जीभ से चूत की मालिश

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आलोक मित्रों को सादर नमस्कार। आप सब के सामने मैं अपनी नई कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ। उम्मीद है, आप लोग इसको भी उतना ही पसंद करेंगे जितना मेरी पहले की कहानियों को पसंद किया था। आप सबने मेरी पहले की कहानी ‘काम में मजा आया’ आई, फिर  ‘दोबारा काम मिला’, इसने खूब मजा दिया, तो शर्म क्यों, लम्बा टूअर आदि कहानियाँ आपने पढ़ीं और उनको खूब सराहा। इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। आप सबके सामने आज अपनी नई प्रस्तुति दे रहा हूँ उम्मीद है कि पसंद आएगी। यह कहानी पूरी तरह से हमारे काम मसाज की है। मुझे मेरी कहानी पढ़ने के बाद बीते रविवार एक ईमेल मिला जिसमें उसने मुझे सीधे तौर पर पूछा कि मेरा रेट क्या है? और मैं उसको अपना सर्विस कब दे सकता हूँ? मैंने उसको अपना रेट बता दिया कि मेरा एरोटिक मसाज का पैसा तकरीबन 3000 प्लस आना-जाना और रहना है, क्योंकि मुझे आप हमारे जगह से दूसरे शहर में आना होगा उसके लिए। उसका तुरंत ईमेल आया कि वो तैयार है और मैं रविवार को आ जाऊँ, मुझे उसने कानपुर बुलाया। मैं यहाँ अपने पाठकों को बता दूँ कि नाम और मोहल्ला के नाम मैं गलत डाल रहा हूँ जिससे कि उनका नाम आदि सामने न आए। मैं उनका नाम रूबी दे रहा हूँ। मेरी उनसे फिर फोन पर बात हुई, उसने मुझसे पूछा और मैंने बताया कि क्या करना होगा वगैरह। मुझे उसने एडवांस में पैसे दे दिए। मैं उसके बताए हुए स्थान पर आ गया, रात को बुलाया था इसलिए ज्यादा भीड़ नहीं थी। उसने मुझे स्टेशन से लिया और सीधे अपने घर ले गई। वहाँ पर उसके अलावा कोई भी नहीं था, बोली- मैं तीन दिन तक अकेली हूँ और मुझे सेक्स नहीं लेकिन उससे कम भी नहीं चाहिए। अगर खुश किया तो तुम हमेशा खुश रहोगे। मैं बोला- मैडम मैं कोशिश करूँगा कि आप खुश हों। फिर मैंने उनको बोला- आप पहले नहा लें और मैं भी ताजा दम हो लूँ क्योंकि यह काम सफाई ज्यादा मांगता है। वो भी बोली- हाँ हाँ..! और नहाने चली गई। मैं इन्तजार कर रहा था कि वो निकल कर आए तो मैं नहा लूँ। उमस ज्यादा थी। बदन चिपचिप कर रहा था। अब वातानुकूलित जगह पर था तो आराम था। वह नहा कर आ गई तो मैंने उनको बोला- आप सामान निकाल लीजिए जब तक मैं फ्रेश हो कर आ जाता हूँ। और मैं नहाने चला गया। नहा कर आया तो रूबी ने सारा सामान निकाल कर लगा दिया था। रात के दस बजे थे, खाना हो चुका था और अब काफी देर भी हो चुकी थी। उसको मैंने बोला- अगर आप चाहें तो मैं अभी करूँ? उसने कहा- अभी करो..! क्योंकि खाना खाए दो घंटे हो चुके थे। मैं बोला- चलो ठीक है और फिर उसको एक सख्त गद्दे पर लेटा दिया और बोला- आप केवल अपनी चड्डी और ब्रा पहने रहें। उसने वैसा ही किया और मैं भी अपनी चड्डी मैं आ गया। उसको मैंने देखा तो लगा क्या औरत है, साफ़-सुथरी चिकनी, कोई दाग नहीं उम्र मैंने पूछी नहीं, लेकिन उम्मीद थी की कोई 35 से 40 की होगी। उसको मैंने सर से लगाना चालू किया और सर पर हल्का मसाज दिया फिर गर्दन पर दिया जिससे उसको काफी अच्छा लगा और उसने मुझे थोड़ी देर और उस पर काम करने को बोला। करीब पाँच मिनट काम करने के बाद उसके कंधे को दबाया और मसाज दिया फिर उसकी पीठ को मसाज दिया। उसकी कमर क्या जबरदस्त थी। अब मैं पैर पर आ गया और उसके घुटनों से ऐड़ी तक मसाज दिया फिर तलुओं को दिया। अब मेरी बारी थी कि उसको मम्मों पर मसाज दूँ या उसके कूल्हों पर ! मैंने तय किया कि