खेत में गाँव के ताऊ से चुदवा आयी

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

हैलो मेरे सभी प्यारे दोस्तो, मैं आपकी प्यारी सी क्यूट सी दोस्त कोमल। मेरी पिछली कहानी चाचा जी ने मेरी कुंवारी चुत को बजा डाला को बहुत ज्यादा प्यार देने के लिए धन्यवाद।

मेरे जो दोस्त नये हैं उनको मैं अपने बारे में थोड़ा बता दूं। मेरा नाम कोमल है और मैं पानीपत हरियाणा से हूं। मेरी उम्र 21 साल है। मैं बिल्कुल एक सिम्पल सी क्यूट सी लड़की हूं। रंग दूध सा सफ़ेद, गांड थोड़ी उभरी हुई, मस्त गोल चूचे, कुल मिलाकर कहूं तो सलवार सूट में जबरदस्त लगती हूं।

बात एक महीना पहले की है जब मेरे मामा के लड़के की शादी में मैं और मेरा परिवार मामा के गांव गए हुए थे।

शादी में काम करवाने के लिए मुझे मामा जी के घर एक हफ़्ता पहले जाना पड़ा। मेरे मामा जी की लड़की अंकिता के साथ मेरी अच्छी बनती है। हम दोनों अच्छी सहेलियां हैं सारी बातें हम एक दूसरे से शेयर करती हैं। मैंने चाचा जी वाली बात भी अंकिता को बता रखी है।

अंकिता के बारे में बताऊं तो उसकी उम्र 22 साल है और बहुत ही अच्छे फिगर की मालकिन है। वह रोज सुबह उठकर अपने खेतों में दौड़ लगाती है और एक्सरसाइज करके खुद को मेंटेन रखती है। मैं जब भी मामा के घर जाती तो मैं भी अक्सर अंकिता के साथ खेतों में चली जाया करती हूं।

जैसा कि आप सभी को पता होगा कि गांव में लोग जल्दी उठ जाते हैं। अगले दिन सुबह मैं भी 6 बजे तक उठ गई। अंकिता के कहने पर मैं भी उसके साथ खेत में जाने के लिये तैयार हो गई।

खेत में पहले से ही अंकिता के कोई ताऊ जी थे जिन्होंने उनकी जमीन को पट्टे पर ले रखा था। उनकी उम्र यही कोई 40-45 के करीब की रही होगी। अच्छे खासे लंबे चौड़े देसी जाट, कुर्ते पजामे और लंबी मूछें उनका और रौब बढ़ा रही थी।

जाते ही अंकिता ने उनको नमस्ते की तो मैंने भी उनको नमस्कार किया। उन्होंने अंकिता से मेरे बारे में पूछा। वो मुझे बहुत ही वासना भरी नजर से देख रहे थे। पता नहीं क्यों पर मुझे उनका ऐसे देखना अच्छा लगा।

उस दिन कुछ खास बात हमारे बीच नहीं हुई। अंकिता और मैं एक्सरसाइज करके वापिस आ गई। फिर पूरा दिन शादी के काम वगैरा करे।

रात को अंकिता ओर मैं एक ही रूम में लेटे हुए गप्पों में लगे हुए थे। तभी मैंने अंकिता से सुबह वाली बात बतायी कि उसके ताऊ जी कैसे हवस भरी नजर से देख रहे थे. फिर मैंने उनके बारे में पूछा तो उसने बताया- साला एक नम्बर का ठरकी है, पता नहीं अब तक कितनी औरतों को चोद चुका है। खेतों में काम पर आने वाली औरतों को भी इसने नहीं छोड़ा।

बस ऐसे ही बातें करते हुए पता नहीं कब आंख लग गई।

सुबह फिर से हम खेतों में गए तो वो ताऊ जी वहीं थे। हम दोनों बहनें एक्सरसाइज कर रही थी तो वे पीछे से मेरी उभरी हुई गांड को देख रहे थे। मैं भी जान बूझकर अपनी गांड को बाहर निकालकर गांड को मटकाते हुए एक्सरसाइज करने लगी।

अंकिता अब एक्सरसाइज छोड़कर खेत में 100 मीटर दौड़ की प्रैक्टिस करने लगी। मैं अभी भी वहीं एक्सरसाइज कर रही थी।

