मीना के साथ बिताये रंगीन पल-2

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नमस्कार दोस्तो, मेरी पहली कहानी मीना के साथ बिताये रंगीन पल-1 की प्रतिक्रिया में मुझे आपके बहुत सारे ईमेल मिले।

मेरी कहानी में मैंने आपको बताया था कि मैं मीना की 20 मिनट तक चुदाई करता रहा और फिर उसकी चूत में ही झर गया वो भी कम से कम दो बार झर चुकी थी।

अब मैं आपको आगे की कहानी बताने जा रहा हूँ।

फिर मैं वहाँ से चला आया। घर आया तो मम्मी ने पूछा- कहाँ था अब तक? तो मैंने कहा- आज स्कूल की छुट्टी देर से हुई थी। मम्मी ने कहा- खाना खा ले!

मैंने खाना खाया और फिर मैं पढ़ाई करने लगा पर मेरा मन कहाँ लगा पढाई में!

मैं तो मीना के बारे में ही सोचता रहा, रात को एक बार मुठ मारी और सो गया।

फिर कुछ दिन तो हमारे ऐसे ही निकल गए, न तो मुझे कहीं जगह मिली और न ही मीना को कहीं जगह मिली।

फिर एक शाम मम्मी ने कहा- कल मैं और तुम्हारे पापा तुम्हारी बुआ के घर जा रहे हैं तुम भी चलोगे क्या?

तो मैंने मना कर दिया।

मम्मी ने कहा- ठीक है तुम घर पर ही रहना! फिर मैंने मीना को फ़ोन किया- कल मेरे मम्मी और पापा कहीं जा रहे हैं, तुम कल आ जाना! मीना ने कहा- ठीक है।

फिर मैं अगले दिन का इंतजार करने लगा और मीना की गाण्ड को याद करने लगा। जैसे तैसे कर के मैंने रात बिताई और सुबह ही मम्मी और पापा निकल गए।

मैंने मीना को फ़ोन किया- तुम आ जाओ।

कुछ देर बाद ही मीना आ गई, मैंने उसके लिए चाय बनाई और हम दोनों चाय पीने लगे। कुछ देर बात की और फिर मुझ से रहा नहीं गया और मैंने मीना को अपनी बाहों में ले लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।

मीना ने कहा- रुको तो! इतनी भी क्या बेसब्री है? जरा आराम से करो!

और मैंने मीना के होंठ धीरे धीरे चूसने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैं उसका निचला होंठ चूस रहा था और वो मेरा ऊपर का होंठ चूस रही थी।

कम से कम 10 मिनट चूसने के बाद मैं मीना के कपड़े उतारने लगा, मैंने पहले उसकी शर्ट निकली और ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची को चूसने लगा। फ़िर उसकी ब्रा को खोल दिया और कुछ ही देर बाद उसकी चूचियाँ ब्रा से आजाद कर दी।

मैं जोर जोर से उसकी चूची को चूसने लगा और वो सिर्फ आह्ह्ह ओह्ह्ह उई ईईईए अह्ह ह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह ह्ह्ह्ह सीई ईईई उई ईईईए की आवाजें निकाल रही थी।

कुछ देर बाद उसको उठा कर बेडरूम में ले गया और उसके होंठों को चूसने लगा।

फिर मैं एक हाथ से उसकी पैंट को खोल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी एक चूची को दबा रहा था, उसकी पैंट को खोल जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो उसने अपने दोनों पैरों को मोड़ लिया, अंगड़ाई लेने लगी और मुँह से सीईईए उई ईईए आ आअ उफ्फ्फ्फ्फ़ सीईईए ओह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी।

मैंने उसकी पैंटी उतार दी, उसकी चूत एक दम से गीली हो चुकी थी, मैंने अपने होंठ उसकी रसीली चूत पर रख दिए और उसकी चूत को चाटने लगा। कम से कम 5 मिनट तक मैं उसकी चूत को चाटता रहा और वो एक बार झड़ गई।

फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसको कहा- लो अब मेरा भी पानी निकालो!

उसने फिर मेरा लण्ड पकड़ कर चूम लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं हाथों से उसकी चूची दबा रहा था और वो मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी। करीब 5 मिनट में ही मैं झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा पानी शरबत की तरह पी गई।

फिर हम दोनों एक साथ चिपक कर लेट गए, कुछ देर बाद हम फिर से गर्म हो गए, मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर हम 69 की अवस्था में हो गए और एक दूसरे के अंग को चूसने लगे, करीब 10 मिनट तक हम चूसते रहे और वो फिर कहने लगी- सागर, अब नहीं रुका जा रहा है, अब डाल दो!

मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैंने उसको सीधा लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगा।

मीना कहने लगी- ऐसे ना तड़फाओ!

फिर मैं भी ज्यादा समय ना लगाते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा और जैसे ही मैंने उसकी चूत पर लण्ड रख कर एक हल्का सा धक्का मारा, उसकी चीख निकल गई और मेरे लण्ड का अगला सिरा उसकी चूत में चला गया।

वो कहने लगी- धीरे से डालो! दर्द हो रहा है!

