तीन चूतों की गैंग बैंग चुदाई-5

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मैं कुछ देर के लिए रुका. मेरा लंड अब सीमा की गांड में पूरी तरह घुस चुका था.

सीमा ने सतीश का इशारा समझ लिया और और वो थोड़ा पीछे को हो गयी मेरा लंड सीमा की गांड के अंदर ही था. तभी सतीश का लंड सीमा ने अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पे रख कर बोली- अब यहाँ मज़ा ही मज़ा भर दो मेरे मर्दो!

मेरा लंड पहले से ही उसकी गांड में था तो इसलिए सीमा ने अपना बैलंस बनाते हुए अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा किया और सतीश ने हल्का सा झटका लगया और सतीश का लौड़ा सीमा की चूत को चीरता हुआ उसे अंदर चला गया. मैंने सीमा को पीछे से पकड़ कर सम्भाल रखा था.

तभी सतीश ने एक झटका और लगया और सीमा ने सीत्कार भरी- अस्स्सी ईइ … उई हां … अह्ह्ह्ह … मज़ा आ रहा है … उई! और सतीश अब झटके पे झटका लगाने लगा था. सतीश का लौड़ा सीमा की चूत में पूरी तरह अंदर जा चुका था।

मैंने अब पीछे से सीमा की गांड में तेज तेज अपना लौड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

पास बैठी प्रियंका और मोनू से चुदने के लिए तैयार हो रही मुस्कान ये सभ देख रही थीं. प्रियंका थोड़ा आगे बढ़ कर ध्यान से देख रही थी जैसे वो भी ऐसा करने की तमन्ना रखती हो. उसे ऐसे देख कर सतीश ने कहा- कोई बात नहीं प्रियंका डार्लिंग, कल का नंबर तेरा लगा देंगे. और हम सभी हंस पड़े।

अब सीमा की गांड और चूत एक साथ हम दोनों से चुद रही थी और सीमा उन्ह आह सी सी … करती हुई हमारे लौड़ों का मज़ा ले रही थी।

सीमा ने पीछे मुड कर मुझे कहा- आह उई रवि … आज तो मेरा अंग अंग चोद कर रख दिया. उफ़ आह सी … उई … आह चोदो ऐसे ही … हा फाड़ दो गांड आई..उई! और फिर आगे सतीश को बोली- अह … साले … उई अह … मेरी बच्चेदानी … को टकरा रहा है तेरा लौड़ा … उई उई आह इ … सी सी.सी … सीस … ई … सिस उई उई चुद गयी अज … उई अह आह मेरी बहन चु … द … गयी अ..ह … .आज … आह आह उई.

हम और ज्यादा तेज तेज उसकी गांड और चूत चोदने लगे. मैं उसकी गांड में अपना लंड आगे पीछे कर रहा था और वो हम दोनों मर्दों के बीच सैंडविच बन कर चुद रही थी.

मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था- ले साली कुतिया … उई आह ले मादरचोद … अभी फट रही है तेरी गांड. ले अपनी बहन चुदा … साली रांड … अ.ब … तेरी ब..ह..न चुद रही है कुतिया! आह उई आ … ह उई सी … सी सी कुतिया … ले हमारे … लौड़े … ही आह … आह सी…सी … सी. और मैं जोर जोर से उसकी गांड फाड़ रहा था.

उधर आगे से सतीश भी जोर जोर से उसकी चूत चोदता हुआ बोले जा रहा था- उई आह सी सी … कुतिया ले अपनी बच्चेदानी ठुकवा इस लौड़े से मेरी बिच … बहन की लौड़ी … साली … देख मेरे टट्टे! तेरी चूत में नहा रहे हैं साली मादरचोद … कुतिया … आज तेरी चूत और गांड फाड़ कर छोड़ेंगे … देखते हैं कौन बस बोलता है पहले कुतिया! आह आह उई सी सी सी!

ये बोलता हुआ सतीश भी आगे से उसे चोद रहा था.

तभी सीमा ने सतीश को कस कर पकड़ लिया और ऐसा लगा जैसे सीमा का शरीर अकड़ गया हो. वो बोली- उई आह … अह सी सी मैं आई … गयी आह … आ.ह उ.ई ब.स … बस … झड़ गयी … आह … मेरी चूत तुम्हारे … लंडों … पे झड गयी मेरी जवानी … का रस निकाल गया तुम्हारे जवान लंड के … आगे आई उई … ब.स बस. ब…स … चु.द. … गयी चु.द … चु.द गयी … उई … उ.ई उ.ई … उ.ई आ.हा.हा … अह … सम्भाल लो … मुझे … बचा … लो आ … ई … .उ.ई!

