सोनाली भाभी और उनकी उलझन

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मैं यहाँ अपनी दूसरी कहानी लिखने जा रहा हूँ। मेरी पहली कहानी यौन साथियों की अदला-बदली में मुझे बहुत सारे मेल मिले और उसके लिए शुक्रिया।

बात छह महीने पहले की है, मैं अपने काम से मुम्बई आता-जाता रहता था। मेरे बहुत से मित्र हैं वहाँ, सभी के साथ मेरे अच्छे सम्बन्ध थे तो मैं किसी के भी घर चला जाता था। मेरे एक बहुत अच्छे मित्र हैं मिस्टर कुशाल शर्मा जी और उनकी बीवी सोनाली।

मैं उनके घर पहली बार गया। वो अपनी बीवी के साथ ही रहते थे और कारोबार अच्छा था पर कोई औलाद नहीं थी। उन्हें मेरे ‘कपल-स्वैप’ क्लब के बारे में पता था, पर वो कभी शामिल नहीं हुए थे।

उनकी बीवी उसके लिए कभी राजी भी नहीं होती, उन्होंने मुझे बताया- भाई राकेश, देख, मैं अभी 30 साल का हूँ, मुझे भी इच्छा होती है पर वो राजी नहीं हो रही है, मैं क्या करूँ?

अब मैं धर्मसंकट में था कि क्या किया जाए? और मैं यह भी नहीं जानता था कि उनकी बीवी का मिजाज किस टाइप का है। बस मैंने सोचा कि अब उनको राजी करना है और मैं वहाँ से निकल गया।

एक महीने बाद मुझे फिर से मुम्बई जाना पड़ा और मैं उन्हीं के घर पर रुका। अब मेरी थोड़ी जान-पहचान हो चुकी थी। सोनाली जी मुझसे थोड़ी बात कर लेती थीं।

मैंने शर्माजी से पूछा- आप को बच्चे क्यों नहीं हुए?

तो मुझे उन्होंने बताया- मेरा सेक्स टाइम सिर्फ 4 से 5 मिनट है और मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाता हूँ। पर मेरी बीवी फिर भी मेरे साथ खुश है।

अब मेरे दिमाग में एक बात कौंधी कि अगर सोनाली की सेक्स इच्छा पूरी नहीं हो रही है तो वो सहज मान जायेगीं और उसके लिए मैं अब जो भी करूँगा, वो वो शर्माजी से पूछ कर ही करूँगा।

मैंने मेरी योजना शर्माजी को बता दी।

उन्होंने हामी भर दी तो अब मेरा काम शुरू हो गया। मैं जब दुबारा उनके घर पहुँचा तो सोनाली सादे लिबास में थी, सलवार-कमीज़ में।

मैंने पूछा- शर्माजी कब तक आ जायेंगे?

तब उन्होंने कहा- वो दो दिन के लिए बाहर गए हैं और आप यहाँ न ठहरें, तो अच्छा होगा।

मुझे थोड़ा शर्मिंदगी लगी और मैं जाने लगा। तब उन्होंने पता नहीं क्या सोचा? मुझे पता नहीं, पर कहा- खाना खाकर चले जाइये।

तब मैं रुका। अब मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ करने की, पर मैं भी तो चोदूँ था, मैंने कहा- भाभीजी, आप इतना डरती क्यों हो? कोई आदमी आपके घर में रहेगा तो आपकी सेफ्टी ही होगी न ! और मुझसे कैसा डर?

उन्होंने जो कहा, वो सुनकर मैं हक्का-बक्का रह गया।

उन्होंने कहा- राकेश, आप एक मेल एस्कॉर्ट हैं न !

मैंने कहा- हाँ, क्यों?

उन्होंने कहा- मैंने आपको अपनी एक सहेली के साथ देखा था और जब मैंने उसे पूछा तो उसने आप के बारे में बताया, पर मैं उस टाइप की नहीं हूँ। मेरे पति मुझसे सेक्स इतनी अच्छी तरह से नहीं करते पर फिर भी मैं खुश हूँ। और मुझे मेरी जरूरतें पता हैं। मेरे माँ-बाबा बहुत गरीब घर से हैं और मैं इन्हें धोखा देकर किसी के बारे में सोच नहीं सकती। अब सेक्स क्या है? मुझे पता ही नहीं चलता और मैं इसके बारे में अब नहीं सोचती।

मैंने उनके इस बात को कहने पर कहा- शर्माजी ने मुझे आपके साथ सेक्स करने और कपल स्वैप में जाने के लिए राजी करने के लिए कहा है। इस लिए हम दोनों की प्लानिंग के हिसाब से शर्माजी शहर में होने के बाद भी घर नहीं आने वाले थे और मुझे भेज दिया था आपका मन टटोलने के लिए।

वो लपक कर उठीं और मोबाइल लेकर शर्माजी को फ़ोन लगाया और शर्माजी को किसी भी हालत में घर पर आने को कहा।

अब तो मेरी बोलती बंद हो गई थी, मैं अब कुछ बोलने की अवस्था में नहीं था।

शर्माजी अब 40 मिनट में घर पर थे, उन्होंने मेरी तरफ देखा और नजरों से पूछा- क्या हुआ?

