मेरे बचपन का प्यार

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मेरा नाम अदित है, आज मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ, आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।

हमारे परिवार बचपन से ही काफी करीब रहे हैं तो काफी आना जाना होता था एक दूसरे के घर लेकिन मैं हमेशा से ही घर से बाहर पढ़ा हूँ तो मेरी बातें ज्यादातर फ़ोन पर ही हुआ करती थी, इस बार मौका मिला तो मैं वहाँ चला गया।

मैंने फ़ोन किया कि मैं आपके घर आ रहा हूँ तो मुझे लेने आ जाओ मैं बस स्टैंड के पास ही हूँ।

5 मिनट के अन्दर ही मुझे लेने एक लड़की सोनल आ गई। जब पता चला तो यकीन नहीं हुआ कि यह वोही लड़की है जिसके साथ बचपन में लड़ाई झगड़ा किया करता था और बहुत मस्ती किया करता था। जैसे ही वो करीब आई तो उसने मुझे मुक्का मारा और गले लग गई और कहा- अब याद आई हम लोगों की?

फिर हम घर चले गए और सबसे मिला, सबने खूब गले लगाया और खूब मजे किये। मैं नहा धो कर फ्रेश हो गया और उसके बाद सबने मिल कर खाना खाया और आंटी ने मुझे आराम करने को कहा।

शाम को जब उठा तो बड़ी दीदी रिया ने कहा- अदित, चल आज हम बाहर चलते हैं घूमने !

तो फिर मैं, रिया दीदी और सोनल गाड़ी निकाल कर घूमने चले गये और खूब मजे किए। जब शाम को वापस आये तो रात के दो बजे तक खूब हल्ला किया। अंकल घर पर नहीं थे तो किसी की डांट का डर भी नहीं था।

फिर आंटी ने कहा- अब सो जाओ, सुबह उठ जाना जल्दी और अदित को देहरादून घुमा देना।

फिर हम सोने चले गए। आंटी अपने कमरे में सो रही थी और हम सब एक कमरे में ! दिन भर के थके हुए थे तो जैसे लेटे, वैसे ही सो गए।

रात के 3 बज रहे थे, अचानक मेरी नींद खुली, जब मैंने देखा तो सोनल का हाथ मेरे ऊपर था और उसके रोने की आवाज आ रही थी। जब मैंने उससे पूछा तो उसने बताया- मेरी तबियत ख़राब है।

तो मैंने उसे अपने सीने से लगाया और उसे सुला दिया। मुझे भी बचपन की याद आने लगी तो मैंने उसका माथा चूम लिया और जोर से गले लगा लिया।

पूरी रात हम ऐसे ही सोये रहे।

अगले दिन मुझे जाना था लेकिन सबके कहने पर मैं रुक गया, खूब मस्ती की अब जब तीसरे दिन जाने का वक़्त हुआ तो सोनल रोने लगी, कहने लगी- मुझे भी अदित के साथ जाना है, छुट्टियाँ हैं तो जाने दो !

वो अपनी मम्मी से कह रही थी।

आंटी ने अंकल को कॉल किया और अंकल ने भी हाँ कर दिया। सोनल ने खुशी में जल्दी पेकिंग की और हम चल दिए।

अब हम दोनों मेरे घर में थे जो उसके लिया एकदम नया था, अंजान शहर। माँ भी उसे काफी वक़्त बाद देख रही थी और मेरी बहन भी, अब हम सब मिल कर यहाँ खूब मस्ती करने लगे।

रात को हम दोनों साथ में ही सोया करते थे एक दूसरे से लिपटे हुए हम रात भर बस बचपन की बातें याद किया करते थे, मैं उसे कहता- ‘तेरी नाक बहती थी’ तो वो भी मुझे ऐसे ही छेड़ा करती थी।

अब तो साथ में सोना रोज का ही काम हो चुका था, मैं रात भर उसके बालों में हाथ फेरा करता था। वो कहती- अदित, मेरी पीठ में खुजली कर दो !

