दो बहनों की एक साथ चूत चुदाई-2

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शम्मी सो चुकी थी। श्याम के सात बज चुके थे। मेरे दोस्त के आने का भी समय हो चुका था। मैंने अपने दोस्त को फ़ोन करके सब बता दिया था। वो ठीक सात बजे आ गया। शम्मी नंगी ही सो रही थी।

मेरे दोस्त राहुल ने आकर उसे निहारा और उसे उठा दिया। हमने उसे बाथरूम मैं जा कर फ्रेश होने को कहा। वो फ्रेश हो कर आई और मेरे दोस्त राहुल से अपनी नंगे बदन को छुपाने लगी। हमने उसके कपड़े छुपा दिये थे। वो नंगी ही घूम रही थी। हमने उसको अपने पास बैठाया और बातें करते हुए सब चाय पीने लगे। मेरे दोस्त ने उसका मम्मा पकड़ते हुए कहा- बहुत सेक्सी हो ! अब तुम हम दोनों से चुदोगी !

वो डर गई।

मैंने कहा- घर फ़ोन कर दो कि आज रात तुम अपनी सहेली के यहाँ रुक रही हो।

वो कहने लगी- मुझे घर जाने दो ! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ !

मैंने कहा- साली ! तुम्हारे कपडे तो हमारे पास हैं नंगी जाना हैं तो जा !

मैंने शम्मी की सोते वक्त नंगी फोटो निकाल ली थी। मैंने जब उसकी फोटो दिखाई तो वो डर गई और रात भर हमारे साथ सोने तैयार हो गई। उसने अपनी बहन सुनयना को फ़ोन कर दिया कि वो रात को घर नहीं आएगी, अपनी सहेली के यहाँ रुक कर टेस्ट की तैयारी करेगी।

जब वो सुनयना को फ़ोन कर रही थी तो मैंने अपने दोस्त को कहा कि शम्मी के बाद इसकी बहन सुनयना को चोदना है।

मेरे दोस्त ने कहा- पहले इसे तो ठंडा कर दे, फिर इसकी बहन को भी देख लेंगे और हम हँस पड़े। मेरे दोस्त ने शम्मी की ओर देखा और लण्ड पर हाथ लगाया और उसको आंख मारी। वो शरमा गई और चेहरा नीचे कर लिया।

मेरे दोस्त ने उसको पकड़ा और बेड पर लेटा दिया। मैं भी उसके साथ लेट गया। हम दोनों ने उसका एक एक मम्मा संभाल लिया और चूसने लगे।

वो सिसकियाँ ले रही थी और बोल रही थी- सोरी ! थैंक्यू ! मुझे माफ़ कर दो ! शाबाश ! स्स्स्स् !

मैं अपनी जीभ से उसके मम्मे की डोडी चूस रहा था। एक हाथ से मैंने मम्मा पकड़ा था तो दूसरे हाथ से उसका पेट सहला रहा था।

मेरे दोस्त ने भी एक हाथ से उसका मम्मा पकडा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत सहला रहा था। वो आहें भरती जा रही थी। आधा घंटा हम उसका जिस्म सहलाते रहे। बाद में मेरा दोस्त उठा और हमने अपने कपडे उतार दिये। हमने अपने अंडरवियर उतारे और अपने कड़क लोडों से उसको सलामी दी। फिर हमने उसका कसा हुआ बदन हाथो में लिया और सहलाने लगे।

मैं उसकी चूत चाटने लगा और मेरा दोस्त उसे चूमने लगा। वो बुरी तरह तड़प रही थी और पागल हो रही थी। मेरा दोस्त कभी अपनी जीभ उसके मुंह में डाल देता तो कभी उसकी जीभ मुँह में लेकर चूसता। मैं उसकी जांघों पेट पर हाथ और मुँह फिरा रहा था।

अब वो कहने लगी- प्लीज़ ! मुझे और न तड़पाओ और मुझे चोदो।

हम हँस पडे और उसको छोड़ दिया और चल पड़े।

वो कहने लगी- कहाँ जा रहे हो?

मैंने कहा- सोने जा रहे है !!

वो चिल्ला रही थी- मुझे अधूरा मत छोड़ो !

