स्लीपर बस में भाबी की चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम विकास ठाकुर है. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. हो सकता है कि अनुभवहीनता के चलते मुझसे कोई ग़लती हो जाए, प्लीज़ आप नजरअंदाज कर दीजिएगा.

वैसे तो मैं एक डॉक्टर हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है. मैं एक 28 साल का युवक हूँ और मेरे लंड की साइज़ भी इतनी मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा दे सके. हालांकि मुझे लड़कियों से भाबियों की चुदाई करना ज्यादा पसंद है.

मैं अपनी कहानी पर आने से पहले ही बता दूँ कोई भी दोस्त मेरे से भाबी का नंबर या आइडी ना मांगे.

किसी भी लड़की या भाबी के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं.

मेरी पहली सेक्स कहानी मुझे अन्तर्वासना ने ही दी है. चूंकि मैं पिछले कई सालों से अन्तर्वासना की सेक्स कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ. पहले मैं किसी भी सेक्स कहानी को पढ़ कर बस अपना लंड सहला लेता था. पर अभी कुछ दिनों से मैं सेक्स कहानी के नीचे कॉमेंट भी करने लगा हूँ. उधर काफी लोग कमेंट्स करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लड़कियां और भाबियों के भी कमेंट्स आते हैं. इसी वजह से मैंने बहुत सारे लोगों से चैटिंग करना शुरू कर दी थी.

एक दिन अचानक मेरे मेल बॉक्स में एक मेल आया. एक भाबी मुझसे बात करना चाहती थीं. उन भाबी का नाम रूमानी पटेल था, वो यही नवी मुंबई की रहने वाली थीं. उनके पति कपड़ों का बिजनेस करते हैं. भाबी भी यहां का लोकल बिजनेस देखती हैं.

भाबी की सेक्स और पर्सनल लाइफ मस्त चल रही थी. पर भाबी और उनके पति हमेशा ही अपने बिजनेस के चलते ज्यादातर अलग ही रहने पर मजबूर थे. भाबी ने मेल में मुझे लिखा था कि मैं आपसे बात करना चाहती हूँ. हम सिर्फ़ बात करेंगे … बाकी कुछ नहीं.

उनके मेल में ऐसी काफी बातें लिखी थीं जिनके अनुसार वो मेरे से कुछ टिप्स भी चाहती थीं.

रूमानी जी ने मेल में साफ लिख दिया था कि वो सिर्फ चैटिंग करना चाहती हैं. इसलिए हम लोगों ने बात करना शुरू कर दी. हम लोग रोज बात करने लगे. हमारी बातचीत में नॉर्मल बातें होती थीं, जैसे घर की, जॉब की आदि बातें ही होती थीं.

फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपना एक अनुभव शेयर किया, जिससे हम दोनों के बीच होने वाली पूरी बातें बदल गईं. उनकी बातें सेक्स को लेकर थीं.

रूमानी जी ने एक बंदे से कुछ एक साल पहले दोस्ती की थी. फिर उन्होंने उस आदमी ने सेक्स चैट की. उसके बाद उस बंदे ने रूमानी जी का नंबर ले कर उनको बहुत परेशान किया. इसलिए वो अब किसी पर भी भरोसा नहीं करती थीं.

इस बातचीत के बाद मैं समझ गया कि रूमानी जी के मन में दरअसल क्या डर है. मैंने भी तय कर लिया था कि जब तक रूमानी जी की इच्छा नहीं होगी, मैं उनसे कुछ भी ऐसा जानने की कोशिश नहीं करूंगा.

दूसरे दिन जब हम दोनों बात करने में लगे थे. तो रूमानी जी ने मुझसे जानना चाहा और पूछा- क्या तुमने किसी के साथ सेक्स किया है? यदि हां तो, फर्स्ट टाइम कहां और कैसे किया?

मैंने बता दिया कि मैंने पहली चुदाई हॉस्पिटल में की थी. ये चुदाई के एक डॉक्टर की वाइफ के साथ की थी.

रूमानी जी ने पूरी सेक्स कहानी सुनाने के लिए कहा, तो मैंने पूछा कि आप सेक्स की बात खुल कर सुनना पसंद करेंगी … या छिपे हुए शब्दों में सुनना चाहेंगी. भाबी ने एकदम से कहा- मुझे तुम्हारी चुदाई की कहानी सुनना है, कोई प्रेम कथा नहीं सुननी है.

मैं समझ गया कि आज रूमानी जी चुदाई की बात करने के मूड में हैं.

