कैसी कटी रात?

प्रेषक : वसीम

मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहने वालों में से एक हूँ। मैंने यहाँ सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, हर कहानी को पढ़ने के बाद में अपने लंड से पानी जरूर निकालता हूँ।

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है जो आज आप लोगो के सामने बताने जा रहा हूँ, यह पूर्णतया सत्य है, यह कहानी है मेरी मामी की।

मेरी मामी की उम्र लगभग 32 साल है, वो थोड़ी मोटी है पर उनके मम्मों का आकार 36 है, मोटी-मोटी गांड, जब वो चलती है तो उनकी गांड क्या कयामत लगती है आप सोच भी नहीं सकते।

मेरा नाम वसीम है और जयपुर में रहता हूँ, मेरी उम्र 25 साल है, मुझे शुरू से ही भाभी और आंटियो में रुचि है।

और हाँ, आपको तो एक बात तो बताई ही नहीं, मेरा लंड आठ इंच लंबा और दो इंच मोटा है। क्यों ? सुनते ही मुँह में पानी आ गया ना? मामी का एक लड़का है जो हॉस्टल में रहता है।

मेरी मामी जोधपुर में रहती है, मैं अक्सर सर्दियों की छुट्टियों में मामा-मामी के पास जाया करता था, जब भी मैं मामी के वक्ष देखता तो मन करता कि उनको पकड़ कर दबा दूँ और जी भर कर चूस लूँ ! पर मुझे डर लगता था कि वो मेरी माँ को ना कहे दे !

मैंने कई बार बाथरूम के छेद से उनको नहाते देखा है, क्या लगती है वो भीगे बदन पर वो साबुन ! उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत एकदम गुलाबी ! मैं अपने मामा को बड़ा खुशनसीब मानता हूँ जिनको ऐसी बीवी मिली !

मैं अपनी मामी के स्तन किसी ना किसी बहाने से देख लिया करता था, जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी तो उनके संतरे जैसे चूचों के दर्शन हो जाते थे, मुझे ऐसा लगा कि मेरी इन हरकतों का मामी को पता चल गया है पर उन्होंने कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं की। तो मुझे लगा कि क्यों ना एक बार कोशिश कर लूँ। मैंने मामी को चोदने की काफ़ी योजनाएँ बनाई पर सफल हो नहीं पाया।

एक दिन मामा को अचानक कुछ काम आ गया तो उन्हें बीकानेर की तरफ रवाना होना पड़ा, मामा ने मामी को कहा- मुझे कुछ अचानक काम आ गया है तो मुझे जाना पड़ेगा। आने में मुझे दो-तीन दिन लग जाएँगे। तुम डरो मत ! जब तक मैं नहीं आता, वसीम तुम्हारे साथ रहेगा।

और मामा ने मुझे जाते जाते कहा- वसीम, मामी का ध्यान रखना !

इतना कहकर मामा चले गए। मैं मन ही मन खुश था कि घर में अब हम दोनों अकेले हैं।

मामा के जाने के बाद मामी ने मुझे कहा- बाज़ार से सामान लाना है, तुम ला दोगे क्या?

तो मैंने कहा- क्यों नही ! जब तक मामा नहीं आ जाते, आपकी हर बात और आपका हर तरह से ध्यान रखना मेरा फ़र्ज़ है।

यह कह कर मैं सामान लेने बाजार गया और एक घंटे बाद वापस आ गया। मामी ने खाना बना लिया और हम दोनों ने साथ बैठ कर खा लिया।

रात के 11 बजे थे, हम टी.वी.देख रहे थे, मामी ने कहा- वसीम, मुझे नींद आ रही है, मैं सोने जा रही हूँ। और हाँ, आज तुम मेरे पास ही सो जाना। आज एक ही कम्बल है, बाकी मैंने धोने में दे दिए हैं।

मैंने भी मामी को ओ के कहा और उनके साथ सोने चला गया।

मैं बहुत थक गया था तो लेटते ही नींद आ गई। अचानक थोड़ी देर बाद मेरी आँखें खुली मुझे किसी का एहसास अपनी टांगों पर हुआ वो और कोई नही मेरी मामी थी जो अपनी टांग से मेरी टांगों को सहला रही थी। मैंने भी नींद में रहने का बहाना किया, मामी का हाथ अब मेरी टांगों से होता हुआ मेरे लंड की तरफ आने लगा, मेरा लंड भी कितना सहन करता, वो तम्बू की तरह बिल्कुल खड़ा हो गया।

मेरी मामी मेरे लंड को सहला रही थी, मुझसे रहा नहीं गया, मामी का हाथ पकड़ कर मैंने कहा- इसको जोर से दबाओ !