फिर मैंने एक धक्का और मारा और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। उसने मेरी कमर को दोनों हाथों से दबा लिया और अपने नाखूनों से मेरी कमर को छीलने लगी।

मैंने एक जोर से धक्का मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया और अपने होंठो को उसके होंठों पर रख दिया और चूसने लगा।जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं अपनी कमर को चलाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, वो अह्ह्ह ओह्ह उई ईए उफफ्फ्फ़ सीए अह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी को छू रहा था।

फिर मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी कमर उठा-उठा कर दे रही थी, साथ ही कह रही थी- फाड़ दो मेरी चूत! फाड़ मेरी चूत को! जोर जोर से चोदो मुझे! मैंने कहा- रानी, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा!

मैं भी जोर जोर से उसकी चूत मैं धक्के मार रहा था और वो सिर्फ अह्ह ओह्ह उई सीई अम्म्म अह्ह्ह उफ्फ!

फिर उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और कहने लगी- मैं तो जा रही हूँ।

इतना कहने पर उसका शरीर ऐंठने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, मेरा सारा लण्ड उसके पानी से गीला हो गया। लण्ड अब आसानी से उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। फिर मैं भी जोर जोर से धक्के मारने लगा और 20-30 धक्कों के साथ मैंने भी अपना सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया और कुछ देर तक उसके ऊपर ही पड़ा रहा।

मैंने पूछा- कैसा लगा डार्लिंग?

तो उसने कहा- आज तो मजा आ गया!

फिर हम दोनों उठे, बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया और वापिस बेडरूम में आकर मीना कपड़े पहनने लगी पर मैंने उसको मना कर दिया।

तो मीना ने कहा- क्या इरादा है?

तो मैंने कहा- मैं तुम्हरी गाण्ड मारना चाहता हूँ!

मीना ने कहा- नहीं! यहाँ बहुत दर्द होगा!

तो मैंने कहा- नहीं जानू! मैं दर्द नहीं होने दूँगा और तुमको बहुत मजा भी आयेगा!

उसने कहा- नहीं रहने दो!

पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैं उसकी गाण्ड पर हाथ फिराने लगा। उसने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं उसकी गाण्ड पर हाथ फिरा ही रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसको कहा- तुम घुटनों के बल बैठ जाओ!

मेरे कहने पर वो मान गई और मैंने क्रीम ली और थोड़ी उसकी गाण्ड पर लगाई और थोड़ी अपने लण्ड पर! फिर मैंने एक ऊँगली उसकी गाण्ड में डाली तो वो जोर से चिल्लाई, कहने लगी- निकालो इसको! जब ऊँगली नहीं जा रही है तो लण्ड कैसे जायेगा?

तो मैंने कहा- तुम देखती जाओ जानू!

फिर मैं ऊँगली को अन्दर-बाहर करने लगा और कुछ देर बाद उसको मजा आने लगा, कहने लगी- डालो अन्दर तक!

मैंने भी सोचा कि अब मौका अच्छा है और मैंने अपने लण्ड को उसकी गाण्ड पर रखा और धीरे से धक्का मारा तो मेरे लण्ड का अगला हिस्सा उसकी गाण्ड में चला गया और वो जोर से कहने लगी- उई ईए माआ मर गई सीई ईई ए उफ्फ्फफ्फ्फ़!

और जोर से चीखने लगी पर मैं कहाँ सुनने वाला था, मैंने फिर एक जोर का धका मारा तो मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में उतर गया और वो आगे की तरफ झुकने लगी। पर मैंने उसके कंधों को जोर से पकड़ लिया और उसको झुकने नहीं दिया।

और फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं धीरे धीरे उसके चूची को मसल रहा था और धक्के मार रहा था। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और अह ओह उई सीईए अह की आवाजें करने लगी।

मैं भी पूरे जोश के साथ धक्के पे धक्के मार रहा था, पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंज रहा था और वो बस मजा ले रही थी।

करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया।

मैंने पूछा- कैसा लगा तुमको?

मीना ने कहा- अच्छा लगा।

फिर पीछे से आवाज आई कि मुझे भी अच्छा लगा तो मैंने जैसे ही पीछे मुड़ कर देखा तो हमारे पीछे मेरे पड़ोस की एक आंटी खड़ी थी। हम कुछ कह पाते इतनी देर में आंटी वहाँ से चली गई, मीना घबरा गई कि अब क्या होगा।

मैंने कहा- तुम डरो मत! मैं सब संभाल लूँगा।

फिर हमने कपड़े पहने और मीना वहाँ से चली गई।

वो मैं आपको बाद में बताऊँगा कि कैसे मैंने आंटी को भी चोदा।

दोस्तो, कैसी लगी आप को मेरी कहानी?

मुझे ईमेल करके बताएँ। [email protected]

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