा मैं आप लोगों को बाद मैं अपनी दूसरी सेक्स कहानी में बताऊंगा.

इसी तरह बातें करते करते रात के एक बज गए और मेरा लंड मेरी नाइट ड्रेस मैं से खड़ा हो कर उन दोनों को दिखने लगा. हम तीनों ने पीना खत्म किया और बाथरूम में जा कर मूतने लगे. पहले मेरी दीदी और ससुर गए थे तो वे दोनों मूत रहे थे. उनके पीछे से मैं बाथरूम में गया था.

वे दोनों मूत कर वापस आने लगे थे. ससुर और बहन तो नंगे ही थे, मैंने बहन को रोका और अपना लंड निकाल कर मूतना शुरू कर दिया. मैंने अपना सारा मूत मेरी बहन की चुत के ऊपर धार मारते हुए गिराने लगा. वो भी मेरे गर्म मूत से मजा लेती रहीं. फिर उन्होंने खुद को साफ़ किया और हम तीनों रूम में आ गए.

फिर मैं जो गोली लाया था, वो निकाल कर मैंने उनके ससुर को दे दी और उनको बोला कि अगर चुदाई का असली मज़ा लेना है … तो इसको ले लो.

फिर मेरी रंडी बहन सेजल ने मेरा और अपने ससुर का बिस्तर एक साथ सैट कर दिया. हम सब बिस्तर पर आ गए.

अब हम दोनों अपनी सेजल रंडी के मम्मों को चूसने लगे. एक दूध मैं चूस रहा था और एक उनका ससुर चूस रहे थे.

मेरी बहन ने भी हम दोनों के लंड हाथ में ले लिए और आगे पीछे करने लगीं. मैं भी अपनी एक उंगली दीदी की चुत में डाल कर आगे पीछे कर रहा था और उन चुत का पानी, जो मेरी उंगली पर लग जाता था, वो उंगली उनके मुँह में दे कर उन्हें ही चुसा रहा था.

इस तरह दीदी के मम्मों को चूसते हुए मैं उनके होंठों को भी चूसने लगा. अपनी जीभ से उनकी जीभ को टटोलने लगा और अपने मुँह का थूक उनके मुँह में देने लगा.

तभी दीदी के ससुर में बहन की चिकनी चुत के पास अपना मुँह लगा दिया. वो उनकी भीगी हुई चुत चाटने लगे.

कुछ देर बाद अब मेरा लंड मेरी रंडी बहन की चुत चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था. मेरा मन अपनी बहन की गांड मारने का भी था.

मैंने उनसे बोला कि चल मेरी रांड बहन … अब सीधी लेट जा. … आज तेरा भाई तेरी चुत में अपना लंड डालेगा और वो भी बिना कंडोम के … और तुझे मस्ती से चोदेगा. वो भी जोश में आ कर बोल पड़ीं- हां भाई … ले चोद ले अपनी बहन की चुत … और भर दे इसमें अपना वीर्य और कर दे मुझे ठंडा. मैंने नशे में झूमते हुए दीदी के ससुर से बोला- चल बे गांडू … चौड़े कर अपनी रंडी बहू के पैर और रख मेरा लंड उसकी चुत के ऊपर.

ससुर ने बिल्कुल ऐसा ही किया और मेरे लंड को मेरी दीदी की भीगी चुत के मुहाने पर सैट कर दिया. मैंने एक कसके शॉट मारा, तो मेरा लंड फिसल कर साइड में चला गया.

उनके ससुर ने मेरा लंड फिर से सैट करके थोड़ा चुत के अन्दर फंसा कर रख दिया. बस एक करारा धक्का … साथ में शराब का नशा और गोली का असर काम कर गया. मस्त माल के जैसे नंगी पड़ी मेरी की चुत में लंड घुसता चला गया.

दीदी की भी आह निकल गई और वो बोलीं- आह आज पहली बार किसी लम्बे लंड ने ठोकर मारी है … मजा आ गया. मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था. मेरी बहन भी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी थीं. ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

दीदी के चुत में तो मानो सैलाब आ गया था. मेरी दीदी भी गांड उठाते हुए बोल रही थीं कि वाह भैया … क्या मस्त लंड है … पूरा नाभि तक जा रहा है … और मज़ा भी बहुत आ रहा है.