मैं कुछ नहीं बोल पाया और सोनाली भाभी अंदर से भागती हुई आईं और उनके गले लग कर रोने लगीं। अब माहौल थोड़ा टेंशन वाला था। मुझे लगा कि अब मेरा निकलना ही अच्छा है।

तभी सोनाली भाभी ने मुझे कहा- अब रुको कहाँ जा रहे हो? मुझे यहाँ फैसला करना है।

मैं रुक गया और शर्माजी थोड़े से परेशान हो गए।

उन्होंने कहा- क्या हुआ सोनू? क्यों रो रही हो? और राकेश ने कुछ कहा तो नहीं न?

और सोनाली की तरफ देखने लगे।

सोनाली ने कहा- आप मुझे किसी और के साथ बाँटने की कैसे सोच सकते हो? आप में खराबी है, यह मैं जानती हूँ। मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप जो हो, वो ही मेरे लिए सब कुछ हो। लोग मुझे बाँझ कहते हैं और तब भी मैं लोगों से आपकी कमजोरी के बारे में नहीं बताती और आप मुझे राकेश के साथ बिस्तर पर लेटा देखना चाहते हैं?

शर्माजी जरा सा गुस्सा होते हुए बोले- तुम्हें राकेश ने कहा है न?

और मेरे तरफ बढ़े, सोनाली ने उन्हें रोक लिया और कहा- मैंने आप दोनों की बातें और फेसबुक चैट पढ़ी है। आपने मेरी कुछ अधनंगी तस्वीरें भी राकेश को भेजीं थी।

अब उनका गुस्सा शांत हुआ और वो मुझे माफ़ी मांगने लगे और कहा- राकेश, अब तुम यहाँ से चले जाओ।

तभी सोनाली ने कहा- रुको, तुम दोनों ये बातें खत्म करो और मुझे कुछ कहना है।

और वो कहने लगीं- मैं जो कहूँगी, उस पर तुम दोनों सोच कर बताना और तभी कुछ करना।

एक पल रुक कर उन्होंने हम दोनों की तरफ देखा और फिर बोलने लगीं- आपका लंड 4 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है। लेकिन मुझे लण्ड के साइज़ से कोई लेना-देना नहीं हैं। मेरी समस्या के समाधान के लिए बात थी कि मुझे बच्चा चाहिए। अगर राकेश वो मदद करे और आपको कोई एतराज़ न हो, तो आप लोग जो कहोगे मैं वो करुँगी।

अब मेरा मूड चंगा हो गया और शर्माजी उठे और सोनाली को चूम कर कहने लगे- कपल स्वैप पार्टी को मानना तो एक बहाना था। बस मुझे एक बच्चा चाहिए था और उसके लिए राकेश को मना नहीं सकता था। तो मैंने उसको तुम्हें कपल स्वैप के लिए मनाने के लिए कहा था।

अब सारा माहौल ठीक हो चुका था और मैं जिंदगी में पहली बार किसी के साथ ‘थ्री-सम’ करने वाला था। सो मैं अब अंदर से तैयार था। पर मुझे संदेह था कि मैं तो शादीशुदा नहीं हूँ और अगर सोनाली प्रेग्नेंट नहीं हुई तो? पर मैंने धीरज रखकर ‘हाँ’ कर दी।

अब शर्माजी और सोनल कमरे में गए, तो मैंने अपने आप को सँभाला और धीरज रख कर कमरे में जाने लगा।

शर्माजी ने कहा- राकेश अंदर आओ यार, अब हमारे बीच कोई पर्दा नहीं है।

पर सोनाली अब भी संकोच कर रही थी और थोड़ा दूर थी, मैंने शर्माजी से आगे बढ़ने के लिए कहा तो वो अपनी सोनाली के पास जाकर बैठ गए और थोड़ा मसलने लगे और मैं सोनाली के बगल में जाकर बैठ गया।

मैंने देखा कि वो शर्माजी के लण्ड को मसल रही है पर मेरा नहीं और उनकी तरफ ज्यादा ध्यान था।

मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाकर सोनाली की सलवार का नाड़ा खोला और कमीज़ भी धीरे से उतार दी। अब वो सिर्फ पैन्टी में थी। शायद वो ब्रा नहीं पहनती थी। मैंने उनके उभारों को थामा और मसलने लगा। शर्माजी साइड में हो गए। वो शर्माजी का हाथ पकड़े हुई थी, और मैं उनको मसल रहा था।

मैं धीरे से उन पर चढ़ गया। अब शर्माजी ने उनका हाथ छुड़ाया और मेरी पैंट उतार दी और मैंने मेरा शर्ट उतार दिया। अब मैं अंडरविअर में था और वो पैन्टी में। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

पर एकाएक मेरी अंडरवियर शर्माजी ने निकाल दी और मेरा लण्ड मुँह में लिया। मुझे पहले तो अजीब लगा, पर अच्छा लग रहा था तो मैंने ध्यान नहीं दिया।

मैं सोनाली को मसल रहा था। मैं उसको चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया और पैन्टी निकालकर उसमें अपनी जुबान फिरा दी। वो उछल पड़ी। मैंने देखा तो उस पर झांटें थी, न जाने कितने दिन पहले चोदी होगी और साफ किया होगा !

