अब चोदोगे क्या ?

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

प्रेषक : सोनू कुमार

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम। मेरा नाम सोनू हे और मैं जमशेदपुर का रहने वाला हूँ। आज मैं आप सबको अपनी सेक्स भरी जिन्दगी की शुरुआती बात बताने जा रहा हूँ।

बचपन से ही मुझे सेक्स करने की चाहत थी। जब मैं दस्वीं में गया तो मुठ मारने लगा पर हमेशा किसी की फ़ुद्दी मारने की सोचता था। पर फुद्दी सुजाने की शुरुआत दो साल पहले हुई।

तब मैं बारहवीं में था। मेरे घर के बिल्कुल सामने एक अंकल और आँटी रहते हैं। मेरी जानकारी के मुताबिक उनकी दो लड़कियाँ और एक लड़का था, लेकिन फिर एक दिन मैंने एक खूबसूरत लड़की को उनके घर पर देखा। क्या माल थी वो दोस्तो ! 5’3″ कद, गोरा रंग, घुँघराले बाल, बड़ी-बड़ी काली आँखें, लाल होंठ, बड़े-बड़े कसे हुए वक्ष, पूरी की पूरी सेक्स-पटाखा थी वो। फिर पता चला कि वो उनकी मझली लड़की है जो पहले अपनी नानी के यहाँ रहती थी पर अब यहीं रहेगी।

मैंने सोच लिया कि इसको पटाना है। उसका नाम पिंकी है। अब मैं अपने काम में लग गया। मेरी बालकोनी और उसकी बालकोनी आमने सामने है। मैं बालकोनी से उसको देखा करता। धीरे-धीरे वो मुझे देखने लगी, मुझे अच्छे परिणाम मिलने लगे।

फिर एक दिन हमारे घर में पूजा थी। शाम का वक्त था, वो भी आई। पूजा शुरु हुई तो काफी लंबी चल रही थी। मैं छ्त पर चला गया। थोड़ी देर बाद पिंकी अपनी छोटी बहन नंदिनी के साथ छ्त पर आई। मैं मोबाईल पर नेट कर रहा था। उसकी छोटी बहन मुझसे पूछने लगी- क्या कर रहे हो सोनू भईया ?

मैंने कहा- कुछ नहीं !

वो दोनों कुर्सी पर बैठ गई। मैने देखा तो पिंकी मेरी ही तरफ देख रही थी। कुछ देर बात करने के बाद उसकी बहन बोली- मैं जरा घर जा रही हूँ, चलो दीदी !

मैंने कहा- तुम जाकर आओ, हम दोनों बातें करते हैं।

वो चली गई फिर हम दोनों बातें करने लगे। कुछ देर इधर-उधर की बातें करने के बाद मैंने उसके सामने एकाएक अपने प्यार का इज़हार कर दिया। वो इसके लिये पहले से ही तैयार थी, सर झुकाकर उसने हाँ कर दी। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।

मैने जल्दी से उसके झुके सर को उठाया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और उसको पागलों की तरह चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों इतने खो गये कि कब उसकी छोटी बहन ऊपर आ गई, पता ही नहीं चला। उस पर ध्यान जाते ही मैंने चूमना बंद कर दिया और वो पिंकी को लेकर चली गई। अब तो हम ज्यादातर समय बालकोनी में एक दूसरे को देखने में बिताते, पर मेरे मन में तो कुछ ओर ही था। मैं तो उसको चोद के अपने लन्ड की सील तोड़ना चाहता था।

एक दिन सुबह मैं बालकोनी में खड़ा था तो उसके घर में काफ़ी सन्नाटा था। ( वो लोग दूसरे तल्ले पे रहते थे तो मेरी बालकोनी से उनका घर पूरा दिखता था)

कुछ देर बाद वो छ्त पर आई और इशारे से बोली कि मुझे फोन करो। मैंने फोन किया तो उसने कहा कि घर में कोई नहीं है, सिर्फ मैं और पापा हैं। पापा दस बजे काम पर चले जायेंगे, फिर अगर चाहो तो तुम आ जाना।

मैंने पूछा- सब कहाँ गये हैं?

तो वो बोली- किसी रिश्तेदार की शादी में गये हैं और चार दिन बाद आएंगे, पापा काम की वजह से नहीं गये और मैं उनको खाना बना के देने के लिये नहीं गई।

मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था, कितने दिनों से इसी दिन का इंतजार कर रहा था। मैं जल्दी से नहा धो कर 11 बजे उसके घर पहुँच गया। घण्टी बजाई, उसने दरवाजा खोला और मुझे देखकर मुस्कुराई, मैं भी मुस्कुराया।

मैंने पूछा- पापा गये ?

वो बोली- हां !

फिर मैं तुरन्त उसके होंठों को चूमने लगा, वो भी मेरे होंठो को चूमने लगी। करीब दस मिनट की चूमा-चाटी के बाद मैने उसे अपने गोद में उठाया और बिस्तर पर ले गया। उसको लिटा कर फिर उसके होंठों को चूमने लगा और एक हाथ से उसके स्तन दबाने लगा। वो सिसकारियाँ निकालने लगी और दोनों हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी, मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। फिर उसने मेरी शर्ट उतार दि। अब मैने भी उसके कुर्ते को खोल दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, सो मेरी थोड़ी सी मेहनत बच गई। फिर मैंने उसका पजामा भी उतार दिया।

उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी, मैने वो भी उतार दी और मैं अपनी जीन्स उतारने जा रहा था तो उसने मुझे रोक दिया और बोली- तुमने मेरे कपड़े उतारे, मैं तुम्हारे उतारूंगी।

और उसने मेरी जीन्स उतारी और फिर मेरी चड्डी उतार दी। चड्डी उतारते ही मेरा 7″ का खड़ा लन्ड बाहर आ गया।