तो मैं पीठ में हाथ रात भर डाले रखता था।

अभी वो जवान हो ही रही थी तो ब्रा नहीं पहनती थी। धीरे धीरे एक दूसरे को चूमना शुरु हो गया ! हम दोनों रात भर एक दूसरे के बदन को छूते रहते और होंठ से होंठ चूसा करते।

अब मेरे एक्ज़ाम का रिजल्ट आ चुका था और मैं अच्छी रेंक से मेरिट में आ चुका था। हम न चाहते हुए भी फिर से एक दूसरे से दूर हो गए। लेकिन एक दूसरे से प्यार कर बैठे। न मैं उससे कह पाया ना वो मुझसे कह पाई।

मैं अपने कॉलेज चला गया वो भी अपना कॉलेज ज्वाइन कर चुकी थी। अब जब हमारी दूसरी मुलाकात हुई तो दो साल बाद मैं उनके घर गया। जैसे ही मैं गेट पर पहुँचा तो वो भागी भागी मुझसे मिलने आई और गले लग गई।

रात को जब सोने लगे तो हम साथ में ही सोने चले गए। आज की रात मेरी जिन्दगी की यादगार रात होने वाली थी। हम आज तक एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए थे। जब सोये हुए थे तो अचानक उसने मेरा हाथ अपनी कमर के अन्दर डाला और बोली- इस हाथ को बहुत मिस किया।तो मैंने कहा- मैं भी तेरी पीठ में हाथ डालना बहुत मिस करता रहा !

तो उसने कहा- तो डालो न हाथ।

अब जैसे ही मैंने हाथ डाला तो देखा कि हाथ में कुछ अटक रहा है, मैंने पूछा- यह क्या है?

तो वो बोली- अब आपकी सोनल बड़ी ही चुकी है।

मैंने जोर से उसे अपने सीने से लगाया और चूमने लग गया ! उसकी आँखों में आँसू देखे तो मैंने कहा- ये किस बात के आँसू हैं?

तो वो बोल पड़ी- पिछली बार जब आये थे तो भी यही आंसू थे और आज भी यही हैं ! आपको अपने इतने करीब पाकर और किसी चीज़ की चाहत नहीं होती !

और बोली- आई लव यू !

फिर क्या था, मैं भी अपने दिल की दबी बात बोल उठा।

हम आज और भी करीब आ चुके थे, उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी छाती के अन्दर डाल दिया और कहा- देखो कितनी बड़ी हो गई है आपकी सोनल !

मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि कल तक जिसकी नाक बहा करती थी आज वो इतनी बड़ी हो चुकी है।

मैं उसके उभार सहलाने लगा और उसकी सिसकारियाँ छुटने लगी। मैं आज उसे बताना चाहता था कि मैं उसे कितना प्यार करता हूँ। मैंने उसकी ब्रा खोल कर उसके स्तन दोनों हाथों में लेकर दबा रहा था, इतने में वो मेरे होंठ चूमने लगी।

अब मुझे भी कुछ महसूस हो रहा था। अचानक मेरा हाथ उसकी पैंटी के अन्दर चला गया और उसकी नाजुक सी चूत पर हाथ फेरने लग गया !

फिर अचानक उसने मेरा हाथ खींच लिया और मुझसे लिपट कर रोने लगी।

अब मैं उसे बस प्यार करना चाहता था और मैंने रात भर उसे अपने सीने से लगा कर रखा और उसका माथा चूमता रहा !

अब जब सुबह हुई तो वो न मुझसे नज़र मिला पाई, ना मैं उससे नज़र मिला पाया। मेरी ट्रेन का वक़्त हो चुका था तो मैं निकल आया और 6 घंटे के सफ़र में बस यही सोचता रहा कि मैंने कुछ गलत तो नहीं किया जिसकी वजह से मैं अपने बचपन के प्यार को खो दूँ। हम एक महीने तक आपस में बात नहीं कर पाए क्योंकि इतना कुछ हो चुका था !

धीरे धीरे बात फिर शुरु हुई और पता चला कि वो खुद को कसूरवार समझ रही थी और मैं अपने को ! इस वजह से हम एक दूसरे से बात नहीं कर पाए !!

धीरे धीरे हम दोनों के बीच प्यार बढ़ने लगा। अब इस बार मेरा पूरा परिवार उनके यहाँ जा रहा था, मैं भी साथ था।

रात हुई हम आज फिर एक साथ थे, मैंने उसकी स्कूटी पकड़ी और हम घूमने निकल गए। मैं उसे वक़्त देना चाहता था। हमने खूब मजे किये और रात 11 बजे घर आये। घर में सबको पता था कि बचपन से साथ में हैं, खूब मस्ती करते हैं तो किसी ने लेट आने पर कुछ नहीं कहा और कहा- खाना खाकर आराम करो !

