चूत शृंगार-5

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मैंने कहा- सिर्फ हाथ रख कर कसम खाई है ना ! कोई जुबान रख कर तो कसम नहीं खाई। भैया ने कहा- क्या मतलब? तो मैं भैया के गले से चिपक गई और बोली- तू चूस ले। भैया बोले- सच में मुझसे चुसवाएगी?

वो तो जैसे इन्तजार ही कर रहा था कि मैं कहूँ और वो चूची चूसे। मेरे कहते ही वो मेरे मम्मों से चिपक गया और मम्मे दबा-दबा कर चूसने लगा। पहले बैठ कर चूस रहा था, फिर मुझे गोद में बिठा कर एक हाथ कंधे में डाला और दूसरा कमर पर रख के मम्मों पर जोर से मुँह दबा कर चूसता रहा। फिर मम्मे चूसते-चूसते कमर सहलाने लगा।

बहुत मजा आ रहा था। ज्यादा मजा इसलिए भी आ रहा था कि पहली बार साफ-साफ कह कर मम्मे चुसवा रही थी। पहले किसी न किसी बहाने से कुछ करवाती थी। दिल की कसम के बहाने मम्मे दबवाए, नाड़े के निशान के बहाने कमर चटवाई। पहली बार साफ-साफ कह कर मम्मे चुसवा रही थी।

मैंने मन में कहा ‘कमला तूने तो मैदान मार लिया, अब पूरा फायदा उठा’ और ये सोच कर मैं भैया को साथ लेकर लेट गई और उसका मुँह पकड़ कर अपने मम्मे पर दबा लिया।

मैं बोलती रही, “मेरा मम्मा चूस ले यार, दबा दबा के चूस, हाय मेरे मम्मों का मजा ले ले, और चूस, दबा के चूस, दूसरा भी चूस, मजा ले ले, मजे ले के चूस, हाय, चूस ले न! मत छोड़ मेरे मम्मे, दबा-दबा के चूस !”

खूब चुसवा कर मैंने पूछा- मजा आया ना? मैंने कोई जबरदस्ती तो नहीं की।

उसने कहा- मैंने जब से उस बच्चे को तेरे मम्मे चूसते हुए देखा है, मेरा दिल कर रहा था मैं तेरे मम्मे चूस लूँ, पर डरता था तू बुरा ना मान जाए। मैंने कहा- आगे से जब भी दिल करे बेझिझक चूस लेना। मुझे भी मजा आएगा।

भैया ने कहा- फिर तो मैं यहीं सो जाता हूँ और तू ऐसे ही नंगी सोना रात में जब नींद खुलेगी तो चूस लूँगा। “हाय कितना प्यारा यार भाई है तू मेरा !” यह कह कर मैंने भैया को चूमा और हम दोनों बाहों में बाहें डाल कर सो गए। मेरे पेटीकोट का नाड़ा तो बहुत पहले ही खुल गया था और इधर-उधर पलटते हुए पेटीकोट भी काफी नीचे हो गया था। अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।

बहुत समय के बाद इस तरह नंगी होकर एक मर्द की बाहों में सोने का सुख मिल रहा था। आज चाहे मैं चुदी नहीं थी पर बड़ा सकून था कि इसी तरह चलता रहा तो जल्द ही चूत की प्यास बुझा पाऊँगी।

मुझे तो सारे दिन जो हुआ, वो सोच-सोच कर नींद ही नहीं आ रही थी। इतना कुछ बदल गया था एक ही दिन में। कहाँ खुद चूत में उंगली लेना और कहाँ ये मम्मे दबवाना, ये चुम्मा-चाटी और वो एक साथ बिस्तर में लेट कर मम्मे दबा-दबा कर चुसवाना। मेरी तो तकदीर ही बदल गई थी, मैं आँखें बंद कर के पड़ी थी। भैया ने सोचा ‘सो रही है’ और वो उठ कर मेरा नंगा बदन निहारने लगा। थोड़ा सा पेटीकोट ऊपर था, वो भी उतार दिया और पांव से सर तक पूरे बदन पर हाथ फेरा।

मैं सोने का बहाना करके पड़ी रही। सोचा, देखूँ, इसके अंदर मेरे लिए कितनी हवस है। सारे बदन को सहला कर भैया ने मेरे बदन को चाटना शुरू किया। पहला चुम्मा चूत को ही नसीब हुआ। चूत पर दांत गड़ते ही मैं कांप गई। मैंने बड़ी मुश्किल से अपने बदन की कपकंपी को रोका। कहीं भैया को पता ना लग जाए कि मैं जाग रही हूँ।

फिर भैया ने मेरे पेट को सहलाया और साथ ही मेरी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा, मेरी माँस पेशियाँ खिचने लगीं। मैंने बहुत मुश्किल से अपने आप को संभाला हुआ था। मन ही मन मैं चुदी जा रही थी, जी तो कर रहा था कि उठ कर भाई को जोर से पकड़ कर जबरन उस से चूत मरवा लूँ ! पर क्या करूँ, सब्र कर लिया कि जितना मिल रहा है वही बहुत है।

भाई ने नाभि को खूब चाटा। उत्तेजना से मेरी चूत भी गीली हो गई। भाई ने फिर मम्मे चाटे, ऊपर से नीचे से दोनों तरफ से सामने से हर तरफ से। चूची पर तो जैसे थूक की बौछार हो गई, मेरी चूची एकदम गीली हो गई। फिर भाई मेरे ऊपर लेट गया और मेरा मुँह चूमने लगा। मुझे लगा अब तो चोद लेगा पर वो थोड़ी देर में उतर गया और फिर से मेरी चूत को सहलाने लगा। चूत बहुत गीली थी उसकी उंगली फिसल कर मेरी चूत के अंदर गई और मैं तिलमिला उठी।

