अठरह की उम्र में लगा चस्का-1

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दोस्तो, मैं हूँ निशा, उम्र अभी सिर्फ इकीस साल की है शादी शुदा हूँ।

अन्तर्वासना पर लोगों की चुदाई पढ़ पढ़ मेरी भी फुद्दी गीली हुए बिना नहीं रहती। मैं दिन भर अकेली रहती हूँ, मैं पहले से चुदाई की दीवानी थी शादी के बाद यह आग और भड़कने लगी है।

मेरे पति मुझसे कई साल बड़े हैं हमारी लव मैरज हुई थी, मेरी मुलाक़ात इनसे तब हुई जब बारहवीं में मैंने गारमेंट डिज़ाइनिंग का विषय लिया था।

फ़ाईनल पेपरों के बाद हमारी ऑन जॉब ट्रेनिंग लगती है जो सभी को करनी पड़ती है, ग्रुप में बाँट कर भेजा जाता है। मेरी ट्रेनिंग लगी गुप्ता टेक्सटाईल में !

मैं सेक्स-बम थी, कई लड़कों से चुदाई कर चुकी थी, मैं साधारण से घर से थी, शुरु से ही मैंने अपने अरमान अमीर लड़कों को फांस कर पूरे किये थे।

जब वहाँ के मालिक गुप्ता जी ने जब यह पूछने के लिए कि भविष्य में क्या करने का इरादा है, हरेक को एक एक कर ऑफिस में बुलाया तो उस दिन मैंने काले रंग का गहरे गले का सूट पहना था, पटिला सलवार, चुन्नी गले से लगाई हुई थी, क्लीवेज शो सामने था।

गुप्ता जी ने पहली बार ही मुझे देखा, बैठने को कहा, उनकी नज़र मेरे गहरे गले में बन रही खाई पर फिसल जाती, मुझसे फाइल मांगी सामने खड़ी हुई फाइल देने के लिए आगे तरफ हाथ बढ़ाया, मेरी पूरी फिल्म उन्होंने देख ली।

वो लालची नज़रों से देख रहे थे, मैं भी मुस्कुरा दी, बेहद नशीली नज़रों से उनको देखा, मैं तो खेली-खाई थी। हमारी ट्रेनिंग पच्चीस दिन की थी, पहली ही मुलाकात में मैंने उनको सेंटी कर दिया था।

अगले दिन जब वहाँ गई ,मैंने टाईट सूट सलवार जिसमें मेरे गोल गोल चूतड़ बाहर की तरफ उभरे हुए थे, पहना था। गुप्ता जी ने मुझे अपने केबिन में बुलाया, पहले ट्रेनिंग की कुछ बातें की, मैं जानती थी कि वो मुझ पर सेंटी है, मैं कौन सी नई थी, कई लंड चूत में ले चुकी थी, मैं कुर्सी पर बैठी थी, वो उठे, ठीक मेरे पीछे खड़े हो गए, बोले- तुम तो बहुत सेक्सी कपड़े पहनती हो।

मेरे दोनों कंधो पर हाथ रख बोले- तुम अप्सरा हो, मुझे पहली नज़र में पसंद आ गई हो। “सर ! आप बहुत बड़े हैं !” “उसमें क्या दिल की चाहत मर जाती है?”

गला खुला था, उनका हाथ कंधों से अब आगे मेरी छातियों की तरफ बढ़ने लगा। “यह क्या कर रहे हैं सर आप?”

गुप्ता जी ने मेरे दोनों मम्मों को दबा दिया निप्पल को चुटकी से मसला, मैं मस्त हो रही थी, प्यार से सहलाया, मैं अब गर्म होने लगी।

उसने मेरा कमीज़ उतरवा दिया, लाल ब्रा में कैद मेरे मम्मों को देख उनका लंड खड़ा हो चुका था जो मेरे गर्दन के करीब था, साफ़ उभरा हुआ दिख रहा था। उसने छाती से हाथ नीचे लेजाते हुए मेरा नाड़ा खोल चड्डी में हाथ घुसा दिया, मेरी गीली हो रही चूत पर जब उनकी उँगलियाँ रगड़ी, मैंने फुर्तीले सांप की तरह से घूम पैंट के ऊपर से उनका लंड दाँतों से दबा लिया।

“क्या हुआ डार्लिंग?” “सर, मुझे नहीं पता क्या हुआ, मैं कौन सा यह सब करती हूँ, कुदरती ना जाने अपने आप कैसे हो गया।”

उन्होंने जिप खोल दी, मेरी आँखों के सामने वो सीन घूमने लगा जब आकाश ने मेरा शील भंग किया था, वो कमरा याद आ गया जब पहली बार मैं कॉलेज़ से फूट कर आकाश से मिलने गई, वो मुझे अपने दोस्त के कमरे में ले गया था। पहली बार किसी लड़के ने मेरे कपडे उतारे थे, तब मेरे मम्मे भी कोरे थे। पहली बार था।

उसका सात इंच का लंड जिसके बारे तब मुझे रत्ती भर जानकारी नहीं थी, उसने मुझसे लंड चुसवाया था और टाँगे उठवा जब उसने लंड डाला था, मैं चिल्लाने लगी थी, खून देख कर मैं डर गई थी लेकिन उसके बाद जब मंजिल की तरफ कदम बढ़े थे तो ऐसा आनन्द आया था कि मैं उस आनन्द की दीवानी हो गई, उस मजे की कायल हो गई। उस दिन दो बार मैंने चुदवाया था।

मैंने जिससे दिल लगाया, वे सब मुझसे बड़े ही थे, आकाश जब तक था, मैं सिर्फ उसी की थी, वो पढ़ने ऑस्ट्रेलिया चला गया था, मुझसे वहाँ बुलाने का कहकर।

कुछ दिन निकले, बबलू, जिसके कमरे में वो मुझे लेकर जाता था, वो सब जानता था, चाहकर भी मैं वफ़ा न कमा पाई, बबलू से ही दिल लगा लिया, अब उसके कमरे में उससे चुदने गई, उसका बड़ा लंड मेरी जिस्म की प्यास बुझाने लगा, मुझे चुदाई की मलाई खाने का चस्का पड़ गया, देखते ही मेरा जिस्म पूरे शवाब पर आ गया, मुझे देख हर लड़का मचलने लगा, मेरी छाती ख़ास करके लड़कों को पागल कर देती है।

मेरी सेक्स की भूख इतनी बढ़ गई थी कि एक दिन मैं एक साथ तीन लड़कों के साथ बंद कमरे में पूरा दिन रही थी, बबलू का भाई अमेरिका से कुछ दिनों के लिए परिवार के साथ आया था, मेरी चूत में आग लगी रहती है।

उसने मुझे कहा कि उसके दोस्त का घर खाली है, कहो तो चल सकते हैं। मैंने कहा- ठीक है।

मैं उसकी बताई जगह पर पहुँच गई, जहाँ से बबलू ने मुझे अपनी बाईक पर बिठाया, जब वहाँ पहुँचे तो एक बहुत हैण्डसम लड़के ने दरवाज़ा खोला, हमें अंदर घुसवा जल्दी से दरवाज़े को बंद कर दिया।

हम बैठे बियर डकार रहे थे कि एक और लड़का आया, बाथरूम से निकला था नहा कर, उसने तौलिया लपेट रखा था, उसका चौड़ा सीना जिस पर घने बाल थे, देखने में ही एक पूरा मर्द था। उसको देख मेरा तन मचलने सा लगा। “बहुत खूबसूरत हो !” वो बोला। मैं मुस्कुरा दी, वो मेरे करीब आया… कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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