हम दोनों ने खाना खाया और खाना खाने के बाद छत के ऊपर चले गए। मैंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ कर कस लिया और वो मेरे होंठ चूमने लगी। मेरे हाथ धीरे धीरे उसके कमर से वक्ष की तरफ बढ़ रहे थे जैसे ही उरोज हाथ में आये, मैंने उसे दीवार से सटा लिया और खूब चूमने लगा। जोर जोर से चूचियाँ दबा ही रहा था कि उसने अपना टॉप ऊपर किया और कहा- ये सब आपका है।

मैंने ब्रा निकाल कर फेंकी और चूचियाँ दबा दबा कर चूसने लगा। आज पहली बार मैं सोनल के स्तन देख रहा था। करीब एक घंटे तक हम छत पर यूँ ही प्यार करते रहे, फिर नीचे से आंटी की आवाज आई- अब नीचे आकर सो जाओ।

हम एक कमरे में सोने चले गए। आग तो लगी ही थी, ऊपर से हम अकेले कमरे में थे।

मैं खिड़की बंद कर रहा था कि देखा सोनल ने दरवाजा बंद कर दिया और आकर मुझसे लिपट गई। हम दोनों बिस्तर पर गिर पड़े ! लाइट मैं ऑफ कर चुका था, अब मैं धीरे धीरे उसको छूने लगा तो वो बिस्तर पर पसर गई। मैंने उसके स्तन दबाने शुरु किये, उन्हें चुसना शुरु किया ही था कि सोनल का हाथ मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी पैंटी में ले गया और उसने कहा- मुझे माफ़ कर दो ! पिछली बार आपके साथ बुरा किया !

तो मैंने उसकी जींस निकाल कर फैंक दी। इतने में उसने अपना टॉप उतार दिया, अब वो बस ब्रा और पैंटी में ही थी।

मैं धीरे से उसकी चूत सहलाने लगा तो उसकी सांसें तेज हो रही थी। जैसे जैसे उसकी सांसों की आवाज सुन रहा था, मैं और जोर से चूत सहलाने लगा। अचानक मैंने पैंटी उतार दी और चूत चाटने लगा।

‘आआह्ह्ह आह्ह्ह्ह !” अब जो आवाज सोनल की सुनाई दे रही थी वो मुझमें जोश भर रही थी। करीब बीस मिनट तक मैं चूत चाटता रहा।

अब उसने मेरे कपड़े उतारने शुरु किये और कहा- जान यह क्या है?

तो मैंने कहा- यह आपका ही है।

अब वो उसे अपने हाथ में ले चुकी थी। मैं उसे समझा रहा था कि ऐसे करो लेकिन उसे नहीं करना आया। अब मैं उसकी टाँगें चौड़ी करके फिर चूत चाटने लगा तो वो मुझे अपने ऊपर खींचने लगी। मैंने अपना लोड़ा उसके मुँह में डाल दिया और खूब चुसवाया।

मैं झड़ने ही वाला था तो जैसे ही बाहर निकालने की कोशिश की, सारा माल उसके मुँह में गिर गया।

अब वो आग में जल रही थी और मैं भी उसकी नाजुक सी चूत को फाड़ने के लिए मर रहा था।

अब वो मेरे ऊपर आ चुकी थी और मैं उसके दूध दबा रहा था।

आधे घंटे बाद मैं पूरे जोश में आ गया और उसकी चूत के मुंह पर अपना लोड़ा रखा तो वो अई ईए करने लग गई। मैंने अपने होंठ से उसके होंठ चूसने शुरु किये और अचानक जोर का धक्का मारा और पूरा लोड़ा अन्दर जा चुका था।

फिर क्या था कुछ देर में दर्द मजे में बदल चुका था।

मैं अह अह आहा अह आहा अह आहा… कर रहा था और वो ईई ईई ईई आह्ह आआअह्ह की आवाज से मुझ में जोश भर रही थी।

उस रात हम अपने बीच की सारी दूरियाँ मिटा चुके थे.. पूरी रात हम एक दूसरे को प्यार करते रहे…

और अब जब भी हमें मौका मिलता है तो हम खूब एन्जॉय करते हैं…

कभी कभी तो हम अब होटल में रूम लेकर एक दूसरे के साथ वक़्त बिताते हैं…

आज हम दोनों के प्यार को 5 साल होने को हैं लेकिन न हम दोनों के बीच कभी लड़ाई हुई है न कोई कहासुनी !

सच दोस्तो, बचपन का प्यार अगर साथ हो तो और क्या चाहिए..

उम्मीद करता हूँ आपको कहानी पसंद आई होगी।

मुझे मेल जरूर लिखें… आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर ही मैं आगे की कहानी लिखूँगा।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000