पहले उसके मम्मों को मसाज दूँ और मैं उसके सर के पास आकर उसको बोला- आप पलट जाओ और ब्रा उतार दो जिससे वक्ष की मसाज हो जाए। वो अपनी ब्रा उतार कर पलट कर लेट गई। उसका मम्मे कसे हुए थे, लटके नहीं थे। उनको मैंने जैसे ही छुआ, वो हिल गई। फिर जब मैं धीरे से उसका मसाज चालू किया तो धीरे से सामान्य हो गई। उसके मम्मों का मसाज देने से उसको देखा कि उसके कान बिल्कुल गर्म हो गए थे और चेहरा लाल हो रहा था। मैंने अब उससे पूछा- क्या नीचे की कर दूँ? उसने केवल सर हिला कर ‘हाँ’ कर दी। मैं उसके पैरों के पास आया और उसकी चड्डी निकाल दी। उसने अपने बाल साफ़ किए हुए थे, उसकी चड्डी गीली हो गई थी, उसको निकाल कर मैंने उसकी जांघों पर तेल लगाया। उसकी बुर के ऊपरी हिस्से पर तेल लगते ही वो कसमसा गई। उसने अपनी जांघें भींचने की कोशिश की लेकिन मैं उसके दोनों पैर के बीच बैठ कर काम कर रहा था सो वो कुछ कर न पाई। फिर मैं उसके उन्हीं ऊपरी उरोजों को धीरे से मसाज देने लगा। कोई पाँच मिनट बाद मैंने उसके किनारे के काले-काले पंखों को मसाज दिया। मैंने उसकी चूत का एक तरफ का पंख पकड़ा और उसको धीरे से मसाज देने लगा। वो इस चीज के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी पर उसको यह काम अच्छा भी लगा, वो अपने पूरे पैर फ़ैला कर लेट गई, मैं आराम से उसके एक तरफ की पंखुड़ी पर हाथ साफ़ कर रहा था। उसको मजा भी आ रहा था। उत्तेजना से उसका चेहरा लाल हो गया था। कोई 7 से 8 मिनट मसाज देने के बाद उसके बगल वाली पुत्ती को पकड़ा और उसको मसाज दिया। इससे हुआ यह कि उसने अपना पानी निकालना चालू कर दिया। गीला होने से और तेल लगा होने से उसके उस हिस्से को पकड़ना मुश्किल हो रहा था। मैंने एक सूती रुमाल लिया और उसकी बुर के अन्दर उंगली डाल कर उसका पानी पोंछ दिया जिससे उसको अजीब सा मजा आया। उसको उसकी बुर को मसाज देने के बाद उसको फिर से पूछा और अब उसके बुर के अन्दर उंगली डाल दी। वो गनगना उठी। फिर उसके अन्दर की दीवाल को मैं मसाज देने लगा। कुछ ही मिनटों में उसकी सास फूलने लगी। वो कराह उठी। उसको जब मैंने कुछ देर किया, अन्दर उंगली घुमाई तो वो उचक-उचक कर अपने अन्दर उंगली लेने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने उसकी भगनासा को छुआ तो वह उछल गई और जोर से उसके अन्दर उंगली दबाने की कोशिश करने लगी। मैंने थोड़ी देर उसके अन्दर उंगली की और बाहर निकाल ली। अब मैंने उससे पूछा- क्या आप चाहेंगी कि मैं ओरल करूँ? उसने कहा- जो भी करना हो करो। तब मैंने उसकी बुर को फैलाया और अपने घुटनों के बल बैठ कर उसकी बुर को चाटने लगा। उसके साथ मैं उंगली डाल कर अन्दर से भी हिलाने लगा। उसका मजा दूना हो गया, उसके ऊपरी फूल को खूब मसला और चाटा। उसकी बुर अपने आप पानी बहाने लगी। मैंने उसके भगनासे की चौंच को हिला दिया और जीभ को नुकीला करके अन्दर तक घुसा दी, साथ में उंगली भी अपना काम कर रही थी। अब तो वो सातवें आसमान पर थी, अब जो उसने पानी उगला तो बस पूरा मेरा मुँह गीला कर दिया। फिर वो निढाल हो कर लेट गई और सो गई। मैं उठा और अपने को साफ़ किया और कपड़े पहन कर सो गया। सुबह मैडम जगीं तो बोलीं- रात को मजा आ गया। उसने मुझे पैसे दिए और कहा- अब तुम्हारा काम पक्का.. मैं बुलाऊँगी, चलो फिर मिलते हैं। मैं वापस आ गया। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, बताइएगा जरूर। callboyescort @gmail.com

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