फ़ेसबुक वाली भाभी की जिस्म की आग-2

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इस सेक्स कहानी के पहले भाग फ़ेसबुक से वाली भाभी की जिस्म की आग-1 में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने फेसबुक के माध्यम से सपना नाम की भाभी को पटा लिया था और आज उसकी चुदाई के लिए कमरे में जा रहा था.

अब आगे:

बेडरूम में जाते ही उसको मैंने बेड पर धकेल दिया और उसकी टांगें खोल कर चुत को चाटने लगा. उसकी चुत की सुंगंध मेरे लंड को और कड़क किए जा रही थी. जैसे ही मैंने उसकी चुत को चाटना और चूसना शुरू किया, वो बस अपनी चुत मेरे मुँह में धकेलने लगी.

वो मज़े लेते हुए ज़ोर ज़ोर से बोल रही थी- आहा … रणजीत चाटो राजा … खा जाओ … मैं कब से इस सुख को पाने के लिए तड़प रही थी … आहहा उफ़फ्फ़ और ज़ोर से करो … आहहाहा खाओ ना प्लीज़ अन्दर तक जीभ डालो … चाटो आंह … मज़ा आ रहा है … मेरी चुत को काट कर खा जाओ.

सपना ने मेरे सर को अपने हाथों से इतना दबा रखा था कि मुझको सांस तक नहीं आ रही थी. मैंने अपना मुँह हटाया और कहा- हम ह्म्म्म्म … हाथ हटा मादरचोद … जान लेगी क्या … मेरा सर घुसवाएगी क्या भैनचोद सांस भी नहीं आ पा रही है. सपना- कुत्ते साले भोसड़ी वाले … मेरी चुत में क्यों अपना मुँह घुसा दिया था … मुझको लंड से चोद … तेरी माँ की चुत हरामी. मैं- पहले तेरी चुत का स्वाद तो चख लेने दे साली कुतिया … मैं अभी चुत और चाटूँगा और तेरी चुत का रस पियूंगा … फिर तुझे लंड नसीब होगा.

मैं फिर से उसकी चुत चाटने लगा और वो फिर से मेरा सर अपनी चुत में दबाने लगी. इसी के साथ वो अपनी कमर उचका उचका कर मेरा साथ देने लगी.

हमारा ये खेल 30 मिनट तक चला. फिर मैं हटा और अपना लंड उसके हाथों में देकर बोला- बोल चूसेगी … या इसको सूखा ही चुत में डाल दूं?

सपना- डाल ना मादरचोद हरामी … उम्म्ह… अहह… हय… याह… कितना तड़पाएगा भैन के लौड़े … मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ … पहले चोद मुझे मादरचोद. मैं- चल खोल टांगें साली रंडी … और लगा मेरे लंड को अपनी चुत पर.

सपना ने अपनी चुत खोली और मेरा लंड अपनी चुत पर रख कर बोली- आराम से डालना … बहुत दिनों से इसमें लंड नहीं गया.

मैंने देर नहीं की और उसकी चुत में अपना लंड पेल दिया. बस अभी टोपा ही गया था कि उसकी हल्की सी चीख निकली- उउईई मार दिया … मादरचोद … फाड़ डालेगा क्या आआ?

फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में कसा और ज़ोर से अपना पूरा लंड डाल दिया. उसके मुँह से चीख नहीं निकली बस मेरे मुँह में ‘गुउन गुउन’ ही करती रही. उसकी आंखों से आंसू की कुछ बूंदें निकलीं. उसके हाथ मेरी पीठ पर गड़े रहे.

मैं चुपचाप ऐसे ही लंड लगाए पड़ा रहा. सपना की चुत में लंड डाल कर कुछ देर ऐसे ही रहकर मैं उसको किस करता रहा. मैंने उसका दर्द कम होने का इंतज़ार किया.

करीब 5 मिनट के बाद उसने मेरा मुँह हटाया और बोली- क्यों रे मादरचोद … कभी कोई चुत नहीं मारी, जो ऐसे पेल दिया … अब रुका क्यों है चोद भैनचोद … फाड़ मेरी प्यासी चुत.

इतना सुनते ही मुझको तो जैसे आग सी लग गई और मैं उसकी चुत का बाजा बजाने लगा. धुआंधार चुदाई शुरू हो गई.

