और काजल बेतकल्लुफ़ हो गई-4

काजल ने मारे शर्म के अपनी आँखें ही बंद कर ली।

मैंने उसे आँखें खोल कर अपने आप को निहारने के लिए कहा तब उसने झिझकते हुए अपनी आँखें खोली !

मैंने कहा- ये देखो, एक तो ये दो सौगातें मिली है तुम्हें जिन्हें सहलाने, मसलने और दबाने में हम पुरुषों को असीम आनन्द मिलता है !

और फिर मेरे हाथ उसके पेट और नाभि को सहलाते हुए नीचे की तरफ बढ़े !

वो मेरी मंशा शायद समझ गई क्यूँकि उसने अपने पैरों को आपस में भींचना शुरू कर दिया लेकिन…

मेरे हाथ फिसलते हुए उसकी उभरी हुई चिकनी योनि तक पहुँच ही गए। वो बुरी तरह से कसमसा उठी !

मैंने अपने हाथ के बीच वाली तीन उंगलियों में से अगल बगल वाली दो उँगलियों को काजल की योनि के अगल बगल सरका दिया और बीच वाली उंगली उसकी चूत के ऊपरी दाने पर रख के दबाते हुए चूत के अंदर तक घुसा दिय़ा।

उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी और उत्तेजक आवाज निकली और उसने अपनी जांघों को और सिकोड़ लिया।

उसकी चूत एकदम गीली हो रही थी, अब वो पूरी तरह से मेरे काबू में थी।

अब काजल बलपूर्वक अपने आपको मुझसे छुड़ा कर मुझ से ही लिपट गई और कांपती आवाज में बोली- ओह्ह्हह्ह !!! अरुण, यह तुमने क्या किया मेरे साथ ! जब से तुम कार सिखाने आ रहे हो, मुझे बेचैन करके रख दिया है, पर मैं क्या करूँ, बहुत गंदा और शर्मनाक लगता है मुझे ये सब ! कोई मुझे नंगी करे, यह मुझे अज़ीब लगता है !

मैंने उसे चूमते और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा- यह कही से भी गलत नहीं है और ऐसा करके तुम कार्तिक के साथ अन्याय कर रही हो ! औरत का शरीर भगवान् का बनाया हुआ नायब तोहफा है और तुम्हारे ये उरोज होने वाले बच्चे को दूध पिलाने के स्तन मात्र नहीं हैं, ये उत्तेजना के उभार हैं !

और तब मैंने उसके वक्ष को अपने मुँह में भर लिया और चूसते हुए अपनी बात पूरी की- ये कामक्रीड़ा का अहम् अंग हैं, स्त्री-पुरुष दोनों के ही लिए !

वो वक्ष चूसे जाने से व्याकुल हो गई थी और ध्यान से न सिर्फ मेरी बाते सुन रही थी बल्कि अब मुझ से चिपकी भी जा रही थी और मेरे लिए अपने उभारों चूसना आसान बना रही थी बारी बारी से अपने स्तन मेरे मुँह में देकर !

अब मैंने उसकी पीठ से हाथ नीचे सरकाते हुए उसके लेगिंग और अंडरवियर के अंदर डालते हुए कूल्हों के बीच घुसा दिए और लेगिंग और अंडरवियर को एक साथ ही उतार कर उसके बदन से अलग कर दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

उत्तेजना के मारे उसका शरीर तपने लगा, अब वो पूर्णतया वस्त्रहीन हो चुकी थी और उसका समूचा नंगा बदन मेरी बाहों में था, उसके चूतड़ एकदम मस्त गोल-मटोल और गद्देदार थे, मैंने कस कर उन पर दो-चार चपत लगाई और अपनी बात जारी रखी और उसे शीशे में उसके चूतड़ दिखाते हुए उन पर अपने दोनों हाथ फिराते हुए कहा- काजल, अब देख तेरे ये मस्त चूतड़ और गांड का यह छेद !

यह कहते हुए मैंने एक उंगली उसकी गांड में अंदर तक घुसा दी, उसकी फिर सेक्सी आवाज निकली !

“क्या सिर्फ पॉटी करने के लिए है? समूची मर्द जाती इन्हें नंगा देख कर पागल हो जाती है और इन से कितना भी खेलो हमारा मन ही नहीं भरता है !