इतनी उत्तेजना हुई कि मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और उछल कर खड़ी हो गई। भाई कुछ सफाई दे, उससे पहले ही मैं उससे चिपक कर बोली- कितना प्यारा है यार तू ! आई लव यू ! हाय मेरे डार्लिंग भाई ! तू रोज मेरे साथ सोया कर, बड़ा मजा आ गया यार ! और भाई भी मुझे चिपक कर मेरा मुँह चूमने लगा। लिपटा-लिपटी और चुम्मा-चाटी में रात गुजर गई।

सवेरे उठ कर भैया नहाने गए और मैंने नाश्ता बनाने के लिए अपने पुराने कपड़े पहन लिए जिसमें से शरीर का कोई अंग दिखाई नहीं देता था। भैया नहा कर आए तो बोले- छी छी ! ये क्या पहना है। तुमने कसम खाई थी सुन्दर बन कर रहोगी। मैंने कहा- शाम को तुम्हारे आने पर नई ब्लाउज पहनूँगी। दो ही तो नए ब्लाउज हैं। भैया ने कहा- शाम को और खरीद लेना, अभी ये उतारो।

मैंने वो पोशाक उतार दी और सिर्फ छोटी सी ब्रा और पतली सी कच्छी में उसके सामने खड़ी हो गई और पूछा- अब ठीक है? भैया ने कहा- हाँ, घर में ऐसे ही रहा करो। मैंने पूछा- सच कह रहे हो? तो वो बोले- तेरे दिल की कसम और झट से पास आकर मेरा मम्मा दबा दिया।

फिर ब्रा में हाथ डाल कर पूरा मम्मा दबाया और बोले- तेरे मम्मे की कसम। फिर चूची को मसल कर बोले- तेरी चूची की कसम। और चूचियाँ बाहर निकाल कर मेरी चूचियां चूसने लगे।

भैया दफ़्तर चले गए और मैं उसी ब्रा और कच्छी में घर का काम करने लगी। काम वाली बाई के आने का समय हुआ तो भी मैं इसी ब्रा और कच्छी में थी। काम वाली बाई आई तो मैंने सोचा इससे क्या शरमाना, रोज तो पूरे मम्मे खोल के इसके सामने इसके बेटे से चुसवाती हूँ। मैंने इसी तरह उसके लिए दरवाजा खोल दिया, पर ये क्या वो अकेली नहीं थी। उसके साथ एक जवान लड़का खड़ा मेरे जिस्म को ताड़ रहा था।

वो बोली- बहनजी, मेरी बहन आई हुई है, मुझे उसको डाक्टर के पास ले जाना है इसलिए अपने बड़े बेटे को साथ लेकर आई हूँ। यह घर का सारा काम कर देगा। अपने 5 साल के बच्चे को बोली- तू आँटी के पास रहना, इसका दूध पी लेना और आँटी को तंग नहीं करना। बाप रे ! इसने तो अपने सारे परिवार को बताया हुआ है कि मैं इसके बच्चे से चुसवाती हूँ। वो दोनों लड़कों को छोड़ कर यह कह कर चली गई कि अस्पताल से लौटते हुए वो बच्चों को ले जाएगी।

बड़ा लड़का कुछ देर मेरे मम्मों को घूरता रहा। मैंने कहा- ऐसे क्या देख रहा है? पहले कोई मेमसाब नहीं देखी क्या? काम करेगा या मम्मे देखता रहेगा? वो बोला- मेमसाब तो बहुत देखी और मम्मे भी बहुत देखे, पर इतने बड़े और इतने नुकीले नहीं देखे।

एक लड़के के मुँह से ये सब सुन कर मैं हक्की बक्की रह गई। मैंने कहा- क्यों? तेरी माँ के भी तो बड़े-बड़े हैं। “अरे !” वो बोला- उसके कौन देखेगा, साली के झूल गए हैं। ब्रा उतारती है तो लटक के नाभि तक आ जाते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं चौंकी- क्या तूने अपनी माँ को नंगी देखा है? मुँह सा बना कर बोला- क्या मेमसाब एक कमरे की खोली है, उसमें 10 जन, कब तक कोई छुपेगा, वहीं नहाना, वहीं सोना, वहीं चोदना, कहाँ जाएगी वो? मैंने पूछा- तो क्या तूने उसे चुदते भी देखा है? “हाँ, मेमसाब रोज देखता हूँ।” “कौन चोदता है उसको?”

“अरे मेमसाब, कौन चोदेगा उस बुढ़िया को? मेरा बाप ही चोदता है।” “तेरी बहन भी देखती है, जब तेरी माँ चुदती है?” “क्या मालूम मेमसाब सोती है कि देखती है। वैसे देखती जरूर होगी। जब कोई कमरे में चिल्ला-चिल्ला कर चुदे, तो नींद किसको आता होगा। जरूर देखी होंगी। मैं तो रोज नाइट शो देखता हूँ।”

“तेरा दिल नहीं करता चोदने को, जब तू माँ को चुदते देखता है?” “अरे मेमसाब अपना अपना 4-4 गर्ल फ्रैंड है। अपन उनकी चूत ठोकता है।” “तेरी बहन भी चुदती है?” “चुदती होंयगी, क्या मालूम?

कहानी जारी रहेगी। मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]

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