असीं रहगे आँ !

Sponsored Ad: अपना लिंग बड़ा करने और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए इस गुप्त नुस्खे को अपनाने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बन्ता यात्रा पर जा रहा था। रास्ते में रात हो गई तो उसने देखा कि पास में एक गाँव है। उसने सोचा कि किसी के घर में शरण मांग कर रात बिताई जाए।

एक घर कुछ अलग से था गाँव से थोड़ा हट कर! उसने उसी घर का दरवाज़ा खटकाया तो लगभग 20 साल की एक लड़की ने दरवाज़ा खोला। बन्ता ने अपनी बात बताई कि रात गुजारनी है।

तो उस लड़की ने कहा- हमारे घर में कोई मर्द नहीं है, सब बाहर गए हैं। घर में केवल वो, उसकी माँ और दादी हैं। इसलिए वो कोई दूसरा घर देखे।

बन्ता ने उसे कहा कि वह एक शरीफ़ आदमी है और वो सुबह होते ही चला जाएगा। किसी तरह बन्ता ने उसे मना लिया और खा पी कर सब सो गए।

थोड़ी देर बाद बन्ता को अपनी पत्नी की याद आई तो वो बोलने लगा- घर होन्दे ताँ लैन्दे!(घर पर होते तो लेते) वो लड़की जाग रही थी थी, उसने सोचा -चलो मज़े लिए जाएँ! वो बोल पड़ी- ऐथे केड़ी ना ऐं!(यहाँ कौन सी ना है!) बन्ता बोला- ताँ आजा फ़ेर! और बन्ता ने उसकी जम कर चुदाई की।

एक घण्टे बाद फ़िर बन्ता को ठरक उठी- घर होन्दे ताँ लैन्दे! लड़की सुन रही थी पर उसमें अब हिम्मत नहीं थी। थोड़ी देर बाद उसकी मां बोली- ऐथे केड़ी ना ऐं! बन्ता बोला- ताँ आजा फ़ेर! और बन्ता ने उसकी जम कर चुदाई की।

लड़की की दादी सब कुछ देख-सुन रही थी। वो सोच रही थी कि अब बन्ता बोलेगा तो उसका नम्बर आ जाएगा। पर बन्ता बोला ही नहीं। काफ़ी इन्तज़ार के बाद दादी बोली- असीं रहगे आँ! असीं रहगे आँ!(हम रह गए।) बन्ता बोला- ठेक्का नी लया! ठेक्का नी लया! (सबका ठेका नहीं लिया)

Sponsored Ad: अपना लिंग बड़ा करने और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए इस गुप्त नुस्खे को अपनाने के लिए यहाँ क्लिक करें।