कानून के रखवाले-10

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प्रेषक : जोर्डन

सोनिया ने चार गुंडों को घायल किया था और शायद उनमें से दो मरने की हालत में थे… अब करीब 6-7 गुंडे और बचे थे जो फायरिंग कर रहे थे जिसकी वजह से दो हवलदार भी घायल थे। सोनिया ने पीछे छोड़े चार पुलिस वाले भी वायरलेस पर मेसेज देकर अंदर बुला लिए। उन्होंने भी आते ही फायरिंग शुरू कर दी और बेचारे गुंडों के सारे आशाएँ खत्म हो गई…. वहाँ मौजूद सभी गुंडे पूरी तरह घायल थे !

और अपने ऑफिसर्स को बोलकर सोनिया ने एम्बुलैंस मंगवा ली और उन सब को वहाँ से भिजवा दिया। लेकिन सोनिया की नजर मुस्तफा को खोज रही थी।

सोनिया का काम अभी भी अधूरा ही था। उसकी तलाश अभी भी ख़त्म नहीं हुई थी, वो वहाँ अकेली ही रुक गई थी, क्योंकि उसको यकीन था कि मुस्तफा जल्दी ही वहाँ पर आएगा। वो उस अड्डे के दरवाजे के पीछे छुपी हुई थी और उसका वायरलेस अभी भी उसके साथ था।

सोनिया इस वक़्त एकदम क़यामत दिख रही थी, क्योंकि अभी हुए एन्काउन्टर में उसके शर्ट का ऊपर का बटन टूट गया था और उसके काली ब्रा के नीचे स्तन का ऊपरी हिस्सा नुमाया हो रहा था पर सोनिया को इस बात की खबर ही नहीं थी, वो तो अपने आने वाले शिकार का इन्तजार कर रही थी।

तभी उसको पीछे कुछ हलचल सी लगी, वो दबे पाँव पीछे की तरफ गई उसने पीछे की खिड़की खुली देखी तो उसका शक उसको यकीन में बदलता नज़र आने लगा। उसने वायरलेस पर संदेश देने का प्रयास किया पर दूसरी तरफ से सिग्नल नहीं मिल रहा था, वो संदेश नहीं दे पा रही थी, उसको खतरे की घंटी सुनाई देने लगी। वो तैयार हो गई उसने फट से अपना रिवॉल्वर निकाल लिया।

तभी पीछे से दो मजबूत हाथों ने उसके स्तनों को जोर से मसला…

इतनी जोर से मसला कि सिर्फ उसकी चीख ही नहीं गूंजी बल्कि उसके हाथ में जो रिवॉल्वर था वो भी गिर गया साथ ही उस कमरे की रोशनी भी बन्द हो गई।

सोनिया जमीन पर गिरी और गिरते ही अपनी रिवॉल्वर ढूंढने लगी पर उसके हाथ कुछ नहीं लगा। वो साया भी कही नज़र नहीं आया, शायद अँधेरा का सहारा लेकर वो भी कहीं गायब हो गया था। सोनिया ने महसूस किया की उसकी शर्ट पूरी तरह से बटन टूट जाने से फट गई है, अब वो चाहकर भी शर्ट के बटन बंद नहीं कर सकती थी उसने अन्दर काली ब्रा पहनी थी जोकि उसके स्तनों को छुपाने में पूरी तरह असमर्थ थी पर सोनिया को फायदा यह था कि क्लब में अँधेरा था और उसको इस हालत में देखने वाला कोई नहीं था। पर खतरा तो अभी भी उस साये से था सोनिया को जिसने सिर्फ कुछ पल में ही सोनिया को इस अधनंगी हालत में ला दिया था।

सोनिया भी डरने या घबराने वाली चीज नहीं थी, वो भी उस साये को अच्छे से ढूंढ़ रही थी पर उसके हाथ अब तक कुछ नहीं लग रहा था।

तभी एक आवाज़ गूंजी- सोनिया, मेरी दुनिया में तुम्हारा स्वागत है।

सोनिया पहचान गई कि यह आवाज़ मुस्तफा की है।

सोनिया- तो तू ही है, मुस्तफा… सामने क्यों नहीं आ रहा चूहे?