उसे देखकर वो बोली- तुम्हारा तो बहुत बड़ा है।

फिर मैने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके स्तन चूसने लगा। कुछ देर वक्ष के साथ खेलने के बाद मैं उसके पूरे बदन को चूमता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया। क्या चूत थी दोस्तो ! मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरा चोदन-कार्यक्रम ऐसी चूत से शुरु होगा। उसकी चूत पूरी साफ थी, शायद शुबह को ही की होगी।

मैंने पूछा तो बोली- हाँ ! तुम्हारे लिए ही की है।

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरु किया। गुलाबी फुद्दी जब मेरे मुँह में जाती तो वो जोर से सिसकारी मारने लगती और मुझे तो जैसे लग रहा था कि मैं स्वर्ग की अप्सरा के साथ हूँ।

मैं उसकी चूत में ऊंगली डालता तो वो कहती- दुखता है !

मैने कहा- अभी कहाँ दुखता है ? असली मजा तो कुछ देर बाद आएगा।

थोड़ी देर बाद वो बोली- छोड़ दो, कुछ निकल रहा है !”

मैंने कहा- निकलने दो।

फिर वो झड़ गई और मैं सारा रस चूस गया। फिर मैं उठा और बिस्तर के सामने खड़ा हो गया और उसको कहा- चूसो !

वो बिस्तर के ऊपर घोड़ी बनकर मेरे लन्ड को चूसने लगी। मैं भी उसके सर को पकड़ कर दबाने लगा। कुछ देर बाद मैं झड़ गया और सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने कुछ पी लिया और कुछ थूक दिया।

फिर मैं उसको बिस्तर पर लिटा के उसके स्तन मसलने लगा। फिर उसने मुझे पीठ के बल लिटा दिया और मेरे पूरे बदन को चूमने लगी। कुछ देर में मेरा लन्ड खड़ा हो गया। अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और अपना लन्ड उसकी चूत के मुँह में लगाया तो वो बोली,”अब चोदोगे क्या ?”

मैने कहाँ- हाँ !

तो वो बोली,”धीरे से करना ! पहली बार है !”

मैंने कहा- डरो मत ! मेरा भी पहली ही बार है। पहले थोड़ा दर्द होता है फिर बहुत मजा आता है।

फिर मैंने लन्ड पेलना शुरु किया पर लन्ड अन्दर जा ही नहीं रहा था। उसकी चूत बहुत ज्यादा टाईट थी। फिर मैंने ड्रेसिंग टेबल से क्रीम ली और अपने लन्ड पर लगाई और कुछ उसकी फुद्दी में डाल दी। फिर जोर लगाकर पेलना शुरु किया तो मेरा आधा लन्ड अन्दर चला गया, वो दर्द से तड़प उठी।

मेरा भी पहली बार होने से मेरे लन्ड की त्वचा फट गई और मुझे भी दर्द हुआ।

वो कहने लगी,”निकाल लो, बहुत दुख रहा है ! निकाऽऽ लो……… निकालो ………।

मैं थोड़ी देर रुक गया पर मैंने लन्ड निकाला नहीं। कुछ देर बाद जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैं धीरे-धीरे लन्ड अन्दर पेलने लगा और कुछ ही देर में मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में था। अब मैं उसे चोदने लगा। धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा और वो सिसकारियाँ मारने लगी। फिर मैने अपने धक्के तेज कर दिये। पूरा कमरा फच्च-आह,आह,आह, ओ मा, मर गई, आह, चोदो,चोदो,जोर से,और जोर से फच्च-फच्च आह-आह-आह-आह आवाजों से गूंज रहा था। मैं एक ओर अपनी पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और दूसरी ओर उसके स्तन चूस भी रहा था। वो अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों कूल्हों को दबा रही थी। अचानक उसने मुझे कसकर दबा लिया और फिर वो झड़ गई पर मैं अभी तक टाईट था। कभी उस पर लेटकर तो कभी उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर जोर-जोर से मैं उसे चोदने लगा। करीब बीस मिनट की ताबड़-तोड़ चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और कुछ देर उसके ऊपर पड़े रहने के बाद मैं उसकी बगल में लेट गया। मैं काफी थक चुका था। और 15 मिनट यों ही पड़े रहने के बाद मैं बाथरुम गया जहाँ पिंकी पहले से ही थी।

बाथरुम में हम दोनों एक साथ नहाने लगे। मैने उसे पूरा भिगो दिया और उसके गीले स्तनों को चूसने और दबाने लगा। इस बीच मेरा लन्ड फिर तन गया।

अब मैने गाण्ड मारने की सोची। मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी गाण्ड मारना चाहता हूँ।

वो बोली- क्या ?

यह शायद वो नहीं जानती थी।

मैंने कहा- तुम बाथ-टब को पकड़ के घोड़ी बन जाओ।

उसने वैसा ही किया। मैंने अपने लन्ड पर साबुन लगाया और उसकी गाण्ड में डालने लगा तो वो मना करने लगी। मैंने कहा- तुम मुझसे प्यार करती हो या नहीं ?

वो बोली- बहुत प्यार करती हूँ, पर दुखेगा !

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा !

फिर उसकी गाण्ड में लन्ड पेलने लगा। पहले दर्द हुआ फिर सब ठीक हो गया। 15 मिनट उसकी गाण्ड मारने के बाद मैं उसकी गाण्ड में ही झड़ गया।

और फिर नहाने के बाद मैं फिर उसे बिस्तर पे ले आया और इस बार घोड़ी बनाकर उसकी चूत मारी।

तो दोस्तो, इसके बाद तो मैंने उसकी बाकी दो बहनों को भी चोदा।

वो कहानी अगली बार अगर आपके इमेल मिले तो।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000