आखिर मुझे भी मौका मिल ही गया

प्रेषिका : अंजलि

मेरा नाम सुमित है 19 साल उम्र है। चुदाई का बहुत प्यासा रहने वाला लौंडा हूँ, देखने में भी अच्छा ही हूँ।

यह बात उन दिनों की है जब मैं बी.कॉम के दूसरे साल में ही था, जवानी हिलौरें मार रही थी और लण्ड अक्सर हाथ में ही रहता था पर चुदाई की इच्छा को मुठ मार कर ही मारना पड़ता था।

उन्हीं दिनों मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो मेरे दोस्त की बहन थी। शुरुआत में मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था पर बाद में मैं भी उसको गलत नज़रों से देखने लगा।

एक दिन की बात है, हम फ़ोन पर बात कर रहे थे कि मैंने मजाक-मजाक में ही उससे चुम्मा मांग लिया और उसने भी तुरंत दे दिया। तब मैंने सोचा कि यहाँ काम बन सकता है।

मैंने अगले दिन उसे प्रोपोज़ कर दिया और मुझे तो लग रहा था जैसे उसे इसी का इंतज़ार हो।

खैर अब वो मेरी गर्लफ्रेंड थी और मैं उसका बॉयफ़्रेन्ड !

हमारे बीच में हल्की-फुल्की अश्लील बातें भी होने लगी।

एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुझ से अकेले में मिलना चाहता हूँ !

वो तुरंत मान गई।

मैंने तुरंत इन्तजाम किया, मम्मी को मामा के यहाँ भेज दिया और पापा हमेशा की तरह ऑफिस में थे।

मैं सुबह दस बजे उसे लेने गया। उसे जैसे ही लेकर घर आया मेरी जवानी उफ़ान मारने लगी। मैंने उसे ध्यान से देखा- क्या लग रही थी वो ! पर्पल टॉप, ब्लू जींस !

मेरे तो होश ही उड़ गए ! उस पर उसका गोरा मुखड़ा ! और लम्बे बाल !

हाय ! अपने पर काबू रखना मुश्किल हो गया था।

खैर जैसे तैसे हमने थोड़ी देर बात की फिर मैंने उसे डांस के लिए पूछा। उसने भी हाँ कर दी। मैंने उसे बाहों में ले लिया और कंधे और गर्दन पर चूमते हुए डांस शुरू कर दिया। हम एक दूसरे से एकदम चिपके हुए थे, उसके बड़े-बड़े स्तन मेरे सीने से रगड़ रहे थे।

मैंने हौले से उससे पूछा- क्या हम कुछ कर सकते हैं?

उसने कहा- नहीं !

मैंने भी जोर नहीं डाला और कंप्यूटर चालू करके उस पर ब्लू फिल्म चला कर कोल्ड ड्रिंक लाने चला गया। वो ब्लू फिल्म कहानी वाली थी इसीलिए उसे लगा कि कोई हॉलीवुड मूवी होगी। जब मैं कोल्ड ड्रिंक लेकर आया तो उसने कंप्यूटर बंद कर दिया था।

हमने कोल्ड ड्रिंक एन्जॉय की फिर मैंने उसे फिर बाँहों में ले लिया और गोद में उठा लिया। अब वो भी चुदासी हो गई थी।

मैंने उससे पूछा- कुछ हो जाए ?

वो हंस पड़ी। मैंने मौका न गंवाते हुए अलमारी से एक गोली निकाली और खा ली।

अब मैं उसे बिस्तर पर लेकर गया और चूमने लगा, वो जवाब भी दे रही थी।

मैंने एक हाथ उसके दुदू पर रख दिया। अब वो पूरी तरह गरम होने लगी। मैंने अपनी पैंट और टी-शर्ट उतार दी और उसके टॉप में हाथ डाल दिया। वो अब सिसकारियाँ भरने लगी थी।

मैंने भी झटपट उसका टॉप और जींस उतार दी। अब वो सिर्फ काली ब्रा और चड्डी में थी।

मैंने उसकी जाँघों पर चूमना और हाथ फिराना चालू किया। उसने इतने में ही पानी छोड़ दिया था।

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया। उसने थोड़ा सा सहलाया, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत में हूँ।

मैंने झटपट उसके बाकी सारे कपड़े भी उतार दिए और उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा।

उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी, एकदम कच्ची !

वो तो मानो दूसरी दुनिया में ही हो !

इतनी देर में वो दो बार झड़ गई थी। मैंने अपना लण्ड धीरे से उसकी चूत पर लगाया तो वो तड़प गई।

मैंने उसे हौले से पकड़ा और फिर थोड़ा सा तेल लेकर उसकी चूत के छेद पर लगाया। उसके बाद मैंने अपना लंड अन्दर डालने की कोशिश की।

वो अब भी तड़प रही थी। मैंने उसे जोर से दबाया और इस बार अपना हथियार एक बार में ही अन्दर डाल दिया।

वो सिहर उठी उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर जोर से जकड़ लिए और फिर से झड़ गई। मैंने उसके बाद उसकी चूत का काफी देर तक आनन्द लिया। मैंने उस दिन उसे करीब 40 मिनट तक लगातार चोदा और फिर दो बार उसकी और ली।

वो उस दिन निहाल हो गई थी और मैं भी तृप्त हो गया था।

उसके 34 सी साइज़ के चूचे आज भी मेरे दिल को तड़पा देते हैं। उस एक दिन में मैंने मानो जन्नत हासिल कर ली हो !

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