अंकिता को दूर देखकर ताऊ जी की हिम्मत कुछ बढ़ी ओर वे मेरे पास आकर मुझे देखने लगे. वे मेरे बारे में पूछने लगे कि क्या नाम है, क्या करती हो अगैरा वगैरा। मैं भी एक्सरसाइज करते हुए उन्हें सब बताने लगी।

अचानक वे मेरे पीछे से आकर मेरी कमर पर हाथ रख के बताने लगे कि यह एक्सरसाइज इस तरह होती है। जैसे तुम कर रही हो वह गलत है।

उनके ऐसे अचानक छूने से मैं सहम गई पर मैं कुछ बिना बोले उनके बताए अनुसार करने लगी।

एक मिनट बाद ही फिर से मेरे कमर को पकड़कर बोले- फिर से तुम ऐसे ही कर रही हो यह एक्सरसाइज ऐसे करनी है। परंतु बताने के बाद उन्होंने अपना हाथ नहीं हटाया और ऐसे ही कमर पर हाथ चलाने लगे।

मेरी तरफ से कोई विरोध नहीं देखकर उनमें कुछ और हिम्मत हुई। अब उनका हाथ मेरे चूचों की तरफ जा ही रहा था कि तभी अंकिता के आने की आहट सुनकर वह मुझसे दूर होकर बैठ गये। अंकिता ओर मैं घर को जाने लगी तो उन ताऊ जी ने अंकिता की नजरों से बचाते हुए मुझे एक पर्ची दी जिस पर उनका नंबर लिखा हुआ था। पर मैंने उनको फोन करना उचित नहीं समझा।

फिर शादी के इतने काम हो गए कि खेत में जाने का समय ही नहीं लगा।

शादी से दो दिन पहले घर में और भी मेहमान आने लगे। शादी में छोटे बच्चे भी आए हुए थे. तो मामी जी ने मुझे बच्चों को खेत में ले जाने के लिए बोल दिया कि बच्चों को घुमा लाओ. तब तक हम सभी मिलकर घर का काम निपटा लेते हैं।

मैं बच्चों के साथ खेत में चली गई। बच्चे खेत में खेलने लगे। मैं भी उनके साथ खेलते खेलते थक गई और खेत में बने कमरे में पानी पीने के लिए चली गई।

जैसे ही मटके से पानी लेने के लिए झुकी तो पीछे से किसी ने आकर मेरे शर्ट के ऊपर से मेरे चूचों को जोर से भींच दिया। मुझे बहुत तेज दर्द हुआ। मैंने उसको धक्का दिया और एक जोर का थप्पड़ उनके गाल पर जड़ दिया। जब मैंने थप्पड़ जड़ा तब मैंने देखा नहीं था कि किसने मेरे साथ शरारत की थी. मैंने घूम कर देखा तो वह और कोई नहीं बल्कि वही ताऊ जी थे।

मेरे कुछ बोलने से ही पहले उन्होंने फिर से मेरे मम्मे जोर से दबा दिए और बोले- रुक भोसड़ी की … मैं बताता हूं! तुझे और यह कहते हुए मुझे दीवार की तरफ धक्का देकर दीवार से बिल्कुल सटा लिया। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उन्होंने मेरे होंठों पर पर अपने होंठ रखते हुए मेरे चूचों को जोर जोर से दबाने लगे।

अब मेरे विरोध का तो कोई कारण ही नहीं था, ताऊ जी से मैं पहले से सेट हो चुकी थी मन ही मन.

और मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर ताऊजी मेरे कमीज को ऊपर उठाते हुए ब्रा के ऊपर से ही चूचे मसलने लगे और होंठ लगाकर उन्हें चूसने लगे। अचानक उन्होंने मेरे बालों को पकड़कर मुझे नीचे करते हुए मेरा मुंह बिल्कुल अपने लौड़े के पास ले आये और अपने पजामे का नाड़ा खोल दिया।

ताऊ का लंड देखकर मेरी तो गांड फट गई। लगभग 7 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा बिल्कुल काला महालंड। उन्होंने मेरे मुंह में लंड को घुसा दिया। मुझे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी पर मैं अपना पूरा समर्थन देते हुए उनके लंड को बड़े मज़े से चूसने लगी।

