चूत एक लंड अनेक-4

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

अन्तर्वासना के सभी प्यारे पाठकों को डॉली चड्ढा का फिर से नमस्कार। आज मैं आपको दिल्ली में हुई मेरी चुदाई का आखिरी भाग पेश करती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि बिना इस चुदाई के मेरा दिल्ली वाला टूर अधूरा ही रहता। आज भी जब मैं इस चुदाई के बारे में सोचती हूं तो मेरी चूत तुरंत पानी छोड़ना शुरू कर देती है।

तो चलिए दोस्तो, बिना कोई वक्त बर्बाद करे मैं आपको दिल्ली में हुई मेरी आखिरी चुदाई की कहानी बताती हूं।

अभी तक आप मेरी पहले की कहानियों में पढ़ चुके हैं कि कैसे दिल्ली में मैंने रविंद्र, अभिजीत, विजय और सूरज से अपनी चुदाई करवाई। जब चुदाई के बाद सूरज मेरे कमरे से जा रहा था तब अगले दिन उसने दो लड़कों को मेरे पास भेजने का वादा किया था। मैं अगले दिन मेरे साथ होने वाले थ्रीसम सेक्स के बारे में सोचते हुए सो गई।

जब अगले दिन मेरी आंख खुली तब सवेरे का 10 से भी ज्यादा बज चुके थे. मैंने मुंह धोकर अपने लिए चाय और बिस्किट ऑर्डर किए और जल्दी जल्दी अपना सामान पैक करने लगी। चाय पीकर और होटल का बिल भुगतान करके मैं होटल से बाहर आ गई और सूरज के बताए हुए होटल के लिए रवाना हो गई।

मेरा नया होटल ज्यादा दूर नहीं था और कुछ ही मिनटों में मैंने होटल में पहुंचकर अपने लिए कमरा ले लिया। कमरे में पहुंचकर मैंने पहला काम सूरज को फोन लगाने का किया और उसे अपना कमरा नंबर दे कर उसके दोस्तों के बारे में पूछा।

सूरज ने मुझे कुछ देर बाद फोन करके अपने दोनों दोस्तों के बारे में बताया और बोला कि विनोद और मुरली 3:00 से 4:00 के बीच होटल में आएंगे। जवाब में मैंने सूरज से बोला कि मैं रिसेप्शन पर मैसेज छोड़ देती हूं कि विनोद और मुरली मुझसे मिलने आएंगे उन्हें मेरे कमरे में आने दिया जाए।

इस पर सूरज ने कहा- बेबी, कुछ मत करो। इस होटल में विनोद और मुरली ने कई बार सर्विस दी है और उनको तुम्हारे कमरे तक आने के लिए रिसेप्शन को बताने की जरूरत ही नहीं है। सूरज ने मुझे विनोद और मुरली का फोटो भी मोबाइल पर सेंड किया और उनके मोबाइल नंबर भी। यह भी बताया कि ये लोग आने के पहले मुझे फोन अवश्य करेंगे।

मैंने घड़ी देखी तो मैं समझ गई कि मेरे पास अभी 3 घंटे के लगभग वक्त है। मैंने तुरंत अपने लिए लंच ऑर्डर किया और खाना खाकर एक घंटा आराम किया ताकि मेरी थकान थोड़ी कम रहे।

इसके बाद मैंने बहुत रगड़ कर स्नान किया और खूब अच्छे से मेकअप करके तैयार हो गई। इस बार की चुदाई के लिए मैंने डेनिम शॉर्ट्स और डीप कट ब्लाउज पहना। यह ड्रेस बहुत सेक्सी थी और मेरा पूरा फिगर देखने वाले को मदहोश करने के लिए काफी थी।

वक्त बिताने के लिए मैंने टीवी चला लिया और मुरली और विनोद का इंतजार करने लगी। टीवी देखते देखते मुझे झपकी भी आ गई।