मामी ने अपना हाथ अचानक हटा दिया और कहा- नींद में चला गया होगा।

मैंने कहा- मामी, इस सर्दी की रात में कोई चीज़ जानबूझ कर नहीं होती ! बस मन करता है तब हो जाती है !

मैंने हिम्मत करके मामी का हाथ अपने लंड पर लगा कर कहा- यह अब आपकी अमानत है, आपका जो मन करे, वो आप कर सकती हैं।

इतना कहना था, मामी ने मुझे गले लगा लिया और मुझे चूमने लगी, उनके होंठ मेरे होंठों पर थे। हम ने कम से कम बीस मिनट तक चूमा-चाटी की। मामी के मुँह में मैंने अपनी जुबान डाल डी और वो पागलों की तरह मेरी जुबान को चूसने लग गई।

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने मामी को लिटा कर उनके कपड़े खोल दिए, मामी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, मामी की ब्रा मैंने फाड़ दी और उनके चूचों को आजाद कर दिया, क्या स्तन थे !

मैं उनको चूसने लगा और पागलों की तरह दबाने लगा। उनके मुँह से आवाज आने लगी थी- आआआआअ…….. आआआअ…… वसीम ! और जोर से चूस ! और जोर से ! जोर से चूस आआआ…….

फिर मैंने मामी को कहा- अब आपकी बारी है !

तो मामी ने कहा- ऐसा क्या ?

और उन्होंने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लंड को देखकर कहा- इतना लंबा लंड ! इतना तो तेरे मामा का भी नहीं है।

और वो छोटे बच्चों की लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मामी ने मेरे लंड को इतनी देर तक चूसा कि मेरा पूरा पानी उनके मुँह में निकल गया और वो सारा गटक गई।

मामी ने कहा- अब मेरा पानी भी तो निकाल दे भांजे !

मैंने मामी की चूत चाटना शुरु किया। मामी अपना हाथ मेरे सर पर रख कर जोर से चूत की तरफ दबाने लगी और कहा- और जोर से चूसो ! और जोर से !

थोड़ी देर में मामी झड़ गई और उनका सारा पानी में चाट गया।

अब मैंने समय खराब न करते हुए अपने लंड और मामी की चूत के मुँह पर रख कर जोर से धक्का दिया, मेरा पूरा आठ इंच लंड मामी की चूत में था और मामी चिल्ला रही थी- फाड़ दे मेरी चूत वासु ! जोर जोर से हिल ! आआअ….. आअ……..स्स….. और जोर से !

मैंने भी मामी को कहा- लो मेरी प्यारी मामी ! यह जोर का झटका और लो और लो आआआआआ..

मामी भी मेरा धक्के पर साथ दे रही थी, और खूब जोर जोर से हिल रही थी…..

अब मैंने कहा- मामी, अब आप उल्टी हो जाओ, मैं आपको डौगी स्टाइल में चोदूँगा।

मामी पेट के बल लेट गई, मैंने उनकी चूत में डाल कर ऐसा झटका मारा कि उनकी चीख निकल गई, वो बोली- कुत्ते ! कुतिया स्टाइल में चोद रहा है तो क्या कुत्ता बन कर चोदेगा क्या ? आराम से कर राजा ! अब तो मैं सिर्फ तेरी हूँ !

थोड़ी देर करने के बाद मामी ने कहा- वासु, अब मैं झड़ने वाली हूँ ! बस आआअ….. आआआ……..

मामी को कहा- मैं भी झड़ने वाला हूँ मामी ! बस मैं आया ! मैं आया आआआआ……

और हम दोनो एक साथ झड़ गए।

उसके बाद मैं मामी के ऊपर नंगा ही सो गया। उस रात हमने चार बार सेक्स किया था।

मामी ने मुझसे कहा- ऐसा सेक्स का मज़ा तो तेरे मामा ने भी कभी नहीं दिया है। ऐसा एहसास दिलाने के लिए शुक्रिया।

उसके बाद मुझे कब नींद लगी पता ही नहीं चला।

सुबह मैंने मामी से पूछा- कैसी कटी रात?

तो मामी बोली- फर्स्ट क्लास !

उसके बाद जब भी मौका मिलता, हम सेक्स जरूर करते।

आप लोगो को यह कहानी कैसी लगी, आप लोग जरूर मेल करें….