अब काजल खुद बेकाबू हो चुकी थी क्यूँकि वो अपनी चूत मेरी पैंट पर रगड़ रही थी, मैं उसके हाव-भाव से सब समझ गया। और सेक्स में सफल पुरुष की यही निशानी है कि उसे अपनी स्त्री के काम-भाव बिना उसके कहे ही समझ जाने चाहिए, स्त्री खुद बताने में संकोच करती है।

मैं उसे पलंग पर ले गया और इस तरह से लेटाया जिससे कि सी सी टीवी में हमारे सम्भोग की बेहतर रिकॉर्डिंग हो सके, और यह मेरा कार्तिक के लिए फ़र्ज़ भी था क्यूँकि काजल जैसी अप्सरा मुझे उसकी वजह से ही तो मिली थी।

वो मेरे सामने पूर्ण नग्न पसरी हुई थी, मैंने उसके हाथ उसके सर के ऊपर रख दिए और दोनों पैरों को जितना ज्यादा वो चौड़ा कर सकती थी कर दिया, अब उसकी चूत पर हाथ फिराते हुए मैंने कहा- अच्छा काजल, यह बताओ कि यह चूत किस लिए होती है?

उसने बहुत मासूमियत से जवाब दिया- पेशाब करने के लिए !

उसके इस नादानी भरे जवाब से वो और में दोनों ही अपनी हंसी नहीं रोक सके। मैंने कहा- पगली, यह चुदाई के लिए है ! और खाने के लिए भी !

यह कहते हुए मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और जीभ अंदर तक घुसा दी। उसने मेरे बाल कस कर पकड़ लिए और अपने चूतड़ भी उछालने लगी।

अब मेरा और देर करना ठीक नहीं था, काजल अब चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार और गर्म हो चुकी थी, क्यूँकि इस अवस्था में नारी को ज्यादा तड़पाने से वो हिंसक हो सकती है, नाराज़ हो सकती है। मैंने अपने आप को उससे अलग किया और अब मैंने अपने आप को निर्वस्त्र करना शुरू किया, उसने आँखें बंद कर ली, पर मैंने उसे धमकाया कि उसे मुझे नंगा होते हुए देखना ही होगा, वरना मैं अभी चला जाऊँगा।

और अब वो मुझे शर्माते हुए ही सही, पर देखने लगी।

और मुझे तो कहीं भी नंगा होने में कोई संकोच नहीं है, कुछ ही देर में में पूरा नंगा अपना मोटा लंड तन तनाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और उसके हाथ में अपना लंड थमा दिया अब वो दोनों हाथों से उसे सहला रही थी।

मैंने उसे मुँह में लेने को बोला पर वो बोली- नहीं बहुत मोटा है, नहीं ले पाऊँगी।

तो फिर उसे चूमने को बोला, उसने लंड की खाल पूरी नीचे खींच कर गुलाबी सुपारे को बाहर निकल कर जी भर कर चूमा, मैं बेचैन हो उठा, हम दोनों ही अब सम्भोग के लिए तैयार थे।

मैंने उसकी चूत में काफी अच्छे से नारियल का तेल लगाया, इससे लंड आसानी से अंदर जाता है, दोनों को ही कम तकलीफ होती है।

मैंने सावधानी पूर्वक उसकी चूत में अपना लंड काफी अंदर तक धंसा दिया, उसकी जबर्दस्त चीख से पूरा कमरा गूँज गया, पर जैसे ही मैंने चुदाई शुरू की, वो आनन्द के सागर में गोते लगाने लगी और उसके हाथ मेरे पीठ पर नोचने खरोंचने लगे।

मैंने उसके चेहरे पर चुम्बनों की बरसात सी कर दी, मेरा सम्भोग का समय अच्छा खासा है तो उसे भरपूर आनन्द आया।

और दोस्तो, अब मुझे उस वीडियो को देखने के बाद कार्तिक की प्रतिक्रिया का इंतज़ार था।

कार्तिक अभीभूत हो गया मेरा और काजल का सम्भोग देख कर और मुझसे बोला- अरुण यार, तुमने तो काजल का काया-पलट ही कर दिया !

वो उसके साथ सेक्स में बहुत खुल गई और बहुत कुछ नया करने लगी।

मैंने संतोष की सांस ली कि मैंने अपना काम बखूबी किया ! काजल अब कार ड्राइविंग और सेक्स दोनों में ही परफेक्ट हो चुकी थी।

तो दोस्तों मैंने अपनी तरफ से इस पूरी घटना में कामुकता के साथ साथ सेक्स ज्ञान की कुछ बातें भी लिखी हैं, इसके अलावा भी यदि किसी पाठक या पाठिका के मन में सेक्स को लेकर कोई सवाल हो, कोई संदेह या फोबिया (डर) हो, तो मुझे बेहिचक और खुल कर मेल कर देना !

और यह पूरी घटना कैसी लगी, यह भी जरूर बताना !

आपका अरुण

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प्रकाशित : 18 जनवरी 2014