सपना- आहा … अ उफ्फ़ मज़ा आ रहा है … चोद मादरचोद … बहुत दिनों से नहीं लिया … तेरा काला और मोटा लंड बहुत मज़ा दे रहा है. मैं- ले ना भैनचोद कमीनी … ले मेरा पूरा लंड ले … काला और मोटा लंड भुसंड ले … कुतिया साली रांड … हमम्म ह्म्म्म मम आहहह और ले आआ … अह … और चुद भैन की लौड़ी.

सपना- उउफफ्फ उईई मांआअ मज़ा आ गया … आंह सोचा ही नहीं था कि इतना मज़ा आएगा … आंह बहुत दम है तुझमें और तेरे मोटे लौड़े में … हरामी चुत का कबाड़ा कर दिया … आहहह उउफ्फ़ चोद और चोद मेरे राजा … बना दे भर्ता मेरी चुत का … अह. मैं- ले लंड ले मेरी रानी … आज तेरी चुत का भर्ता नहीं, चबूतरा बनेगा आज तेरी चुत फटेगी … ले भैनचोद..

पूरे कमरे में बस यही आवाजें आ रही थीं.

काफी देर चोदने के बाद मैंने कहा- चल अब घोड़ी बन जा.

वो तुरंत बेड से खड़ी हुई और अपनी गांड मेरी तरफ करके झुक गई. सपना अपनी गांड खोल कर खड़ी हो गई. मैं उसकी गांड देख रहा था.

इतने में वो बोली- अब क्या आंखों से चोदेगा … डाल न अपना लंड जल्दी पेल … आग लगी है मेरी चुत में … जल्दी डाल भैनचोद.

उसने इतना कहा और मैंने गुस्से में पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया था. वो कराह गई … उसके मुँह से बस ‘उ.. हुउऊउम्म्म … मर गई’ ही निकल सका. एक दो पल बाद वो अपनी गांड आगे पीछे करने लगी. मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ा और दे दनादन … दे दनादन … चोदना चालू कर दिया.

मैं उसकी चुत को फाड़ने की कोशिश करने लगा. दोस्तों क्या गांड थी, पीछे से चुदाई करने में इतना मज़ा आ रहा था कि बस मन कर रहा था कि इसको जीवन भर ऐसे ही चोदूं … कभी अलग ना होऊं.

तभी अचानक वो बोली- आआ … अ और ज़ोर से मत कर … मेरी बच्चेदानी में लग रही है … उउफ्फ़ आआहहा … अह मैं झड़ गई … आह … तू भी कर दे जल्दी से … अब नहीं सह पा रही मैं..

मैंने भी ज़ोर ज़ोर धक्के मारे और करीब 5 मिनट में ही झड़ने वाला हो गया. मैंने कहा- मेरा माल आने वाला है, कहां करूं?

वो बोली- अन्दर ही डाल … मुझको ये सुख भोगना है … बीज अन्दर ही डाल. मैंने भी आखिरी में 10 ज़ोर के झटके मारे और उसकी चुत को भर दिया.

फिर मैं खड़ा हो गया. वो उल्टी ही बेड पर गिर गई. मेरा लंड उसकी चुत से बाहर निकल गया. मेरा कुछ माल भी बाहर आने लगा.

मैं उसके बगल में लेट गया और हांफने लगा.

करीब दस मिनट के बाद हम दोनों उठे और एक एक करके हम दोनों नहाये. मैं बाहर सोफे पर बैठ गया.

उसने आकर मुझको थैंक्स कहा और बोली- रणजीत सच में तुम में बड़ा दम है. तुम्हारा लंड भी बहुत मस्त और मोटा है. मुझको हमेशा से ऐसे ही लौड़े की तलाश थी. मैं- अरे तो क्या हुआ … मैं भी तुम्हारी जैसी ही ढूंढ रहा था … खुल कर चुदने वाली आज मिली है.

सपना- हम्म … अभी तो पूरी फिल्म बाकी है … अभी तुमने मेरे जलवे देखे कहां हैं. अच्छा बताओ, खाना क्या ऑर्डर करूं … क्योंकि बनाने की हिम्मत नहीं बची है. अभी 2:30 बजे हैं. फिर 4 बजे तक हम आगरा के मार्केट में चलेंगे. मैं- यार कुछ भी मंगा लो, मैं तो सब खा लेता हूँ.