मैंने अपने दोस्त की वाइफ की चुदाई की कहानी कुछ गर्मगर्म शब्दों के साथ सुनाई. इससे भाबी काफी उत्तेजित हो गईं. इस बातचीत के बाद अब हम लोग रोज सेक्स की बातें करने लगे.

कुछ दिन बाद वो मुझे अपनी चुत, मम्मे … और गांड की फोटो भेजने लगीं. मैं भी उनको लंड की फोटो भेजने लगा.

हम दोनों की बढ़िया बातचीत चल रही थी, लेकिन उन्होंने कुछ दिनों बाद मुझसे बात करना बंद कर दी.

मैं भी उनको भूल गया.

फिर एक दिन रूमानी जी का मेल आया कि मैं पूना जा रही हूँ, अगर तुम चाहो, तो मेरे साथ चल सकते हो.

इसके साथ ही उन्होंने एक कंडीशन भी लिखी थी, जिससे मैं हैरान था.

उनकी कंडीशन अजीब थी, जो सुन कर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. दरअसल उन्होंने मेल में लिखा था कि मैं अपना चेहरा तुम्हें नहीं दिखाऊंगी और तुम अपना मोबाइल बंद रखोगे.

फिर मैंने हामी भर दी. हमारा मिलने का टाइम तय हो गया. शनिवार को सुबह आठ बजे मुझे मुंबई पूना हाइवे पर बुलाया. उधर आने से पहले उन्होंने मुझे मेल पर बताया था कि उन्होंने ब्लैक रंग का टॉप पहना हुआ है और मुँह पर स्कार्फ बंधा हुआ है.

समय से पन्द्रह मिनट पहले ही मैं सुबह पौने आठ पर उधर चला गया. आठ बजे तक उनका कोई अता पता नहीं था.

फिर आठ बज कर पांच मिनट पर उनका मेल पर मैसेज आया कि मैं उसी जगह पर हूँ … तुम कहां पर हो?

मैंने आजू बाजू देखा, तो वो नहीं थीं. फिर उन्होंने बताया कि उन्होंने पीले रंग की साड़ी पहनी हुई है.

मैंने देखा, तो वो भाबी बिल्कुल मेरे सामने थीं. बड़ी कयामत माल लग रही थीं. हालांकि भाबी का चेहरा ढका हुआ था.

दोस्तो, मुझे किसी महिला का साइज़ बताना तो नहीं आता, लेकिन भाबी की गांड और चूचे एकदम अक्षय कुमार की वाइफ ट्विंकल की तरह थे. भाबी को देख कर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैं उनके पास गया और ‘हैलो मैं विकास..’ कहा. उन्होंने भी ‘हैलो..’ कहा और बोला- ये बैग पकड़ो.

मैंने उनका बैग थाम लिया.

फिर हम दोनों बात करने लगे. उन्होंने बोला कि शिवाजी नगर तक जाकर आना है … लेकिन याद है ना, मोबाइल बंद और नो पिक.

मैंने उनके सामने अपना मोबाइल बंद कर दिया. हम दोनों खड़े होकर किसी बस का इन्तजार करने लगे. कुछ देर बाद एक पर्पल ट्रॅवेल की स्लीपर गाड़ी आ गयी. उसमें मैं और रूमानी जी बैठ गए. हमारी सीट सबसे लास्ट वाली थी. हम दोनों ने परदे लगा दिए. मैं और रूमानी जी एक दूसरे के बाजू में बैठ गए.

रूमानी जी अपने मोबाइल से बाहर के फोटो ले रही थीं.

मेरा पूरा ध्यान रूमानी जी की गांड और बड़े बड़े मम्मों पर था. चलती गाड़ी में उनके मम्मे भी हिल रहे थे. मैं उनके मम्मों को देख रहा था, ये बात रूमानी ने नोटिस कर ली, वो इस बात पर गुस्सा हो गयी.

मैंने अपना मुँह नीचे कर लिया और उससे सॉरी बोला. अब हम लोग बातचीत करने लगे.

तभी उनको मोबाइल के कैमरा की सैटिंग में कुछ दिक्कत आई … तो मैं उनका मोबाइल देखने लगा. इसके लिए मुझे रूमानी जी के करीब जाना पड़ा. उस समय इस स्लीपर गाड़ी की बर्थ पर रूमानी जी लेटी हुई थीं. उनका मुँह खिड़की की तरफ था और गांड मेरी तरफ़ थी. मैं जैसे ही सैटिंग देखने लगा, मेरा लंड उनकी गांड पर टच हो गया. मैं थोड़ा और आगे हुआ और लंड को गांड पर रगड़ने लगा. शायद उसको भी लंड के स्पर्श से मज़ा आ रहा था.