तो मैंने वहाँ से अपना मुँह हटा दिया, और बाकी जगह चूम रहा था। शर्माजी वहाँ से उठे और अपने कपड़े निकालकर बाथरूम में चले गए।

सोनाली ने आँख खोली और कहा- क्यों रुक गए?

मैंने कहा- शर्माजी ने मेरा लण्ड चूसना बंद कर दिया।

उन्होंने धीरे से मेरे लण्ड की तरफ देखा और उनकी आँखें खुली की खुली रह गईं। 7 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा। वो लपक कर उठी और लण्ड मुँह में ले लिया। मुझे अजीब लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था।

मैं सोनाली के बाल सहला रहा था और वो लण्ड चूस रही थी। अब शर्माजी बाहर आए और वहीं बैठ गए। सोनाली डॉगी बन कर मेरा लण्ड चूस रही थी, तो मैंने शर्माजी को चूत में लण्ड पेलने को कहा, पर वो जगह से उठे नहीं।

मैंने जोर देकर बोला तो सोनाली ने कहा- वो नहीं उठेंगे, न ही उनका खड़ा होगा। 6 महीने में एक बार मेरे साथ सेक्स करते हैं, और 3 या 4 मिनट में फ्री हो जाते हैं। आप अपना काम करो और आप पूछ रहे थे न कि वो आपका लण्ड चूस क्यों रहे थे?

(खड़ी होकर सोनाली ने उनकी लुल्ली निकाली) ये देखो 3 इंच लम्बा और 1.5 इंच मोटा और खड़ा भी कभी-कभार होता है। उनको गांड मरवाने का शौक है और वो मरवाते भी हैं।

मेरी हँसी छूट गई। मुझे अब पता चला कि वो मुझसे इतना करीब से क्यों बात करते थे और मेरे से एक लड़की जैसा बर्ताव क्यों करते थे।

सोनाली भी हँसने लगी, वो अब मूड में थी तो मैंने समय गंवाना ठीक नहीं समझा। शर्माजी भी हमें अकेला छोड़कर बाहर चले गए। अब हम जोश में थे। मैंने पहले सोनाली के चूतड़ों के नीचे तकिया रखा और अपना लण्ड बिना कंडोम का अंदर डालने लगा पर चूत बहुत टाइट थी तो मैंने हाथ पर थूक निकाल कर लण्ड पर लगाया और लण्ड से चूत पर एक ज़ोर का धक्का दिया।

थोड़ा सा लण्ड ही अंदर गया कि सोनाली ने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली- राकेश जरा आराम से करो, मैं भी यहाँ हूँ और तुम भी यहाँ, कोई भाग नहीं जायेगा। तुम्हारा लण्ड बहुत मजबूत है और कड़क भी, पर धीरे-धीरे करना। और सिर्फ मुझे भोगने के लिए नहीं, मुझे माँ बनाने के लिए चोदना।

मैंने वैसे ही धीरे-धीरे रोमेंटिक तरीके से लगभग 25 मिनट चोदा और सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ दिया। मैं उठ कर बाथरूम में चला गया। करीब आधे घंटे बाद फिर से जब मैं तैयार हुआ तो फ्री होकर हम चुदाई करने लगे। शर्माजी की याद भी नहीं आ रही थी। वो बेचारे बाहर से हमें देख रहे थे।

उस दिन और रात में मैंने 9 बार चुदाई की और लगातार 4 दिन तक मैं उनके घर पर रुका। करीब 45 दिन बाद पता चला कि वो माँ बनने वाली हैं।

इस समय सोनाली को छठा महीना चल रहा है, 3 महीने बाद मैं बिना शादी का बाप बनूँगा, पर सिर्फ हम तीनों के लिए। सारी दुनिया के लिए उस बच्चे के माता-पिता वो ही रहेंगे।

ये दुनिया के रिवाज भी अजीब हैं जिसको बच्चा नहीं, वो बाँझ। मर्द में भी कमी हो सकती है। अगर आपको बच्चा नहीं है तो ठीक इलाज करवाए बिना कंडोम सेक्स एसटीडी HIV जैसी बीमारी का कारण बनता है। बिना कन्डोम सेक्स कर सकते हो, पर उस के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं। उसके बारे में मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा।

सोनाली के बाद मैंने उसके बहन से सेक्स किया था। वो अगली कहानी में।

आप अपने सुझाव और कहानी के बारे में आप की राय मुझे मेरी मेल पर भेज सकते हैं।

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