मोबाइल की घंटी से मेरी झपकी टूटी और मैंने अपना फोन उठाया। फोन के दूसरी तरफ सूरज था और उसने मुझे बताया कि मुरली और विनोद मेरे कमरे के सामने खड़े हैं। और इसी क्षण मेरे कमरे की डोर बेल बजी। मैं तो इतनी एक्साइटेड हो गई थी कि तुरंत दरवाजा खोलने के लिए दौड़ी और मैंने झटके से दरवाजा खोला।

दरवाजा खोलते ही उसमें से एक लड़का थोड़ा आगे की तरफ गिरा और मेरे स्तनों से टकरा गया। उसके टकराने से मैं भी गिरते-गिरते बची।

“ओह … सॉरी … सॉरी मैडम …” उस लड़के ने हड़बड़ा कर बोला। “कोई बात नहीं!” मैंने अचकचा कर बोला। “मैडम, मैं विजय और यह मुरली है। लड़के ने अब थोड़ा संभलते हुए बोला। “मेरा नाम डॉली है। मुझे नाम से बुलाओ, मैडम मत कहो। मैंने वातावरण को सहज करने के लिए कहा।

दोनों लड़के कमरे में आ गए और मैंने दरवाजा बंद कर दिया।

“डॉली, आप तो बहुत सेक्सी लग रही हो। मुरली ने मुझसे हाथ मिलाते हुए कहा। “तुम दोनों भी तो हैंडसम लग रहे हो। लगता है आज बहुत मजा आएगा। मैं हंसती हुई बोली। “कुछ मंगवा लूं आर्डर देकर?” मैंने दोनों से पूछा।

“डॉली, अगर ज्यादा मजा चाहती हो तो थोड़ा रम या व्हिस्की मंगवा लो। मौसम भी ठंडा है। थोड़ा सा पीने से ज्यादा मजा आएगा चुदाई में। “ख्याल तो अच्छा है … लेकिन अगर ऑर्डर दे कर मंगवाउंगी तो होटल वालों को शक हो जायेगा। मैंने सोच कर कहा। “यार इसे पैसा दे दो यह सारा सामान यहीं पर ले आएगा, और तब तक मैं नहा कर तैयार हो जाऊंगा। मुरली ने मुझसे सटते हुए कहा।

मैंने मुरली के सुझाव के अनुसार विनोद को 1200 रू दे दिये और वह दारू लाने चला गया।

मुझे अकेला पाकर मुरली ने शॉर्ट्स के ऊपर से ही मेरी मांसल गांड को दबाते हुए बोला- बहुत मस्त गांड है। आज तो इसे मारने में बहुत मजा आएगा। “चुदाई में मजा आए, इसीलिये तो आप दोनों की सर्विस चाह रही हूं। मैंने भी पैंट के ऊपर से मुरली के लंड पर हाथ फेरते हुए कहा. “निश्चिंत रहो। आज तुझे इतना चोदेंगे कि जिंदगी भर अपनी चुदाई नहीं भूल सकोगी। मुरली बोला वॉशरूम में नहाने के लिए चला गया।

बहुत जल्दी विनोद दारू, सोडा और नमकीन लेकर आ गया और उसने यह सामान थैले से निकालकर टेबल पर रखना शुरू किया। कमरे में दो गिलास पहले से थे लेकिन विनोद अपने साथ दो-तीन डिस्पोजेबल ग्लास भी लेकर आया था। मुरली बाथरूम से नहा कर आया और उसने विनोद से कहा- तुम भी फटाफट नहा लो मैं तब तक पैग तैयार कर देता हूं।

मुरली तीन जगह पैग बनाने लगा तब मैंने मुरली से कहा- मैं नहीं पियूंगी। इस पर मुरली ने कहा- यार साथ दोगी तो हम सभी को मजा आएगा और जब सब कुछ होना ही है तो शर्माना क्यों? सूरज तो बोल रहा था कि तुम बहुत बोल्ड हो। यह बोलकर मुरली ने तीन जगह पैग बना दिए।