जब उन्होंने भी मुझे उनका साथ देते हुए देखा तो तब जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ।

फिर उन्होंने मुझे उठाकर मेरे कपड़े उतारने शुरू किए मैंने भी बिना किसी विरोध के कपड़े उतार दिए। वह बोला- अब आयी ना भोसड़ी की लाइन पर! साली रण्डी छीनाल! पता नहीं ताऊजी मुझे क्या क्या कह रहे थे।

मैं भी उनके सीने से लग गई और बोली- हां मेरी जान, अब मैं आपकी ही हूं, जो मरजी करो। ऐसा सुनते ही वे खुश हो गये और उन्होंने मुझे उठाकर साथ में बिछे पलंग पर पटक दिया और मेरी चुत को चाटने लगे.

मैं तो 7वें आसमान पर थी। वे चुत चाटने में कुछ ज्यादा ही एक्सपर्ट थे। उन्होंने चाट चाट कर मेरी चुत का पानी निकाल दिया और पूरे पानी को पी गए।

फिर उन्होंने मुझे नीचे खड़ी करके पलंग पर झुका लिया। इससे पहले मैं कुछ बोल पाती एक जोरदार झटके में पूरा लंड मेरी चुत के अंदर पेल दिया। सीधा जाके लंड मेरी बच्चेदानी पर लगा और मैं दर्द के मारे जोर से चिल्लायी। मैंने पहले भी लंड लिए हैं पर यह महालंड था।

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द मज़े में बदल गया और मैं भी उनका साथ देते हुए मज़े से चूदने लगी. पूरे कमरे में सिसकारियों की आवाज गूंज रही थी।

सिसकारियों के साथ साथ मैं उन्हें गाली भी दे रही थी- चोद भोसड़ी के … और जोर से … फाड़ दे आज मेरी चुत को! और पता नहीं क्या क्या गालियां दे रही थी।

इसमें उन्हें भी मज़ा आ रहा था और वे और जोर से मेरी चूत चुदाई करने लगे। वे ‘रण्डी … छीनाल … आज फाड़ दूंगा तेरे भोसड़े को …’ कहते हुए जोर जोर से मुझे चोदने लगे।

मैं अपनी चरम सीमा पर थी और मैं भी अपनी कमर को जोर जोर से हिलाते हुए चुदने लगी। वे यह बात समझ गये और ज्यादा जोर लगाते हुए धक्के लगाने लगा और मैं झड़ गयी।

फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चुत चाटने लगे और चूचे दबाने लगे।

मैं फिर से गर्म हो गई। ताऊ यह बात समझ गए और घोड़ी बनाते हुए मेरी चुत में फिर से एक झटके में पूरा लंड उतार दिया और धुंआधार चुदाई चालू कर दी। अबकी बार हम दोनों साथ में अपना पानी छोड़ा। वो आखिरी पल का जो आनन्द का अहसास होता है उसको बस महसूस किया जा सकता है।

कुछ देर तक निढाल होकर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे। मैंने मोबाइल में टाइम देखा तो टाइम ज्यादा हो गया था। मैंने जल्दी से उठकर कपड़े पहने और जाते हुए उसको एक किस देकर जाने लगी।

उन्होंने फिर से मिलने और फोन करने का वादा लिया।

मैंने उन्हें लेट होने पर घर वालों का शक करने पर चिंता जताई। तो वे हंसते हुए बोले- मैंने ही तुम्हारी मामी को तुम्हें खेत में भेजने के लिए बोला था। इस बात से मैं हैरान रह गई और उनसे पूछा तो वो बोले- अब तुम लेट हो रही हो. घर जाकर फोन पर बताता हूं।

और इस तरह मैं बाहर आ गई, बाहर अभी भी बच्चे खेल रहे थे और आस पास कोई नहीं था। यह देखकर मैंने चैन की सांस ली और घर वापिस आ गई।

तो दोस्तो, ये थे मेरी जिंदगी के कुछ मजेदार हसीन पल।

कैसी लगी आपको गाँव के खेतों में मेरी ये देसी चुदाई की कहानी, आप मुझे [email protected] पर बतायें। आप मुझे फेसबुक पर komal advicer पर भी कांटेक्ट कर सकते हैं।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000