तभी दीदी के ससुर जी को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने नजदीक आकर अपना लंड मेरी बहन के मुँह में लगा दिया और उसको लंड चूसने के लिए कहने लगे. मेरी बहन भी रंडी की तरह मस्त होकर अपने ससुर कर लंड चूस रही थीं.

मैं भी अपनी स्पीड से लंड को दीदी की चुत में अन्दर बाहर कर रहा था. तभी मुझे सूझा कि अपनी इस रंडी बहन को आज दो लंड का मज़ा भी करा दूँ.

मैंने दीदी के कान की लौ को चूसते हुए उनके कान में कहा- दो लंड लोगी अपनी चुत में? उन्होंने भी हां में जवाब दिया. मैंने उनसे बोला- मेरे ऊपर आ जाओ.

वो मेरे ऊपर आकर लंड को वापिस अपनी चुत में लेकर मेरे ऊपर बैठ गईं. मैंने नीचे से धक्के लगाने चालू रखे. दीदी की चुत इतनी गीली हो रही थी कि उसका पानी बह कर मेरे आंडों को गीला कर रहा था.

मैंने दीदी के ससुर को इशारा किया कि पीछे से आ कर वो भी अपना लंड सैट करके इसकी चुत में डाल दें. ससुर हैरानी से मेरी ओर देखने लगे और अपनी बहू की और भी ऐसे देखने लगे … जैसे वो उनसे पर्मिशन ले रहे हों कि दूसरा भी डाल दूं? मैंने शराब के नशे में कहा- अबे भोसड़ी के क्या देखता है … डाल दे बे इसकी चुत में लंड … और हो जा तू भी शुरू.

वो भी पीछे से आ गए और मेरी बहन की चुत में दूसरा लंड डालने की कोशिश करने लगे. मुझे अपने लंड पर उनका लंड महसूस हो रहा था.

मैंने अपनी बहन को मेरे ऊपर लेटा दिया और अपने हाथ उनकी दोनों तरफ से पीछे ले जाकर उनकी चुत को थोड़ा चौड़ा कर दिया. तभी ससुर के लंड को अन्दर डलवाने में दीदी ने भी मदद की.

ससुर ने भी थोड़ा सा रास्ता दिखते ही लंड चुत में पेल दिया, जिससे मेरी दीदी की चीख निकल गयी और वो लंड बाहर निकालने को कहने लगीं. मैंने उनसे बोला- थोड़ा सब्र रखो … और अपनी चुत को ढीला छोड़ दो. थोड़ी तकलीफ़ होगी, लेकिन बाद में मज़ा भी आएगा.

मैंने पास रखी दारू की बोतल का मुँह दीदी के मुँह में लगा दिया और उनसे दो बड़े घूँट ले लेने के लिए कहा. दीदी ने दो घूंट नीट दारू खींची और इसके बाद तीसरा घूँट ले कर मेरे मुँह से मुँह लगा कर मुझे भी पिला दी.

दीदी को नशे के कारण दर्द कम होने लगा था और उन्होंने अपनी चुत पूरी तरह से ढीली कर दी थी.

फिर ससुर ने थोड़ा थूक लगाया और धीरे धीरे अपना लंड चुत में पूरा डाल दिया. अब मेरी बहन की चुत में एक साथ दो लंड जा रहे थे. शुरू में थोड़ी तकलीफ़ हुई, लेकिन धीरे धीरे उन्होंने दोनों लंड सह लिए और अब वो भी मज़ा ले रही थीं.

मैंने धीरे से दीदी के कान में पूछा- मज़ा आ रहा है ना? उन्होंने भी बोल दिया- दो से मेरा कुछ नहीं होगा … तीसरा भी होता, तो उसे भी ले लेती. मैंने कहा- ऐसी सर्विस तो रंडियां भी नहीं दे सकतीं दीदी, आपने कहां से सीखी है. उन्होंने कहा- कभी आपने मुझे सर्विस का मौका ही कहा दिया है.