थोड़ी देर में विनोद भी नहाकर आ गया मुरली तथा विनोद मेरे सामने सिर्फ तौलिये में थे। दोनों के सीने सफाचट यानि वैक्सिंग किये हुए थे। ड्रिंक शुरू करने के पहले मुरली ने दो गोली निकाली और दोनों ने एक एक गोली खा ली। मेरे पूछने पर विनोद ने बताया कि यह सेक्स की गोली है।

मुरली से पूछने पर उसने बोला- यार, हम लोगों का प्लान तुझे लगातार 2 घंटे तक चोदने का है। मुझे सूरज ने बोला कि तुम बहुत गर्म हो और अगर तुम्हें गोली खाकर चोदा जाए तो तुम्हें भी बहुत मजा आएगा इसलिए हम लोग गोली लेकर ही चुदाई शुरू करेंगे।

अब विनोद और मुरली ने अपने-अपने गिलास उठा लिए और उन लोगों के अनुरोध पर मैंने भी अपना गिलास उठा लिया। “चीयर्स … चीयर्स!” हम सभी ने अपने जाम आपस में टकराए। “चीयर्स डॉली की आज की चुदाई के नाम।” मुरली ने मेरे गाल पर चूमते हुए कहा।

कमरा थोड़ा ठंडा था इसलिए मैं हीटर चलाने के लिए उठी लेकिन मुरली ने मेरा हाथ पकड़ कर फिर से बैठा लिया और मुझे आंख मार कर बोला- दो पैग अंदर जाने के बाद तुझे इतनी गर्मी लगेगी कि तू खुद अपने कपड़े उतार देगी। इसलिए कमरा बिना मतलब गर्म मत कर, बस दारू पी के बिस्तर गर्म करना।

मुरली की बात सुनकर मैं भी मुस्कुराने लगी और धीरे-धीरे मैंने भी अपना गिलास खत्म कर दिया।

हम सबके गिलास मुरली ने दोबारा भरे और मेरे मना करने के बावजूद भी उसने मेरा गिलास भर दिया। खैर धीरे धीरे में दूसरा पैग भी पीने लगी। मुरली के अनुरोध पर मैंने एक झटके में अपना दूसरा पैग खत्म कर दिया।

एक झटके में गिलास खाली करने की वजह से मुझे तुरंत नशा हो गया और वाकई में मुझे गर्मी भी लगने लगी।

मुझे झूमती देखकर मुरली ने पूछा- डॉली मजा आ रहा है ना? मैंने उसे आंख मार कर अपनी गर्दन हां में हिलाई।

अब मैं उठने लगी तो मुरली ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मैं उसकी गोद में जा गिरी। मुझे अपनी बाहों में भींच कर मुरली ने मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ लिया। “आहहह …” मेरे मुंह से निकला।

“कहां जा रही हो जानेमन?” मुरली ने मेरी जांघ पर हाथ फेरते हुए बोला। “मुझे गर्मी लग रही है।” मैंने थोड़ी मादक आवाज में बोला। “कहां पर गर्मी लग रही है बेबी को?” मुरली ने मेरे स्तन दबाते हुए पूछा। “सभी जगह गर्मी लग रही है। मैंने शॉर्ट्स के ऊपर से अपनी चूत को सहलाते हुए बोला।

“गर्मी तो जानेमन मुझे भी लग रही है। यह कहते हुए मुरली ने अपना तौलिया निकाल दिया। मुरली को तौलिया निकालते देख विनोद ने भी अपना टॉवल उतार कर दूर फेंक दिया।

अब दोनों लड़के नंगे हो चुके थे लेकिन मैंने कपड़े पहने हुए थे। एक उड़ती हुई नजर मैंने दोनों के नंगे जिसमें पर डाली। मुझे लगा दोनों के लंच 7 इंच के आसपास है अच्छे से शेव किया होने की वजह से सुंदर दिख रहे थे।

