पहली चुदाई मैडम की मम्मी के साथ

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प्रेषक : सोनी कुमार

मेरा नाम सुनील है, मैं पंजाब के जालंधर का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी। मैं 38 साल का शादीशुदा इंसान हूँ पर मुझे चूत मारने का बहुत शौक है। बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था और ट्यूशन के लिए किसी मैडम के घर जाता था, वो लड़की एम ए की पढ़ाई कर रही थी। उसके घर पर उसकी माँ और एक भाई था। आप सबको एक बात बता दूँ कि बचपन में मैं बहुत शर्मीला था, पढ़ने का टाइम शाम 4 बजे का था पर मैं 3.30 पर ही चला जाता था। उस वक़्त मैडम घर पर नहीं होती थी। मैं आंटी यानि मैडम की मम्मी से बात करता रहता था, वो 48-50 साल की होंगी पर उनके मम्मे बहुत बड़े थे, वो ब्लाऊज पेटिकोट में ही रहती थी।

एक दिन जब मैं उनके घर गया तो आंटी ने मुझे दरवाज़ा बंद करके आने को कहा। मैं दरवाज़ा बंद करके आ गया।

तब आंटी ने मुझे बिस्तर पर आने को कहा, मैं बेड पर चला गया। आंटी ने मुझे अपने पास बुला लिया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आंटी क्या करने वाली है।

पर आंटी मुझे पूछने लगी- कभी किसी औरत को बिना कपड़ों के देखा है?

मैंने कहा- नहीं आंटी !

वो बोली- देखोगे?

मैं डर गया।

तब आंटी ने मुझे पकड़ लिया और चूमने लगी। मैं और डर गया और बिस्तर से जाने लगा पर आंटी ने मुझे पकड़ रखा था। आंटी मुझे डाँटने लगी। अब मैं और डर गया। फिर आंटी मुझे प्यार करने लगी, मुझे कहने लगी- तुझे औरत की चूत मारना सिखाती हूँ।

उसने मेरी पैंट और कच्छा उतार दिया। अब मैं नंगा हो चुका था, पर डर के मारे मेरा लौड़ा छुहारे की तरह हो रहा था।

आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर उसे चूसने लगी। अब मुझे भी मज़ा आने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया। आंटी उसे चूस रही थी जैसे कोई आम चूस रहा हो।

तभी आंटी ने अपनी ब्लाऊज और ब्रा उतार दी। अब आंटी के बड़े बड़े मम्मे आज़ाद झूल रहे थे। आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मे पर रखा और उसे दबाने को कहा।

मैं आंटी के मम्मे दबाने लगा। आंटी अब गर्म होने लगी थी, आंटी अपनी एक उंगली अपनी चूत में ले रही थी और मेरा लंड जैसे आज खा ही लेगी, ऐसा लग रहा था। अब आंटी ने अपनी पैंटी उतार दी और मुझे अपनी चूत चाटने को कहा। मैं आंटी की चूत चाटने लगा, मुझे भी मज़ा आने लगा। आंटी मेरे सर पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी। आंटी काफ़ी गर्म हो चुकी थी, आंटी का मुँह भी लाल हो गया था।

तब आंटी सीधी लेट गई और मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और बोली- ज़ोर से धक्का मार !

मैंने ज़ोर से धक्का मारा और मेरा लंड आंटी की गीली गीली चूत में चला गया। अब आंटी ने मुझे धक्के मारते रहने को कहा। मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा। अब मुझे भी मज़ा आ रहा था, मैं आंटी के मम्मे दबाता रहा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा।

आंटी नीचे से उछल उछल कर धक्के मार रही थी और ज़ोर ज़ोर से करने को कह रही थी, आंटी बोल रही थी- अब मज़ा आया ! और ज़ोर से राजा ! और ज़ोर से ! फाड़ दे मेरी चूत को ! फाड़ दे !

आंटी सिसकारियाँ ले रही थी। अब मुझे कुछ होने लगा था, मैं तेज़ तेज़ धक्के मारने लगा।

आंटी बोल रही थी- फाड़ दे मेरी चूत को ! सुनील फाड़ दे आज ! बहुत सालों बाद इस में कोई लंड गया है। तेरे अंकल की तो अब बस हो गई है, अब तू ही मेरा काम किया कर ! उनका तो लंड अब खड़ा भी नहीं होता !

मैं और ज़ोर से लग पड़ा ! आंटी की स्पीड मेरे से भी तेज़ हो गई थी पर थोड़ी देर बाद आंटी धीमी हो गई, मैं तेज़ हो गया।

तभी मेरे अंदर से पिचकारी निकली, मुझे बड़ा मज़ा आया।

आंटी ने मुझे चूमा और अपने गले से लगा लिया।

तब से लेकर अब तक मुझे बड़ी उमर की औरतों से सेक्स करने का बड़ा मज़ा आता है।

फिर आंटी ने मुझे साफ किया और कपड़े पहनने को कहा। आंटी भी फ्रेश होने बाथरूम चली गई और वापिस आकर बोली- आज ट्यूशन की छुट्टी है, तेरी मैडम आज अपने मामा के घर गई है, दो दिन नहीं आएगी और मेरा बेटा भी आने वाला है। पर तुम कल भी आ जाना, हम इसी तरह मज़े करेंगे और किसी को कुछ मत बताना 1!

इस तरह से मुझे जब भी मौका मिलता, मैं आंटी की चुदाई करता रहा।

दोस्तो, कहानी सच्ची है, आप बताना कि आपको कैसी लगी।

उसके बाद दूसरी कहानी लिखूँगा कि पड़ोस वाली आंटी के साथ एक रात कैसे बिताई और फिर आंटी की मोटी गाण्ड कैसे मारी वो भी लिखूँगा !

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