हम तीनों हंसते हुए चुदाई का मजा लेने लगे.

ऐसे ही कोई पन्द्रह मिनट तक हम आगे पीछे होते रहे और दीदी की चुत को भोसड़ा बनाते रहे. अब तो दीदी की चुत में से पच पच और सुर सुर की आवाज़ें आ रही थीं और वो भी मज़े से एंजाय कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद उनके ससुर जी का माल निकालने को हुआ, तो उन्होंने पूछा- कहां निकालूं? दीदी ने बोला- सारा पानी चुत में ही छोड़ दो.

ससुर ने भी ऐसा ही किया. उनके लंड का पानी मुझे भी फील हुआ. पानी की वजह से चुत में काफी चिकनाहट हो गयी और मेरा लंड फुल स्पीड से अन्दर बाहर होने लगा.

मैंने एक उंगली सेजल दीदी की गांड के छेद में डाल दी, तो वो चिहुंक उठीं और उसका भी मज़ा लेने लगीं. मैंने उंगली वापस बाहर निकाली और उनकी चुत के पानी से गीली करके वापस गांड में डाल दी. इस बार उंगली आराम से चली गई. इसी तरह से दस मिनट और चुदाई चलती रही. फिर वो फव्वारे की तरह झड़ गईं और दीदी की चुत से ढेर सारा पानी निकल गया.

मैंने भी अपना लंड दीदी की चुत में से निकाला और उसको चूसने के लिए दीदी के मुँह में दे दिया. मैं दीदी से लंड चुसवाने लगा. वो भी मस्त हो कर लंड को ऐसे चूस रही थीं … जैसे कैंडी चूसते हैं.

इसी दौरान मेरी मलाई दीदी के मुँह में गिरने लगी. दीदी ने लंड रस की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने दी. उन्होंने सारा माल पी लिया.

मैं बेड पर गिर कर सुस्ताने लगा. वो भी नंगी ही हम दोनों के बीच में गिरकर आराम लेने लगीं.

थोड़ी देर के बाद हम लोग उठ कर बाथरूम में गए और अच्छे से नहा कर एक साथ बाहर आ कर सोने की कोशिश करने लगे.

मुझे नींद नहीं आ रही थी. दीदी के ससुर को भी नहीं आ रही थी. मैंने ससुर को इशारे से दूसरे रूम में बुलाया और हम दोनों ने एक एक ड्रिंक लिया.

मैंने उनसे पूछा- मज़ा आया? उन्होंने भी हंसते हुए हां में गर्दन हिलाई. मैंने पूछा- एक राउंड और हो जाए? उन्होंने कहा- हां क्यों नहीं.

दरअसल मैं सेजल दीदी की गांड मारना चाहता था. उनके ससुर जी पर तो वैसे ही सेक्स पॉवर की गोली और शराब का असर था.

मैंने वापिस रूम में जा कर सेजल दीदी को जगाया और उनके होंठों पर किस करने लगा … गर्दन पर भी किस करने लगा.

इस वजह से वो भी उत्तेजित होने लगीं. तभी दीदी के ससुर जी भी आ गए और उनके मम्मों, कूल्हों और चुत को सहलाने लगे. सेजल दीदी भी आ आ आ आह करने लगीं और हमारा साथ देने लगीं.

हम दोनों यानि मैं और उनके ससुर जोश में आ गए और सेजल दीदी के कपड़े फाड़ कर उनके शरीर के अलग करने लगे. ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को और चूतड़ों को दबाने लगे.

इसी बीच दीदी की ब्रा और पेंटी को मैंने निकाल कर फेंक दिया. अब वो बिल्कुल नंगी हो गई थीं. मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. मेरा टनटनाता हुआ लंड बाहर आ कर दीदी की चुत को सलामी देने लगा.

मैंने दीदी को उठा लिया और अपने शरीर से चिपका कर नीचे से उनकी चुत में लंड डाल दिया. मैं दीदी की चुदाई खड़े खड़े ही करने लगा.

यह देखकर उनके ससुर भी जोश में आ गए और अपना लंड उनकी चुत में पीछे से डालने की कोशिश करने लगे. उन्होंने जल्द ही लंड चुत में डाल दिया.

