अब मैं किससे प्यार करूँ-3

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प्रेषक : संजय सिंह

मैंने उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा- नैना, तुम मुझे कभी छोड़ कर मत जाना ! नहीं तो मैं मर जाऊँगा… एक तुम ही हो जिसे मैं अपना कह सकता हूँ यहाँ, नहीं तो यहाँ मेरा है ही कौन…?

वो मेरी नज़रों का सामना नहीं कर पा रही थी और उसने नज़रें झुका ली।

हम दोनों बस एक सेन्टीमीटर की दूरी पर खड़े थे, तभी अचानक मैंने… उसके गालों पर चुम्बन किया तो उसकी गालों पर शर्म की लाली आ गई, मैं अपने होश गंवा बैठा और उसे दरवाजे पर सटाते हुए उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके होटों पर होंट रख दिए।

उसने कसमसा कर मुझे पीछे की तरफ धकेला पर मैं मजबूती से उसके सीने पर अपना सीना दबाये हुए उसकी दोनों पखुड़ियों चूम रहा था, 15-20 सेकेण्ड बाद उसका हाथ मेरे बालों से खेल रहा था और उसकी जीभ मेरे मुँह के अन्दर थी, हम दोनों की सांसें तेज थी, मेरा लंड धीरे धीरे अब उछल रहा था, उसकी जांघों के बीच में।

मेरा हाथ उठा और उसकी चूची की तरफ बढ़ा और मैंने धीरे से उसे दबाया तो उसने मुझे जोर से धक्का दिया पर इस बात का ख्याल भी रखा कि कहीं मैं गिर ना जाऊँ और जल्दी से दरवाजे की कुण्डी खोलने के लिए मुड़ी। तो मैंने उसे पीछे से उसका पेट पकड़ लिया और उसके गर्दन पर किस करने लगा…

तो नैना बोली- संजय, यह ठीक नहीं है… हमें ऐसा नहीं करना चाहिए…

मुझे कुछ सूझा नहीं बस उसे लगातार चूमता गया और उसकी सांसें तेज होती गई।

फिर उसने कहा- संजय, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए…

तो मैंने उस अपनी तरफ घुमाया और उसकी आँखों में आंखें डाल कर बोला- मैं तुमसे प्यार करता हूँ ! बेइंतहा प्यार ! और तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा ! बोलो, करोगी मुझसे शादी आज अभी इसी वक़्त…?

वो कुछ ना बोली !

मैंने फिर अपने होंट उसके होंठों पर रख दिए और प्यार से उसकी पीठ को सहलाने लगा। अब उसका हाथ मेरे बालो में फिर से था… मैंने उसे चूमते हुए ही दरवाजा की कुण्डी फिर से लगा दी और फिर उसकी चूची पकड़ ली…

इतनी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया था और उसकी जांघों पर ठोकर मार रहा था। मैंने उसे अपने सीने से जोर से लगा लिया और उसको प्यार करने लगा…

फिर मैं उसके साथ बेड तक गया और उसको अपनी तरफ खींचा और उसे बेड पर लिटा दिया…

सबसे पहले मैंने उसके बालों पर चूमा, फिर माथे पे, फिर उसकी दोनों आँखों पर, फिर उसके गालों पर, फिर नाक पर, उसके बाद मैं उस पर लेट गया और अपने लंड को उसके वस्तिस्थल पर रगड़ना शुरू किया और उसके होंट को अपने होटों में लेकर उसकी चूची दबाने लगा…

मैंने थोड़ी देर बाद देखा कि नैना ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। मैंने उसे उल्टा लिटाया और उसकी गर्दन से चूमते हुए उसकी पीठ पर आया और उसकी कमीज की ज़िप पीछे से खोल दी… और उसकी नग्न पीठ पर चूमने लगा…

फिर मैंने उसकी कमर पर हल्के से काटा तो वो सिसकार उठी…

मैंने धीरे धीरे करके उसकी कमीज उतार दी और उसे सीधे लिटाया तो वो मुझसे नज़र नहीं मिला पा रही थी…

मैंने अपने सारे कपड़े खोल दिए, बस अन्डरवीयर छोड़ दिया…

फिर मैं उस पर झुका और उसकी चूचियों को उसके ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगा। फिर मैं उसके पेट पर खुका और उसके पेट पर ढेर से चुम्बन किए।

फिर अचानक मुझे क्या शरारत सूझी कि मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर काट लिया और जोर से मुँह से रगड़ दिया…

वो सिसकार उठी और कहा- क्या कर रहे हो? मार ही डालोगे क्या?

मैं फिर उठा और उसकी ब्रा खोल दी साथ में उसकी सलवार भी ! अब वो सिर्फ कच्छी में थी, मैंने एक बार फिर उसके सारे बदन पर चूमा और उसकी चूचियाँ जब देखी तो मेरा दिमाग हिल गया…

एकदम सफ़ेद गोरी चूचियाँ ! जब उन्हें मुँह में लेकर चूसा तो ऐसा लगा जैसे कोई रुई का फ़ाहा हो…

मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने अपना अन्डरवीयर और उसकी कच्छी निकाल दी।

जब मैंने उसकी चूत देखी तो देखता रह गया…. भूरे हल्के से बाल गोरा सा रंग !

