मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-3

मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाते हुए कहा- तुम बहुत समझदार हो जानम ! तुम उसे हमेशा खुश और संतुष्ट रखोगी !

मैंने उसके होंठों को फ़िर चूमा, बोला- और मैं तुम्हें हमेशा खुश और संतुष्ट रखूँगा !

‘मुझे पता है पापा… ‘ उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया- मैं नील से फ़ोन पर बात कर रही थी और आप मुझे वहाँ चूम रहे थे ! कितने उत्तेजना भरे थे ना वो पल ! मैं तो बस ओर्गैस्म तक पहुँचने ही वाली थी !

मैंने सोनम को सुझाव दिया- अपना फ़ोन उठाओ और बेडरूम में चलो ! वहाँ जा कर आराम से नील से फ़ोन पर बातें करना !

सोनम खिलखिलाते हुए बोली- मैं भी कुछ ऐसा ही सोच रही थी पापा !

उसने मेरी आँखों में झान्कते हुए कहा- पापा ! मुझे आलिया मौसी ने बताया था कि आप किसी भी लड़की के मन की बात जान सकते हैं। अब मुझे पता लगा कि मौसी सही कह रही थी।

हम दोनों खूब हंसे और हंसते हंसते सोनम ने मेरी पैन्ट के उभार को अपनी मुट्ठी में पकड़ते हुए कहा- क्या मैं इस शरारती को देख सकती हूँ?

‘हाँ बिल्कुल ! यह तुम्हारा ही तो है ! मैंने फ़टाफ़ट अपनी पैंट उतारी !

सोनम ने लपक कर नीचे बैठ कर मेरा अन्डरवीयर नीचे खींच दिया।

एक झटके से अन्डवीयर उरतने से मेरा सात इन्च लम्बा तना हुआ लिंग ने जोर से उठ कर सलामी दी तो वो सामने बैठी सोनम के नाक से जा टकराया।

सोनम जैसे घबरा कर पीछे हटी, फ़िर तुरन्त आगे बढ़ कर उसने एक हाथ से मेरे लटकते अण्डकोषों को सम्भाला औए बहुत हल्के से

अपने होंठ लिंग की नोक पर छुआ दिए।

काफ़ी समय से खड़े लण्ड को गीला तो होना ही था, उसके होंठ छुआने से मेरे लण्ड का लेस उसके होंठों पर लग गया और एक तार सी उसके होंठों और मेरे लण्ड की नोक के बीच बन गई।

सोनम ने दूसरे हाथ मेरे लण्ड की लम्बाई को पकड़ा और अपने होंठों पर जीभ फ़िराती हुए बोली- अम्मांह… बहुत प्यारा है !

‘जानू, तुम्हें पसन्द आया?’ मैं थोड़ा आगे होकर फ़िर से अपने लण्ड को उसके होंठों पर रखते हुए बोला।

‘हाँ पापा !’ कहते हुए उसने अपनी जीभ मेरे लिंग के अगले मोटे भाग पर फ़िराई। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फ़िर एक लम्बी सांस भर कर उसे सूघते हुए बोली- और इसमें से कितनी अच्छी खुशबू आ रही है !

मैंने उसे कन्धों से पकड़ कर उठाया और कहा- चलो बिस्तर पर चलते हैं।

‘एक मिनट !’ सोनम ने मेरी शर्ट ऊपर उठा कर उतार दी, फ़िर मेरे लण्ड को पकड़ कर मुझे बिस्तर की तरफ़ खींचते हुए बोली- अब चलो !

अब हम दोनों बिल्कुल प्राकृतिक अवस्था में थे, मैंने उसके कूल्हे पर एक हाथ रख कर उसे बिस्तर की तरफ़ धकेलते हुए कहा- चलो !

हम दोनों बिस्तर पर आ गए, सोनम के हाथ में फ़ोन था, वो बिस्तर पर अपनी टाँगें थोड़ी फ़ैला कर पीठ के बल लेट गई और अपनी जांघों के बीच में उंगली से इशारा करते हुए मुझसे बोली- पापा, थोड़ा चाटो ना प्लीज़ !

मैंने अपना चेहरा उसकी चिकनी जाँघों के बीच में टिका लिया और अपने होंठों में उसकी झाँटे दबा कर खींचने लगा।

‘ओ पापा ! आप बाद में खेल लेना, मेरी … गीली हो रही है, एक बार मेरे अन्दर से चाट लीजिए !

मैं थोड़ा सीधा हुआ और अपनी उंगलियों से बालों के जंगल में उसकी योनि के लबों को खोजने लगा।

‘तुम इन्हें साफ़ क्यों नहीं करती सोनम?’

‘नील को ऐसे ही पसंद है ना !’