मैंने भी पीछे से पूरा लौड़ा उसकी गांड में आगे पीछे तेज स्पीड से करना शुरू कर दिया ताकि वो अपने झड़ने का पूरा मज़ा ले सके। आगे से सतीश भी बिना रुके उसे चोदे जा रहा था।

सीमा के झड़ने के बाद हमने पोजिशन बदल ली. अब मैंने अपना लंड सीमा की चूत में डाला और सतीश ने उसकी गांड में! जैसे ही हमने सीमा की चूत और गांड में अपने लौड़ों से झटके लगाना शुरू किया तो सीमा बोली- अह सी सी … रवि अब बिना रुके मेरी चूत और गांड की बहन चोद दो सालो! अब मुझे बहुत मज़ा लेना है.

पीछे से गांड चोद रहा सतीश बोला- ओह तो ये बात है साली कुतिया! तेरी माँ की चूत तो मैं चोदता हूँ साली! अब देख! ये कहकर सतीश उसकी गांड में बहुत तेज तेज झटके लगाने लगा.

मैं भी बोला- साली ये ले … उन्ह मेरा लौड़ा अपनी बच्चेदानी में महसूस कर कुतिया! आह आह सी सी … ये ले. मेरी डर्टी रांड अपनी जवानी संभाल कर रखना मेरे लौड़े से. सीमा बोली- तू चोद तो सही मेरे कमीने राजा … फाड़ मेरी चूत और गांड को … उई आह … हाँ ऐसे ही चोदो. मेरी बच्चेदानी तक आ रहा है तुम्हारा लौड़ा. साले हाँ ऐसे ही आह आह आह … उई … सी. सी … सी. सी … सी … सी … धी.रे. ब.स … ब.स … बस!

अब सीमा एकदम बहुत उतेजित हो गयी थी और हम दोनों के लौड़ों से भी खूब डर्टी बातें करती हुई चुद रही थी।

मैंने सतीश को आँख मारी और हम दोनों एक ही पोजिशन में एक साथ उसकी चूत और गांड से लौड़े पीछे खींचते और एक साथ दोनों लौड़े उसकी चूत और गांड के अंदर डाल देते. जब एक साथ दो दो लंड सीमा की चूत और गांड में घुसते तो सीमा को भी बहुत मज़ा आता.

वो भी बहुत तेज तेज सिसकारियाँ लेने लग गयी- उई … आ … ह … आ.ह … सी. … सी … चोदो … चोदो … चोदो … आ.ह. … आह … सी…सी..सी. … ऐ.से … ही चो.दो … चो.दो … सी.ए. … ही … आ.ह … आ.ह उ..ई. उ.ई … सी … सी … सी … मैं चुद … ग.यी आ.ह. ग.यी … चु..द … सि..सि.सी. सि.सी..ई … उ.ई … ई.ई..ई … ई.

ऐसे अस्पष्ट शब्द बोलती हुई सीमा की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया जिससे मेरे टट्टे तक भीग गए. हम भी उसके ऐसे झड़ने पे और मस्त हो गए थे.

अब सीमा के जिस्म से जैसे जान सी ख़त्म हो गयी हो, परन्तु वो फिर भी चुदती जा रही थी।

इधर मैं और सतीश उसकी गांड और चूत फाड़ने पे तुले थे। हमारे पास बैठी मुस्कान और मोनू से चुद रही प्रियंका भी ऐसी चुदाई देख कर अपनी अपनी चूतों पे हाथ फेरने लग गयी थीं.

मुस्कान ने तो एक बार अपनी चूत मेरे होंठों के पास भी कर दी थी और मैंने उसपे एक किस करके उसे छोड़ दिया और पूरा ध्यान सीमा को चोदने पे लगा दिया।

सीमा की चूत से ऐसे रस निकला जैसे वो पेशाब कर रही हो.

अब मैंने एकदम उसकी चूत से अपना लंड बाहर खींचा और उसके मुंह में दे दिया. मेरी जगह सतीश ने सम्भाल ली, अब मेरा लंड सीमा के मुंह में था और सतीश का लौड़ा उसकी चूत फाड़ रहा था. सीमा गूं गूं करके मेरा लौड़ा अपने मुंह में आगे पीछे करके चूस रही थी. तभी सतीश बोला- रवि … उई..अह्ह्ह. लौंडी ..का मुंह ..भरो ..अपने रस से … मैं भी आने वाला हूँ … उई. एकदम सीमा ने मेरा लौड़ा मुंह से निकाला और सतीश की तरफ देखती हुई बोली- आह्ह्ह सी सी ईई … आपकी.. पहली.. धार मैं अपनी बच्चेदानी में चाहती हूँ. और दूसरी मुस्कान के मुंह में डाल देना … और तुम रवि अभी टेस्ट करवाओ मुझे अपनी जवानी का रस. आह..उ.ई. उई. ज़ल्दी आजा … झड … र.वि. उ.ई … साले आ मेरे … मुंह में ज़.ल्दी आ..ह्ह उई … अह.