मैंने आव देखा ना वाव और उसकी चूत पर जीभ फिरा बैठा।

नैना- ऐ जान निकालोगे क्या?

मैं- नहीं जान, मैं क्या करूँ, तुम्हारा बदन ही ऐसा है।

मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ पेल दी और उसकी चूचियों को पकड़ लिया तो वो कांपने लगी। थोड़ी देर में उसकी चूत को अपनी जीभ से पेलता रहा और वो मेरे बालों को पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाती रही…

दस मिनट के बाद वो पूरी तरह से कांपने लगी- जान, मुझे यह क्या हो रहा है? ऐसा लग रहा है जैसे कोई सैलाब आएगा !

मैं- आने दो जान !

और मैं उसकी चूत पर बुरी तरह से टूट पड़ा… कुछ ही देर में उसका उबलता रस निकल पड़ा… और वो आह उफ्फ मार डाला जान कहते कहते पस्त हो गई।

मैं उठा और उसकी चूत साफ की, फिर अपना लण्ड उसके मुँह की तरफ किया और उसकी चूची दबाने लगा तो वो समझ गई…

वो मेरी गोद में आई और मेरा लंड चूसने लगी…

मैं तो पागल हो गया… थोड़ी देर में मेरा भी पानी निकल गया… मैं उठा और उसकी बगल में लेट गया… तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और मैंने उसकी चूची…

नैना- संजय, यह आज जो हुआ वो गलत हुआ।

मैं- नहीं जान, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

नैना- ऐसा तुमने मेरे अन्दर क्या देखा?

मैं- तुम्हारी हंसी, शर्माना, तुम्हारी अदायें और सब कुछ !

नैना- मुझे तुम पर विश्वास है… बस इतना ही कहूँगी।

इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने कुछ कहा नहीं नैना से, उठा और पास में ही रेजर रखा था… उसे उठाया और अपना अंगूठा हल्का सा काट लिया और उसकी मांग में अपना खून भर दिया…

मैं- नैना, अगर मुझे तुमसे सिर्फ शरीर की आग बुझानी होती तो मैं यह काम नहीं करता… आज से तुम मेरी पत्नी हो ! मैं मरते दम तक तुम्हें नहीं छोड़ूँगा…

तो वो मुझसे लिपट गई और मुझे बेतहाशा चूमने लगी। मैंने उसे धीरे से लिटाया और उसकी जाँघों के बीच बैठ कर अपना लंड उसकी चूत पररगड़ने लगा…

नैना की आवाज निकलने लगी- उफ्फ, ओह्ह !

मैंने अपना सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा और उसकी चूचियाँ पकड़ ली और एक जोर से एक धक्का मारा, उसकी चूत पर। मेरा आधा लंड भीतर चला गया, वो जोर से चिल्लाई तो मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसे चूमने लगा। 5 मिनट बाद उसका दर्द जब कम हुआ तो मैं धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।

नैना- अह जान, ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने गर्म सरिया घुसेड़ दिया है।

मैं- जान, मुझे भी ऐसा लग रहा है जैसे किसी भट्टी में मेरा लंड चला गया है, तुम्हारी चूत का गीलापन मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, एक बार और दर्द बर्दाश्त कर लेना।

नैना- तुम्हारे लिए तो जान भी हाज़िर है।

मैंने एक हल्का धक्का फिर मारा तो उसने मुझे जोर से पकड़ लिया, मैं उसकी चूची मुँह में लेकर चूसने लगा और लंड आगे पीछे करने लगा।

जब मैंने देखा कि उसे मस्ती ज्यादा हो रही है तो एक जोरदार धक्का मारा उसकी चूत पर… और पूरा लंड भीतर…

नैना- कहा थे तुम इतने बरसों तक…?

मैं- कहीं नहीं ! तुम्हारी ही तलाश कर रहा था…

नैना- जान, बहुत मजा आ रहा है…

मैं- मैं तो जन्नत में हूँ अभी, तुम्हारी चूत की गर्मी ने सब कुछ भुला दिया है…

नैना- जान, यह क्या कर रहे हो, जब ऐसे घुमा कर धक्का मार रहे हो तो करेंट लग रहा है…

मैं उसे इसी तरह प्यार करता रहा और चोदता रहा 15 मिनट, फिर बोला- आओ अब तुम्हें कुतिया बनाकर यह कुत्ता चोदेगा।

उसे मैंने उठाया और कुतिया बना दिया, नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूचियाँ पकड़ी और लंड चूत पर रख कर धक्का मारा तो वो सिहर गई… ऊओ जान मार डालोगे क्या?

कुछ देर बाद नैना बोली- जान बहुत मज़ा आ रहा है, शायद मैं झड़ने वाली हूँ…

मैं- मैं भी झड़ने वाला हूँ जान…

नैना- उफ ! और जोर से मारो मेरी चूत ! फाड़ दो इसे !

हम दोनों बुरी तरह से एक दूसरे को जकड़े हुए थे और झड़ रहे थे…

प्यारे पाठको, आगे भी नैना के साथ मेरे सम्बन्ध बने !

पर नैना अब इस दुनिया में नहीं रही और मैं अब अकेला हूँ।

आज भी जब उसकी याद आती है तो दिल में उसके लिए प्यार जाग जाता है… खैर मेल करियेगा।

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