जन्मदिन का उपहार और सज़ा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं अमित शर्मा एक बार फिर लेकर आया हूँ अपनी सच्ची दास्तान !

बात उन दिनों की है जब मैं इंजिनियरिंग के फाइनल ईयर में था, मेरी गर्लफ्रेंड थी नेहा !

नेहा के बारे में मैं आपको बताता हूँ, उसकी उम्र 23 थी, हाइट 5’6″. उसका बदन 32-28-32, उसके चूचे तो ऐसे लगते थे जैसे कबूतर पिंज़रा तोड़कर आने को तैयार हो, उसके बड़े बड़े कूल्हे, जब चलती तो ऐसा लगता जैसे कयामत हो। ज्यादातर वो जीन्स और टीशर्ट पहनती थी, जिससे उसका सारा फिगर पता चल जाता था। कॉलेज के सारे लड़के उस पर मरते थे, सीनियर्स, जूनियर्स, टीचर्स, भी !

पर मैं बहुत ही खुश किस्मत था कि वो मेरी गर्लफ्रेंड थी क्योंकि मैं स्टडी में काफ़ी अच्छा था और वो भी काफ़ी अच्छी थी पढ़ने में !

23 मार्च को उसका जन्मदिन था और वो चाहती थी कि मैं उसे सबसे पहले विश करूँ, मुझे याद नहीं रहा और जब मैं कॉलेज गया तो पता चला कि नेहा का जन्मदिन है और वो कॉलेज नहीं आई है।

मैं तुरंत बाइक लेकर नेहा के होस्टल पहुँच गया और उसे काफ़ी मनाने की कोशिश की पर वो नहीं मानी और मेरा तोहफ़ा भी नहीं लिया और अपने कमरे में चली गई।

मैं वहीं पर धूप में 3 घंटे तक खड़ा रहा तो फिर शाम को वो मुझे देखकर मेरे पास आई और बोली- मैंने तुम्हें माफ़ कर दिया है लेकिन सज़ा मिलेगी।

मैं खुश हो गया और बोला- आपका हुकुम सर आँखों पर, क्या सज़ा है?

उसने कहा- पहले डिनर करेंगे फिर बताऊँगी।

फिर हम कैंडल लाइट डिनर करने चले गये, मैं उसके बर्थडे पर बार बार उसको किस करता रहा।

डिनर के बाद उसने कहा- आज की रात और कल हम होटल में रहेंगे, वहीं मैं तुम्हारी सजा बताऊंगी।

फिर हमने एक कमरा बुक किया और ‘डू नोट डिस्टर्ब’ का लेबल लगा दिया।

रूम में मैंने उससे पूछा- क्या सजा है, अब तो बता दो?

तो उसने कहा- तुमने मुझे बहुत तड़पाया है तो अब मैं भी तुम्हें तड़पाना चाहती हूँ।

उसने कहा- तुम सारी रात मेरी चूत चाटो, सिर्फ़ चाटना है और कुछ भी नहीं।

मैंने कहा- चाटूँगा ! पर सेक्स करने भी दे दो ना। मैं तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें चोदना चाहता हूँ।

उसने कहा- नहीं, तुम आज सारी रात सिर्फ़ मेरी फ़ुद्दी चाटना और कुछ नहीं।

नेहा ने कहा- कल सुबह जब मैं सोकर उठूँगी, तब तुम मुझे फ्रेश करना, नहलाना और तैयार करना भी तुम्हारी सजा है।

फिर उसने कहा- चलो, अब जल्दी से मेरे कपड़े उतारो और शुरू हो जाओ।

मैंने सबसे पहले उसकी हील वाली सैंडेल उतारी, फिर ब्लू जीन्स और सफेद टीशर्ट, अब वो सिर्फ़ गुलाबी पैंटी और ब्रा में थी। फिर मैंने उसकी पैंटी और ब्रा भी उतारी और वो पूरी नंगी हो गई थी।

मैंने फिर अपना कपड़े उतारे और उसकी चूत चाटने में लग गया।

उसने मुझसे कहा- चूत की चटाई अच्छे से होनी चाहिए, जीभ से चुदाई भी होनी चाहिए और चूत की चुसाई भी होनी चाहिए, बीच में रुकना नहीं, लगातार चाटते रहने और सारा माल अंदर लेते रहना।