सपना ने खाना मंगाया, हमने खाना खाया और फिर हम घूमने निकले.

रात को जब हम घर आ रहे थे, तो मैंने कहा- तुम आज ड्रिंक करोगी? वो बोली- ओके तुम्हारे साथ ड्रिंक भी कर लूँगी.

हमने एक वोड्का और एक ब्लेंडर का हाफ लिया और घर आ गए.

सपना ने खाना बनाया और कुछ स्नेक्स भी बनाये. फिर हम दोनों ने महफ़िल जमाई. हमारा ड्रिंक और खाना दोनों साथ में चल रहा था, हम आपस में बातें कर रहे थे.

करीब रात के 10:30 बजे हम दोनों ड्रिंक और खाने से फ्री हुए. मुझको और सपना को दोनों को थोड़ा थोड़ा नशा था. हम बाहर बालकनी में खड़े हो गए.

मैं सपना की गांड पर हाथ फेर रहा था और वो मुस्कुरा रही थी. मैंने सपना के मम्मों को दबाना शुरू किया, तो वो भी गर्म होने लगी और सीधे बोली- यहीं चोदेगा क्या … अन्दर चल मेरी चुत की खुजली ठीक से मिटा.

हम दोनों अन्दर आ गए. मैंने सीधे उसको पकड़ा और किस करना चालू कर दिया. उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. वो भी मस्त हुई जा रही थी.

मैंने उसको गले से लगाया और उसके कान में धीरे से बोला- अब तो मेरी जान मेरा लंड चूस ले … मैं भी तेरी चुत चाटूँगा. उसने मेरी तरफ देखा और बोली- तुम नहीं मानोगे … चल आज पहली बार में भी लंड चूस ही लेती हूँ … देखती हूँ … कैसा लगता है.

मैंने उसकी नाईटी उतारी. उसने मेरी हाफ पैंट को उतारा. हम दोनों नंगे हो गए क्योंकि हम दोनों ने ही अन्दर कुछ नहीं पहना था. एक दूसरे के नंगे बदन से चुमाचाटी होने लगी और कुछ ही पलों में 69 में होकर लेट गए. मैं उसकी चुत को चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी.

यह खेल करीब 15 मिनट चला. वो बहुत तेज गर्म हो उठी थी और पागल हुई जा रही थी. उसकी सीत्कार मेरे लंड को और कड़क कर रही थी. हम दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था.

सपना- यार मेरे राजा … अब डाल ना अपना लंड मेरी चुत में जल्दी से डाल … बहुत तड़प रही हूँ. मैं- आ रहा हूँ मेरी कुतिया … जरा रुक जा … अभी डालता हूँ … बस तेरी चुत ही तो मेरा निशाना है.

मैं सीधा खड़ा होकर उसकी खुली टांगों के बीच में आया और अपना लंड सैट कर दिया. उसने लंड का स्पर्श चुत पर पाया तो अपनी गांड को उठाते हुए मुझे आंख मारी. मैं भी ज़ोर का झटका दे मारा. पर शायद लंड सही जगह नहीं लगा था, तो फिसल गया.

वो ज़ोर से चीख पड़ी- उउइई मां मर गई … कहां डाला मादरचोद … देख ज़रा.

मैंने देखा, तो लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया था. मैंने झट से निकाला और सॉरी बोला.

फिर उसने मेरा लंड अपने हाथों से सैट किया और बोली- आराम से डालना भैनचोद.

मैंने अबकी बार आराम से चुत में लंड को उतारा और वो ‘आआ … आ आआ … उउफ्फ़..’ करती लंड लेती गई और आराम से मुझसे चिपक गई. मैं उसके मम्मों को खूब चूस और मसल रहा था.

फिर मैंने धीरे धीरे चुदाई चालू की. अभी स्पीड कम थी, तो वो आराम से मुझसे चिपकी रही. मैं भी आराम से उसकी चुदाई करे जा रहा था. मेरा लंड चुत में ऐसे जा रहा था … मानो मक्खन में गरम चाकू बड़े प्यार से चलता है.