मुस्तफा- अरे हम तो तुम्हारे हम-साये हैं… जहाँ-जहाँ तुम जाओगी, हम भी साये की तरह साथ ही होंगे।

सोनिया- तेरा साया तो मैं उजाड़ती हूँ आज.. कहाँ है…? दम है तो सामने आ !!

मुस्तफा- मुझको पकड़ने का ख्वाब देखती हो तो देखती रहो ! तुम्हारे इतने करीब होकर.. तुम्हारे बदन से कपड़े तक उतार लिए हैं मैंने और तुम मेरा बाल भी बाका नहीं कर पाई।

तभी सोनिया को महसूस हुआ कि उसकी ब्रा उतर चुकी है, मुस्तफा ने यह काम बहुत होशियारी से किया था अँधेरे का फायदा लेकर, सोनिया को तो पता ही नहीं चला कि इस वक़्त वो टॉपलेस खड़ी थी। वो भी उस इंसान के सामने जो उसका सबसे बड़ा दुश्मन है पर वो अभी भी उसको ढूंढ़ नहीं पा रही थी। हैरत की बात तो यह थी कि बिना सोनिया को पता लगे मुस्तफा ने उसके कपड़े भी उतार लिए थे, यह कला सिर्फ मुस्तफा के पास ही थी और इससे सोनिया बहुत बौखला सी गई थी।

सोनिया- क्यों छुप-छुप कर वार करता है? भूल गया मैंने तेरा क्या हाल किया था पिछली बार… ! अंडरग्राउंड हो गया था तू भारत से मेरे डर के मारे.. ! याद है कुछ ? सामने आ… मुकाबला कर मेरा।

मुस्तफा- सब कुछ याद है, मैं भूलता नहीं ! दुश्मनी ऐसी और मेरे यहाँ आने का मकसद वो बदला ही है।

सोनिया- तो फिर आज सामने आ जा ! तेरा मेरा मुकाबला होगा कोई और नहीं, पता लग जाएगा कि किसमें कितना दम है?

मुस्तफा- सही कहती है तू… यह मुकाबला जरुर होगा। तुझको आज अपना सारा दम दिखाऊंगा मैं एक मर्द और औरत का फासला भी समझाऊंगा इस मुकाबले में तुझे।

सोनिया- हिजड़े को मर्द मत कह, जो हरकत तू कर रहा है वो मर्दों की नहीं, आ सामने अगर दम है तो !!

तभी पीछे के कमरे में लाइट जलती है और आवाज़ आती है मुस्तफा की- आ जा यहाँ पर साली, आज देखते हैं तेरा मुकाबला।

सोनिया गुस्से में उस कमरे की तरफ बढ़ती है पर वो शायद भूल चुकी है की वो ऊपर से पूरी तरह नंगी है।

सोनिया जो कि अभी कमरे में आई ही थी, उसको पता लग चुका था कि वो ऊपर से पूरी नंगी है उसकी शर्ट और ब्रा पहले ही मुस्तफा की चालाकी के चलते उतर चुकी है। उसके सामने उसका सबसे बड़ा दुश्मन खड़ा था “मुस्तफा” और इस वक़्त मुस्तफा के तो मुँह में पानी आने लगा था यह सोचकर कि आज जीतने पर उसको क्या इनाम मिलने वाला है, उसने सोच लिया था कि आज सोनिया का वो हाल करेगा कि पुलिस डिपार्टमेंट उसको याद रखेगा और आगे कोई भी ऑफिसर उसके मामले में टांग नहीं अड़ायेगा।

अब सामना होने जा रहा था। जहाँ मुस्तफा अंडरवल्ड का डॉन था तो वहीं सोनिया बहुत जानी-मानी निडर एस पी थी, जो अब तक कोई भी मुकाबला मुजरिमों/गुंडों से हारी नहीं थी, दोनों बिना किसी हथियार के एक दूसरे का सामना करने को तैयार थे।