मैंने रात 11 बजे चूत चाटना शुरू कर दिया, बीच बीच में वो मुझे निर्देश देती रहती और गाल पे चाँटा मारती रहती।

2 घंटे बाद वो सो गई, मुझे भी नींद आने लगी और मैं सो गया।

3 बजे वो उठी और मुझे सोया देखकर मेरे गाल पर एक तमाचा मारा, मैं उठ गया फिर उसने दूसरा तमाचा मेरे दूसरे गाल पर मारा और बोली- क्यूँ रुक गया चूत चाटने से बहन के लौड़े, जब तक मैं नहीं बोलू चूत चाटता रह ! मैं फिर शुरू हो गया और चाटता ही रहा, वो सुबह 9 बजे सो कर उठी फिर भी मैं चाट ही रहा था। फिर उसने कहा- बस करो जानू तुमने मुझे खुश कर दिया ! बहुत अच्छे से चूत चाटते हो तुम।

और कहा- चलो मुझे फ्रेश करा दो और नहला दो फिर खूब चुदाई करेंगे।

फिर मैं उसको गोद में उठाकर फ्रेश कराने ले गया, उसने पोटी की, मैंने उसके चूतड़ धोये, उसे नहलाया कपड़े पहना कर तैयार किया। फिर हमने नाश्ता किया..

नेहा ने कहा- चलो, अब कुछ मज़े कर लें।

मैं समझ गया और तुरंत अपने कपड़े उतार दिए और नेहा के कपड़े उतारने लगा। फिर मैं नेहा के बूब्स चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, नेहा चिल्लाने लगी- आह आहह आअहह आआअहह बस करो, बस करो… मैं और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

फिर वो मेरा लंड पकड़ कर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी और मैं उसके मुँह की चुदाई करने लगा। मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसके मुँह के अंदर था और मैं ज़ोर ज़ोर के झटके देकर उसके मुँह की चुदाई करने लगा। उसने ऐसी चुसाई पहले कभी नहीं की थी मेरे लण्ड की। फिर मैंने उसकी चूत को चाटा और अपना लंड उसकी चिकनी चूत में घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगा।

वो चिल्ला रही थी- आह मर गई… और ज़ोर से… चोद डाल… फाड़ डाल मेरी चूत को… पूरा घुसा दे… और ज़ोर से… और ज़ोर से…आज मुझे मार डाल..

मैं जोर ज़ोर से उसकी चुदाई कर रहा था, वो दो बार झड़ गई थी, फिर मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में गिराया। जिसे वो सारा पी गई।

फिर हम दोनों की काफ़ी देर चूमाचाटी चलती रही, कभी वो मेरी जीभ चूसती तो मैं कभी उसकी जीभ को चूसता।

फिर मैंने उसे कहा- मैं अब तेरी गाण्ड मारूँगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

तो उसने मना कर दिया। उसने अभी तक मुझसे गाण्ड नहीं मरवाई है।

मैंने बोला- मैं उसकी गाण्ड मार कर यह उसे उसके जन्मदिन पर गिफ्ट देना चाहता हूँ।

तब वो मान गई।

फिर मैंने अपने लंड में और उसकी गाण्ड में तेल लगाया और लंड गांड में घुसाने लगा, वो काफ़ी तंग थी, वो चिल्ला पड़ी और बाहर निकालने को कहने लगी। मैंने बोला- थोड़ी देर में तुम्हें मज़ा आएगा।,

और धीरे धीरे पूरा लंड गांड के अंदर और उसे भी मज़ा आने लगा, वो भी साथ देने लगी।

मैं 15 मिनट उसकी गाण्ड मारता रहा। फिर हम तक चुके थे और सो गये। 3 बजे उठकर एक बार फिर चुदाई की फिर बाथरूम में बाथटब में चुदाई की।

शाम 6 बजे हम होटल से निकले और उसे उसके हॉस्टल तक छोड़ा।

फिर मैं अपने हॉस्टल आकर सोने जाने लगा, तभी नेहा का फोन आया कि उसे कल रात की याद सता रही है।

मुझे लिखना मत भूलिए !

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000