मैंने सोनम को जांघों से पकड़ कर ऊंचा उठाया तो उसकी योनि मेरे होंठों के पास थी और वो खुद अपने कन्धों के ऊपर टिकी हुई थी, उसका सिर और कन्धें बिस्तर पर शेष बदन मेरी बाहों में मेरे ऊपर था।

मैंने अपने दोनों अंगूठों और दो साथ वाली उंगगियों से उसकी योनि के लबों को अलग अलग किया तो अन्दर गुलाबी भूरी पंखुड़ियाँ काम रस से भीग कर आपस में चिपक गई थी।

मैंने अपनी जीभ से उन पर लगे रस को चाटा और उनकी चिपकन हटा कर जीभ अन्दर घुसा दी। मेरी जीभ एक इन्च से ज्यादा अन्दर चली गई थी।

सोनम के मुख से निकला- पापा… ओ पापा… आपका जवाब नहीं ! अम्मंअह…

मेरी बहू सोनम के बदन और योनि की मिली जुली गंध मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी।

तभी उसने नील का नम्बर मिला दिया।

उसने एकदम से फ़ोन उथाया जैसे वो सोनम के फ़ोन का ही इन्तजार कर रहा था, वो भी अपनी पत्नी से काम-वार्ता को उत्सुक लग रहा था।

मेरी चतुर बहू ने फ़ोन का लाउडस्पीकर ऑन कर दिया ताकि मैं भी उन दोनों की पूरी बात सुन सकूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

नील ने पूछा- बताओ कि क्या हुआ था?

सोनम हंसते हुए बोली- वही हुआ था जानू ! मेरी पैंटी में चींटी घुस गई थी, वो तो शुक्र है कि काली वाली थी, अगर कहीं लाल चींटी होती तो पता नहीं मेरा क्या हाल होता?

‘तुम्हारा या तुम्हारी चूत का?’ मेरे बेटे ने पूछा।

‘हाँ हाँ ! चूत का ! पता है कि मैंने चींटी को कहाँ से निकाला?’

‘कहाँ से?’

‘बिल्कुल क्लिट के ऊपर से !”ओह ! साली चींटी ! मेरी घरवाली की चूत का मजा ले रही थी? सोनम… तुमने अच्छी तरह देख तो लिया था ना कि वो चींटी ही थी? कहीं चींटा हुआ तो? और उसने तुम्हें… हा…हा… !’

‘सुनो नील ! इस समय मैं बिल्कुल नंगी बिस्तर में लेटी हुई हूँ और उस जगह को रगड़ रही हूँ जहाँ उस चींटी…ना… ना…उस चींटे ने मुझे काटा था !’

ऊओअह्ह ! तो तुम अपने हाथ से अपनी क्लित मसल रही हो? अपनी फ़ुद्दी में उंगली कर रही हो?’

‘हाँ मेरे यार ! अगर तुम होते तो उंगली की जगह तुम्हारा लौड़ा होता ! तुम्हारा लण्ड मेरी चूत की खुजली मिटा रहा होता !’ मेरी चालू बहू ने कहा।

लेकिन अभी तो मुझे सिर्फ़ उंगली से ही गुजारा करना पड़ेगा !’

‘और वो डिल्डो कब काम आएगा जो हमने पेरिस में खरीदा था? तुम उसे इस्तेमाल करो ना !’ मेरे बेटे ने सुझाव दिया।

‘अरे हाँ ! वो तो मैं भूल ही गई थी ! अभी निकालती हूँ उसे !’ सोनम ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ़ देखा और फ़िर फ़ोन के माइक को हाथ से ढकते हुए मुझसे फ़ुसफ़ुसाई- आप ही मेरे डिल्डो हो आज ! घुसा दो अपना डिल्डो मेरे अन्दर ! मैं आपके बेटे से कहूँगी कि मैंने डिल्डो ले लिया अपने अन्दर !

मेरी समझदार बहू ने कनखियों से मुझे देखा और फ़िर कुछ देर बाद फ़ोन में बोली- हाँ जानू ! ले आई मैं ! डाल लूँ अन्दर?

‘हाँ… हाँ… घुसा ले ना ! पूरा बाड़ना !’

सोनम ने मुझे इशारा किया कि अब घुसाना शुरु करो !

‘लेकिन नील ! यह तो बहुत बड़ा है ! मेरी चूत जरा सी है, यह कैसे पूरा जाएगा अन्दर?’ उसने सिसियाते हुए कहा।

‘अरे चला जाएगा रानी… पूरा जाएगा… तू कोशिश तो कर ! बड़ा है तभी तो तुझे असली मज़ा आएगा ना ! घुसा कर देख ! आलिया मौसी के पास तो इससे भी बड़ा डिल्डो है ! तुमने तो देखा है कि वो कैसे चला जाता है मौसी की चूत में !’

‘अरे ! आलिया मौसी की चूत को तो तुम्हारे पापा ने चोद चोद कर फ़ुद्दा बना रखा है ! मौसी बता रही थी ना कि तुम्हारे पापा का तुमसे भी बड़ा है ! चलो… कोशिश करके देखती हूँ !’

मैं तो नील और सोनम का वार्तालाप सुन कर हतप्रभ रह गया !

मैं तो खुद को ही चुदाई का महान खिलाड़ी समझ रहा था पर यहाँ तो सभी एक से बढ़ कर एक निकल रहे हैं। लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि मैं कुछ ना कह पाया और चुपचाप मैंने बिल्कुल शान्ति से बिना कोई आवाज किए सोनम की जाँघों को फ़ैलाया और अपने लिंगमुण्ड को योनि के मुख पर टिकाया तो सोनम ने लिंगदण्ड को अपने हाथ में पकड़ा और उसे अन्दर सरकाने का यत्न करने लगी।

सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया।

‘अओह…हा…आ…अई…’ सोनम ने जोर से एक चीख मारी।

उधर से आवाज आई नील की- वाह सोनम ! बहुत अच्छे ! कितना अन्दर गया?

कहानी के अगले भाग की प्रतीक्षा कीजिए। 2843

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000