मुरली ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी शॉर्ट्स निकाल दी, मैंने भी अपने नितंब ऊपर करके मुरली को शॉर्ट्स निकालने में मदद की। मेरी पैंटी मेरी चूत से चिपकी हुई थी। मैंने बिना समय बर्बाद किए अपना ब्लाउज खुद उतार दिया। अब मैं सिर्फ एक ब्रा और पैंटी में थी।

अब मुरली और विनोद दोनों मुझसे सट गए। दारू के नशे के कारण मेरी चूत थोड़ी नशीली हो गई थी। मैंने अपने हाथ बढ़ाकर मुरली और विनोद के लंड पकड़ लिए। दोनों के लंड अच्छे मोटे थे और सख्त होकर मानो फुफकार रहे थे। मुरली ने मेरे दाएं स्तन को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया और विनोद ने बांया।

मुरली का हाथ मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत तक गया तो मेरी चूत में जैसे सिहरन होने लगी और उत्तेजना में मैं भी धीरे से अपनी चूत को ऊपर की तरफ उठाने लगी। कमरे में भरपूर लाइट थी और दोनों ने बहुत जल्दी मेरे शरीर से ब्रा और पैंटी को अलग कर दिया।

मुरली बहुत खुशी से मेरी चिकनी चूत को देख रहा था। “अरे वाह डॉली तेरी चूत तो बिल्कुल बेबी चूत है।” मुरली ने मेरी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा। “बेबी चूत मतलब?” मैंने अनजान बनते हुए पूछा “मतलब तेरी चूत अभी बहुत ज्यादा फैली नहीं है। मुरली ने मुझे चूमते हुए बोला और मेरी चूत की दोनों पुत्तियों को अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच दबा दिया।

मुरली के इस कृत्य से तो मेरी चूत में कैसे आग लग गई और मैं सिसकारी भर कर चिहुंक पड़ी। “यार अभी तक तो मेरी चूत में सिर्फ लंड गए हैं। बच्चा बाहर नहीं निकला है कि फट जाएगी।” मैंने मादक आवाज में कहा। “तेरी गांड भी बहुत कसी हुई है इसे तो मैं जी भर कर चोदूंगा।” मुरली ने मेरे चूतड़ पर हाथ फेरते हुए कहा। “तुम्हारे जी भर कर चोदने से ही इसकी भी प्यास बुझेगी.” मैंने धीमी आवाज में कहा।

“मेरी चूत को चाटो ना। मैंने अनुनय के स्वर में कहा। मेरी बात सुनकर विनोद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और मुझे उसने अपने ऊपर आने के लिए इशारा किया।

विनोद का इशारा समझ कर मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और आगे की तरफ झुक कर उसका लंड अपने मुंह में लेकर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया और इधर विनोद ने मेरी चूत को थोड़ा सा फैलाया और अपनी जुबान चूत के अंदर डाल दी और उसने मेरी चूत को चूसना शुरू किया। ‘उफ …’ क्या फीलिंग थी। मेरी चूत में तो जैसे उबाल आ गया हो। मेरी चूत अपने आप उसकी जुबान पर आगे पीछे होने लगी।

और मेरे होंठों के मादक स्पर्श से विनोद का लंड मेरे मुंह में फूलने लगा।

मुरली ने मेरे चूतड़ों को पकड़कर फैलाया। मेरे गुलाबी गांड छेद को देखकर बोला- क्या मस्त सेक्सी छेद है बेबी; तुम्हारा छेद देखकर तो मेरा लौड़ा टन टना उठा है। ऐसा बोल कर मुरली ने अपनी जुबान मेरी गांड के छेद में डालकर जुबान अंदर बाहर करना शुरू कर दी।

अब तो मेरी हालत बिल्कुल पतली हो गई। मेरी चूत और गांड दोनों को विजय और मुरली कुत्ते की तरह चूसे और चाटे जा रहे थे और मैं कुतिया की तरह गर्म होकर अपनी चूत और गांड को इनकी जुबान पर रगड़े जा रही थी। मेरी चूत से लगातार काम रस बह रहा था और विनोद उसे अपनी जुबान से चाट चाट कर अमृत पान कर रहा था।

