कानून के रखवाले-6

अजीत ने फट से पीछे से आकर सोनिया की स्कर्ट नीचे खींच दी और सोनिया ने तो पैंटी भी नहीं पहनी थी। सोनिया ने झट से घूम कर अजीत को लात मारी और उसको बालों को पकड़ कर उसके सर को पटक-पटक कर दीवार पर मारने लगी। वो उस समय इतने गुस्से में थी कि उसके दिमाग में नहीं आ रहा था कि वो सलीम के सामने एकदम नंगी कड़ी है।

इधर सोनिया को अजीत का सर दीवार पर मारते हुए देख सलीम को अच्छा मौका मिल गया, उसने पीछे से सोनिया पर हमला किया और उसके दोनों स्तनों को हाथ से जोर से दबा दिया। सोनिया की अजीत पर से पकड़ ढीली हो गई। अभी सोनिया संभल पाती की सलीम ने अपनी एक ऊँगली सोनिया की चूत के अंदर घुसा दी और सोनिया के मुँह से एक मादक कराह निकल गई। उधर अजीत मर चुका था सर फटने के कारण !!

सलीम- क्यों इन्स्पेक्टर साहिबा? आज तक किसी ने तुमको छुआ नहीं क्या?

सोनिया बोलने की स्थिति में नहीं थी, सोनिया की चूत के अंदर अभी भी उसने ऊँगली घुसी हुई थी। उसने सोनिया को घुमा कर उसके होठों को अपने होंठों के कब्ज़े में ले लिया, सोनिया के मुँह से कराह निकालनी बंद हो गई और सलीम उसको धकेल कर मेज़ के करीब ले गया। सोनिया की ज़िन्दगी में उसके साथ यह पहला सेक्स एनकाउन्टर हुआ था, उसको नहीं पता था कि वो कैसे खुद पर काबू पाए। तभी उसके ध्यान में मुस्तफा की बात याद आई कि वह उसको गर्भवती करके छोड़ेगा।

सोनिया ने हिम्मत करके अपना चेहरा सलीम से अलग किया और उसको पीछे की तरफ धकेल दिया।

सलीम- क्या हुआ इंस्पेक्टर साहिबा… बड़ी देर से कुछ बोल नहीं रही? कुछ बोलो… बोलती बंद हो गई…. सारी धमकियाँ धुंआ हो गई? पहली बार किसी असली मर्द से पाला पड़ा है तुम्हारा?

सोनिया खुद पर काबू पाती हुई- सलीम… कुत्ते की औलाद… मैं तुझको जिन्दा नहीं छोडूंगी… तूने मुझे चूमा… तूने मेरी योनि में….

सलीम बात ख़त्म होने से पहले- साली, यह तो ट्रेलर है, देख आगे क्या करता हूँ।

सलीम आगे बढ़ गया, दोनों एक दूसरे से कुश्ती लड़ने वाले अन्दाज़ में पीछे धकेल रहे थे कि तभी सोनिया ने सीधी टांग से किक सलीम के सीने पर मारी। सलीम की चीख निकली पर उसने जल्दी खुद पर काबू पाया। सोनिया ने थोड़ा उछलकर जोरदार घूँसा सलीम के मुँह पर मारा, घूँसा बहुत तेज था पर सोनिया यहीं नहीं रुकी, उसने एक शराब की बोतल ड्रम से निकाली और सलीम के सर पर मार दी।

सलीम बिलबिला उठा, सोनिया ने उस बोतल के टूटे हुए हिस्से से सलीम की गर्दन पर वार किया और सलीम वहीं पर ढेर हो गया। इसके बाद सोनिया ने अपनी ब्रा और पैंटी पहनी और स्कर्ट पहनी, उसकी टी-शर्ट फट चुकी थी तो उसने अजीत की टी-शर्ट पहन ली।

अपनी हालत ठीक करने के एक मिनट बाद सोनिया वापस बार में गई और बार मालिक से बोली- एंथोनी, अब ये लोग तुम्हें कभी परेशान नहीं करेंगे ! दो को तुम इंस्पेक्टर समीर के हवाले कर देना !बोलना कि मेरी तरफ से तोहफा है, और बाकी बचे दो को गायब कर देना रात को ! तुमको पता है कि तीन किलोमीटर दूर खाई तक कैसे जाते हैं।

इस बार सोनिया जीत गई थी मुस्तफा से।

इधर मुस्तफा को दोहरी चोट लगी थी, उसके आदमी अब्बास का बुरा हाल किया था मोना ने, वहीं सलीम और अजीत की जान गंवानी पड़ी थी उसको सोनिया के हाथों।

मुस्तफा बहुत परेशान था और गुस्से में पागल हुए जा रहा था, मुस्तफा को यकीन नहीं हो रहा था कि उसके अंडरवर्ल्ड का यह हाल भी हो सकता है।

मुस्तफा की परेशानी को देखकर उस्मान और अयूब उसकी तरफ आये और बोले- सरकार, क्यों ना हम किसी शूटर को बुलाकर इन दोनों का काम खत्म करवा दें?