फिर मैंने सोचा कि ऐसे मज़ा नहीं आएगा. मैंने उसकी टांगों को मिलाया और ज़ोर ज़ोर से चोदना चालू कर दिया. अब बड़ा मज़ा आ रहा था और अच्छा भी लग रहा था.

अभी तक 20 मिनट हो चुके थे. मैं थक गया था. ये वो देख रही थी.

सपना ने मुझसे कहा- अब मैं तुमको चोदूंगी … चलो लेट जाओ. मैं आराम से लेट गया और वो अपनी टांगें चौड़ी करके मेरे लंड को सैट करके मेरे ऊपर बैठ गई और हिलने लगी. सपना- रणजीत कैसा लग रहा है … मेरी चुत की सैर कर रहे हो न. मैं- हां मेरी जान … बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करो, ये मेरी सबसे पसंदीदा स्टाइल है.

ये कह कर मैंने अपनी गांड उठा कर पूरा लंड अन्दर तक भेद दिया.

सपना- आआ … आ उउइई मांआ कितना मोटा है तेरा … कमीने बहुत मज़ा दे रहा है … जो भी तेरे लंड को एक बार ले लेगी, वो हमेशा तेरी हो जाएगी. बहुत मज़ा आ रहा है सच में. मैं- तो तू ही ले ना मेरी कुतिया, तेरे लिए ही तो है मेरा काला लंड … अब से ये तेरा ही है … ले ले पूरा ले … ऊओहूऊऊ बड़ा अच्छा लग रहा है.

सपना अब लंड पर कूदने लगी और कमरे में पट फट पट की आवाजें आने लगीं. उसकी सीत्कार बढ़ने लगी. वो ज़ोर ज़ोर से उचकने और हिलने लगी- आआ … आहा … अ उफफ्फ़ मज़ा आ रहा है, ऐसे ही चुदूंगी और चोद मुझको कमीने चोद.

सपना अचानक अकड़ने लगी, मेरी छाती नौंचने लगी और हांफते हुए मेरे ऊपर लेट गई. मैं समझ नहीं पाया कि क्या हुआ.

मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- मैं झड़ गई … तेरा नहीं हुआ क्या? मैंने कहा- नहीं यार. सपना उठी और घोड़ी बन कर बोली- जल्दी से कर ले … मैं थक गई हूँ … मैं ज़्यादा साथ नहीं दे पाऊंगी.

मैंने भी देर नहीं की और उसकी गांड को पकड़ कर चुत चोदने लगा. सच में उसकी गांड देख कर मैं और आग से भर गया. मैं जल्दी ही झड़ गया और हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.

रात के 1:30 बजे थे, पता ही नहीं चला कि हम दोनों आपस में चिपक कर कब सो गए.

सुबह 11 बजे सपना का फोन बजा. उसने देखा कि उसकी क्लाइंट का फोन है. वो तुरंत उठी और बोली- तुम छिप जाओ … वो मेरे फ्लैट पर ही आ गई है. मैं उसका काम कर दूं, तब तुम निकलना.

मैं बाथरूम में आ गया. मैं वहां छुपा रहा और फ्रेश भी हो गया.

करीब 45 मिनट के बाद वो आई और बोली- बाहर आ जाओ.

सपना और मैंने उस दिन और 4 बार सेक्स किया और शाम को मैं अपने घर आ गया. रात में मैं सपना से फोन पर बात करता रहा.

ये सिलसिला लगभग 3 साल चला. फिर उसके घर वालों ने उसकी दूसरी शादी कर दी. अब मेरा उससे मिलना नहीं होता, ना ही बात होती है. क्योंकि उसने अपना नंबर बदल दिया.

इस बीच सपना ने एक बार मुझे अपनी एक सहेली से भी मिलवाया था. सपना बोली थी कि इसने ही तुम्हारे साथ ये सब करने को कहा था, इसकी ही मदद से हम दोनों मिले थे. उसने बताया था कि उसके प्लान से ही हम मिल पाए थे … और चुदाई कर पाए थे.

दोस्तो, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी … जरूर बताना. आगे सपना की सहेली की चुदाई की कहानी भी लिखूंगा, पर पहले आपकी मेल का इन्तजार करूंगा. [email protected]

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