हमने ध्यान नहीं दिया। वो रो रही थी और हमसे लंड की भीख मांग रही थी।

मैंने कहा- एक शर्त पर तुझे चोदेगे ! तू हमारे लौड़े चूसेगी और उनका पानी भी पीयेगी ! और आज तुझे ब्लू फ़िल्म भी बनवानी पड़ेगी।

वो पहले तो नहीं मानी पर बाद में लंड की प्यास ने उससे हां करवा ली। हम अपनी कामयाबी पर खुश थे।

मैंने दोस्त का डिज़ी-कैम सेट किया। उसको दोबारा कपड़े पहनाए और सेक्स शुरू किया। मैंने और मेरे दोस्त ने फिर वो सब किया जो पहले किया था। अब वो नग्न थी और हम भी नग्न थे। वो लंड को भू्खी शेरनी की तरह तरस रही थी। मेरे दोस्त ने अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया। वो पन्दरह मिनट उसे चूसती रही। कभी सुपारा मुंह में डालती तो कभी पूरा लंड लॉलीपोप की तरह चूसती।

मेरे दोस्त ने कहा- बस कर मेरी कुतिया ! अब साली ! रण्डी ! मादरचोद ! तेरे को चोदेगे।

वो कहने लगी- गालियाँ मत दो मुझे !

मेरे दोस्त ने कहा- और क्या तेरी पूजा करें रांड ! साली रंडी बन कर तू ही हमारे से चुदवाने आई थी और उसे बेड पर पटक दिया। मेरे दोस्त ने मुझे इशारा किया और मैं उसके मुँह की तरफ़ जा कर बैठ गया। मेरे दोस्त ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपना लंड उसकी चूत पर लगाया। उसका लंड मेरे से भी कही ज्यादा लंबा और मोटा था।

उसने जैसे ही लंड उसकी चूत में डाला, वो चिल्लाई जैसे ही उसका मुँह खुला मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसकी छाती पर बैठ गया। मैं उसके मुंह को चोद रहा था और दोस्त उसकी चूत ठोक रहा था। मुँह में लंड होने की वज़ह से वो चिल्ला नहीं पा रही थी, केवल गु गु ही कर रही थी।

१५ मिनट बाद मेरा उसके मुँह में ही छुट गया। वो सारा जब तक उसके गले में नहीं उतर गया तब तक मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। अब मैं जैसे ही नीचे उतरा, वो चिल्लाने लगी- मुझे माफ़ कर दो ! मुझे छोड़ दो ! जाने दो।

मेरा दोस्त बोला- रांड ! चुप अभी तो शुरूआत है ! पूरी रात तेरे को चोदेंगे ! मुश्किल से इतना गोरा और सेक्सी माल हाथ लगा है !

मेरा दोस्त आधे घंटे बाद शान्त हुआ।

अब मैं फ़िर तैयार हो गया।

वो माफ़ी मांग रही थी और सोना चाहती थी। मैंने कहा- रांड ! कुतिया ! तेरे को सोने के लिए नहीं रखा है ! चल अभी तो तेरी गांड भी मारनी है ! फिर हमने उसे बारी बारी ५-५ बार चोदा। सुबह चार बजे हमने कुछ आराम किया, फिर हम गांड मारने को तेयार हो गए। वो थक चुकी थी, पर हम कहाँ मानने वाले थे।

मेरे दोस्त ने उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड तेल लगा कर उसकी गाण्ड के अन्दर डालना चालू किया। शम्मी चिल्ला रही थी और नहीं ! नही ! बोल रही थी। दोस्त दनादन चोद रहा था और बोल रहा था- चल मेरी रांड ! लम्बी रेस की घोड़ी !

बाद में मैंने उसकी गांड मारी। ६ बजे हम सो गए।

९ बजे हम सब उठ कर नहाए धोए। फ़िर शम्मी को उसकी फ़िल्म दिखायी। बहुत ही बढ़िया मूवी बनी थी। मेरे दोस्त ने कहा- अब तू है हमारी ! हम जब भी तेरे को बुलाएँगे, चुप करके आ जाना ! नहीं तो सारे मुहल्ले में तेरी फ़िल्म दिखा देंगे और अगली बार अपनी बहन सुनयना को भी लेकर आना, उसे भी अपनी रांड बनाएँगे ! नहीं तो हम से बुरा कोई नहीं होगा।

वो हमारी मिन्नतें करने लगी और अगली बार बहन और ख़ुद हमेशा आने का वादा करके इजाजत मांगने लगी। हमने उसे बारी बारी चूम, चाट, भींच, दबा कर उसे भेज दिया।

सुनयना की पिटाई और चुदाई और शम्मी की चाचा जी से चुदाई और समूह में दोनों बहनों की चुदाई दोस्तों अगली बार लिखूँगा।

मेरी कहानी कैसी लगी ?

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