अब थोड़ी देर के बाद मैंने सेजल दीदी को नीचे उतारा और उन्हें टेबल के सहारे पीछे घुमा कर खड़ा कर दिया. अब मैंने दीदी के ससुर से तेल लाने को कहा.

मेरी बहन घबराने लगीं और विनती करने लगीं- नहीं पीछे नहीं. जितना करना है, आगे कर लो.

लेकिन मैं कहां सुनने वाला था. तब तक ससुर तेल की बोतल लेकर आ गए और मैंने ढेर सारा तेल अपने मोटे लंड पर लगा लिया. थोड़ा तेल दीदी की गांड के छेद में भी डाल दिया. फिर अपनी दो उंगलियां उनकी गांड में पेल कर आगे पीछे करने लगा.

उधर उनके ससुर ने उनकी चुत में उंगली डाल दी थीं. वे दीदी की चुत में उंगली आगे पीछे करने में लग गए, जिससे दीदी की चुत में से ढेर सारा पानी निकलने लगा और वो वापिस लंड लेने के लिए मचलने लगीं.

उसी समय मैंने एक ही झटके में अपना लंड दीदी की गांड में डाल दिया और जड़ तक उतार दिया. वो एकदम से हुए हमले से दर्द के मारे चिल्लाने लगीं, तो उनके ससुर ने अपना लंड उनके खुले हुए मुँह में डाल दिया.

मैं दीदी की गांड में लंड के धक्के धीरे धीरे देने लगा. साथ ही अपने एक हाथ से उनकी चुत को सहलाने लगा.

थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद हम तीनों अपने बेड पर आ गए और मैं नीचे लेट गया. सेजल दीदी अपनी गांड का छेद मेरे लंड पर सैट करके मेरे ऊपर आ गईं. उनके ससुर सेजल की चुत में लंड डाल कर सेजल के ऊपर आ कर उन्हें चोदने लगे.

मैं आगे हाथ बढ़ा कर दीदी के मम्मों को भी दबा रहा था और साथ साथ उनके गले पर किस भी करता जा रहा था. उनके ससुर भी अपनी बहू के दूध पी रहे थे और होंठों पर किस भी करते जा रहे थे.

ऐसा लग रहा था मानो एक मशीन के दो छेदों में दो पिस्टन एक साथ अन्दर बाहर हो रहे हों. चुदाई की मादक आवाज़ें भी काफ़ी बढ़िया आ रही थीं ‘फट पाट सट सट फच फक फच … आह आह आहह आहह ऊऊऊऊ आआअहह.

इसी तरह कोई पच्चीस मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद मेरी बहन ने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होने लगीं. तभी उनके ससुर ने भी अपना पानी उनकी लपलपाती चुत में छोड़ दिया. मैंने भी दो चार जबरदस्त धक्के उनकी गांड में लगा कर अपना सारा माल दीदी की गांड में भर दिया. झड़ने के बाद भी मेरा अब लंड खड़ा था.

तभी वो मेरे ऊपर से उतर कर नीचे आ गईं और चुत खोल कर लेट गईं.

तभी मुझे अचानक से पेशाब आई, तो मैंने लंड को दीदी की चुत में पेला और अन्दर डाले डाले ही मूतना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद उनके ससुर ने भी अपना लंड का मूत दीदी की चुत के ऊपर डाल दिया.

फिर हम तीनों ऐसे ही नंगे एक ही बिस्तर पर लेट गए. मैं अपनी बहन की भोसड़ी में उंगली डाल कर सो गया.

सुबह उसकी बेटी ने हम तीनों को जगाया … तब हम सब हड़ाबड़ा कर जागे और अपने कपड़े पहने.

फिर दूसरे दिन पूरे दिन जब भी मेरा लंड खड़ा हुआ, मैंने अपनी बहन की चुत और गांड को जी भर के मारी. उसे दो बार अपना पेशाब भी पिलाया और उसका भी पिया.

दोस्तो, ये थी मेरी चुदक्कड़ बहन की चुदाई की कहानी … आपको कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें. [email protected]

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