मुस्तफा- बकवास बंद करो कुत्ते के बच्चो, यहाँ मेरा खौफ है और तुम मुझे किसी और को बुलाने की बात कर रहे हो? तुममें से कोई मोना का फ़ोन नंबर लाओ, मैं उससे बात करना चाहता हूँ।

मोना का नंबर मुस्तफा के एक आदमी ने उसको दिया और इधर मुस्तफा ने फ़ोन लगाया।

मोना- हेल्लो, मोना स्पीकिंग !

मुस्तफा- मैडम, हम मुस्तफा बोल रहे हैं।

मोना- मुस्तफा, अगर मैं गलत नहीं हूँ तो तुम्हारा कभी अंडरवर्ल्ड में बहुत नाम था जिस को सोनिया ने ख़त्म कर दिया?

मुस्तफा- आपकी जानकारी गलत है, मेरा तो आज भी बहुत नाम है और आपके पास अब्बास है वो मेरा ही आदमी है, उसको मैंने हिन्दुस्तान का पूरा काम सौंप दिया था, पर उसकी किस्मत ख़राब थी जो पकड़ा गया। अब मैं आपसे बस यही कहना चाहता हूँ कि आप उसको बाहर निकाल दो !! आपका फायदा मैं करवाऊँगा ! बताओ कैसी डील है?

मोना- हर कोई पैसे का गुलाम नहीं होता मुस्तफा ! रहा सवाल अब्बास का तो उसकी तो मैंने वो हालत की है कि वह अगले पाँच दिन तक खड़ा भी नहीं हो सकेगा।

मुस्तफा- मोना, यह तूने अच्छा नहीं किया ! मैं तुझे छोडूंगा नहीं साली।

मोना- बकवास मत कर ! बड़े देखे हैं धमकी देने वाले ! दम है तो अब तू अब्बास को यहाँ से छुड़वाकर दिखा !

मुस्तफा- जरूर… अब मैं यह काम जरुर करूँगा और वो भी दो दिन में ! जितना पहरा बढ़ाना है, बढ़ा ले ! और साली उस सोनिया की तरह तुझे भी नंगी करूँगा ! यह चैलेंज है मेरा।

मोना- हरामजादे दम है तो आकर दिखा, फिर दिखाती हूँ तुझे।

मुस्तफा ने फोन काट दिया और अपने आदमियों से कहा- इस साली की पूरी जन्मकुंडली निकालो।

उधर मोना के मोबाइल पर एक और कॉल बजती है !

उसकी ननद आरती का फ़ोन था।

मोना- हेल्लो, आरती कैसी हो तुम?

आरती- बढ़िया भाभी, आप बताओ?

मोना- हम भी ठीक हैं। वैसे आज हमको कैसे याद कर लिया?

आरती- आपको तो पता ही है कि इसी रविवार को मेरी सगाई है इसलिए मैं वरुण (आरती का होने वाला पति) के लिए कुछ खास तोहफ़ा लेना चाहती हूँ, कुछ समझ नहीं आ रहा, इसलिए कल आप मेरे साथ डी-4 मॉल चलिए ! और कोई बहाना नहीं चलेगा, आपको चलना ही पड़ेगा।

मोना- चल ठीक है ! कितने बजे चलना है?

आरती- शुक्रिया भाभी, एक बजे चलेंगे।

मोना- चल मैं ही तुझे घर से एक बजे ले लूँगी।

आरती- ओके भाभी, मिलते हैं फिर !!

मोना- ओके बाय !!

अगले दिन:

अयूब- बॉस, मोना किसी लड़की के साथ डी-4 मार्केट में दिखी है।

मुस्तफा- अपने 4-5 आदमी वहाँ भेज और पता लगा कि अकेली है या पुलिस फार्स के साथ है?

अयूब- बॉस.. वो अकेली है और रिवॉल्वर भी उसके पास नहीं दिख रहा ! वो साड़ी में है।

मुस्तफा- अबे तू इन कमीनी पुलिस वालियों को नहीं जानता ! साली पैंटी में रिवॉल्वर रखती हैं ! चल एक काम कर ! अपने आदमियों से बोल की बीच सड़क पर मोना और उस दूसरी लड़की को नंगा करके उनका देह शोषण करके मेरे पास लेकर आओ।

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