वो मेरा लौड़ा फिर चूसने लगी और अपना हाथ भी आगे पीछे तेज तेज चलाने लगी. तभी उसने अपनी जीभ मेरे लंड की नोक पे लगाई और मेरी आँखों में आँखें डाल कर आँख मार दी. मेरे लौड़े से भी इतनी उतेजना बर्दाश्त नहीं हुई और साथ ही मेरे लौड़े ने पिचकारी छोड़ दी.

सीमा ने अपना मुख खोल कर मेरे लंड से निकाल रही पिचकारी को अपनी जीभ पे ले लिया और मेरे लौड़े पे हाथ को और तेजी से चलाने लगी. मैं झड़ता रहा और सीमा अपनी जीभ और मुंह में रस लेती रही.

तभी नीचे उसकी चूत चोद रहा सतीश बोला- उई आह … सा … ली ये … ले … मादरचोद … चोद … दिया … अपने … यार … के … लौड़े को … सा…ली … कु…ति…या … अह … अ..ह … अह … अह … उ..ई … सी … सीसी..उई!

ये सब कहते हुए सतीश भी अपनी पिचकारी उसकी चूत में छोड़ने लगा. सतीश की पहली पिचकारी सीमा की चूत के अंदर जैसे ही गयी और साथ ही सतीश ने अपना लौड़ा बाहर खींचा और झड़ रहा लौड़ा पास बैठी मुस्कान के मुंह में डाल दिया.

मुस्कान ने भी बड़े प्यार से और बहुत ज़ल्दी से सतीश के लंड को अपने मुंह में ले लिया जैसे वो भी काफी देर से यही इंतजार में थी कि कब उसका लौड़ा फ्री हो।

सतीश के लौड़े की वीर्य की धार मुस्कान के मुंह में गिरने लगी. तभी मुस्कान ने सतीश के लौड़े को अपने होंठों में भींच लिया और और उसके झड़ रहे लंड की घूंटें भरने लगी। सतीश का लौड़ा भी मुस्कान के मुंह में अपनी बरसात कर रहा था।

जैसे ही सतीश के लौड़े ने अपनी बरसात कम की तो मुस्कान ने उसका लौड़ा अपने मुंह से निकाला और अपने भरे मुंह से सतीश का सारा रस सीमा के मम्मों पर डाल दिया. फिर वो सीमा के मम्मों से सतीश का रस चाटने लगी।

सीमा के मुंह में जो मेरे लंड का रस था वो भी सीमा ने मुस्कान के मम्मों पे डाल दिया. अब वो दोनों एक दूसरी के मम्में चाट चाट कर हमारे लौड़ों का रस साफ़ कर रही थीं। ऐसे उन्होंने कुछ ही देर में सारा रस चाट लिया और पस्त हो कर साइड पर गिर गयी.

तब तक प्रियंका भी मोनू से चुद चुकी थी.

अब तो हम सभी बहुत बुरी तरह से थक गये थे और मज़ा भी बहुत आया था। फिर हमने एक एक किस तीनों लड़कियों को की, और ऐसी चुदाई की बधाई दी। हम उसी रूम में कपड़े पहन कर सो गये.

और सुबह उठ कर हमने फिर दो बार सेक्स किया. इस बार सतीश और मोनू दोनों ने प्रियंका की चूत और गांड को एक साथ चोदा. फिर मैंने और सतीश ने भी एक बार मुस्कान की गांड और चूत को ऐसे ही चोदा।

इस चुदाई से हमारी तीनों गर्ल पार्टनर बहुत खुश थीं. हमें भी बहुत मज़ा आया. और अब तक मुस्कान भी हम सभी से पूरी तरह खुल गयी थी और बहुत मस्त होकर खुली बातें करती थीं।

हमने इसी तरह अपना दो दिन का टूर खत्म किया और वापिस आ गये।

वापिस आते हुए रास्ते में हमने बहुत सेक्सी बातें की और अब नई जगह जाने का प्लान किया. अगली बार किसी और पार्टनर को साथ लेकर जाने के बारे में ढूंढने के लिए सभी ने कोशिश करने की बात कही।

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इस कहानी को पढ़ने के बाद इमेल पे बताना कि किन किन दोस्तों के लंड या चूतों ने पानी छोड़ा या चुदाई की। आपका दोस्त रवि स्मार्ट [email protected]

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