सोनिया और मुस्तफा एक दूसरे से भीड़ गए, दोनों के फौलादी हाथ एक दूसरे को पीछे धकेल रहे थे। हालांकि कुछ ऐसा लग रहा था कि मुस्तफा में ज्यादा जान है, वो कुछ ज्यादा तेजी से सोनिया को पीछे की तरफ धकेल रहा था पर सोनिया ने भी अपना पूरा दम लगा रखा था और मुस्तफा को धकेल रही थी। काफी देर से दोनों इसी मुद्रा में एक दूसरे को धकेलने का प्रयास करते रहे पर किसी को कामयाबी नहीं मिली। इसी के चलते सोनिया ने अपनी दाई टांग को थोड़ा सा उठाकर मुस्तफा के गुप्तांग पर वार करने के लिए छोड़ा पर मुस्तफा पूरी तरह सावधान था, उसने अपनी दाईं टांग से उस वार को बीच में ही रोका और सोनिया की टांग को दाईं तरफ धकेल दिया..

इससे सोनिया का संतुलन बिगड़ा और वो अपनी दाईँ ओर जाकर गिरी… मुस्तफा जिस मौके की तलाश में था वो उसको सोनिया ने ही दे दिया। मुस्तफा ने फट से सोनिया पर छलांग लगाई, सोनिया वहाँ से हट गई और मुस्तफा सीधा जमीन पर जा गिरा क्योंकि वो सर के बल गिरा था तो उसके सर पर थोड़ी चोट आ गई इससे उसका सोनिया के ऊपर गुस्सा और बढ़ गया और वो बोला- साली, आज तुझे नहीं छोड़ूगा, बहुत चोट दी है मुझको पिछले सालो में । आज मैं तुझको ऐसी चोट दूँगा कि तू याद करेगी और कभी भूलेगी नहीं ! तेरी इज्जत पर आज ऐसा दाग दूँगा कि भूल कर भी तू मुझको भूल नहीं पाएगी।

सोनिया- बस इतनी चोट में ही तेरा दम निकल गया, तू क्या करेगा मेरे साथ? आज मैं तेरा वो हश्र करुँगी कि आज के बाद कोई अंडरवर्ल्ड डॉन तो क्या गली का गुंडा भी नहीं बनेगा… आज बताती हूँ तुझको मैं पुलिस की ताक़त।

इतना कहकर सोनिया आगे बढ़ी पर तभी मुस्तफा ने सोनिया की टांग पर अपनी टांग मार कर अपने ऊपर गिरा लिया.. मौके का फायदे पाकर मुस्तफा सोनिया से चिपक गया और उसको चूमने लगा, सोनिया जल्दी से उसके इरादे भांप गई और उसने एक जोरदार घूँसा मुस्तफा को जड़ दिया, मुस्तफा की चीख ही नहीं बल्कि मुँह से खून भी निकल आया। सोनिया मुस्तफा का कॉलर पकड़कर खड़ी हुई और उसको भी खड़ा किया और जोरदार धक्के के साथ उसको पीठ के बल दीवार पर मारा.. एक बार फिर मुस्तफा चीखा पर जल्दी ही संभल गया। इस बार सोनिया के आते हुए घूँसे को उसने बीच में ही रोका और अपने सीधे हाथ का जोरदार घूसा सोनिया के पेट में जड़ दिया।

इस बार चीखने की बारी सोनिया की थी… सोनिया अपना पेट पकड़कर थोड़ा झुकी और मुस्तफा ने झट से उसका फौलादी घूँसा सोनिया के मुँह पर मार दिया, इस बार सोनिया कुछ और जोर से चीखी और नीचे गिरी, उसके मुँह से भी खून टपकने लगा था। अभी वो घुटनों के बल खड़ी हो ही रही थी कि मुस्तफा ने पीछे से जाकर उसके बाल पकड़ लिए और उसको खींचता हुआ उसका सर दीवार से टकरा मारा, इस बार सोनिया बहुत जोर से चीखी और एक पल को लगा कि वो बेहोश हो जाएगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ… उसने खुद को संभाला… अब उसका बालों का जूड़ा खुल चुका था और उसके रेशमी सुनहरे बाल उसकी पीठ तक आ रहे थे…

इस बार सोनिया का चेहरा आग बबूला हुआ पड़ा था।

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