अचानक विनोद ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी और अपनी जबान को वहां से निकालकर मेरी गांड में डाल दिया। “आआआहह … उईईई … मर गईईईई …” मेरे मुंह से जोर से सिसकारी और सीत्कार फूटने लगे।

मेरे मुंह को बंद करने के लिए मुरली ने मेरे मुंह के सामने आकर अपना लंड मुंह में डाल दिया और मुझे सर से पकड़ कर मेरे मुंह को चोदने लगा। वह मेरे मुंह को चोदते समय कुछ अनाप-शनाप बड़बड़ाए जा रहा था।

मारे उत्तेजना से मेरी चूत झड़ गई और मेरी चूत के गाढ़े रस से विनोद ने मेरी गांड को अंदर तक चिकना कर दिया।

अब मुझे विनोद ने पीठ के बल लेटा दिया और मेरी जांघ को काट काट कर चूसने लगा। मुरली ने मेरे स्तनों का जिम्मा संभाला और बारी बारी से मेरे स्तनों को बेदर्दी से चूस चूस कर लाल कर दिया। उसने मेरे अधरों पर भी काटा और काट काट कर निशान बना दिए।

इसके बाद दोनों ने मिलकर मुझे स्तनों के बल लेटा दिया। मुरली मेरे बांयी तरफ बैठ गया और उसने मेरे स्तन के नीचे से अपना हाथ डाल कर बांये स्तन को अपनी हथेली में पकड़ लिया और स्तन मसलते हुए मेरी जांघ के पिछले हिस्से को नितंबों के नीचे से चूसने लगा।

विनोद मेरे दाईं तरफ बैठ गया और वह मेरी कमर के दाहिने हिस्से को अपने मुंह में लेकर चूसने और काटने लगा। साथ ही उसने अपने बांये हाथ की दो उंगलियां मेरी चूत में अंदर तक घुसा दी। विनोद और मुरली की हरकतों से मैं तुरंत उत्तेजित हो गई और मेरी चूत हीरो की अंगुलियों के इशारे पर स्वत: आगे पीछे होने लगी। “आहहहहह … ऊं ऊं … बहुत मजा आ रहा है।” मैंने सीत्कार करते हुए कामोत्तेजित आवाज में कहा।

मुझे उत्तेजित होते देखकर दोनों अपनी हरकतें तेजी के साथ करने लगे। मैंने अपनी गर्दन पीछे की तो मुरली मेरे अधरों को भी चूसने लगा।

“आहहहह … उईईई … जल्दी से मेरी गांड और चूत चोद कर मेरी खुजली मिटा दो।” मैंने कामुक आवाज में दोनों से अनुरोध किया। “जरूर चोदेंगे बेबी, पर पहले यह तो बताओ कि गालियाँ दे कर तुम्हारी चुदाई करें तो तुम नाराज़ तो नहीं हो जाओगी?” मुरली ने मेरे नितंबों को जो़रों से मसलते हुए बोला।

“मुझे भी गालियों के साथ चुदाई पसंद है। तुम मुझे बिल्कुल रंडी बनाकर चोदो।” मैं अपनी चूत को सहलाते हुए बोली। “रंडी की चूत देख कैसे लंड लेने के लिये लपलपा रही है।” मुरली ने मेरी चूत पर चुटकी भरते हुए बोला। “मेरी चूत और गांड लपलपा रही है, इसलिए तो तुम दोनों को चुदाई के लिए बुलाया है।” मैं मुस्कुरा कर बोली।

विनोद और मुरली दोनों मेरी गांड मारना चाहते थे और इस वजह से दोनों में मतभेद होने लगा।

पाठकों की सराहना एवं कमेंट लेखक मैं नया उत्साह भरते हैं इसलिए मेरा सभी पाठकों से नम्र अनुरोध है कि अपने कमेंट मुझे [email protected] पर अवश्य भेजें।

कहानी जारी रहेगी.

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000