मैंने मोबाइल देने के बहाने उनके मम्मों को टच कर दिया. उन्होंने कुछ नहीं कहा. मैं हैरान था कि एक तरफ तो वो मुझसे देखने पर ही गुस्सा कर रही थीं. अब लंड रगड़ने तक पर कुछ नहीं कह रही हैं.

मैंने एक हाथ बढ़ा कर उनकी चूची को दबा दिया. उन्होंने अब भी कुछ नहीं कहा, तो मैं उनकी चूची दबाने लगा. कुछ पल बाद मेरा दूसरा हाथ उनकी जांघ पर फिरना शुरू हो गया.

इसके बाद मैं बर्थ पर ही लेट गया और उन्हीं के पीछे लेट गया था. गाड़ी में परदे लगे हुए थे, जिससे किसी को कुछ भी नहीं दिखने वाला था.

अब मेरा लंड उनके मोटे-मोटे चूतड़ों के बीच छिपी हुई गांड से लग गया था.

मैं रूमानी जी की दोनों चूचियां मसलते हुए उनकी गांड पर लंड के घस्से लगाने लगा. इससे रूमानी जी उत्तेजित हो गईं, लेकिन फिर भी वो मेरी तरफ़ नहीं पलटीं.

मैंने उनकी गांड ज़ोर से दबा दी, तो उन्होंने हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और लंड को बड़ी बेदर्दी से हिलाने लगीं. मुझे खड़े लंड से बहुत दर्द हो रहा था. मैंने पैन्ट निकाल दी लेकिन उन्होंने मेरे नंगे हो चुके लंड को छुआ तक नहीं.

मैंने उनकी साड़ी को ऊपर किया, तो वो गुस्सा हो गईं और बोलीं- जो करना है … ऊपर से ही कर लो … और शांति से करो. मुझे भी गुस्सा आ गया. मैंने अपना मुँह फेर लिया.

मेरी इस बात से उनको बुरा लगा. उन्होंने कहा- मैंने पहले ही कहा था कि मैं सेक्स के लिए राज़ी नहीं हूँ. मैं तब भी नहीं बोला … तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगीं.

अब मैं भी उनके मम्मे और गांड को ज़ोर से दबाने लगा था. कुछ ही पलों में मेरा पानी निकल गया. उन्होंने मेरे लंड को अपने रूमाल से साफ़ किया और हम दोनों ने कपड़े ठीक कर लिए. फिर भाबी सो गईं. मैं भी कुछ देर बाद सो गया. कोई एक घंटे बाद हम लोग पूना आ चुके थे.

भाबी ने बस से उतरते हुए कहा- मैं किसी फंक्शन में आई हूँ. उधर जा रही हूँ. मैं वापस छह बजे यहीं पर मिलूंगी. साथ ही भाबी ने हंस कर जता दिया कि शाम को तुमको कुछ नहीं मिलेगा, अपना लंड अपने हाथ से ही हिला लेना या किसी कॉल गर्ल के पास जाकर आना.

मेरा दिमाग़ बहुत गर्म हो गया. मैंने अपने एक दो दोस्तों को कॉल किया और थोड़ा घूमकर आया, तब जाकर मेरा मूड सही हो सका.

मैं छह बजने का इन्तजार करने लगा. ठीक छह बजे रूमानी जी आईं. उन्होंने इस बार साड़ी नहीं पहनी थी. वो लेगिंग्स और टॉप पहन कर आई थीं. इस टॉप में उनकी गांड और चूचे उठे हुए लग रहे थे.

उन्होंने करीब आकर कहा- कुछ खाना है? मैंने हां कर दी.

फिर हम लोगों ने नाश्ता किया और बस आने का इन्तजार करने लगे.

तभी मौसम खराब होने लगा और बारिश आ गयी. बारिश एकदम से तेज होने लगी, जिससे हम लोग भीग गए.

थोड़ी देर बाद बस आई, तो हम बस में बैठ गए. बस का एसी फुल पर चल रहा था. हम दोनों को भीगने के कारण ठंड लग रही थी. मैंने ड्राइवर से रिक्वेस्ट करके एक चादर ले ली.

हम दोनों एक ही स्लीपर पर लेटे हुए थे. लेकिन मैं उनसे ज्यादा बात नहीं कर रहा था. हम लोग एक ही चादर में थे. तभी भाबी ने मेरे लंड पर हाथ रखा और लंड हिलाने लगीं.

मैंने भी उनके चूचे दबाने शुरू कर दिए. उस समय पहली बार उन्होंने अपना मुँह मुझे दिखाया. मैं उनके रसीले होंठ और गहरी आंखें देख कर मस्त हो गया. भाबी के फूले हुए गाल और उनमें पड़ते डिंपल देख कर मेरे लंड ने बेकाबू होना शुरू कर दिया. रूमानी जी बड़ी कयामत लग रही थीं.

मैंने उनकी लेगिंग्स और टॉप उतारने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझे मना नहीं किया. मैंने उनको ब्रा पैन्टी में कर दिया. मैंने उनकी चुत की तरफ मुँह कर लिया. तो उन्होंने भी मेरे लंड को मुँह में लेकर चॉकलेट की तरह चूसना चालू कर दिया. मैंने भी उनकी पैन्टी हटा कर उनकी चूत और गांड को खूब चाटा. वो गर्मागर्म सिसकारियां ले रही थीं.

कुछ देर बाद रूमानी जी सीधी हुईं और मेरे ऊपर चढ़ गईं. मैंने भाबी की चुत में अपने लंड को सैट कर दिया. लंड सैट करने के बाद हम दोनों ने ही एक साथ झटका मारा, तो लंड ने सीधे भाबी की बच्चेदानी में चोट मार दी. एक पल के लिए रूमानी भाबी कराहीं और फिर उन्होंने मेरे लंड को जज्ब कर लिया.

अब वो ऊपर से ही गांड हिलाने लगीं. उनका खेल पांच मिनट में ही खत्म हो गया.

अब मैंने उनको अपने नीचे ले लिया और दोनों बूब्स के बीच में लंड फंसा कर उनके मुँह में डाल दिया. वो बड़ी मस्ती से मेरे लंड को चूस रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने उनको बर्थ पर ही घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल दिया. मैंने डॉगी जैसे धकाधक शॉट लगाने शुरू कर दिए. कोई दस मिनट बाद मेरा होने वाला था.

मैंने बोला- कहां निकालूं? उन्होंने बोला- अन्दर मत डालना. मैं चाट कर साफ़ कर दूंगी.

मैंने तेज तेज चुदाई शुरू की और उनकी चुत से बाहर लंड खींच कर मुँह से लगा दिया. भाबी ने लंड रस खा लिया और लंड को चाट कर साफ़ कर दिया.

चुदाई के बाद वो मुझसे आते समय अपने व्यवहार के लिए मुझसे सॉरी बोल रही थीं. मैंने भी चूम कर उनको माफ़ कर दिया.

उस रात के पूरे सफ़र में मैंने भाबी को तीन बार चोदा. उन्होंने अंतिम बार की चुदाई में कहा कि मैं तुम पर भरोसा कर रही हूँ. मैंने कहा- हर बार धोखा नहीं होता. कभी मेरे जैसे शरीफ चोदू भी मिल जाते हैं.

भाबी हंस दीं और मुझसे लिपट कर सो गईं.

वापस आने पर हम दोनों अलग अलग रास्ते चल दिए.

आज भी मेरे पास उनका नंबर है, लेकिन मैं किसी को दूँगा नहीं. उनकी और मेरी सेक्स लाइफ सही चल रही है. एक बात ये जरूर रही कि हम दोनों ने कभी भी घर या बाहर चुदाई नहीं की. हमने अब तक चुदाई का मज़ा स्लीपर बस में ही लिया है.

उन्होंने अपनी दो सहेलियों के नंबर भी दिए हैं … उनके साथ की चुदाई की कहानी भी आपको लिखूँगा.

रूमानी जी ने मुझे अब बहुत कुछ दिया है. हम दोनों पक्के दोस्त बन गए हैं. हमने वादा किया है कि कभी भी किसी को एक दूसरे के बारे में नहीं बताएंगे.

एक बात चलते चलते जरूर लिखना चाहूँगा कि जब भी आपको चुदाई के लिए रजामंद भाबी मिलें या आंटी मिलें, मेरी दरखास्त है कि उनकी इज्जत करें … और उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. मैं जानता हूँ कि इसमें मसाला कम है, लेकिन ये रियल सेक्स स्टोरी है. अपनी राय मुझे ज़रूर लिखें. मुझे इस मेल पर भेजें. [email protected]